हाईकोर्ट

वैधानिक प्रक्रिया के माध्यम से आयु निर्धारित होने पर कर्मचारी की जन्मतिथि में सुधार की अनुमति नहीं दी जा सकती: कलकत्ता हाईकोर्ट
वैधानिक प्रक्रिया के माध्यम से आयु निर्धारित होने पर कर्मचारी की जन्मतिथि में सुधार की अनुमति नहीं दी जा सकती: कलकत्ता हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट के जज जस्टिस अनिरुद्ध रॉय की पीठ ने माना कि जब वैधानिक प्रक्रिया का उचित तरीके से पालन किया गया हो तो कोई भी प्रक्रियागत त्रुटि या कानून का गलत इस्तेमाल वास्तविक या लिपिकीय गलती नहीं मानी जाती। वर्तमान मामले में चूंकि याचिकाकर्ता की आयु उसकी नियुक्ति के समय लागू नियमों के अनुसार निर्धारित की गई, इसलिए जन्मतिथि में सुधार के उसके अनुरोध को अस्वीकार करना अवैध नहीं माना जा सकता।संक्षिप्त तथ्य:याचिकाकर्ता दामोदर घाटी निगम (DVC) के ग्रुप सी कर्मचारी हैं, जिन्हें 19 जून, 1995 को एक...

हाईकोर्ट की ऑनलाइन सुनवाई के दौरान पेश आया अजीब वाकिया, टॉयलेट सीट पर बैठा नजर आया पक्षकार
हाईकोर्ट की ऑनलाइन सुनवाई के दौरान पेश आया अजीब वाकिया, टॉयलेट सीट पर बैठा नजर आया पक्षकार

गुजरात हाईकोर्ट की एकल पीठ के समक्ष पिछले सप्ताह ऑनलाइन सुनवाई के दौरान एक शख्स टॉयलेट सीट पर बैठा हुआ नजर आया। यह घटना उस वक्त हुई जब जस्टिस निरज़ार एस देसाई 20 जून को चेक बाउंस मामले में FIR रद्द करने की याचिका पर सुनवाई कर रहे थे।यूट्यूब पर उपलब्ध वीडियो में दिखता है कि वह व्यक्ति बाद में बाथरूम से बाहर निकलता है और फिर किसी अन्य कमरे में बैठ जाता है।बताया जा रहा है कि यह व्यक्ति FIR में मूल शिकायतकर्ता है। FIR के आरोपी पक्षों ने हाईकोर्ट में आपसी समझौते के आधार पर FIR रद्द करने की मांग की...

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पंचायत चुनावों पर लगी रोक हटाई, नए आरक्षण नियमों के खिलाफ याचिकाओं पर राज्य से जवाब मांगा
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पंचायत चुनावों पर लगी रोक हटाई, नए आरक्षण नियमों के खिलाफ याचिकाओं पर राज्य से जवाब मांगा

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में राज्य में पंचायत चुनावों से संबंधित सभी कार्यवाही पर लगी रोक हटा दी।बता दें, इससे पहले 23 जून को चीफ जस्टिस जी नरेंद्र और जस्टिस आलोक मेहरा की खंडपीठ ने चुनावों पर रोक लगाते हुए कहा था कि राज्य सरकार नए प्रस्तावित रोटेशन-आधारित आरक्षण नियमों के बारे में गजट अधिसूचना जारी करने में विफल रही है।यह अंतरिम आदेश तब आया जब पीठ मौजूदा आरक्षण रोटेशन नीति को खत्म करने और तत्काल प्रभाव से नई नीति लागू करने के सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर...

