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सुप्रीम कोर्ट ने छठी इंद्री पर काम करते हुए शादी करवाई, शादी के झूठे वादे पर रेप की सज़ा रद्द की
सुप्रीम कोर्ट ने 'छठी इंद्री' पर काम करते हुए शादी करवाई, शादी के झूठे वादे पर रेप की सज़ा रद्द की

सुप्रीम कोर्ट ने शादी के झूठे वादे पर एक महिला का यौन शोषण करने के आरोपी व्यक्ति की रेप की सज़ा और दंड रद्द किया, क्योंकि अपील के दौरान दोनों पक्षों ने एक-दूसरे से शादी कर ली थी। कोर्ट ने टिप्पणी की कि उसने अपनी "छठी इंद्री" पर काम किया कि उन्हें एक साथ लाकर विवाद को सुलझाया जा सकता है।जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी असाधारण शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए अपीलकर्ता के खिलाफ FIR, सज़ा और दंड को रद्द करके "पूरा न्याय" किया।कोर्ट ने यह...

HIV पॉजिटिव कर्मचारी को स्थायी न करना संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 का उल्लंघन: बॉम्बे हाईकोर्ट
'HIV पॉजिटिव कर्मचारी को स्थायी न करना संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 का उल्लंघन': बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि किसी कर्मचारी को सिर्फ़ इसलिए पक्का न करना कि वह HIV पॉजिटिव है, मनमाना, भेदभावपूर्ण और भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 का उल्लंघन है। कोर्ट ने कहा कि जब कोई कर्मचारी बिना किसी रुकावट के अपने सहकर्मियों की तरह ही काम करता रहता है तो उसके HIV स्टेटस को कम सैलरी पर वही काम करवाते हुए उसे पक्का करने का फ़ायदा न देने का आधार नहीं बनाया जा सकता। कोर्ट ने ज़ोर देकर कहा कि ऐसा इनकार करना दुश्मनी वाला भेदभाव है और समानता और गरिमा के संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ़ है।जस्टिस...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अवैध तोड़फोड़ और रेवेन्यू रिकॉर्ड में एकतरफ़ा बदलाव के लिए राज्य पर ₹20 लाख का जुर्माना लगाया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अवैध तोड़फोड़ और रेवेन्यू रिकॉर्ड में एकतरफ़ा बदलाव के लिए राज्य पर ₹20 लाख का जुर्माना लगाया

छुट्टियों के दौरान एक आदेश पारित करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की संपत्ति पर अवैध रूप से ढांचा गिराने और याचिकाकर्ता की संपत्ति के संबंध में रेवेन्यू रिकॉर्ड में एकतरफ़ा आदेश पारित करके बदलाव करने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।जुर्माना लगाते हुए जस्टिस आलोक माथुर ने टिप्पणी की:“सिर्फ़ विवादित आदेश रद्द करना याचिकाकर्ता को पूरा न्याय देने के लिए काफ़ी नहीं होगा, जिसकी संपत्ति को राज्य अधिकारियों ने अवैध रूप से गिरा दिया है। उपरोक्त कार्रवाई के लिए, राज्य...

CPC की धारा 24 के तहत ट्रांसफर आदेश के खिलाफ विशेष अपील सुनवाई योग्य नहीं, क्योंकि यह निर्णय नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
CPC की धारा 24 के तहत ट्रांसफर आदेश के खिलाफ विशेष अपील सुनवाई योग्य नहीं, क्योंकि यह 'निर्णय' नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि CPC की धारा 24 के तहत ट्रांसफर आवेदन पर दिए गए आदेश के खिलाफ विशेष अपील इलाहाबाद हाईकोर्ट नियम, 1952 के अध्याय VIII नियम 5 के तहत सुनवाई योग्य नहीं है, क्योंकि ऐसा आदेश कोई निर्णय नहीं है।जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस प्रशांत कुमार की बेंच ने कहा,“CPC की धारा 24 के तहत पारित आदेश कोई निर्णय नहीं है। इसलिए इलाहाबाद हाईकोर्ट नियम, 1952 के अध्याय VIII नियम 5 के तहत इस आधार पर अपील सुनवाई योग्य नहीं है।”CPC की धारा 24 हाईकोर्ट या जिला कोर्ट को अपनी मर्जी से या किसी...

