हाईकोर्ट

कार्यवाही के निपटारे में न्यायाधिकरण की निष्क्रियता को करदाता की ओर से किसी दुर्भावना के अभाव में जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट
कार्यवाही के निपटारे में न्यायाधिकरण की निष्क्रियता को करदाता की ओर से किसी दुर्भावना के अभाव में जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि जब राजस्व विभाग ने कार्यवाही के निपटान के संदर्भ में करदाता की ओर से किसी भी तरह की दुर्भावना का आरोप नहीं लगाया है, तो कार्यवाही के निपटान के लिए न्यायाधिकरण की ओर से निष्क्रियता को करदाता के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। यह पाते हुए कि प्राधिकरण ने CESTAT के आदेश की तारीख से 16 साल से अधिक समय बीत जाने के बाद अंतिम आदेश पारित किया था, जस्टिस अश्विन डी. भोबे और ज‌स्टिस एमएस सोनक की खंडपीठ ने कहा कि कारण बताओ नोटिस के समापन में इस तरह की अत्यधिक देरी...

REET | यदि राज्य सरकार की एक एजेंसी उम्मीदवार को योग्य घोषित करती है तो दूसरी सरकारी एजेंसी उसे अयोग्य घोषित नहीं कर सकती: राजस्थान हाईकोर्ट
REET | यदि राज्य सरकार की एक एजेंसी उम्मीदवार को योग्य घोषित करती है तो दूसरी सरकारी एजेंसी उसे अयोग्य घोषित नहीं कर सकती: राजस्थान हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है कि एक बार राज्य सरकार की एक एजेंसी यानी शिक्षा बोर्ड ने किसी अभ्यर्थी को REET लेवल-I परीक्षा उत्तीर्ण प्रमाणित कर दिया, तो दूसरी एजेंसी यानी शिक्षा विभाग के लिए यह अधिकार नहीं है कि वह यह कहकर उसकी उम्मीदवारी खारिज कर दे कि उसने परीक्षा उत्तीर्ण नहीं की है। जस्टिस फरजंद अली की पीठ राज्य शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित सहायक अध्यापक लेवल-I की भर्ती के एक अभ्यर्थी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसकी उम्मीदवारी इस आधार पर खारिज कर दी गई थी कि उसके 82/150...

आपराधिक मामले में सम्मानजनक बरी न होने पर अवसर से वंचित करना समाज में पुनः एकीकरण के सिद्धांत के विरुद्ध: राजस्थान हाईकोर्ट
आपराधिक मामले में 'सम्मानजनक' बरी न होने पर अवसर से वंचित करना समाज में पुनः एकीकरण के सिद्धांत के विरुद्ध: राजस्थान हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट ने पुलिस अधीक्षक के उस आदेश को खारिज कर दिया है, जिसमें याचिकाकर्ता की कांस्टेबल पद के लिए उम्मीदवारी को इस आधार पर खारिज कर दिया गया था कि उसके खिलाफ दर्ज एफआईआर में उसे बरी करना सम्मानजनक नहीं था, बल्कि सबूतों के अभाव में ऐसा किया गया था। जस्टिस अरुण मोंगा की पीठ ने फैसला सुनाया कि बरी होना, चाहे किसी भी आधार पर हो, बरी होना ही है, जिससे याचिकाकर्ता की कानून का पालन करने वाले नागरिक के रूप में स्थिति बहाल होती है। यह माना गया कि केवल एफआईआर के आधार पर याचिकाकर्ता को नियुक्ति...

राज्य सरकार अपने क्षेत्र में कार्यरत IPS/IAS अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है: केंद्र सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट में बताया
राज्य सरकार अपने क्षेत्र में कार्यरत IPS/IAS अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है: केंद्र सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट में बताया

केंद्र सरकार की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अशोक कुमार चक्रवर्ती ने गुरुवार को कलकत्ता हाईकोर्ट को बताया कि कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग विभिन्न राज्यों में तैनात IPS/IAS/IFS अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सक्षम प्राधिकारी नहीं है।एएसजी ने चीफ जस्टिस टीएस शिवगनम और जस्टिस हिरणमय भट्टाचार्य की खंडपीठ को गृह मंत्रालय द्वारा 24 अक्टूबर को जारी सर्कुलर प्रस्तुत किया।यह प्रस्तुत किया गया कि ऐसे मामलों में जहां IPS/IAS या IFS अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जानी है, वह राज्य जिसमें वह अधिकारी...

