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जनहित से जुड़े शांतिपूर्ण आंदोलनों पर दर्ज मामलों की वापसी को मंजूरी: राजस्थान हाईकोर्ट
जनहित से जुड़े शांतिपूर्ण आंदोलनों पर दर्ज मामलों की वापसी को मंजूरी: राजस्थान हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट ने एक पूर्व विधायक एवं राज्य के स्कूल शिक्षा मंत्री के खिलाफ दर्ज अभियोजन को वापस लेने की अनुमति देते हुए कहा है कि एफआईआर में जिस कथित जन-अशांति का उल्लेख है, वह जनहित से जुड़े मुद्दों के कारण उत्पन्न हुई थी और इसके पीछे कोई व्यक्तिगत स्वार्थ नहीं था।जस्टिस अनूप कुमार ढांड की पीठ ने यह पाया कि आरोप पानी की किल्लत तथा प्रशासन से न्याय की मांग जैसे विषयों पर किए गए शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों से संबंधित थे, जिनसे सार्वजनिक व्यवस्था भंग करने का कोई प्रयास परिलक्षित नहीं...

विदेश में अंतिम रूप से तय किए गए मामलों के लिए आपराधिक शिकायत कायम नहीं रखी जा सकती: सुप्रीम कोर्ट
विदेश में अंतिम रूप से तय किए गए मामलों के लिए आपराधिक शिकायत कायम नहीं रखी जा सकती: सुप्रीम कोर्ट

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक निजी आपराधिक शिकायत कानून की नज़र में मान्य नहीं होती, जब उसी मुद्दे पर किसी विदेशी देश में सिविल और आपराधिक दोनों कार्यवाही शुरू की गई हों, और उन्हें अंतिम रूप दिया जा चुका हो। यह मानते हुए कि यह कार्यवाही कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग है, कोर्ट ने इसे रद्द कर दिया।जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने यह टिप्पणी ऐसे मामले में की, जहां अपीलकर्ता इस बात से नाराज़ था कि प्रतिवादी- एशिया एक्सचेंज सेंटर, जो संयुक्त अरब अमीरात में एक...

उत्तर प्रदेश में SIR के खिलाफ SP नेता की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस
उत्तर प्रदेश में SIR के खिलाफ SP नेता की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में समाजवादी पार्टी (SP) के नेता अरविंद कुमार सिंह द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें उत्तर प्रदेश में चुनावी रोल के विशेष गहन संशोधन (SIR) को चुनौती दी गई।चुनाव आयोग का नोटिफिकेशन रद्द करने की मांग के अलावा, सिंह ने गणना, कंट्रोल टेबल और ड्राफ्ट रोल के अपडेट और चुनावी रोल के अंतिम प्रकाशन के लिए तय समय-सीमा में 3 महीने के विस्तार की भी प्रार्थना की।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्य बागची की बेंच ने सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ दवे (सिंह के...

सुप्रीम कोर्ट ने DHFL स्कैम केस में वाधवान भाइयों की ज़मानत याचिका पर फ़ैसला सुरक्षित रखा, नेशनल हाउसिंग बैंक की भूमिका पर CBI से सवाल पूछे
सुप्रीम कोर्ट ने DHFL स्कैम केस में वाधवान भाइयों की ज़मानत याचिका पर फ़ैसला सुरक्षित रखा, नेशनल हाउसिंग बैंक की भूमिका पर CBI से सवाल पूछे

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) के पूर्व चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर कपिल वाधवान और उनके भाई, DHFL के पूर्व डायरेक्टर धीरज वाधवान की ज़मानत याचिकाओं पर आदेश सुरक्षित रख लिया। यह मामला यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया की शिकायत पर CBI द्वारा दर्ज किए गए 34000 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी केस से जुड़ा है।संक्षेप में मामलाउपरोक्त 'घोटाले' में DHFL ने कथित तौर पर 17 बैंकों को 34,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा का चूना लगाया था। वाधवान भाइयों को सबसे पहले अप्रैल, 2020 में सेंट्रल...

