हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विदेश में गारंटर और संपत्ति वाली विदेशी फर्मों को दिए गए लोन के लिए RBI गाइडलाइंस की डिटेल्स मांगी
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विदेश में गारंटर और संपत्ति वाली विदेशी फर्मों को दिए गए लोन के लिए RBI गाइडलाइंस की डिटेल्स मांगी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में भारत सरकार से रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) की उन गाइडलाइंस के बारे में खास निर्देश मांगे, जो विदेशी धरती पर विदेशी कंपनियों को दिए गए लोन से संबंधित हैं, जहाँ कोलैटरल सिक्योरिटी किसी विदेशी व्यक्ति की है।जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनीश कुमार गुप्ता की बेंच मोहम्मद फारूक नाम के ऑस्ट्रेलियाई नागरिक द्वारा दायर एक रिट याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने यूनाइटेड अरब अमीरात (UAE) में स्थित एक फर्म से जुड़े बैंक ऑफ़ बड़ौदा के साथ लोन विवाद के संबंध में हाईकोर्ट का...

2017 के दंगा मामले में नगीना सांसद चंद्रशेखऱ रावण को राहत नहीं, हाईकोर्ट ने FIR रद्द करने से किया इनकार
2017 के दंगा मामले में नगीना सांसद चंद्रशेखऱ रावण को राहत नहीं, हाईकोर्ट ने FIR रद्द करने से किया इनकार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को उत्तर प्रदेश की नगीना सीट से मौजूदा सांसद और भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर रावण की दायर याचिकाओं के एक बैच को खारिज कर दिया। इन याचिकाओं में 2017 के सहारनपुर दंगों से जुड़े उनके खिलाफ दर्ज 4 FIR की कार्यवाही को रद्द करने की मांग की गई थी।जस्टिस समीर जैन की बेंच ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि घटनाएं एक ही दिन हुईं, बाद की FIR रद्द नहीं की जा सकती अगर उनका "दायरा अलग" है और अपराध अलग-अलग जगहों और समय पर किए गए।कोर्ट ने यह भी कहा कि ऐसे मामलों में जहां "बड़ी साज़िश" से इनकार नहीं...

अफसरों के नाम के आगे माननीय लगाने का मामला: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा- अदालतों का दर्जा कम करने का सूक्ष्म तरीका
अफसरों के नाम के आगे 'माननीय' लगाने का मामला: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा- अदालतों का दर्जा कम करने का 'सूक्ष्म' तरीका

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में नौकरशाहों और प्रशासनिक अधिकारियों के नामों के आगे 'माननीय' टाइटल लगाने की प्रथा पर कड़ी आपत्ति जताई।जस्टिस अजय भनोट और जस्टिस गरिमा प्रसाद की डिवीजन बेंच ने इस 'ट्रेंड' को "संवैधानिक अधिकारियों और अदालतों का दर्जा कम करने का एक सूक्ष्म लेकिन पक्का तरीका" बताया।संक्षेप में मामलाहाईकोर्ट क्रिमिनल रिट याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें एडिशनल कमिश्नर अपील के डेजिग्नेशन के बारे में मुद्दा उठा था। बेंच ने देखा कि अधिकारी को "माननीय एडिशनल कमिश्नर, अपील" कहा गया था।इस...

ज़रूरी तथ्य छिपाने या फिर कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश करने वाला मुकदमेबाज़ मेरिट के आधार पर सुनवाई का अधिकार खो देता है: जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट
ज़रूरी तथ्य छिपाने या फिर कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश करने वाला मुकदमेबाज़ मेरिट के आधार पर सुनवाई का अधिकार खो देता है: जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट

जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने सोमवार (15 दिसंबर) को कहा कि जो मुक़दमेबाज़ कोर्ट में आते समय ज़रूरी तथ्यों को छिपाता है या दबाता है, वह मेरिट के आधार पर सुनवाई का अधिकार खो देता है। साथ ही संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत कोई भी न्यायसंगत या विवेकाधीन राहत नहीं मांग सकता।जस्टिस वसीम सादिक नरगल की सिंगल जज बेंच ने दो संबंधित रिट याचिकाओं को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की, जिनमें श्रीनगर के शेख बाग में नज़ूल ज़मीन पर मालिकाना हक देने और पब्लिक प्रेमिसेस एक्ट के तहत शुरू की गई बेदखली की कार्यवाही...