दिल्ली हाईकोर्ट ने सेल डीड में “मकान” बताई गई संपत्ति के लिए पूंजीगत लाभ छूट से इनकार करने का फैसले बरकरार रखा
दिल्ली हाईकोर्ट ने सेल डीड में “मकान” बताई गई संपत्ति के लिए पूंजीगत लाभ छूट से इनकार करने का फैसले बरकरार रखा

दिल्ली हाईकोर्ट ने आयकर अधिनियम 1961 (Income Tax Act 1961) की धारा 54F के तहत पूंजीगत लाभ छूट अस्वीकार करने वाले ITAT के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार किया, जो रजिस्टर्ड सेल डीड में “मकान” (घर) बताई गई संपत्ति के संबंध में है लेकिन वास्तव में ईंट-भट्ठा निर्माण है।धारा 54F गैर-आवासीय संपत्तियों की बिक्री पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर से छूट प्रदान करती है, जब लाभ को निर्दिष्ट समय सीमा के भीतर नई आवासीय संपत्ति में पुनर्निवेशित किया जाता है।जस्टिस विभु बाखरू और जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा की...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी में इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर नहीं बल्कि पंजीकरण पर रोड टैक्स छूट का दावा करने वाली याचिका खारिज की
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी में इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर नहीं बल्कि पंजीकरण पर रोड टैक्स छूट का दावा करने वाली याचिका खारिज की

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जम्मू से खरीदे गए इलेक्ट्रिक वाहन पर रोड टैक्स के भुगतान से छूट का दावा करने वाली एक रिट याचिका को खारिज कर दिया है। याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि चूंकि राज्य के भीतर वाहन चलाने के लिए रोड टैक्स लगाया जाता है, इसलिए इस आधार पर कोई अंतर नहीं किया जा सकता है कि विचाराधीन वाहन राज्य के भीतर खरीदा गया है या बाहर से। इसलिए कोर्ट ने 02 मार्च, 2023 की छूट अधिसूचना में लगाई गई शर्त को चुनौती दी थी, जिसमें उत्तर प्रदेश राज्य के भीतर वाहनों की खरीद को अनिवार्य बनाया गया है।उत्तर...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रिटायरमेंट बकाया भुगतान में 14 साल की देरी पर ब्याज देने का आदेश दिया: दबंग अधिकारी मृतक कर्मचारी के परिवार को परेशान नहीं कर सकते
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रिटायरमेंट बकाया भुगतान में 14 साल की देरी पर ब्याज देने का आदेश दिया: दबंग अधिकारी मृतक कर्मचारी के परिवार को परेशान नहीं कर सकते

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह राज्य के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे राज्य सरकार के एक कर्मचारी की पत्नी को रिटायरमेंट बकाया भुगतान में 14 साल की देरी पर ब्याज (8 प्रतिशत की दर से निर्धारित) का भुगतान करें, जिनकी वर्ष 2005 में सेवा के दौरान मृत्यु हो गई थी।यह देखते हुए कि राज्य के अधिकारियों ने याचिकाकर्ता-पत्नी की दुर्दशा के प्रति उदासीन रवैया अपनाया, जस्टिस अजय भनोट की पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि दबंग अधिकारियों द्वारा मृतक कर्मचारी के परिवार को उसके अधिकारों के लिए परेशान नहीं किया जा...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने समरी मुकदमे में कंपनी को बिना शर्त बचाव की अनुमति देने के आदेश को रद्द किया, कंपनी ने बकाया राशि से इनकार नहीं किया था
बॉम्बे हाईकोर्ट ने समरी मुकदमे में कंपनी को बिना शर्त बचाव की अनुमति देने के आदेश को रद्द किया, कंपनी ने बकाया राशि से इनकार नहीं किया था

बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक वाणिज्यिक समरी शूट में निर्णय के लिए समन को खारिज करने के खिलाफ दायर याचिका में एक ट्रायल कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें एक कंपनी को खुद का बचाव करने के लिए बिना शर्त अनुमति दी गई थी, जबकि यह भी कहा गया कि कंपनी ने दूसरे पक्ष द्वारा प्रदान की गई सेवाओं के लिए बकाया राशि के अस्तित्व से इनकार नहीं किया था। ऐसे मामले में, अदालत ने कहा, कंपनी को ट्रायल कोर्ट द्वारा मुकदमे की कार्यवाही का बचाव करने का कोई अवसर नहीं दिया जाना चाहिए था।वर्तमान मामले में याचिकाकर्ता/वादी...

