हाईकोर्ट
गिरफ्तारी ज्ञापन फॉर्म में 'गिरफ्तारी का आधार' कॉलम जोड़ें: हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को गिरफ्तारी ज्ञापन फॉर्म में अभियुक्त की 'गिरफ्तारी का आधार' दर्ज करने के लिए एक कॉलम जोड़ने को कहा।जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने कहा कि CrPC की धारा 50 और BNSS, 2023 की धारा 47 के प्रभावी अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए संशोधित गिरफ्तारी ज्ञापन फॉर्म या कुछ अनुलग्नक जोड़े जाने चाहिए।प्रावधानों में कहा गया कि गिरफ्तार किए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को विशेष अपराध और गिरफ्तारी के कारणों के बारे में तुरंत सूचित किया जाना चाहिए।जस्टिस शर्मा ने दिल्ली पुलिस आयुक्त से...
राजस्थान हाईकोर्ट ने दुर्घटना में वाहन के उधारकर्ता की मृत्यु पर मुआवज़ा देने का आदेश दिया, कहा- वह मालिक की जगह पर था और बीमा द्वारा कवर किया गया
सुप्रीम कोर्ट के परस्पर विरोधी निर्णयों का सामना करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने मृतक के दावेदारों को मुआवज़ा देते हुए पुष्टि की कि ऐसे मामलों में जहां मृतक उधार लिए गए वाहन को चला रहा था, वह मालिक की जगह पर था और इस प्रकार बीमा अनुबंध के अनुसार व्यक्तिगत दुर्घटना कवर के लिए मुआवज़े का हकदार होगा, यदि व्यक्तिगत दुर्घटना कवर के लिए मालिक से प्रीमियम लिया गया ।जस्टिस नुपुर भाटी की पीठ मोटर दुर्घटना दावा ट्रिब्यूनल के निर्णय के विरुद्ध मृतक के दावेदारों द्वारा दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें...
एक ही अपराध के लिए आरोपी को अपराधी परिवीक्षा अधिनियम का लाभ देना और दूसरे को इससे वंचित करना अनुचित: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि जब सभी आरोपी एक ही अपराध करने के दोषी पाए गए तो एक को अपराधी परिवीक्षा अधिनियम, 1958 की धारा 4(1) का लाभ देना और दूसरे को अपराध की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए उसी लाभ से वंचित करना अनुचित है।जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की पीठ ने तीन आरोपियों द्वारा दायर आपराधिक पुनर्विचार याचिका पर विचार करते हुए यह टिप्पणी की, जिसमें आपराधिक अपील में गोंडा के अपर सत्र न्यायाधीश द्वारा पारित निर्णय और आदेश तथा गोंडा के सिविल जज (जे.डी.) द्वारा उन्हें धारा 498-ए, 323, 504, 506 आईपीसी के...
मुकदमे के कम मूल्यांकन या अपर्याप्त फीस कोर्ट के आधार पर दायर मुकदमा खारिज करने का आवेदन खारिज करने में कोई गलती नहीं: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने सिविल जज द्वारा आदेश 7 नियम 11 CPC के तहत मुकदमा खारिज करने के उनका आवेदन खारिज करने के आदेश को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ता की चुनौती खारिज की, जो इस आधार पर दायर की गई थी कि मुकदमे का मूल्यांकन कम किया गया और अपर्याप्त फीस कोर्ट का भुगतान करने के बाद दायर किया गया।जस्टिस मनोज कुमार गर्ग की पीठ ने फैसला सुनाया कि भले ही कम मूल्यांकन या अपर्याप्त फीस कोर्ट का भुगतान किया गया हो, ट्रायल कोर्ट मुकदमे के अंतिम चरण में इस आपत्ति पर विचार कर सकता है। इसलिए सिविल जज द्वारा...
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से 2024-25 सत्र के लिए नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने के लिए नई शर्तें न लगाने को कहा
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर पीठ ने राज्य प्राधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे मध्य प्रदेश नर्सिंग संस्थान मान्यता नियम, 2018 के तहत मौजूदा आवश्यकताओं के आधार पर नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता प्रदान करें और सत्र 2024-25 के लिए किसी भी अतिरिक्त आवश्यकता के साथ कोई भी नई शर्त न बदलें या न ही लागू करें। जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस अचल कुमार पालीवाल की खंडपीठ ने कहा, "...सीबीआई ने कॉलेजों का निरीक्षण भी किया था ताकि उन्हें वर्गीकृत किया जा सके और सभी निरीक्षण मौजूदा नियमों को ध्यान में रखते हुए...