लिव-इन रिलेशनशिप गैर-कानूनी नहीं, राज्य जोड़ों की रक्षा करने के लिए बाध्य: इलाहाबाद हाईकोर्ट
'लिव-इन रिलेशनशिप गैर-कानूनी नहीं, राज्य जोड़ों की रक्षा करने के लिए बाध्य': इलाहाबाद हाईकोर्ट

एक महत्वपूर्ण आदेश में इलाहाबाद हाईकोर्ट (सिंगल जज) ने बुधवार को कहा कि हालांकि लिव-इन रिलेशनशिप का कॉन्सेप्ट सभी को स्वीकार्य नहीं हो सकता है, लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि ऐसा रिश्ता 'गैर-कानूनी' है या शादी की पवित्रता के बिना साथ रहना कोई अपराध है।इसमें यह भी कहा गया कि इंसान के जीवन का अधिकार "बहुत ऊंचे दर्जे" पर है, भले ही कोई जोड़ा शादीशुदा हो या शादी की पवित्रता के बिना साथ रह रहा हो।कोर्ट ने टिप्पणी की,"एक बार जब कोई बालिग व्यक्ति अपना पार्टनर चुन लेता है तो किसी अन्य व्यक्ति, चाहे वह...

आत्मनिर्भर बनने के लिए पत्नी को भरण-पोषण का 10% कौशल विकास पर खर्च करना होगा: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट
आत्मनिर्भर बनने के लिए पत्नी को भरण-पोषण का 10% कौशल विकास पर खर्च करना होगा: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पत्नी को दिए गए भरण-पोषण की राशि बढ़ाने से इनकार करते हुए निर्देश दिया है कि वह प्राप्त हो रही भरण-पोषण राशि का कम से कम 10 प्रतिशत अपने कौशल विकास (स्किल डेवलपमेंट) के लिए उपयोग करे। अदालत ने कहा कि भरण-पोषण का उद्देश्य केवल जीवन-यापन तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका मकसद दीर्घकालिक गरिमा और आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करना भी है।जस्टिस आलोक जैन ने कहा,“याचिकाकर्ता को अपनी क्षमताओं और जीवन स्तर को बेहतर बनाने की आवश्यकता है ताकि वह आत्मनिर्भर बन सके। तभी यह कहा जा सकेगा कि...

आपसी सहमति से तलाक की पहली अर्जी के लिए एक वर्ष की अलगाव अवधि अनिवार्य नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
आपसी सहमति से तलाक की पहली अर्जी के लिए एक वर्ष की अलगाव अवधि अनिवार्य नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने अहम फैसला देते हुए कहा है कि हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13B(1) के तहत आपसी सहमति से तलाक की पहली अर्जी दाखिल करने से पहले आवश्यक एक वर्ष की अलगाव अवधि अनिवार्य नहीं है और इसे माफ (वेवर) किया जा सकता है।जस्टिस नवीन चावला, जस्टिस अनुप जयराम भंभानी और जस्टिस रेणु भटनागर की पूर्ण खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि इस अवधि को अधिनियम की धारा 14(1) के प्रावधान (प्रोवाइजो) को लागू करते हुए माफ किया जा सकता है।अदालत ने यह भी कहा कि एक वर्ष की अलगाव अवधि की माफी से धारा 13B(2) के तहत दूसरी...

अस्थायी कर्मचारियों को दिए गए टेक्निकल ब्रेक मातृत्व अवकाश लाभ से इनकार करने का आधार नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट
अस्थायी कर्मचारियों को दिए गए टेक्निकल ब्रेक मातृत्व अवकाश लाभ से इनकार करने का आधार नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार (16 दिसंबर) को फैसला सुनाया कि दैनिक वेतन पर अस्थायी आधार पर काम करने वाली महिला मातृत्व अवकाश के लाभों की हकदार है। उसे इस आधार पर इससे वंचित नहीं किया जा सकता कि उसे साल में 120 दिन पूरे करने के बाद 1 या 2 दिन का टेक्निकल ब्रेक दिया जाता है।कोल्हापुर में सर्किट बेंच में बैठे जस्टिस मकरंद कर्णिक और अजीत कडेथंकर की डिवीजन बेंच ने डॉ. वृषाली यादव द्वारा दायर याचिका को स्वीकार कर लिया, जो सितंबर 2018 से राजर्षि छत्रपति शाहू महाराज सरकारी मेडिकल कॉलेज में प्रसूति एवं...