38 साल के बेदाग रिकॉर्ड वाले कांस्टेबल को जाली मार्कशीट जमा करने के लिए सेवा से हटाया जाना अनुपातहीन: राजस्थान हाईकोर्ट
38 साल के बेदाग रिकॉर्ड वाले कांस्टेबल को जाली मार्कशीट जमा करने के लिए सेवा से हटाया जाना अनुपातहीन: राजस्थान हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट ने कांस्टेबल के खिलाफ सेवा से हटाने की सजा खारिज की, जिस पर सेवा में प्रवेश के समय जाली मार्कशीट जमा करने का आरोप लगाया गया यह फैसला देते हुए कि याचिकाकर्ता के 38 साल के बेदाग सेवा रिकॉर्ड और कदाचार की प्रकृति को देखते हुए सजा अनुपातहीन और अत्यधिक थी।जस्टिस विनीत कुमार माथुर की पीठ पुलिस अधीक्षक भ्रष्टाचार निरोधक बोर्ड (ACB) के आदेश के खिलाफ याचिकाकर्ता द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई कर रही, जिसमें याचिकाकर्ता को सेवा से हटाने और रिटायरमेंट की वास्तविक तिथि के बाद उसे दिए गए...

मणिपुर हाईकोर्ट ने संदिग्ध उग्रवादियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प के बाद कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए दायर जनहित याचिका पर राज्य और केंद्र से जवाब मांगा
मणिपुर हाईकोर्ट ने संदिग्ध उग्रवादियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प के बाद कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए दायर जनहित याचिका पर राज्य और केंद्र से जवाब मांगा

मणिपुर हाईकोर्ट ने सोमवार (18 नवंबर) को एक जनहित याचिका पर राज्य सरकार और केंद्र से अपना पक्ष रखने को कहा, जिसमें सुरक्षा बलों के साथ विवाद के बाद संदिग्ध उग्रवादियों द्वारा छह लोगों को कथित रूप से अगवा किए जाने की घटना के संबंध में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य को अपना कर्तव्य निभाने का निर्देश देने की मांग की गई है। पीआईएल में कहा गया है कि 11 नवंबर को सुरक्षा बलों और संदिग्ध उग्रवादियों के बीच हुई कथित मुठभेड़ के बाद, मणिपुर के जिरीबाम से तीन महिलाओं और तीन बच्चों सहित छह लोगों का...

NI Act की धारा 138 के तहत चेक अनादर का संज्ञान केवल लिखित शिकायत पर ही लिया जा सकता है: झारखंड हाईकोर्ट ने दोहराया
NI Act की धारा 138 के तहत चेक अनादर का संज्ञान केवल लिखित शिकायत पर ही लिया जा सकता है: झारखंड हाईकोर्ट ने दोहराया

चेक बाउंसिंग मामले की सुनवाई करते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने फिर से पुष्टि की कि परक्राम्य लिखत अधिनियम (NI Act) की धारा 142 के तहत अपराधों का संज्ञान लेने के लिए पुलिस को रिपोर्ट करने की आवश्यकता नहीं होती है और न ही अदालत को शिकायत की जांच करने के लिए पुलिस को निर्देश देने का अधिकार है।अदालत ने आगे स्पष्ट किया कि NI Act की धारा 142(1)(ए) के तहत चेक अनादर के लिए धारा 138 के तहत दंडनीय अपराध का संज्ञान केवल लिखित शिकायत पर ही लिया जा सकता है।जस्टिस अनिल कुमार चौधरी ने अपने आदेश में कहा,"बार में किए...

दिल्ली हाईकोर्ट ने DDA, MCD को अपने अधिकार क्षेत्र का सीमांकन करने का आदेश दिया; LG से सर्वेक्षण कराने पर विचार करने को कहा
दिल्ली हाईकोर्ट ने DDA, MCD को अपने अधिकार क्षेत्र का सीमांकन करने का आदेश दिया; LG से सर्वेक्षण कराने पर विचार करने को कहा

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) और दिल्ली नगर निगम (MCD) को निर्देश दिया कि वे राष्ट्रीय राजधानी में अपनी सीमाओं और अधिकार क्षेत्र का यथासंभव सटीकता (देशांतर और अक्षांश) के साथ सीमांकन करें।चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने कहा,"माननीय उपराज्यपाल को निर्देश दिया जाता है कि वे सर्वेक्षण को पूरी दिल्ली तक बढ़ाने पर विचार करें, जिससे सभी वैधानिक प्राधिकरणों के अधिकार क्षेत्र का स्पष्ट रूप से सीमांकन हो सके और जमीनी स्तर की वास्तविकता रहस्यपूर्ण न रहे और सभी...

