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संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 भाग 21: संपत्ति संबंधी वाद के लंबित रहते हुए संपत्ति का अंतरण (धारा 52)
संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 भाग 21: संपत्ति संबंधी वाद के लंबित रहते हुए संपत्ति का अंतरण (धारा 52)

संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 की धारा 52 किसी संपत्ति के ऐसे अंतरण पर रोक लगाती है जिस के संबंध में कोई वाद न्यायालय में लंबित है। इस धारा का मूल अर्थ यह है कि जब भी किसी संपत्ति पर कोई विवाद न्यायालय के समक्ष पंजीकृत हो तब उस संपत्ति का अंतरण नहीं किया जाए और यदि ऐसा अन्तरण किया जाता है तब उस अंतरण को अवैध और शून्य करार दिया जाएगा। अधिनियम कि यह धारा 52 इसकी अवधारणा पर स्पष्ट रूप से प्रावधान करती है तथा उससे संबंधित नियमों को प्रस्तुत करती है। इस आलेख के अंतर्गत लेखक इस धारा की विस्तारपूर्वक...

संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 भाग 20: त्रुटियुक्त हकों के अधीन सद्भावना से धारकों द्वारा किए गए सुधार (धारा 51)
संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 भाग 20: त्रुटियुक्त हकों के अधीन सद्भावना से धारकों द्वारा किए गए सुधार (धारा 51)

संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 की धारा 51 त्रुटि युक्त हकों के अधीन सद्भावना से किए जाने वाले सुधार कार्यों के संबंध में उल्लेख करती है। इस आलेख के अंतर्गत धारा 51 से संबंधित प्रावधानों पर सारगर्भित टिप्पणी की जा रही है। यह धारा का मूल लक्ष्य यह है कि यदि किसी व्यक्ति को कोई संपत्ति अंतरित की जाती है और वह संपत्ति का स्वयं को आत्यंतिक स्वामी मानकर उसमें कोई बढ़ोतरी करता है या उसमें कोई सुधार करता है और इस प्रकार के सुधार में वह कोई खर्च करता है तब वह खर्चे का प्रतिकर पाने का अधिकारी होता है। इस...

संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 भाग: 17 भूमि के उपयोग पर निर्बंधन लगाने वाली बाध्यता का बोझ (धारा 40)
संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 भाग: 17 भूमि के उपयोग पर निर्बंधन लगाने वाली बाध्यता का बोझ (धारा 40)

संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 की धारा 40 भूमि के उपयोग पर निर्बंधन लगाने वाली बाध्यता के बोझ के संबंध में उल्लेख करती है। इस आलेख के अंतर्गत धारा 40 से संबंधित सभी महत्वपूर्ण बातों को प्रस्तुत किया जा रहा है। धारा 40 ऐसी धारा है जो संपत्ति अंतरण अधिनियम के अंतर्गत संविदा में होने वाली चूक को भी स्पष्ट कर रही है और यह भी तथ्य प्रस्तुत कर रही है कि केवल संविदा के पक्षकारों एवं आश्रित पर ही संविदा बाध्यकारी होती है और इसी के साथ नकारात्मक शर्त या निर्बन्धात्मक संविदाएं किसी भी पक्षकार के विपरित...

संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 भाग: 15 संपत्ति अंतरण अधिनियम के धारा 27 से लेकर 34 तक के महत्वपूर्ण प्रावधानों पर व्याख्या
संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 भाग: 15 संपत्ति अंतरण अधिनियम के धारा 27 से लेकर 34 तक के महत्वपूर्ण प्रावधानों पर व्याख्या

संपत्ति अंतरण अधिनियम अंतर्गत लगभग तो सभी धाराएं महत्वपूर्ण है। कुछ धाराएं महत्वपूर्ण होने के साथ छोटी भी हैं पर इस अधिनियम में उनका उनका स्थान बड़ी धाराओं के समक्ष ही है। इस आलेख के अंतर्गत संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 27 से लेकर 34 तक की व्याख्या प्रस्तुत की जा रही है। पिछले आलेख के अंतर्गत पूर्ववर्ती शर्त और पुरोभाव्य शर्त की पूर्ति पर टीका किया गया था।धारा 27:-इस धारा का उद्देश्य अन्तरक के आशय को तब प्रभावी बनाना है जबकि पूर्विक हित विफल हो गया हो। इसे इंग्लिश कानून के अन्तर्गत त्वरिताप्ति...

संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 भाग: 13 संपत्ति अंतरण अधिनियम के अंतर्गत समाश्रित हित क्या होता है
संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 भाग: 13 संपत्ति अंतरण अधिनियम के अंतर्गत समाश्रित हित क्या होता है

संपत्ति अंतरण अधिनियम 1882 की धारा 21 समाश्रित हित के संबंध में उल्लेख करती है। इस धारा में समाश्रित घटना पर आधारित होने वाले अंतरण के संबंध में विस्तार से नियम दिए गए हैं। इस आलेख में उन्हीं नियमों पर चर्चा की जा रही है इससे पूर्व के आलेख में इस अधिनियम की धारा 19 से संबंधित निहित हित पर प्रकाश डाला गया था। समाश्रित हित पर अंतरण इस अधिनियम की महत्वपूर्ण धाराओं में से एक है जिसकी जानकारी इस अधिनियम को समझने के लिए अति आवश्यक है।संपत्ति अंतरण अधिनियम की "धारा 21" समाश्रित हित के प्रावधान को कुछ...

संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 भाग: 12 संपत्ति अंतरण अधिनियम के अंतर्गत निहित हित क्या होता है
संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 भाग: 12 संपत्ति अंतरण अधिनियम के अंतर्गत निहित हित क्या होता है

संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 19 निहित हित से संबंधित प्रावधानों को उल्लेखित करती है। इस आलेख के अंतर्गत निहित हित पर सारगर्भित प्रस्तुति दी जा रही है तथा इससे पूर्व के आलेख में इस अधिनियम से संबंधित धारा 17 जो किसी संपत्ति के अंतरण पर आय के संचयन से संबंधित है पर उल्लेख किया गया था।निहित हित- धारा 19इस धारा में निहित हित की परिभाषा प्रस्तुत की गयी है। निहित हित सम्पत्ति में एक ऐसा हित होता है जो अन्तरितों को तुरन्त सम्पत्ति का अधिकारी बना देता है और अन्तरितो या तो तुरन्त या भविष्य में सम्पत्ति...

संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 भाग: 11 अंतरण की जाने वाली संपत्ति की आय को एक निश्चित समय के लिए स्टॉक करने से संबंधित निर्देश
संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 भाग: 11 अंतरण की जाने वाली संपत्ति की आय को एक निश्चित समय के लिए स्टॉक करने से संबंधित निर्देश

संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 की धारा-17 संपत्ति के संचयन के निर्देश से संबंधित है यह धारा इस अधिनियम की धारा 14 जिसका उल्लेख पिछले आलेख में किया गया था जो शाश्वतता के नियम के विरुद्ध प्रावधान कर रही है उसका एक अपवाद है। इस आलेख के अंतर्गत अंतरण के समय संपत्ति की आय के संचयन की एक निश्चित अवधि से संबंधित जानकारियों को प्रस्तुत किया जा रहा है। इस आलेख का संबंध संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 17 से है।संचयन के लिए निर्देश (धारा-17)संपत्ति अंतरण अधिनियम 1882 इस धारा को कुछ इन शब्दों में प्रस्तुत करती...

संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 भाग: 10 अजन्मे बालक के फायदे के लिए संपत्ति का अंतरण और शाश्वतता के विरुद्ध संपत्ति का अंतरण
संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 भाग: 10 अजन्मे बालक के फायदे के लिए संपत्ति का अंतरण और शाश्वतता के विरुद्ध संपत्ति का अंतरण

संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 अजन्मे बालक के लाभ के लिए किए जाने वाले अंतरण पर भी प्रतिबंध लगाता है तथा संपत्ति में शाश्वतता के विरुद्ध नियम पर भी प्रतिबंध लगाती है। इससे संबंधित संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 13 और धारा 14 में स्पष्ट उल्लेख किए गए हैं। पिछले आलेख में धारा 10, 11 और 12 से संबंधित ऐसी शर्तों पर अंतरण के संबंध में उल्लेख किया गया था जिनको शून्य करार दिया गया है। इस आलेख के अंतर्गत धारा 13 और धारा 14 से संबंधित प्रावधानों पर चर्चा की जा रही है।इस अधिनियम में वर्णित सिद्धान्त ऐसे...

संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 भाग 6: जानिए कौन सी संपत्तियों को अंतरित नहीं किया जा सकता
संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 भाग 6: जानिए कौन सी संपत्तियों को अंतरित नहीं किया जा सकता

संपत्ति अंतरण अधिनियम 1882 की धारा 6 के अंतर्गत जिन संपत्तियों को अंतरित किया जा सकता है उनका उल्लेख किया गया है। धारा 6 के अनुसार सभी संपत्तियों को अंतरित किया जा सकता है पर इस धारा के अंतर्गत कुछ ऐसे अपवाद प्रस्तुत किए गए हैं जिन्हें अंतरित नहीं किया जा सकता है। इन अपवादों को कुल 10 खंडों में बांटा गया है। इससे पूर्व के आलेख में संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 6 के अंदर बताए गए अपवादों में सर्वप्रथम पहले अपवाद का उल्लेख किया गया था। इस आलेख के अंतर्गत अन्य अपवादों का उल्लेख किया जा रहा है अर्थात...