भर्ती प्रक्रिया में वेबसाइट पर दिए गए निर्देश भी विज्ञापन का अभिन्न हिस्सा: राजस्थान हाईकोर्ट

Amir Ahmad

25 Aug 2025 12:03 PM IST

  • भर्ती प्रक्रिया में वेबसाइट पर दिए गए निर्देश भी विज्ञापन का अभिन्न हिस्सा: राजस्थान हाईकोर्ट

    राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की अपील खारिज की, जिसमें आयोग ने असिस्टेंट प्रॉसिक्यूशन ऑफिसर (APO) पद के लिए आवेदन करने वाले उन उम्मीदवारों को परीक्षा में बैठने से रोकने की मांग की थी, जिन्होंने आवेदन की अंतिम तिथि तक अपनी विधि (लॉ) की डिग्री पूरी नहीं की थी बल्कि परीक्षा में सम्मिलित हो रहे थे।

    जस्टिस डॉ. पुष्पेंद्र सिंह भाटी और जस्टिस बिपिन गुप्ता की खंडपीठ ने सिंगल बेंच वह आदेश बरकरार रखा, जिसमें ऐसे उम्मीदवारों को परीक्षा में बैठने की अनुमति दी गई।

    RPSC का तर्क था कि भर्ती विज्ञापन में आवेदन की अंतिम तिथि तक सभी योग्यता पूरी होनी चाहिए थी, जैसा कि राजस्थान प्रॉसिक्यूशन सबऑर्डिनेट सर्विसेज रूल्स, 1978 के नियम 12 में प्रावधान है।

    अदालत ने इस तर्क को खारिज करते हुए कहा कि विज्ञापन में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि वेबसाइट पर दिए गए निर्देश विज्ञापन का अभिन्न हिस्सा होंगे। उन निर्देशों में यह साफ लिखा था कि 2024 में परीक्षा में सम्मिलित हो रहे अभ्यर्थी पात्र माने जाएंगे।

    अदालत ने कहा,

    “जब विज्ञापन का हिस्सा बनाकर यह प्रावधान स्पष्ट रूप से शामिल किया गया तो ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि नियमों में बाद में कोई बदलाव किया गया। इसलिए इस मामले में सिंगल जज का आदेश सही है और इसमें हस्तक्षेप का कोई कारण नहीं है।”

    साथ ही कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के संविधान पीठ के फैसले तेज प्रकाश पाठक बनाम राजस्थान हाईकोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि प्रशासनिक निर्देश केवल वहीं लागू हो सकते हैं, जहां विधिक नियम मौन हों लेकिन एक बार भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के बाद नियमों में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता।

    कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस मामले में कोई नियम बदला नहीं गया बल्कि विज्ञापन जारी होने से पहले ही ऑनलाइन निर्देशों में यह शर्त जोड़ दी गई। इसलिए यह निर्देश भी विज्ञापन का हिस्सा माने जाएंगे और बाध्यकारी होंगे।

    हाईकोर्ट ने RPSC की अपील खारिज करते हुए उम्मीदवारों को परीक्षा में सम्मिलित होने की अनुमति देने वाला सिंगल जज का आदेश बरकरार रखा।

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