कलकत्ता हाईकोर्ट ने कैश फॉर जॉब घोटाले में आरोपी पूर्व शिक्षा मंत्री की जमानत याचिका पर विभाजित फैसला सुनाया
कलकत्ता हाईकोर्ट ने कैश फॉर जॉब घोटाले में आरोपी पूर्व शिक्षा मंत्री की जमानत याचिका पर विभाजित फैसला सुनाया

कलकत्ता हाईकोर्ट ने कैश फॉर जॉब भर्ती घोटाला मामले में आरोपी पूर्व राज्य शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और चार अन्य की जमानत याचिका पर विभाजित फैसला सुनाया।जस्टिस अरिजीत बनर्जी और जस्टिस अपूर्व सिन्हा रे की खंडपीठ आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर विचार कर रही थी, तब जस्टिस बनर्जी ने सभी आरोपियों को जमानत दी, जबकि जस्टिस सिन्हा रे ने चटर्जी और शिक्षा विभाग के चार अन्य अधिकारियों सुबीरेश भट्टाचार्य, कल्याणमय गंगोपाध्याय, अशोक साहा और शांति प्रसाद सिन्हा को जमानत देने से इनकार किया।आरोपियों पर आईपीसी और...

विभाग का पोर्टल अनुपालन स्वीकार करता है तो प्री-डिपॉजिट का भुगतान न करने के कारण अपील खारिज नहीं की जा सकती: बॉम्बे हाईकोर्ट
विभाग का पोर्टल अनुपालन स्वीकार करता है तो प्री-डिपॉजिट का भुगतान न करने के कारण अपील खारिज नहीं की जा सकती: बॉम्बे हाईकोर्ट

यह देखते हुए कि विभाग के पोर्टल पर स्वचालित रूप से उत्पन्न अनंतिम पावती से पता चलता है कि अपेक्षित पूर्व-जमा किया गया है, बॉम्बे हाईकोर्ट ने माना कि निर्धारिती ने सीजीएसटी अधिनियम की धारा 107 (6) के तहत आवश्यक पूर्व-जमा का विधिवत अनुपालन किया था।जस्टिस एमएस सोनक और जस्टिस जितेंद्र जैन की खंडपीठ ने देखा कि बाइटडांस (इंडिया) टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड बनाम यूओआई [WP (L) no. 23724 of 2024 ] में इसी तरह के एक मामले में, इस अदालत द्वारा यह माना गया था कि "प्री-डिपॉजिट की राशि पर, याचिका के साथ...

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी की तुलना हत्या, बलात्कार के आरोपी से नहीं की जा सकती: दिल्ली हाईकोर्ट
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी की तुलना हत्या, बलात्कार के आरोपी से नहीं की जा सकती: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को टिप्पणी की कि धन शोधन के मामले में किसी आरोपी को मृत्युदंड, आजीवन कारावास, हत्या, बलात्कार या डकैती जैसे अपराधों जैसे दस साल या उससे अधिक की सजा वाले दंडनीय लोगों के बराबर नहीं माना जा सकता।जस्टिस मनोज कुमार ओहरी ने कहा कि पीएमएलए के तहत मामलों से निपटने के दौरान यह ध्यान रखना उचित है कि कुछ अपवाद मामलों को छोड़कर, अधिकतम सजा सात साल की हो सकती है। यह दोहराते हुए कि धारा 45 पीएमएलए को कैद के लिए एक उपकरण के रूप में या एक बेड़ी के रूप में उपयोग करके अभियुक्त को...

मोहम्मद जुबैर ने यति नरसिंहानंद के कथित भाषण पर X पोस्ट पर यूपी पुलिस की FIR के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया
मोहम्मद जुबैर ने यति नरसिंहानंद के कथित भाषण पर 'X' पोस्ट पर यूपी पुलिस की FIR के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया

Alt News के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर ने पिछले महीने गाजियाबाद पुलिस द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया है , जिसमें उन पर विवादास्पद पुजारी यति नरसिंहानंद के एक सहयोगी की शिकायत के बाद धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है।यति नरसिंहानंद सरस्वती ट्रस्ट की महासचिव उदिता त्यागी द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत में दावा किया गया है कि जुबैर ने नरसिंहानंद के एक पुराने कार्यक्रम की वीडियो क्लिप 3 अक्टूबर को मुसलमानों द्वारा हिंसा भड़काने...

