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हाईकोर्ट ने न्यायिक अधिकारी को कहा लापरवाह, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से किया इनकार
हाईकोर्ट ने न्यायिक अधिकारी को कहा 'लापरवाह', सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से किया इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश में दखल देने से इनकार किया, जिसमें एक न्यायिक अधिकारी के आचरण पर प्रतिकूल टिप्पणी की गई। उस अधिकारी ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया कि आरोपी ने जमानत मांगते समय पहले के निर्देशों का पालन नहीं किया।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्य बागची की बेंच न्यायिक अधिकारी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा जमानत याचिका से निपटने के तरीके पर की गई प्रतिकूल टिप्पणियों को चुनौती दी गई।हाईकोर्ट ने अपने आदेश...

साफ़-साफ़ लिखें या ऑर्डर टाइप करवाएं: इलाहाबाद हाईकोर्ट का निर्देश- न्यायिक अधिकारियों को संवेदनशील बनाया जाए
'साफ़-साफ़ लिखें या ऑर्डर टाइप करवाएं': इलाहाबाद हाईकोर्ट का निर्देश- न्यायिक अधिकारियों को संवेदनशील बनाया जाए

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश दिया कि वे सभी ज़िला जजों को फिर से निर्देश जारी करें ताकि उनके अधिकार क्षेत्र में आने वाले न्यायिक अधिकारियों को ऑर्डर शीट साफ़-साफ़ हैंडराइटिंग में लिखने या उसे टाइप करवाने के लिए संवेदनशील बनाया जा सके।जस्टिस अरुण कुमार सिंह देशवाल की बेंच ने 2018 के हत्या के प्रयास के मामले में बब्बू उर्फ ​​हैदर द्वारा दायर ज़मानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया।हालांकि, कोर्ट ने आखिरकार याचिकाकर्ता को ज़मानत दी, लेकिन उसने बागपत के एडिशनल...

यूपी पुलिस की नाकामी के बाद हाईकोर्ट का केंद्र सरकार से सवाल- क्या केंद्रीय एजेंसियां ​​1984 की अपील से जुड़े फरार व्यक्ति का पता लगा सकती हैं?
यूपी पुलिस की नाकामी के बाद हाईकोर्ट का केंद्र सरकार से सवाल- क्या केंद्रीय एजेंसियां ​​1984 की अपील से जुड़े 'फरार' व्यक्ति का पता लगा सकती हैं?

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार (18 दिसंबर) को केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) से पूछा कि क्या 1984 के आपराधिक अपील से जुड़े एक दोषी को गिरफ्तार करने का काम केंद्रीय एजेंसियों को सौंपा जा सकता है।जस्टिस जेजे मुनीर और जस्टिस संजीव कुमार की बेंच ने यह आदेश तब दिया, जब उन्होंने पाया कि उत्तर प्रदेश पुलिस मौलाना खुर्शीद जमाल कादरी को गिरफ्तार नहीं कर पाई, जिसे कोर्ट ने "निश्चित रूप से एक फरार" बताया।यह घटनाक्रम उसी बेंच द्वारा प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर की एक रिपोर्ट को स्वीकार करने से इनकार करने के हफ्तों...

मानहानिकारक वीडियो के लिए YouTube चैनल के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचा पतंजलि, मांगा ₹15.5 करोड़ का हर्जाना
मानहानिकारक वीडियो के लिए YouTube चैनल के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचा पतंजलि, मांगा ₹15.5 करोड़ का हर्जाना

पतंजलि फूड्स ने लोकप्रिय YouTube चैनल 'ट्रस्टिफाइड सर्टिफिकेशन' के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें अपनी प्रतिष्ठा को हुए नुकसान के लिए 10.5 करोड़ रुपये और अपने प्रोडक्ट 'न्यूट्रेला सोया चंक्स' के खिलाफ कथित तौर पर 'मानहानिकारक' वीडियो अपलोड करके अपने ब्रांड को नुकसान पहुंचाने के लिए 'विशेष हर्जाने' के तौर पर 5 करोड़ रुपये की मांग की।वकील अपूर्व श्रीवास्तव के माध्यम से दायर यह मुकदमा जस्टिस शर्मिला देशमुख की सिंगल-जज बेंच के सामने लिस्ट किया गया, जिनके सामने प्रतिवादी YouTube...