अनुकंपा नियुक्ति स्वीकार कर लेने के बाद व्यक्ति यह दावा नहीं कर सकता कि उसे उच्च पद दिया जाना चाहिए था: सुप्रीम कोर्ट
अनुकंपा नियुक्ति स्वीकार कर लेने के बाद व्यक्ति यह दावा नहीं कर सकता कि उसे उच्च पद दिया जाना चाहिए था: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (12 दिसंबर) को कहा कि जिस व्यक्ति ने अनुकंपा नियुक्ति स्वीकार कर ली है, वह बाद में यह दावा करके पदोन्नति की मांग नहीं कर सकता कि उसे शुरुआती चरण में ही उच्च पद पर नियुक्त किया जाना चाहिए था।कोर्ट ने इस बात पर ज़ोर दिया कि अनुकंपा नियुक्तियां सामान्य भर्ती प्रक्रिया का एक अपवाद हैं। इनका मकसद मृतक कर्मचारी के परिवार को तत्काल राहत देना है। एक बार जब कोई नियुक्त व्यक्ति लागू योजना के तहत दिए गए पद को स्वीकार कर लेता है तो वह उसकी शर्तों से बंधा होता है। बाद में इस आधार पर...

S. 337 BNSS | विदेशी देश में आपराधिक मामला दर्ज होने से भारत में उन्हीं तथ्यों पर मुकदमा चलाने में कोई रोक नहीं: उड़ीसा हाईकोर्ट
S. 337 BNSS | विदेशी देश में आपराधिक मामला दर्ज होने से भारत में उन्हीं तथ्यों पर मुकदमा चलाने में कोई रोक नहीं: उड़ीसा हाईकोर्ट

ओडिशा हाईकोर्ट ने कहा कि किसी व्यक्ति के खिलाफ विदेशी देश में आपराधिक मामला दर्ज होने से भारत में उसी तरह के तथ्यों या उसी लेन-देन से जुड़े अपराध के आधार पर उसके खिलाफ कार्रवाई करने में कोई रुकावट नहीं आएगी।ज़ाम्बिया में हुए कुछ वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े एक ज़मानत याचिका पर फैसला सुनाते हुए जस्टिस गौरीशंकर सतपथी की बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज होना या वारंट जारी होना भारतीय दंड प्रावधानों के तहत उसके खिलाफ कार्रवाई करने में कोई रोक नहीं है, क्योंकि यह 'दोहरे दंड' के...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने 7 साल के बच्चे को पासपोर्ट जारी करने का दिया आदेश, पिता के अवैध प्रवासी होने के कारण अधिकारियों ने कर दिया था इनकार
बॉम्बे हाईकोर्ट ने 7 साल के बच्चे को पासपोर्ट जारी करने का दिया आदेश, पिता के 'अवैध प्रवासी' होने के कारण अधिकारियों ने कर दिया था इनकार

बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार (11 दिसंबर) को एक सात साल की बच्ची की मदद की और अधिकारियों को उसे भारतीय पासपोर्ट जारी करने और 1955 के नागरिकता अधिनियम के तहत उसे 'भारतीय नागरिक' घोषित करने का आदेश दिया।जस्टिस सारंग कोटवाल और जस्टिस आशीष चव्हाण की डिवीजन बेंच एक सात साल की बच्ची ज़ामी धा तिरकिता काये द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने अपने 'नागरिकता अधिकारों' की रक्षा के लिए गोवा बेंच में याचिका दायर की थी।बच्ची की मां भारतीय है और पिता ब्रिटिश नागरिक है। बेंच ने पाया कि पिता 2006 में...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने शनि शिंगणापुर मंदिर के मैनेजमेंट की देखरेख के लिए एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त करने वाला आदेश रद्द किया
बॉम्बे हाईकोर्ट ने शनि शिंगणापुर मंदिर के मैनेजमेंट की देखरेख के लिए एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त करने वाला आदेश रद्द किया