उन्नाव रेप केस में कुलदीप सेंगर की सजा निलंबन की चुनौती पर 29 दिसंबर को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
उन्नाव रेप केस में कुलदीप सेंगर की सजा निलंबन की चुनौती पर 29 दिसंबर को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट सोमवार (29 दिसंबर) को सेंट्रल ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टिगेशन (CBI) द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई, जिसमें उन्नाव रेप केस में उत्तर प्रदेश के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को ज़मानत दी गई थी।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) सूर्यकांत, जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की वेकेशन बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी।सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की गई, जिसमें हाईकोर्ट के सेंगर की सज़ा पर रोक लगाने और दोषसिद्धि के...

अनधिकृत क्रेडिट कार्ड लेन-देन मामला: उपभोक्ता आयोग ने कोटक महिंद्रा बैंक के खिलाफ शिकायत खारिज की
अनधिकृत क्रेडिट कार्ड लेन-देन मामला: उपभोक्ता आयोग ने कोटक महिंद्रा बैंक के खिलाफ शिकायत खारिज की

चंडीगढ़ जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, जिसमें अध्यक्ष अमरिंदर सिंह सिद्धू और सदस्य बी.एम. शर्मा शामिल थे, ने कोटक महिंद्रा बैंक के खिलाफ दर्ज उपभोक्ता शिकायत को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि कथित अनधिकृत क्रेडिट कार्ड लेन-देन से संबंधित विवाद अभी जांच के चरण में है और बैंक द्वारा अंतिम रूप से निपटाया नहीं गया है, इसलिए शिकायत समय से पूर्व (premature) है।मामले के तथ्यशिकायतकर्ता जोगिंदर सिंह ने 15 जनवरी 2025 की क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट की जांच के दौरान 23 दिसंबर 2024 को हुई ₹19,520.29 और...

धारा 2(वा) दंड प्रक्रिया संहिता के तहत निकटतम विधिक उत्तराधिकारी की कसौटी पर पत्नी को वरीयता, चाचा का दावा खारिज: इलाहाबाद हाईकोर्ट
धारा 2(वा) दंड प्रक्रिया संहिता के तहत 'निकटतम विधिक उत्तराधिकारी' की कसौटी पर पत्नी को वरीयता, चाचा का दावा खारिज: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में स्पष्ट किया कि दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 2(वा) के अंतर्गत पीड़ित अथवा विधिक उत्तराधिकारी की पहचान के लिए अपनाई जाने वाली 'निकटतम विधिक उत्तराधिकारी' की कसौटी पर पत्नी मृतक के चाचा से अधिक अधिकारयुक्त मानी जाएगी। न्यायालय ने कहा कि मृतक की पत्नी, पारिवारिक और विधिक संबंधों की दृष्टि से चाचा की तुलना में अधिक निकट उत्तराधिकारी है।जस्टिस राजेश सिंह चौहान और जस्टिस अभ्देश कुमार चौधरी की खंडपीठ ने यह टिप्पणी उस याचिका पर की, जिसमें मृतक के चाचा...

दिवालिया कार्यवाही के कारण खाते अवरुद्ध होने पर चेक बाउंस का आपराधिक मामला नहीं बनता: दिल्ली हाईकोर्ट
दिवालिया कार्यवाही के कारण खाते अवरुद्ध होने पर चेक बाउंस का आपराधिक मामला नहीं बनता: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने चेक अनादर से जुड़े तीन आपराधिक मामलों को रद्द करते हुए दोहराया कि यदि दिवालिया कानून के तहत बैंक खाते अवरुद्ध हों तो ऐसे मामलों में चेक बाउंस के आधार पर आपराधिक अभियोजन नहीं चलाया जा सकता।जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की एकल पीठ ने सुमेरु प्रोसेसर्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक फरहाद सूरी और धीरन नवलखा द्वारा दायर याचिकाओं को स्वीकार करते हुए यह स्पष्ट किया कि परक्राम्य लिखत अधिनियम (NI Act) की धारा 138 केवल उन्हीं मामलों में लागू होती है, जहां भुगतान धनराशि की कमी के कारण विफल होता...