हिस्ट्री-शीटर वकीलों पर यूपी बार काउंसिल ने हाईकोर्ट में कहा- ऐसे वकीलों के लाइसेंस किए जाएंगे सस्पेंड
'हिस्ट्री-शीटर' वकीलों पर यूपी बार काउंसिल ने हाईकोर्ट में कहा- ऐसे वकीलों के लाइसेंस किए जाएंगे सस्पेंड

उत्तर प्रदेश बार काउंसिल ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में बताया कि उसने उन वकीलों के लाइसेंस सस्पेंड करने का सर्वसम्मत फैसला लिया है, जो पुलिस रिकॉर्ड में "हिस्ट्री-शीटर" या "गैंगस्टर" के तौर पर लिस्टेड हैं।यह बात 15 दिसंबर को जस्टिस विनोद दिवाकर की बेंच के सामने वकील मोहम्मद कफील की याचिका पर सुनवाई के दौरान कही गई। कफील पर कई आपराधिक मामले चल रहे हैं, जिनमें यूपी गैंगस्टर एक्ट, जालसाजी, जबरन वसूली और आपराधिक साजिश के आरोप शामिल हैं।संक्षेप में मामलाकफील ने एडिशनल सेशंस जज, इटावा के आदेश को चुनौती देने...

राज्य डेंटल कोर्स के लिए NEET पात्रता को कम नहीं कर सकता: BDS मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गलती करने वाले कॉलेजों पर 10 करोड़ का जुर्माना लगाया
राज्य डेंटल कोर्स के लिए NEET पात्रता को कम नहीं कर सकता: BDS मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गलती करने वाले कॉलेजों पर 10 करोड़ का जुर्माना लगाया

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि राजस्थान राज्य के पास शैक्षणिक वर्ष 2016-17 के लिए बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (बीडीएस) पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए नीट-यूजी परीक्षा में न्यूनतम योग्यता प्रतिशत को कम करने का कोई अधिकार नहीं है, और ऐसा करने का निर्णय स्पष्ट रूप से अवैध था। साथ ही, संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी असाधारण शक्तियों का आह्वान करते हुए, न्यायालय ने उन छात्रों की डिग्री की रक्षा की, जिन्होंने पहले ही बीडीएस पाठ्यक्रम पूरा कर लिया है, जबकि दंत चिकित्सा शिक्षा को नियंत्रित करने वाले...

यूनिफॉर्म से परे: SSC अधिकारियों को पेंशन और सेवा के बाद के अवसर क्यों मिलने चाहिए?
यूनिफॉर्म से परे: SSC अधिकारियों को पेंशन और सेवा के बाद के अवसर क्यों मिलने चाहिए?

शॉर्ट सर्विस कमीशन प्रणाली की संरचना को भारतीय सशस्त्र बलों में युवा और गतिशील प्रतिभा को शामिल करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। शॉर्ट सर्विस कमीशन निश्चित रूप से उन व्यक्तियों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण योजना है जो नहीं चाहते कि रक्षा सेवाएं अपना स्थायी पेशा बनाएं और तीनों सेवाओं में अधिकारियों की सैन्य कमी को भी पूरा करें। वर्ष 2006 से पहले एक लंबे समय तक, एसएससी 5 साल की अवधि रहने के लिए पात्र था, जिसके बाद इसे और 5 साल की अवधि तक बढ़ाया जा सकता था, जिसे आगे 4 साल की अवधि तक बढ़ाया जा सकता...

सिर कलम करने की मांग पैगंबर का अपमान, उन्होंने बुराई को अच्छाई से दूर किया: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दुर्व्यवहार के बावजूद महिला के प्रति उनकी दयालुता को याद किया
सिर कलम करने की मांग पैगंबर का अपमान, उन्होंने बुराई को अच्छाई से दूर किया: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दुर्व्यवहार के बावजूद महिला के प्रति उनकी दयालुता को याद किया

"गुस्ताख-ए-नबी की एक सजा, सर तन से जुदा" (पैगंबर का अपमान करने की एकमात्र सजा सिर कलम करना है) नारे के इरादे की निंदा करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को कहा कि यह "पैगंबर मोहम्मद के आदर्शों का अपमान करने के अलावा और कुछ नहीं है"।हाईकोर्ट ने कहा कि पैगंबर ने कभी भी किसी व्यक्ति का सिर कलम करने की इच्छा नहीं जताई, यहां तक ​​कि उन लोगों का भी नहीं जिन्होंने उन्हें व्यक्तिगत रूप से नुकसान पहुंचाया है।बरेली हिंसा में शामिल एक आरोपी की जमानत याचिका खारिज करते हुए महत्वपूर्ण आदेश में जस्टिस अरुण...