सरकारी वकीलों की नियुक्ति पर दिशानिर्देश जारी करे केंद्र सरकार: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिया तीन महीने का समय
सरकारी वकीलों की नियुक्ति पर दिशानिर्देश जारी करे केंद्र सरकार: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिया तीन महीने का समय

दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को विभिन्न सरकारी विभागों की ओर से अदालतों में पेश होने वाले वकीलों की नियुक्ति के लिए दिशानिर्देश जारी करने हेतु तीन महीने का समय दिया। अदालत ने यह निर्देश एक जनहित याचिका का निपटारा करते हुए दिया।चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ विषाल शर्मा द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट और अधीनस्थ अदालतों में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व करने के लिए किए गए वकीलों के पैनल गठन को चुनौती दी गई।सुनवाई...

अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज: पंजाब सरकार ने हरियाणा पुलिस द्वारा वकील पर कथित हमले के मामले में हाईकोर्ट को बताया
अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज: पंजाब सरकार ने हरियाणा पुलिस द्वारा वकील पर कथित हमले के मामले में हाईकोर्ट को बताया

पंजाब सरकार ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में बताया कि एक ऐसे मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई जिसमें हरियाणा पुलिस ने कथित तौर पर पंजाब में एक वकील पर हमला किया था।हाईकोर्ट ने मंगलवार को 30 नवंबर को चंडीगढ़ के पास नयागांव पंजाब में सादे कपड़ों में हरियाणा पुलिस कर्मियों द्वारा एक वकील अमित पर कथित हमले का स्वतः संज्ञान लिया।FIR दर्ज करने में अनुचित देरी के कारण पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने 15 दिसंबर से हड़ताल पर जाने का फैसला किया था।कोर्ट ने कहा कि 30 नवंबर को एक...

भीमा कोरेगांव मामला: बॉम्बे हाईकोर्ट ने गौतम नवलखा को दिल्ली शिफ्ट होने की अनुमति दी
भीमा कोरेगांव मामला: बॉम्बे हाईकोर्ट ने गौतम नवलखा को दिल्ली शिफ्ट होने की अनुमति दी

बॉम्बे हाईकोर्ट ने एल्गार परिषद–भीमा कोरेगांव मामले में आरोपी गौतम नवलखा को बड़ी राहत देते हुए जमानत की शर्तों में ढील दी और उन्हें मुंबई छोड़कर दिल्ली में रहने की अनुमति प्रदान की। यह आदेश बुधवार को जस्टिस भारती डांगरे और जस्टिस श्याम चंदक की खंडपीठ ने पारित किया।गौतम नवलखा ने अदालत में याचिका दाखिल कर कहा था कि मुंबई में रहना उनके लिए आर्थिक रूप से संभव नहीं रह गया और वह अपने स्थायी निवास दिल्ली लौटना चाहते हैं। उनकी जमानत की एक शर्त यह थी कि वह विशेष अदालत की अनुमति के बिना मुंबई नहीं छोड़...

ब्लॉट ऑन द यूनिफॉर्म टिप्पणी पर दिल्ली हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी, संजू वर्मा से ट्वीट हटाने पर विचार को कहा
'ब्लॉट ऑन द यूनिफॉर्म' टिप्पणी पर दिल्ली हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी, संजू वर्मा से ट्वीट हटाने पर विचार को कहा

दिल्ली हाईकोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) की राष्ट्रीय प्रवक्ता संजू वर्मा से उनके ट्वीट को हटाने पर विचार करने को कहा, जिसमें उन्होंने पूर्व आईपीएस अधिकारी यशोवर्धन आज़ाद को ब्लॉट ऑन द यूनिफॉर्म (वर्दी पर धब्बा) कहा था। यह टिप्पणी आज़ाद द्वारा दायर मानहानि वाद के संदर्भ में आई।जस्टिस अमित बंसल ने मामले में संजू वर्मा को समन जारी किया और कथित मानहानिकारक पोस्ट के खिलाफ अंतरिम निषेधाज्ञा की मांग पर नोटिस भी जारी किया। आज़ाद की ओर से सीनियर एडवोकेट विकास सिंह पेश हुए जबकि संजू वर्मा का...

