Lawrence Bishnoi Interview: बर्खास्त DSP पहुंचे हाईकोर्ट, कहा- पंजाब सरकार ने बनाया 'बलि का बकरा'

Shahadat

16 Jan 2025 10:39 AM

  • Lawrence Bishnoi Interview: बर्खास्त DSP पहुंचे हाईकोर्ट, कहा- पंजाब सरकार ने बनाया बलि का बकरा

    पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब के बर्खास्त DSP गुरशेर सिंह संधू की याचिका पर नोटिस जारी किया, जिनकी सेवाएं लॉरेंस बिश्नोई को जेल से पूछताछ में मदद करने के लिए दर्ज FIR के सिलसिले में समाप्त कर दी गईं।

    जस्टिस जगमोहन बंसल ने पंजाब सरकार और अन्य अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए मामले को 20 फरवरी के लिए टाल दिया।

    संधू ने दलील दी कि FIR में उनका नाम तक नहीं था और SIT द्वारा बुलाए गए सभी अधिकारियों में से उन्हें 'बलि का बकरा' बनाया जा रहा है।

    याचिका में कहा गया कि राज्य ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 311 (2) के तहत निहित शक्तियों का इस्तेमाल किया और अनुच्छेद 311 के अध्ययन से पता चलता है कि सिविल क्षमता में कार्यरत व्यक्ति की बर्खास्तगी या पद में कमी केवल जांच करने और सुनवाई का उचित अवसर देने के बाद ही की जा सकती है।

    SIT ने पाया कि लॉरेंस बिश्नोई का पहला इंटरव्यू "अपराध और अपराधियों का महिमामंडन" करते हुए तब लिया गया था, जब वह पंजाब के खरड़ में CIA परिसर में था और दूसरा इंटरव्यू जयपुर जेल में था।

    चूंकि हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस राजीव रैना, जिन्हें CIA खरड़ के परिसर में इंटरव्यू की जांच करने के लिए जांच अधिकारी नियुक्त किया गया, ने अभी तक कोई निष्कर्ष या रिपोर्ट नहीं दी है, इसलिए संविधान के अनुच्छेद 311 (2) के तहत शक्तियों का प्रयोग करके संधू को बर्खास्त नहीं किया जा सकता था।

    याचिका में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि हाईकोर्ट ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया कि कार्रवाई केवल निम्न-स्तर के अधिकारियों तक ही सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि उन अधिकारियों तक भी होनी चाहिए, जिनके पास तत्कालीन SSP और अन्य उच्च अधिकारियों सहित CIA स्टाफ पर पर्यवेक्षी अधिकार क्षेत्र था। हालांकि पंजाब सरकार ने उन्हें सेवा से बर्खास्त करते हुए पूरी घटना में "बलि का बकरा" बना दिया, जबकि तत्कालीन SSP सहित किसी अन्य अधिकारी को ऐसी कोई सजा नहीं दी गई।

    हाईकोर्ट ने स्वप्रेरणा से दायर याचिका में टिप्पणी की कि पंजाब पुलिस अधिकारियों ने लॉरेंस बिश्नोई को इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का उपयोग करने की अनुमति दी और टीवी इंटरव्यू आयोजित करने के लिए स्टूडियो जैसी सुविधा प्रदान की।

    यह घटनाक्रम पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा गठित SIT द्वारा यह खुलासा किए जाने के बाद सामने आया कि गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का पहला इंटरव्यू "अपराध और अपराधियों का महिमामंडन" करते हुए तब आयोजित किया गया, जब वह पंजाब के खरड़ में CIA परिसर में था और दूसरा इंटरव्यू जयपुर जेल में हुआ था।

    केस टाइटल: गुरशेर सिंह संधू बनाम पंजाब राज्य और अन्य

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