औरंगाबाद में बॉम्बे हाईकोर्ट की बेंच ने शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार का आदेश रद्द कर दिया, जिसमें उसने अहमदनगर (अब अहिल्यानगर) में शनि शिंगणापुर मंदिर के मैनेजमेंट की देखरेख के लिए एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त किया था और महाराष्ट्र पब्लिक ट्रस्ट एक्ट के तहत चुनी गई पिछली मैनेजमेंट कमेटी को हटा दिया था।जस्टिस विभा कंकनवाड़ी और जस्टिस हितेन वेनेगांवकर की डिवीजन बेंच ने एडमिनिस्ट्रेटर द्वारा बनाई गई कमेटी भी रद्द की और मंदिर का कामकाज पिछली मैनेजिंग कमेटी को सौंपने का आदेश दिया।खास बात यह है कि...

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सीवर हेल्पर को स्थायी करने का आदेश दिया, कहा- पॉलिसी वापस लेने से मिले हुए अधिकार खत्म नहीं हो सकते
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सीवर हेल्पर को स्थायी करने का आदेश दिया, कहा- पॉलिसी वापस लेने से मिले हुए अधिकार खत्म नहीं हो सकते

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को महिला सीवर हेल्पर की सेवाओं को स्थायी करने का निर्देश दिया, जो 1997 से दिहाड़ी मज़दूरी पर काम कर रही थी। कोर्ट ने कहा कि 2003-2004 की रेगुलराइजेशन पॉलिसी के तहत उसका अधिकार राज्य द्वारा उन योजनाओं को वापस लेने से बहुत पहले ही पक्का हो गया था।यह देखते हुए कि "यह कोर्ट वर्कफोर्स के इस कमज़ोर वर्ग द्वारा झेली गई लंबे समय की कठिनाई, अपमान और अनिश्चितता के प्रति उदासीन नहीं रह सकता। हालांकि कोई भी उपाय खोए हुए सालों की सही मायने में भरपाई नहीं कर सकता,...

सुरक्षा उल्लंघन के आरोपों पर पति की मौत की जांच की मांग वाली कोल वर्कर की पत्नी की याचिका पर MP हाई कोर्ट ने नोटिस जारी किया
सुरक्षा उल्लंघन के आरोपों पर पति की मौत की जांच की मांग वाली कोल वर्कर की पत्नी की याचिका पर MP हाई कोर्ट ने नोटिस जारी किया

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने शहडोल जिले की SECL खदान में एक कोल वर्कर की संदिग्ध मौत की जांच को लेकर दायर याचिका पर नोटिस जारी किया है। यह याचिका मृतक अनिल कुशवाहा की पत्नी ने दायर की है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके पति को भारी बारिश और खदान में जलभराव के बावजूद ओवरबर्डन उतारने के लिए मजबूर किया गया, जिसके कारण उनका वाहन फिसलकर पानी से भरे गहरे गड्ढे में गिर गया और उनकी मृत्यु हो गई। याचिका में Mines Act, 1952 की धारा 24 के तहत जांच, कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा घोषित ₹40 लाख मुआवजा तथा मृतक...

पूर्व 56 जजों ने जस्टिस जी.आर. स्वामीनाथन के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव की निंदा की, कहा- न्यायपालिका को डराने का प्रयास
पूर्व 56 जजों ने जस्टिस जी.आर. स्वामीनाथन के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव की निंदा की, कहा- 'न्यायपालिका को डराने का प्रयास'

सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न हाई कोर्टों के 56 पूर्व न्यायाधीशों ने विपक्षी सांसदों द्वारा मद्रास हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति जी.आर. स्वामीनाथन के खिलाफ महाभियोग की पहल को लेकर कड़ी आपत्ति व्यक्त की है। पूर्व न्यायाधीशों ने कहा कि यह कदम उन न्यायाधीशों को दबाव में लाने का प्रयास है जो राजनीतिक या वैचारिक उम्मीदों के अनुरूप फैसले नहीं देते।12 दिसंबर को जारी संयुक्त बयान में उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयास लोकतंत्र और न्यायपालिका की स्वतंत्रता की बुनियाद को कमजोर करते हैं। उन्होंने कहा कि महाभियोग का इस्तेमाल...