बंद दुकान के भीतर कथित जातिसूचक गाली सार्वजनिक दृष्टि में नहीं मानी जा सकती: राजस्थान हाईकोर्ट ने 31 साल पुरानी SC/ST Act के तहत सजा रद्द की
बंद दुकान के भीतर कथित जातिसूचक गाली 'सार्वजनिक दृष्टि' में नहीं मानी जा सकती: राजस्थान हाईकोर्ट ने 31 साल पुरानी SC/ST Act के तहत सजा रद्द की

राजस्थान हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसले में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 (SC/ST Act) के तहत वर्ष 1994 में दी गई सजा को निरस्त कर दिया। अदालत ने स्पष्ट किया कि यदि कथित जातिसूचक अपमान किसी बंद दुकान या चारदीवारी के भीतर हुआ हो, जहां आम जनता की मौजूदगी या दृश्यता न हो, तो उसे कानून की दृष्टि में “सार्वजनिक दृष्टि में” किया गया कृत्य नहीं माना जा सकता।यह फैसला जस्टिस फरजंद अली की पीठ ने सुनाया। मामला एक वाहन शोरूम संचालक से जुड़ा था, जिस पर आरोप था कि उसने एक...

गैस रेगुलेटर आवश्यक वस्तु नहीं, जब तक अधिसूचित न हों: राजस्थान हाईकोर्ट ने 27 साल पुरानी सजा रद्द की
गैस रेगुलेटर आवश्यक वस्तु नहीं, जब तक अधिसूचित न हों: राजस्थान हाईकोर्ट ने 27 साल पुरानी सजा रद्द की

राजस्थान हाईकोर्ट ने अहम फैसले में यह स्पष्ट किया कि गैस रेगुलेटर अपने आप में आवश्यक वस्तु नहीं माने जा सकते, जब तक कि उन्हें विधि द्वारा विशेष रूप से अधिसूचित न किया गया हो। इसी आधार पर अदालत ने वर्ष 1998 में आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत सुनाई गई सजा को निरस्त कर दिया।यह फैसला जस्टिस फरजंद अली की सिंगल बेंच ने सुनाया। मामला उस अपील से जुड़ा था, जिसमें अपीलकर्ता को बिना वैध लाइसेंस 38 गैस रेगुलेटर रखने के आरोप में आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया। इस सजा को चुनौती देते हुए अपीलकर्ता ने...

मात्र आशंका के आधार पर याचिका: गुजरात हाईकोर्ट ने संभावित कार्रवाई से संबंधित मस्जिद की याचिका पर सुनवाई से किया इनकार
मात्र आशंका के आधार पर याचिका: गुजरात हाईकोर्ट ने संभावित कार्रवाई से संबंधित मस्जिद की याचिका पर सुनवाई से किया इनकार

गुजरात हाईकोर्ट ने अहमदाबाद स्थित मस्जिद द्वारा दायर उस याचिका पर विचार करने से इनकार किया, जिसमें संबंधित प्राधिकरणों द्वारा संभावित कार्रवाई की आशंका जताई गई थी। अदालत ने स्पष्ट किया कि जब तक कोई ठोस (Cause of Action) उत्पन्न नहीं होता तब तक केवल आशंका के आधार पर दायर की गई याचिका पर सुनवाई नहीं की जा सकती।मामले की सुनवाई जस्टिस मौना एम. भट्ट कर रही थीं। याचिका में प्रार्थना की गई कि प्रतिवादी प्राधिकरणों को निर्देश दिया जाए कि वे किसी भी प्रस्तावित कार्रवाई को विधि द्वारा निर्धारित प्रक्रिया...

