न्यायिक अधिकारियों का वेतन: सुप्रीम कोर्ट ने 4 सप्ताह के भीतर जिला न्यायपालिका की सेवा शर्तों के लिए समितियां बनाने को कहा
Shahadat
21 Jan 2025 1:41 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (21 जनवरी) को सभी हाईकोर्ट से आग्रह किया कि वे जनवरी 2024 में अखिल भारतीय न्यायाधीश संघ मामले में जारी निर्देशों के अनुसार "जिला न्यायपालिका की सेवा शर्तों के लिए समिति" (CSCDJ) का गठन सुनिश्चित करें, ताकि दूसरे राष्ट्रीय न्यायाधीश वेतन आयोग (SNJPC) के कार्यान्वयन के संबंध में न्यायिक अधिकारियों की शिकायतों से निपटा जा सके।
जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह और जस्टिस के विनोद चंद्रन की पीठ ने अखिल भारतीय न्यायाधीश संघ मामले में एमिक्स क्यूरी सीनियर एडवोकेट के परमेश्वर द्वारा सूचित किए जाने के बाद यह निर्देश पारित किया कि कई हाईकोर्ट ने अभी तक CSCDJ का गठन नहीं किया। एमिक्स क्यूरी ने कहा कि कई हाईकोर्ट में जहां समितियां गठित की गईं, वहां भी वे नियमित बैठकें नहीं कर रही हैं, जिसके परिणामस्वरूप कई न्यायिक अधिकारी अपनी व्यक्तिगत शिकायतों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आवेदन दायर कर रहे हैं। इसके अलावा, कई हाईकोर्ट में CSCDJ के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त नहीं किए गए।
यह देखते हुए कि न्यायिक अधिकारियों के व्यक्तिगत आवेदनों से सुप्रीम कोर्ट में बाढ़ आने की स्थिति से बचने के लिए CSCDJ के गठन का निर्देश दिया गया। पीठ ने कहा कि यदि 4 जनवरी, 2024 को जारी निर्देशों का अक्षरशः पालन किया जाता है तो कई मुद्दे समिति के स्तर पर ही हल हो जाएंगे।
पीठ ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए पारित आदेश में कहा,
"इसलिए हम सभी हाईकोर्ट से अनुरोध करते हैं कि वे इस न्यायालय द्वारा दिनांक 04.01.2024 के आदेश द्वारा जारी निर्देशों को लागू करें। यदि किसी भी हाईकोर्ट द्वारा अभी तक CSCDJ की नियुक्ति नहीं की गई तो उन्हें आज से चार सप्ताह की अवधि के भीतर नियुक्त किया जाए।"
न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया कि CSCDJ के नोडल अधिकारी, जो रिटायर जिला जज होने चाहिए, उनको चार सप्ताह की अवधि के भीतर नियुक्त किया जाए। हाईकोर्ट को निर्देश दिया गया कि वे हाईकोर्ट परिसर में CSCDJ के नोडल अधिकारियों के लिए कार्यालय स्थान उपलब्ध कराएं, जहां न्यायिक अधिकारी अपनी शिकायतें प्रस्तुत करने के लिए आ सकें। चूंकि नोडल अधिकारी CSCDJ के दैनिक संचालन के लिए नियमित आधार पर काम करेंगे, इसलिए उन्हें उनकी मासिक पेंशन के अलावा 75,000 रुपये का मासिक पारिश्रमिक देने का निर्देश दिया गया।
न्यायालय ने स्पष्ट किया,
CSCDJ को तीन महीने से अधिक के नियमित अंतराल पर बैठक करने का निर्देश दिया गया। व्यक्तिगत शिकायतों पर CSCDJ के निर्णयों को संबंधित राज्य सरकारों द्वारा निर्णयों की तिथि से तीन महीने की अवधि के भीतर लागू किया जाना है। न्यायिक अधिकारी जो CSCDJ के निर्णयों या राज्य सरकारों द्वारा उनके निर्णयों के गैर-कार्यान्वयन से व्यथित हैं, वे न्यायिक पक्ष से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को सभी राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरलों को आदेश अग्रेषित करने का निर्देश दिया गया।
दिनांक 04.01.2024 के आदेश के अनुसार, CSCDJ में निम्नलिखित शामिल होंगे:
(i) चीफ जस्टिस द्वारा नामित हाईकोर्ट के दो जज, जिनमें से एक जज ऐसा होना चाहिए, जो पहले जिला न्यायपालिका के सदस्य के रूप में कार्य कर चुका हो।
(ii) विधि सचिव/कानूनी सलाहकार।
(iii) हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल जो समिति के पदेन सचिव के रूप में कार्य करेंगे।
(iv) चीफ जस्टिस द्वारा नामित जिला जज के संवर्ग में एक रिटायर न्यायिक अधिकारी जो शिकायतों के दैनिक निवारण के लिए नोडल अधिकारी के रूप में कार्य करेगा।
केस टाइटल: अखिल भारतीय न्यायिक संघ बनाम भारत संघ डब्ल्यू.पी.(सी) संख्या 643/2015