मकान विध्वंश पर हाईकोर्ट सख्त, अफसरों को ढहाया घर फिर से बनाने का आदेश
मकान विध्वंश पर हाईकोर्ट सख्त, अफसरों को ढहाया घर फिर से बनाने का आदेश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में बागपत जिले के कलेक्टर उपजिलाधिकारी और तहसीलदार पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्होंने अंतरिम स्थगन आदेश के बावजूद एक महिला का मकान ढहा दिया। कोर्ट ने कहा कि राज्य के कार्यकारी अधिकारी विशेष रूप से पुलिस और सिविल प्रशासन के अधिकारी न्यायिक आदेशों की अवहेलना कर गर्व महसूस करते हैं।जस्टिस जे.जे. मुनीर की एकल पीठ ने टिप्पणी की,"ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य के कार्यकारी अधिकारियों खासकर पुलिस और सिविल प्रशासन में न्यायिक आदेशों की अवहेलना करने में एक तरह का गर्व महसूस...

दिल्ली हाईकोर्ट ने मेटा को नाबालिग की अश्लील तस्वीरें पोस्ट करने वाले फर्जी इंस्टाग्राम अकाउंट हटाने का निर्देश दिया
दिल्ली हाईकोर्ट ने मेटा को नाबालिग की अश्लील तस्वीरें पोस्ट करने वाले फर्जी इंस्टाग्राम अकाउंट हटाने का निर्देश दिया

15 वर्षीय नाबालिग लड़की की मदद करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार (25 जून) को मेटा को निर्देश दिया कि वह इंस्टाग्राम पर अश्लील तस्वीरें पोस्ट करने वाले फर्जी अकाउंट्स के खिलाफ कार्रवाई करे। मेटा इंस्टाग्राम की मालिक कंपनी है।जस्टिस मनोज जैन ने मेटा को यह भी निर्देश दिया कि वह इन फर्जी अकाउंट्स के पीछे मौजूद लोगों का विवरण उजागर करे।अदालत ने आदेश दिया,“प्रतिवादी नंबर 1 (मेटा) को निर्देश दिया जाता है कि वह प्रतिवादी नंबर 2 से 6 तक की बेसिक सब्सक्राइबर इन्फॉर्मेशन (BSI) जिसमें आईपी डिटेल्स शामिल...

जब दोनों पक्ष समान रूप से दोषी हों, तो कानून की ओर से हस्तक्षेप नहीं होगा : J&K हाईकोर्ट ने भूमि मुआवजा मामले में अपील खारिज की
जब दोनों पक्ष समान रूप से दोषी हों, तो कानून की ओर से हस्तक्षेप नहीं होगा : J&K हाईकोर्ट ने भूमि मुआवजा मामले में अपील खारिज की

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने पैरी डेलिक्टो के सिद्धांत को दोहराते हुए कहा कि जहां दोनों पक्ष अवैध समझौते में प्रवेश करने में समान रूप से दोषी हैं, वहां कानून उनके पारस्परिक अधिकारों और दायित्वों को निर्धारित करने में हस्तक्षेप नहीं करेगा। इस प्रकार जस्टिस सिंधु शर्मा और जस्टिस राजेश सेखरी की खंडपीठ ने पवन कुमार शर्मा नामक व्यक्ति द्वारा दायर लेटर्स पेटेंट अपील को खारिज कर दिया, जिसमें दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे के लिए अधिग्रहित भूमि के लिए दिए गए मुआवजे से संबंधित उनकी रिट याचिका...

कर्नाटक हाईकोर्ट ने वक्फ संपत्तियों पर टिप्पणी के लिए पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के खिलाफ FIR रद्द की
कर्नाटक हाईकोर्ट ने वक्फ संपत्तियों पर टिप्पणी के लिए पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के खिलाफ FIR रद्द की

कर्नाटक हाईकोर्ट ने शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के खिलाफ दर्ज दो आपराधिक मामलों को खारिज कर दिया, जिसमें उन पर किसानों और मंदिरों की संपत्तियों को कथित रूप से हड़पने में वक्फ बोर्ड और राज्य सरकार की कार्रवाई की निंदा करने के लिए आयोजित एक विरोध रैली के दौरान आपत्तिजनक बयान देने का आरोप लगाया गया था। जस्टिस एस आर कृष्ण कुमार ने बोम्मई द्वारा दायर याचिका को स्वीकार कर लिया और शिगगांव पुलिस स्टेशन द्वारा बीएनएस की धारा 196(1)(ए) के तहत शुरू की गई कार्यवाही को खारिज कर दिया।बोम्मई...