न्याय कोई औपचारिक रस्म नहीं: नाबालिग लड़की की मौत की लापरवाह जांच पर जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट सख्त, CBI जांच के आदेश
न्याय कोई औपचारिक रस्म नहीं: नाबालिग लड़की की मौत की लापरवाह जांच पर जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट सख्त, CBI जांच के आदेश

जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने 13 वर्षीय नाबालिग लड़की की संदिग्ध मौत के मामले में पुलिस जांच के तरीके पर गहरी नाराज़गी जताते हुए मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सौंपने का आदेश दिया। अदालत ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि न्याय को केवल औपचारिक प्रक्रिया बनाकर नहीं छोड़ा जा सकता। इस तरह की संवेदनशील घटनाओं में देरी व लापरवाही से न केवल अहम सबूत नष्ट होते हैं बल्कि पीड़ित परिवार को भी न्याय से वंचित किया जाता है।यह आदेश जस्टिस राहुल भारती ने गांव जंडियाल, जम्मू निवासी मुख्तियार अली...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रेप पीड़ितों की प्रेग्नेंसी खत्म करने में देरी पर खुद ही PIL दर्ज की
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रेप पीड़ितों की प्रेग्नेंसी खत्म करने में देरी पर खुद ही PIL दर्ज की

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में रेप पीड़ितों की प्रेग्नेंसी खत्म करने के मामलों में सही कदम उठाने में अलग-अलग लेवल पर हो रही देरी के मुद्दे पर खुद ही एक पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (PIL) दर्ज की।इस मामले का नाम रखा गया: प्रेग्नेंसी खत्म करने के मामलों में सभी संबंधित लोगों को जागरूक करने के लिए गाइडलाइंस बनाने के संबंध मेंPIL दर्ज करने का आदेश सितंबर में जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता और जस्टिस अरुण कुमार की बेंच ने दिया। बेंच ने महसूस किया कि प्रक्रिया में होने वाली देरी को दूर करना ज़रूरी है, जो अक्सर...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी में एसिड की बिक्री को रेगुलेट करने वाली 2014 की PIL को स्वतः संज्ञान कार्यवाही में बदला
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी में एसिड की बिक्री को रेगुलेट करने वाली 2014 की PIL को स्वतः संज्ञान कार्यवाही में बदला

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में उत्तर प्रदेश में एसिड की बिक्री पर रोक और रेगुलेशन से संबंधित 2014 में दायर एक जनहित याचिका (PIL) को स्वतः संज्ञान कार्यवाही में बदल दिया।यह आदेश तब पारित किया गया जब मूल याचिकाकर्ता (अनुभव वर्मा) ने कहा कि वह इस मुकदमे को आगे नहीं बढ़ाना चाहता।उन्हें मामले से हटने की अनुमति देते हुए जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह और जस्टिस विवेक सरन की डिवीजन बेंच ने कहा कि अगर याचिकाकर्ता की इच्छा के कारण मामला बंद कर दिया जाता है तो "न्याय का हित प्रभावित हो सकता है"।याचिका खारिज...

गुजरात हाई कोर्ट ने नॉन-वेज बेचने और लीज की शर्त तोड़ने के आरोप में सील किए गए रेस्टोरेंट को म्युनिसिपैलिटी से संपर्क करने की इजाज़त दी
गुजरात हाई कोर्ट ने नॉन-वेज बेचने और लीज की शर्त तोड़ने के आरोप में सील किए गए रेस्टोरेंट को म्युनिसिपैलिटी से संपर्क करने की इजाज़त दी

गुजरात हाईकोर्ट ने मंगलवार (16 दिसंबर) को एक रेस्टोरेंट को, जिसे लीज एग्रीमेंट का उल्लंघन करके नॉन-वेज खाना बेचने और न्यूसेंस फैलाने के आरोपों में सील कर दिया गया था, सील हटाने के लिए आनंद नगर निगम को एक अंडरटेकिंग देने की इजाज़त दी, और निर्देश दिया कि इस पर कानून के अनुसार विचार किया जाए।कोर्ट 2-12-2025 की तारीख वाले नोटिस को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसके तहत याचिकाकर्ता को 10 दिनों के भीतर जगह (दुकान) खाली करने का निर्देश दिया गया, ऐसा न करने पर गुजरात प्रांतीय नगर निगम...