निवारक निरोध को पूरी सावधानी के साथ लागू किया जाना चाहिए: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने निरोध आदेश को रद्द कर दिया
व्यक्तिगत स्वतंत्रता की पवित्र प्रकृति को रेखांकित करते हुए, जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने निवारक निरोध आदेश को रद्द कर दिया, इसे विवेक के अभाव तथा प्रक्रियागत चूक का परिणाम बताया। इस विषय पर अपने फैसले में जस्टिस मोहम्मद यूसुफ वानी ने कहा, “..सामान्य रूप से गिरफ्तारियां तथा विशेष रूप से निवारक निरोध, भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत गारंटीकृत सबसे प्रिय मौलिक अधिकार का अपवाद हैं। निवारक निरोध, हिरासत में लिए गए व्यक्ति के आचरण के संबंध में हिरासत में लेने वाले अधिकारी की...
झारखंड हाईकोर्ट ने मोटर दुर्घटना में 33 वर्षीय गृहिणी की मौत के लिए 'भविष्य की संभावनाओं' के तहत मुआवजा देने का आदेश दिया
सड़क दुर्घटना में मौके पर ही मरने वाली 33 वर्षीय महिला के परिवार को दिए जाने वाले मुआवजे में वृद्धि करते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने कहा कि परिवार में उसके योगदान के आकलन में भविष्य की संभावनाओं को भी शामिल किया जाना चाहिए। मोटर वाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण द्वारा दिए गए मुआवजे को 3,84,000 रुपये से संशोधित कर 5,69,600 रुपये करते हुए न्यायालय ने कहा कि मुआवजे की राशि का आकलन करते समय भविष्य की संभावना के रूप में आय का 40% जोड़ना उचित होगा। भविष्य की संभावनाओं के लिए मुआवजा देने के पहलू पर निर्णयों...
लखनऊ बेंच अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले पारिवारिक न्यायालय के मामलों के लिए स्थानांतरण याचिकाओं पर सुनवाई करने में सक्षम है, न कि मुख्य बेंच: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में आने वाले पारिवारिक न्यायालयों में लंबित मामलों से संबंधित स्थानांतरण आवेदन लखनऊ पीठ के समक्ष ही दायर किए जाने चाहिए, इलाहाबाद की मुख्य पीठ के समक्ष नहीं। जस्टिस क्षितिज शैलेंद्र की पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि लखनऊ पीठ अपने क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में आने वाले पारिवारिक न्यायालयों द्वारा पारित आदेशों के खिलाफ अपील सुनने के लिए सक्षम अपीलीय न्यायालय है, इसलिए ऐसे मामलों से संबंधित स्थानांतरण आवेदन केवल...
दिल्ली हाईकोर्ट ने जीवन ज्योति योजना के दावों के लिए मृतक व्यक्तियों का डेटा LIC के साथ साझा करने की मांग वाली जनहित याचिका खारिज की
दिल्ली हाईकोर्ट ने जनहित याचिका खारिज की, जिसमें गृह मंत्रालय को देश में मृतक व्यक्तियों का डेटाबेस जीवन बीमा निगम (LIC) को उपलब्ध कराने के लिए अनिवार्य करने की मांग की गई थी, जिससे मृतक पॉलिसीधारकों के परिवार के सदस्य या नामित व्यक्ति प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत लाभ का दावा कर सकें।जनहित याचिका में LIC को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) के सभी पॉलिसीधारकों को पॉलिसी दस्तावेज उपलब्ध कराने के निर्देश देने की मांग की गई थी। याचिका में गृह मंत्रालय (MHA) को सभी मृतक...
चूंकि अवार्ड एक मान्य डिक्री है, इसलिए निष्पादन कहीं भी शुरू किया जा सकता है, जहां डिक्री को निष्पादित किया जा सकता है: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट की जस्टिस नीरज तिवारी की पीठ ने पुष्टि की कि किसी अवॉर्ड को उसके निष्पादन के माध्यम से लागू करना देश में कहीं भी शुरू किया जा सकता है, जहां डिक्री निष्पादित की जा सकती है और न्यायालय से डिक्री का हस्तांतरण प्राप्त करने की कोई आवश्यकता नहीं है, जिसके पास मध्यस्थता कार्यवाही पर अधिकार क्षेत्र होगा। अदालत ने निर्णय में उल्लेख किया कि सुंदरम फाइनेंस लिमिटेड बनाम अब्दुल समद और अन्य 2018 में सर्वोच्च न्यायालय ने माना है कि मध्यस्थ न्यायाधिकरण द्वारा पारित अवॉर्ड को अधिनियम, 1996 की...