IPC 304B | मौत से कुछ दिन पहले पत्नी माता-पिता के घर पर थी, उत्पीड़न और मौत के बीच कोई संबंध नहीं: कलकत्ता हाईकोर्ट ने दोषसिद्धि खारिज की
IPC 304B | मौत से कुछ दिन पहले पत्नी माता-पिता के घर पर थी, उत्पीड़न और मौत के बीच कोई संबंध नहीं: कलकत्ता हाईकोर्ट ने दोषसिद्धि खारिज की

कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस प्रसेनजीत बिस्वास की पीठ ने माना कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304बी के तहत किसी व्यक्ति को दोषी ठहराने के लिए, यह निर्णायक रूप से साबित होना चाहिए कि मृतक पत्नी को उसकी मृत्यु से ठीक पहले दहेज की मांग के संबंध में क्रूरता या उत्पीड़न का सामना करना पड़ा था। यदि कथित क्रूरता या उत्पीड़न और मृत्यु के बीच एक महत्वपूर्ण अंतर है, तो दहेज मृत्यु के लिए आवश्यक आवश्यक कड़ी टूट जाती है, और आरोपी को इस प्रावधान के तहत उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता है। संक्षिप्त तथ्ययह...

MSME काउंसिल के पक्षकारों के बीच विवाद का निर्णय करने के लिए क्षेत्राधिकार घोषित करने के आदेश को केवल A&C एक्ट की धारा 34 के तहत चुनौती दी जा सकती है: उड़ीसा हाईकोर्ट
MSME काउंसिल के पक्षकारों के बीच विवाद का निर्णय करने के लिए क्षेत्राधिकार घोषित करने के आदेश को केवल A&C एक्ट की धारा 34 के तहत चुनौती दी जा सकती है: उड़ीसा हाईकोर्ट

उड़ीसा हाईकोर्ट के जस्टिस केआर महापात्रा की पीठ ने माना कि जब एमएसएमई परिषद सुलह कार्यवाही की समाप्ति के बाद मध्यस्थता शुरू करती है, तो विवाद का निपटारा करने के लिए अपने अधिकार क्षेत्र के बारे में परिषद द्वारा पारित किसी भी आदेश को केवल मध्यस्थता और सुलह अधिनियम की धारा 34 के तहत चुनौती दी जा सकती है। पीड़ित पक्ष MSMED अधिनियम के तहत पारित अवॉर्ड को रद्द करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 227 का हवाला नहीं दे सकता। संक्षिप्त तथ्यमैसर्स ओडिशा माइनिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड (ओएमसी) ने यह रिट याचिका दायर...

गुजरात हाईकोर्ट ने बलात्कार मामले में आसाराम बापू की अस्थायी जमानत 7 जुलाई तक बढ़ाई
गुजरात हाईकोर्ट ने बलात्कार मामले में आसाराम बापू की अस्थायी जमानत 7 जुलाई तक बढ़ाई

गुजरात हाईकोर्ट ने शुक्रवार (27 जून) को आसाराम बापू की अस्थायी जमानत 7 जुलाई तक बढ़ा दी। आसाराम बापू को गांधीनगर की सेशंस कोर्ट ने 2013 के बलात्कार मामले में दोषी ठहराया था और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। उनकी अस्थायी जमानत 30 जून को समाप्त होने वाली थी।जस्टिस ईलेश जे. वोरा और जस्टिस पी.एम. रावल की खंडपीठ ने कहा,"दोनों पक्षकारों की दलीलें सुनी गईं। मौजूदा मामले के विशेष तथ्यों को देखते हुए विशेष रूप से NALSA का प्रमाणपत्र प्राप्त करने की प्रक्रिया के चलते हम अस्थायी जमानत को 7 जुलाई तक...