ED की शिकायत पर संज्ञान के कारणों को दर्ज करना PMLA स्पेशल कोर्ट के लिए आवश्यक नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
ED की शिकायत पर संज्ञान के कारणों को दर्ज करना PMLA स्पेशल कोर्ट के लिए आवश्यक नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा था कि पीएमएलए के तहत विशेष अदालत के लिए ED की शिकायत का संज्ञान लेने के कारणों को दर्ज करना आवश्यक नहीं है, जो CrPC या BNSS के तहत एक निजी शिकायत के विपरीत है।जस्टिस चंद्रधारी सिंह ने कहा कि ईडी पीएमएलए की धारा 44 के तहत प्रारंभिक शिकायत दर्ज कर सकती है, भले ही जांच पूरी तरह से पूरी न हो। न्यायालय के अनुसार, यह विशेष रूप से 2019 में प्रावधान में पेश किए गए स्पष्टीकरण-II के आलोक में किया जा सकता है, जो ईडी को पूरक शिकायत दर्ज करने की अनुमति देता है। पीएमएलए की...

हाईकोर्ट ने पंजाब के गृह सचिव से फोरेंसिक लैब अपग्रेड की कार्य स्थिति मांगी
हाईकोर्ट ने पंजाब के गृह सचिव से फोरेंसिक लैब अपग्रेड की कार्य स्थिति मांगी

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने क्षेत्र में फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (FSL) के उन्नयन के लिए कार्य योजना पर पंजाब के गृह सचिव से हलफनामा मांगा है।अदालत ने जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पाया कि याचिकाकर्ता द्वारा प्रदान किए गए सीसीटीवी फुटेज की जांच एफएसएल, पंजाब, एसएएस नगर, मोहाली में सुविधा की कमी के कारण नहीं की जा सकी। जस्टिस संदीप मोदगिल ने कहा, 'राज्य को निर्देश दिया जाता है कि वह आज से दो सप्ताह के भीतर एसएएस नगर, मोहाली में फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला, एसएएस नगर के साथ-साथ बठिंडा,...

निर्मला सीतारमण और BJP नेताओं के खिलाफ चुनावी बॉन्ड के नाम पर जबरन वसूली के मामले में दर्ज FIR रद्द करने की याचिका पर फैसला सुरक्षित
निर्मला सीतारमण और BJP नेताओं के खिलाफ चुनावी बॉन्ड के नाम पर जबरन वसूली के मामले में दर्ज FIR रद्द करने की याचिका पर फैसला सुरक्षित

पूर्व राज्य BJP अध्यक्ष नलीन कुमार कतील ने चुनावी बॉन्ड की आड़ में कथित तौर पर धन उगाही के मामले में अपने खिलाफ दर्ज FIR रद्द करने की मांग करते हुए बुधवार को कर्नाटक हाईकोर्ट से कहा कि सह-आरोपी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और अन्य के पास ऐसी कोई संपत्ति नहीं है, जैसा कि अपराध के लिए संबंधित प्रावधान में परिभाषित किया गया।कतील ने आगे कहा कि ऐसा नहीं है कि कथित पीड़ित शिकायत कर रहा था। अगर पीड़ित ने शिकायत की तो पूरी शिकायत का स्वरूप बदल जाएगा। आदर्श अय्यर द्वारा दायर की गई शिकायत में आरोप लगाया...

3 साल से अधिक की देरी के बाद कलेक्टर का संदर्भ अमान्य: राजस्थान हाईकोर्ट
3 साल से अधिक की देरी के बाद कलेक्टर का संदर्भ अमान्य: राजस्थान हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ ने एक भूमि पार्सल से संबंधित कलेक्टर के 20 साल पुराने संदर्भ आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें कहा गया था कि चूंकि भूमि एक देवता डोली मंडित श्री ठाकुर जी पुरोहित की थी, इसलिए इसे मूल मालिक के नाम पर दर्ज नहीं किया जा सकता था, जिससे याचिकाकर्ताओं ने बाद में जमीन खरीदी थी।इसने राजस्व बोर्ड के आदेश को भी रद्द कर दिया, जिसने याचिकाकर्ताओं से संबंधित भूमि की म्यूटेशन प्रविष्टियों को रद्द कर दिया, जिन्होंने मूल मालिक के बेटे से जमीन खरीदी थी, जबकि कलेक्टर का संदर्भ लंबित था।...