कलकत्ता हाईकोर्ट ने अथॉरिटी को PwD श्रेणी के तहत पात्रता के लिए UDID कार्ड में NEET उम्मीदवार की विकलांगता प्रतिशत पर विचार करने का निर्देश दिया
कलकत्ता हाईकोर्ट ने अधिकारियों को एक ऐसे अभ्यर्थी का पुनर्मूल्यांकन करने पर विचार करने का निर्देश दिया है, जो NEET (UG) 2024 परीक्षा में शामिल हुआ था और PwD श्रेणी के तहत पात्र होने की मांग कर रहा था। जस्टिस जय सेनगुप्ता की एकल पीठ ने अभ्यर्थी की याचिका पर सुनवाई की, जिसमें नामित विकलांगता NEET स्क्रीनिंग केंद्र, IPGME&R, कोलकाता द्वारा जारी विकलांगता प्रमाण पत्र को रद्द करने की मांग की गई थी, जिसमें याचिकाकर्ता की विकलांगता का मूल्यांकन 31% किया गया था, और अधिकारियों को याचिकाकर्ता के...
रिश्ते में आई दरार को सुधारा नहीं जा सकता, युगल को न्यायिक अलगाव के जरिए साथ रहने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने महिला को तलाक की अनुमति दी
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर पीठ ने एक महिला को तलाक की डिक्री पाने का हकदार पाते हुए कहा कि एक बार जब दंपति के बीच संबंध "पूरी तरह से टूटने" के कगार पर पहुंच गए हैं और पांच साल से अधिक समय से वे एक-दूसरे से दूर हैं, तो उन्हें साथ रहने के लिए मजबूर करने से "न्यायिक अलगाव" डिक्री देने से कोई फायदा नहीं होगा। ऐसा करते हुए हाईकोर्ट ने पारिवारिक न्यायालय के "गलत" दृष्टिकोण पर भी ध्यान दिया, जिसने पाया कि महिला के साथ क्रूरता की गई थी, लेकिन पुनर्मिलन की संभावना के आधार पर न्यायिक अलगाव का आदेश...
बिना पहचान परेड के न्यायालय में आरोपी की पहचान उसके अज्ञात चश्मदीद द्वारा करना विश्वसनीय नहीं: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हत्या के मामले में दोषी को बरी किया, क्योंकि अभियोजन पक्ष का मामला विश्वसनीय नहीं था तथा चश्मदीद गवाह की गवाही विश्वसनीय नहीं थी।जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस सुदीप्ति शर्मा की खंडपीठ ने कहा कि यदि आरोपी के अज्ञात चश्मदीद गवाह ने न्यायालय में बिना पहचान परेड के सीधे उसकी पहचान की तो यह विश्वसनीय नहीं है। न्यायालय ने यह भी कहा कि पुलिस को दिए गए बयान से पहले गवाह ने आरोपी की मुख्य विशेषताओं का वर्णन अवश्य किया होगा।यह टिप्पणियां वर्ष 2013 में हत्या के मामले में...
धारा 14, SARFAESI अधिनियम | डीएम/सीजेएम सुरक्षित संपत्ति पर कब्ज़ा करने और उसे सुरक्षित लेनदार को भेजने के लिए बाध्य: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि SARFAESI एक्ट, 2002 की धारा 14 के अनुसार, संबंधित जिला मजिस्ट्रेट या मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट का यह वैधानिक दायित्व है कि वह सुरक्षित परिसंपत्तियों और दस्तावेजों को अपने कब्जे में ले और ऐसी परिसंपत्तियों और दस्तावेजों को सुरक्षित लेनदार को भेजे। जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस बृज राज सिंह की पीठ ने स्पष्ट किया कि सुरक्षित लेनदार को अधिनियम, 2002 की धारा 14 के तहत आदेश प्राप्त करने के बाद आदेश को निष्पादित करवाने के लिए इधर-उधर या पुलिस कर्मियों के पास नहीं भागना चाहिए;...
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया, आयकर रिटर्न औसत वार्षिक वित्तीय कारोबार दस्तावेज़ से अलग
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने हाल ही में एक निर्णय में माना कि "टर्नओवर" और "आयकर रिटर्न" अलग-अलग हैं। उन्होंने कहा कि निविदा प्रक्रिया में बोली लगाने वाले को आयकल रिटर्न जमा करने से छूट देने से उसे निर्धारित वर्षों के लिए आईटीआर प्रस्तुत करने से छूट नहीं मिलेगी। जस्टिस माइकल ज़ोथनखुमा ने कहा, "वार्षिक टर्नओवर की रिपोर्टिंग का प्राथमिक उद्देश्य किसी कंपनी की राजस्व-उत्पादन क्षमता की स्पष्ट तस्वीर प्रदान करना है। यह अक्सर निविदा आवेदनों में बोली लगाने वाले की वित्तीय ताकत का आकलन करने के लिए एक...