राजस्व अधिकारी भूमि राजस्व अधिनियम की धारा 10 के तहत स्थानांतरण शक्तियों का प्रयोग करते समय गुण-दोष के आधार पर मामलों का निर्णय कर सकते हैं: J&K हाईकोर्ट
राजस्व अधिकारी भूमि राजस्व अधिनियम की धारा 10 के तहत स्थानांतरण शक्तियों का प्रयोग करते समय गुण-दोष के आधार पर मामलों का निर्णय कर सकते हैं: J&K हाईकोर्ट

जम्मू एवं कश्मीर भूमि राजस्व अधिनियम की धारा 10 के तहत वरिष्ठ राजस्व अधिकारियों को प्रदान की गई व्यापक विवेकाधीन शक्तियों को दोहराते हुए, जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि कलेक्टर, संभागीय आयुक्त और वित्तीय आयुक्त जैसे अधिकारियों को अधीनस्थ राजस्व अधिकारियों के समक्ष लंबित मामलों को वापस लेने और स्थानांतरित करने के अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए मामलों को गुण-दोष के आधार पर तय करने का कानूनी अधिकार है। जस्टिस मोक्ष खजूरिया काज़मी ने भागू राम और अन्य द्वारा दायर एक रिट...

धारा 187(3) BNSS | शस्त्र अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी प्राप्त किए बिना दायर आरोपपत्र अधूरा नहीं, कोई डिफ़ॉल्ट जमानत नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
धारा 187(3) BNSS | शस्त्र अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी प्राप्त किए बिना दायर आरोपपत्र अधूरा नहीं, कोई डिफ़ॉल्ट जमानत नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि शस्त्र अधिनियम, 1959 के तहत कोई अभियुक्त भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 187(3) के तहत केवल इस आधार पर डिफ़ॉल्ट जमानत नहीं मांग सकता कि उसके खिलाफ धारा 193(3) BNSS के तहत दायर आरोपपत्र में अभियोजन के लिए मंजूरी नहीं है। शस्त्र अधिनियम की धारा 39 के तहत मंजूरी धारा 25/27 के तहत अपराधों के लिए किसी व्यक्ति पर मुकदमा चलाने के लिए अनिवार्य है। ज‌स्टिस तेजस करिया ने माना कि यदि अभियोजन पक्ष द्वारा अपूर्ण आरोपपत्र दायर किया जाता है, तो यह डिफ़ॉल्ट जमानत...

जबलपुर के प्राइवेट स्कूलों में विशेष शिक्षकों की नियुक्ति की मांग वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस
जबलपुर के प्राइवेट स्कूलों में विशेष शिक्षकों की नियुक्ति की मांग वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने जबलपुर के प्राइवेट स्कूलों में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए विशेष शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर दायर जनहित याचिका पर केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया और जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया।एक्टिंग चीफ संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने कहा,“नोटिस जारी करें। प्रतिवादी नंबर 1 की ओर से पेश वकील और प्रतिवादी नंबर 2 से 4 की ओर से पेश एडवोकेट ने नोटिस स्वीकार कर लिया। प्रतिवादियों की ओर से पेश अधिवक्ताओं ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है।”यह जनहित याचिका...