Stray Dog Case | हम एक वीडियो चलाएंगे और पूछेंगे कि इंसानियत क्या है: MCD द्वारा कुत्तों के साथ किए गए बर्ताव को अमानवीय बताए जाने पर सुप्रीम कोर्ट
Stray Dog Case | 'हम एक वीडियो चलाएंगे और पूछेंगे कि इंसानियत क्या है': MCD द्वारा कुत्तों के साथ किए गए बर्ताव को 'अमानवीय' बताए जाने पर सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि वह आवारा कुत्तों के मामले में अगली सुनवाई में एक वीडियो चलाएगा और पूछेगा कि "इंसानियत" क्या होती है। कोर्ट ने यह टिप्पणी तब की, जब सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने दिल्ली नगर निगम (MCD) द्वारा बनाए गए नियमों को लागू करने पर आपत्ति जताई और MCD के नियमों के अनुसार कुत्तों के साथ किए जा रहे बर्ताव को अमानवीय बताया।यह मामला गुरुवार को जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया की तीन-जजों की बेंच के सामने लिस्टेड था। हालांकि, बेंच कैंसिल हो गई और...

सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की बार काउंसिल में 30% महिला आरक्षण बढ़ाया
सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की बार काउंसिल में 30% महिला आरक्षण बढ़ाया

सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश बार काउंसिल चुनावों में महिलाओं के लिए 30% आरक्षण का निर्देश देने वाले अपने आदेश को बढ़ा दिया।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्य बागची की बेंच तेलंगाना की बार काउंसिल में राज्य बार काउंसिल चुनावों में महिलाओं के लिए 30% आरक्षण तय करने के अपने पहले के आदेश को बढ़ाने के लिए निर्देश मांगने वाली अर्जियों पर सुनवाई कर रही थी।पहले, कोर्ट ने निर्देश दिया था कि राज्य बार काउंसिल में 30% सीटें - जहां चुनाव अभी अधिसूचित नहीं हुए हैं - महिला...

Bareilly Violence | सर तन से जुदा नारा भारत की संप्रभुता के खिलाफ, सशस्त्र विद्रोह भड़काता है: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत देने से इनकार किया
Bareilly Violence | 'सर तन से जुदा' नारा भारत की संप्रभुता के खिलाफ, सशस्त्र विद्रोह भड़काता है: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत देने से इनकार किया

सितंबर, 2025 में बरेली हिंसा में शामिल आरोपी की जमानत याचिका खारिज करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि भीड़ द्वारा "गुस्ताख-ए-नबी की एक सजा, सर तन से जुदा, सर तन से जुदा" (पैगंबर का अपमान करने की एकमात्र सजा सिर कलम करना है) का नारा लगाना कानून के अधिकार और भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए सीधी चुनौती है।जस्टिस अरुण कुमार सिंह देशवाल की बेंच ने कहा कि ऐसे नारे लोगों को "सशस्त्र विद्रोह" के लिए उकसाते हैं और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 152 के तहत दंडनीय हैं। सिंगल जज ने कहा कि यह इस्लाम...

कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटियां सहायक काम सौंप सकती हैं, मुख्य फैसले लेने का काम नहीं: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटियां सहायक काम सौंप सकती हैं, मुख्य फैसले लेने का काम नहीं: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट

जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने मंगलवार (16 दिसंबर) को कहा कि कानून ज़रूरी फैसले लेने की ज़िम्मेदारी सौंपने पर रोक लगाता है, न कि सहायक काम सौंपने पर।जस्टिस वसीम सादिक नरगल की सिंगल जज बेंच ने कहा कि एक बार जब किसी कमेटी को न्यायिक आदेश से कोई खास काम सौंपा जाता है तो कानून उस काम को प्रभावी ढंग से पूरा करने के लिए ज़रूरी सभी उचित सहायक तरीकों को अपनाने की इजाज़त देता है, बशर्ते कि मुख्य फैसले लेने का अधिकार कमेटी के पास ही रहे।कोर्ट ने यह बात जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट के आदेश द्वारा...

देश की सेवा कर रहे स्क्वाड्रन लीडर की आज़ादी दांव पर: झारखंड हाईकोर्ट ने क्रूरता मामले में गिरफ्तार IAF अधिकारी को अग्रिम ज़मानत दी
'देश की सेवा कर रहे स्क्वाड्रन लीडर की आज़ादी दांव पर': झारखंड हाईकोर्ट ने क्रूरता मामले में गिरफ्तार IAF अधिकारी को अग्रिम ज़मानत दी

झारखंड हाईकोर्ट ने मंगलवार (16 दिसंबर) को भारतीय वायु सेना (IAF) में सेवारत स्क्वाड्रन लीडर को अग्रिम ज़मानत दी, जिस पर दहेज लेने और अपनी पत्नी पर क्रूरता करने का आरोप था। कोर्ट ने कहा कि परिस्थितियां असाधारण और अजीब हैं, जहां देश की सेवा कर रहे एक अधिकारी की आज़ादी दांव पर है।ऐसा करते हुए कोर्ट ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता फरार नहीं है और वास्तव में जाँच में सहयोग कर रहा है।याचिकाकर्ता को BNS की धारा 85 [पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा महिला पर क्रूरता], 115(2) [जानबूझकर गंभीर चोट पहुँचाने की...