एयरसेल मैक्सिस केस: दिल्ली हाईकोर्ट ने ED मामले में पी चिदंबरम के खिलाफ ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाई
दिल्ली हाईकोर्ट ने एयरसेल मैक्सिस मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीनियर कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम के खिलाफ ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर बुधवार को रोक लगाई।जस्टिस मनोज कुमार ओहरी ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा उनके खिलाफ दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लेने वाले ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली चिदंबरम की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।चिदंबरम ने अभियोजन के लिए मंजूरी न मिलने के आधार पर आदेश को चुनौती दी।उनका प्रतिनिधित्व सीनियर एडवोकेट एन. हरिहरन और एडवोकेट अर्शदीप सिंह...
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने गैंगस्टरों को मोबाइल फोन सप्लाई करने के आरोप में गिरफ्तार अधिकारी को अग्रिम जमानत देने से इनकार किया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा के कुरुक्षेत्र जेल के अंदर गैंगस्टरों को मोबाइल फोन सप्लाई करने के लिए उनसे रिश्वत लेने के आरोपी जेल अधीक्षक को अग्रिम जमानत देने से इनकार किया। रजिस्टर में प्रविष्टि किए बिना हार्ड कोर अपराधियों से मुलाकात की अनुमति दी। आरोप है कि जेल में बंद गैंगस्टरों और हार्ड कोर अपराधियों ने अवैध शराब बनाने की साजिश रची थी।अदालत ने इस दलील खारिज की कि जेल अधीक्षक के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17-A के प्रावधानों का पालन किए बिना जांच दर्ज की गई, क्योंकि...
[S. 498A IPC] दूसरी पत्नी सिर्फ़ इसलिए क्रूरता की दोषी नहीं, पति ने पहली पत्नी के जीवनकाल में उससे शादी की: कलकत्ता हाईकोर्ट
कलकत्ता हाईकोर्ट ने व्यक्ति की दूसरी पत्नी के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला खारिज किया जिसमें धारा 498A (क्रूरता), धारा 494, 406 और धारा 506 शामिल हैं। साथ ही दहेज निषेध अधिनियम की धारा 3/4 के तहत उसकी पहली पत्नी द्वारा दर्ज मामला भी खारिज कर दिया।जस्टिस शम्पा (दत्त) पॉल ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा,“IPC की धारा 494 के तहत आरोपित अपराध उस व्यक्ति पर लागू होता है, जिसने अपने जीवनसाथी के जीवनकाल में वैध विवाह में दूसरी बार विवाह किया। उक्त शिकायत में आरोपित कोई भी अपराध...
झारखंड न्यूनतम वेतन अधिसूचना के तहत कुशल राजमिस्त्री को अर्ध-कुशल श्रमिक के रूप में वर्गीकृत करने में MACT ने गलती की: हाईकोर्ट
झारखंड हाईकोर्ट ने मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (MACT) बोकारो द्वारा दिए गए मुआवजे की गणना में गलती को सुधारा है, जिसमें मृतक राजमिस्त्री की आय को झारखंड न्यूनतम वेतन अधिसूचना में वर्गीकरण के विपरीत अर्ध-कुशल श्रमिक के रूप में आंका गया।मामले की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस सुभाष चंद ने कहा,"ट्रिब्यूनल ने माना कि मृतक एक राजमिस्त्री था लेकिन मृतक की आय को 1 अक्टूबर 2019 से झारखंड न्यूनतम वेतन अधिसूचना के मद्देनजर अर्ध-कुशल श्रमिक के रूप में आंका गया, जो न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 है। झारखंड सरकार...
फिल्म 'देव डी ' को फिर से देखकर अपराध और युवा अपराध को समझना
जबकि सिनेमा (या अब ओटीटी) की अक्सर समाज पर बुरा प्रभाव डालने या कुछ दावों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने के लिए आलोचना की जाती है, फिर भी उनमें सच्चाई की कुछ झलक मिल सकती है। इस लेख में, लेखक ने शहरी भारत में युवा अपराध को समझने के लिए केस स्टडी के रूप में फिल्म 'देव डी' का विश्लेषण करने के लिए अपराध विज्ञान के क्षेत्र में 'जीवन पथ के विकास' (डीएलसी) सिद्धांत से सीख ली। 1917 के बंगाली उपन्यास 'देवदास' पर आधारित इस कहानी को कई नाटकों और फिल्मों में रूपांतरित किया गया है, जिसमें 'देव डी' उसी पर आधुनिक...