लिव-इन रिलेशनशिप की अवधारणा मिडिल क्लास मूल्यों के विरुद्ध: इलाहाबाद हाईकोर्ट
लिव-इन रिलेशनशिप की अवधारणा मिडिल क्लास मूल्यों के विरुद्ध: इलाहाबाद हाईकोर्ट

विवाह का झूठा वादा करके महिला का यौन शोषण करने के आरोपी व्यक्ति को जमानत देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में टिप्पणी की कि लिव-इन रिलेशनशिप की अवधारणा “भारतीय मिडिल क्लास सोसाइटी में स्थापित कानून” के विरुद्ध है।जस्टिस सिद्धार्थ की पीठ ने न्यायालयों में पहुंचने वाले ऐसे मामलों की बढ़ती संख्या पर भी नाराजगी व्यक्त की।पीठ ने कहा:“सुप्रीम कोर्ट द्वारा लिव-इन-रिलेशनशिप को वैध बनाए जाने के बाद न्यायालय ऐसे मामलों से तंग आ चुका है। ये मामले न्यायालय में इसलिए आ रहे हैं, क्योंकि लिव-इन-रिलेशनशिप...

जरूरी चीजों की नकल कर ब्रांड अपनाना ईमानदारी नहीं: ट्रेडमार्क मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने पैराशूट हेयर ऑयल को अंतरिम राहत दी
जरूरी चीजों की नकल कर ब्रांड अपनाना ईमानदारी नहीं: ट्रेडमार्क मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने पैराशूट हेयर ऑयल को अंतरिम राहत दी

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मैरिको लिमिटेड के पक्ष में अंतरिम राहत देते हुए ज़ी हाइजीन प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और अन्य को लेबल, पैकेजिंग और बोतलों का उपयोग करने से रोक दिया, जो भ्रामक रूप से मैरिको के लोकप्रिय "पैराशूट," "पैराशूट एडवांस्ड," और "पैराशूट जैस्मीन" उत्पादों के पंजीकृत ट्रेडमार्क और ट्रेड ड्रेस के समान हैं।जस्टिस शर्मिला यू. देशमुख ने मैरिको के अंतरिम आवेदन को स्वीकार करते हुए कहा कि हालांकि प्रतिवादी के पास 'कोकोप्लस' के लिए एक पंजीकृत ट्रेडमार्क है, लेकिन वह उस पंजीकृत लेबल के तहत अपने...

पत्नी कमाने वाली हो तब भी उसे समान जीवन स्तर के लिए पति से भरण-पोषण का हक: बॉम्बे हाईकोर्ट
पत्नी कमाने वाली हो तब भी उसे समान जीवन स्तर के लिए पति से भरण-पोषण का हक: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि पत्नी कमा रही है इसका मतलब यह नहीं है कि उसे अपने पति के उसी जीवन स्तर के साथ समर्थन से वंचित किया जा सकता है, जिसकी वह अपनी शादी के बाद आदी थी।जस्टिस मंजूषा देशपांडे ने कहा कि इस मामले में पत्नी ने भले ही कमाई की लेकिन उसकी आय उसके खुद के गुजारा भत्ता के लिए पर्याप्त नहीं है क्योंकि उसे नौकरी के लिए रोजाना लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। जस्टिस देशपांडे ने 18 जून को पारित आदेश में कहा,"पत्नी को पति की आय से रखरखाव की अनुमति दी जानी चाहिए क्योंकि उसकी खुद की आय...

हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से मानव तस्करी से बचाई गई लड़कियों की कस्टडी में चूक पर मांगा जवाब
हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से मानव तस्करी से बचाई गई लड़कियों की कस्टडी में चूक पर मांगा जवाब

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से बुराड़ी इलाके में व्यावसायिक यौन शोषण रैकेट से बचाई गई आठ लड़कियों (नाबालिग और वयस्क) की हिरासत में अपनी कथित लापरवाही पर स्पष्टीकरण मांगा है। जस्टिस रविंदर डुडेजा ने गैर सरकारी संगठन जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन एलायंस की याचिका पर नोटिस जारी किया। संगठन ने कहा कि किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 31 के संदर्भ में एजेंसी को नाबालिग लड़कियों को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश करना चाहिए था। प्रावधान में कहा गया है कि सीडब्ल्यूसी के पास जरूरतमंद बच्चों की देखभाल,...