चेक बाउंस मामलों में समझौते के बाद मजिस्ट्रेट निष्पादन अदालत की भूमिका नहीं निभा सकता: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
चेक बाउंस मामलों में समझौते के बाद मजिस्ट्रेट निष्पादन अदालत की भूमिका नहीं निभा सकता: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट

जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि परक्राम्य लिखत अधिनियम (NI Act) के तहत चेक बाउंस से जुड़े मामलों में यदि पक्षकारों के बीच वैध समझौता दर्ज हो जाता है तो ट्रायल मजिस्ट्रेट का कर्तव्य केवल उस समझौते के अनुरूप शिकायत का निपटारा करना है। इसके बाद मजिस्ट्रेट न तो समझौते के पालन की निगरानी कर सकता है और न ही उसे लागू कराने के लिए निष्पादन अदालत की तरह कार्य कर सकता है।जस्टिस संजय धर ने यह महत्वपूर्ण टिप्पणी उस याचिका पर सुनवाई करते हुए की, जिसमें याचिकाकर्ता साजिद अहमद मलिक ने...

अब कोई ढिलाई नहीं: अवैध पशु वध और मांस बिक्री पर झारखंड हाईकोर्ट की सख्त चेतावनी
अब कोई ढिलाई नहीं: अवैध पशु वध और मांस बिक्री पर झारखंड हाईकोर्ट की सख्त चेतावनी

झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को अवैध पशु वध और मांस की अवैध बिक्री पर कड़ा रुख अपनाने का निर्देश देते हुए कहा कि अब इस मामले में किसी भी तरह की दिली-डैलीइंग (अनावश्यक टालमटोल) बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अदालत ने स्पष्ट किया कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 तथा पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के प्रावधानों का अक्षरशः पालन सुनिश्चित किया जाए।चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ रांची में अवैध रूप से पशुओं, विशेषकर मुर्गी पक्षियों, के वध और सार्वजनिक सड़कों पर पशु शवों के...

दिल्ली हाईकोर्ट ने न्यूरोफेन से मिलते-जुलते नाम पर लगाई रोक, डेका-न्यूरोफेन ट्रेडमार्क रजिस्टर से हटाने के निर्देश
दिल्ली हाईकोर्ट ने 'न्यूरोफेन' से मिलते-जुलते नाम पर लगाई रोक, 'डेका-न्यूरोफेन' ट्रेडमार्क रजिस्टर से हटाने के निर्देश

दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रसिद्ध दर्द निवारक दवा 'NUROFEN' से समानता पाए जाने पर 'DECA-NEUROPHEN' ट्रेडमार्क को ट्रेडमार्क रजिस्टर से हटाने का आदेश दिया। अदालत ने माना कि दोनों नामों में दृश्य और ध्वन्यात्मक समानता है, जिससे उपभोक्ताओं, चिकित्सकों और फार्मासिस्टों के बीच भ्रम की वास्तविक आशंका पैदा होती है।जस्टिस तेजस करिया ने 24 दिसंबर, 2025 को यह आदेश पारित करते हुए रेकिट एंड कोलमैन ओवरसीज हेल्थ लिमिटेड की अपील स्वीकार की। अदालत ने ट्रेडमार्क रजिस्ट्री के उस आदेश को निरस्त कर दिया, जिसके तहत फरवरी...

पोती के आरोपों पर घिरे 75 वर्षीय दादा को जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट से जमानत, अदालत बोली- संलिप्तता प्रथम दृष्टया संदिग्ध
पोती के आरोपों पर घिरे 75 वर्षीय दादा को जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट से जमानत, अदालत बोली- संलिप्तता प्रथम दृष्टया संदिग्ध

जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने एक अत्यंत संवेदनशील मामले में 75 वर्षीय बुजुर्ग को जमानत प्रदान की, जिन पर उनकी ही पोती ने POCSO कानून के तहत यौन उत्पीड़न और बलात्कार के गंभीर आरोप लगाए। अदालत ने कहा कि ट्रायल के दौरान अभियोजन की पूरी नींव ही ढह गई है और ऐसे में आरोपी को जेल में बनाए रखना कानूनन उचित नहीं है।जस्टिस संजय धर ने जमानत याचिका पर फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया कि POCSO Act के तहत मौजूद वैधानिक अनुमान पूर्णतः अटल नहीं हैं। यदि मुकदमे के दौरान मूल तथ्य ही टिक नहीं पाते तो केवल आरोपों...