अगले सत्र में कोशिश करें: संसद सत्र में शामिल होने की याचिका निरर्थक होने पर हाईकोर्ट की अमृतपाल सिंह को सलाह
अगले सत्र में कोशिश करें: संसद सत्र में शामिल होने की याचिका निरर्थक होने पर हाईकोर्ट की अमृतपाल सिंह को सलाह

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने जेल में बंद सांसद अमृतपाल सिंह की उस याचिका को गुरुवार को लगभग निरर्थक करार दिया, जिसमें उन्होंने संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में भाग लेने के लिए पैरोल की मांग की थी। अदालत ने कहा कि शुक्रवार को शीतकालीन सत्र का अंतिम दिन है और वकीलों के कार्य बहिष्कार के कारण समय रहते सुनवाई पूरी नहीं हो सकी।चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी की खंडपीठ के समक्ष अमृतपाल सिंह ने राज्य सरकार द्वारा संसद में उपस्थित होने के लिए पैरोल देने से इनकार किए जाने को चुनौती दी थी।...

यूपी में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनावों के लिए ECI की SIR गाइडलाइंस लागू करने की मांग खारिज
यूपी में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनावों के लिए ECI की SIR गाइडलाइंस लागू करने की मांग खारिज

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश में होने वाले त्रि-स्तरीय पंचायत चुनावों के लिए मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR)) से जुड़ी जनहित याचिका (PIL) को बुधवार को खारिज कर दिया। याचिका में मांग की गई कि पंचायत चुनावों के लिए भी भारत निर्वाचन आयोग (ECI) द्वारा लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए जारी SIR दिशा-निर्देशों को लागू किया जाए।चीफ जस्टिस अरुण भंसाली और जस्टिस जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने संत कबीर नगर निवासी नरेंद्र कुमार त्रिपाठी द्वारा दायर याचिका यह कहते हुए खारिज...

SIR प्रक्रिया में समय-सीमा बढ़ाने पर सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग से सहानुभूतिपूर्वक विचार करने को कहा
SIR प्रक्रिया में समय-सीमा बढ़ाने पर सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग से 'सहानुभूतिपूर्वक विचार' करने को कहा

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (18 दिसंबर) को भारत निर्वाचन आयोग (ECI) से उत्तर प्रदेश और केरल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) के तहत गणना प्रपत्र (Enumeration Forms) जमा करने की समय-सीमा बढ़ाने के अनुरोधों पर “सहानुभूतिपूर्वक विचार” करने को कहा।चीफ़ जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्य बागची की खंडपीठ देश के विभिन्न राज्यों में चल रही एसआईआर प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं के समूह पर सुनवाई कर रही थी।उत्तर प्रदेश से जुड़े मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से...

इस गाथा का सुखद अंतः सुप्रीम कोर्ट ने विश्वविद्यालय वीसी नियुक्तियों पर केरल के मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच सर्वसम्मति की सराहना की
इस गाथा का सुखद अंतः सुप्रीम कोर्ट ने विश्वविद्यालय वीसी नियुक्तियों पर केरल के मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच सर्वसम्मति की सराहना की

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (18 दिसंबर) को संतोष व्यक्त किया कि केरल के मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने दो प्रमुख राज्य विश्वविद्यालयों के नियमित कुलपतियों की नियुक्तियों पर आम सहमति बना ली है।चूंकि राज्य और राज्यपाल के बीच असहमति के कारण नियुक्तियां महीनों से रुकी हुई थीं, इसलिए न्यायालय ने गतिरोध को हल करने के लिए जस्टिस (सेवानिवृत्त) सुधांशु धूलिया के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया था। चूंकि जस्टिस धूलिया समिति के हस्तक्षेप के बाद भी कोई समाधान नहीं हुआ था, इसलिए अदालत ने पिछले हफ्ते संकेत दिया था...

कर्नाटक हाईकोर्ट ने मानहानि मामला रद्द करने की राहुल गांधी की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा
कर्नाटक हाईकोर्ट ने मानहानि मामला रद्द करने की राहुल गांधी की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

कर्नाटक हाईकोर्ट ने गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा दायर उस याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया, जिसमें उन्होंने राज्य भाजपा द्वारा उनके खिलाफ शुरू की गई आपराधिक मानहानि की कार्यवाही रद्द करने की मांग की थी।यह मामला विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रकाशित भ्रष्टाचार रेट कार्ड विज्ञापन और उससे संबंधित सोशल मीडिया पोस्ट से जुड़ा है, जिसे भाजपा ने अपनी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने वाला बताया।जस्टिस एस. सुनील दत्त यादव की एकल पीठ के समक्ष हुई सुनवाई के दौरान भाजपा की ओर...