हाईकोर्ट

राजस्व अधिकारियों की ओर से की गई प्रक्रियात्मक चूक हिमाचल प्रदेश नौवहन नियमों के तहत प्राप्त मूल अधिकारों को विफल नहीं कर सकती: HP हाईकोर्ट
राजस्व अधिकारियों की ओर से की गई प्रक्रियात्मक चूक हिमाचल प्रदेश नौवहन नियमों के तहत प्राप्त मूल अधिकारों को विफल नहीं कर सकती: HP हाईकोर्ट

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने माना कि राजस्व प्राधिकारी द्वारा की गई प्रक्रियात्मक चूक किसी पक्षकार को प्राप्त मूल अधिकारों को नष्ट नहीं कर सकती। न्यायालय ने कहा कि अभिलेखों को अद्यतन करने में राजस्व प्राधिकारियों की प्रक्रियात्मक चूक के कारण, याचिकाकर्ता, जो एक पूर्व सैनिक है, को हिमाचल प्रदेश नौवहन भूमि नियम, 1968 के तहत उसे आवंटित वन भूमि पर उसके अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता।जस्टिस विवेक सिंह ठाकुर ने कहा,"वादी का मामला यह है कि राजस्व प्राधिकारियों द्वारा राजस्व अभिलेखों को अद्यतन करने में...

प्रतिकूल कब्ज़ा वंशानुगत अधिकार: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पति की मृत्यु के बाद पत्नी का दावा बरकरार रखा
'प्रतिकूल कब्ज़ा वंशानुगत अधिकार': हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पति की मृत्यु के बाद पत्नी का दावा बरकरार रखा

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पति की मृत्यु के बाद पत्नी के प्रतिकूल कब्जे के दावे को बरकरार रखते हुए कहा कि वह राजस्व रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराने की हकदार है। जस्टिस विवेक सिंह ठाकुर ने कहा, "राजस्व रिकॉर्डों में दर्ज प्रविष्टियां दर्शाती हैं कि अनाधिकृत कब्जा 1963 से ही राज्य के संज्ञान में था और राजस्व एजेंसी की जानकारी में होने के बावजूद बिना किसी रुकावट, हस्तक्षेप या आपत्ति के 30 वर्षों तक प्रतिकूल कब्जे की अवधि पूरी होने के बाद, गुरदास को अपने जीवनकाल में प्रतिकूल कब्जे के आधार पर...

लॉरेंस बिश्नोई का जेल से साक्षात्कार | P&H हाईकोर्ट ने पॉलीग्राफ टेस्ट की अनुमति के खिलाफ दायर पुलिस अधिकारियों की याचिका खारिज की
लॉरेंस बिश्नोई का जेल से साक्षात्कार | P&H हाईकोर्ट ने पॉलीग्राफ टेस्ट की अनुमति के खिलाफ दायर पुलिस अधिकारियों की याचिका खारिज की

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पुलिस अधिकारियों की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने जेल से लॉरेंस बिश्नोई के ‌लिए गए इंटरव्यू मामले में उन पर पॉलीग्राफ परीक्षण की अनुमति संबंधी आदेश को चुनौती दी थी। उल्लेखनीय है कि गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का पंजाब के खरड़ स्थित सीआईए स्टाफ थाने में हिरासत के दरमियान एक साक्षात्कार लिया गया था, जिस पर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था। जिसके बाद जेल अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।ज‌स्टिस एनएस शेखावत ने कहा,"सभी याचिकाकर्ताओं को उनके वकील...

हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ आपराधिक मानहानि ट्रायल पर लगाई रोक
हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ आपराधिक मानहानि ट्रायल पर लगाई रोक

कर्नाटक हाईकोर्ट ने शुक्रवार को अंतरिम आदेश जारी करते हुए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ओर से दायर आपराधिक मानहानि मामले में ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगा दी।जस्टिस एस. आर. कृष्ण कुमार की एकल पीठ ने प्रतिवादी को नोटिस जारी करते हुए ट्रायल कोर्ट में लंबित कार्यवाही पर रोक लगाने का आदेश दिया।मुख्यमंत्री की ओर से एडवोकेट जनरल शशि किरण शेट्टी ने अदालत को सूचित किया कि यह वही अपराध है, जिसमें इससे पहले 4 जुलाई को डिप्टी सीएम डी.के. शिवकुमार के खिलाफ ट्रायल कोर्ट...

दिल्ली भवन को लेकर किरायेदार नहीं कर सकते विरोध, जीवन की सुरक्षा किरायेदारी अधिकारों से अधिक महत्वपूर्ण: इलाहाबाद हाईकोर्ट
दिल्ली भवन को लेकर किरायेदार नहीं कर सकते विरोध, जीवन की सुरक्षा किरायेदारी अधिकारों से अधिक महत्वपूर्ण: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि जर्जर भवन में रह रहे किरायेदारों के जीवन को खतरे से बचाना उत्तर प्रदेश नगरीय परिसरों का किरायेदारी विनियमन अधिनियम, 2021 के तहत उनके किरायेदारी अधिकारों की तुलना में अधिक प्राथमिकता रखता है।जस्टिस अश्विनी कुमार मिश्रा और जस्टिस जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने कहा,“किरायेदार उस भवन के शीघ्र ध्वस्तीकरण (डिमोलिशन) का विरोध नहीं कर सकते, विशेष रूप से तब जब संबंधित प्राधिकरणों ने स्थल का निरीक्षण कर यह पाया हो कि भवन को गिराना अनिवार्य है। वर्ष 1959 के अधिनियम के तहत...

ओल्ड मोंक ब्रांड के मालिकों द्वारा ट्रेडमार्क उल्लंघन मुकदमे में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने ओल्ड मिस्ट कॉफी फ्लेवर्ड रम की बिक्री पर रोक लगाई
ओल्ड मोंक ब्रांड के मालिकों द्वारा ट्रेडमार्क उल्लंघन मुकदमे में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने ओल्ड मिस्ट कॉफी फ्लेवर्ड रम की बिक्री पर रोक लगाई

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने ओल्ड मोंक और ओल्ड मोंक कॉफी ब्रांड का मालिक मोहन मीकिन लिमिटेड के पक्ष में एकपक्षीय अंतरिम आदेश पारित करते हुए एस्टन रोमन ब्रेवरी एंड डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड को ओल्ड मिस्ट नाम से कॉफी फ्लेवर्ड रम बेचने से अगले आदेश तक रोक लगाR। कोर्ट ने पाया कि प्रतिवादी का उत्पाद वादी के रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क से काफी हद तक समान है।जस्टिस अजय मोहन गोयल ने कहा,“प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि प्रतिवादी द्वारा वादी के ट्रेडमार्क का उल्लंघन किया गया, क्योंकि प्रतिवादी का उत्पाद वादी...

भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले अपराध को लागू करने से पहले उचित सावधानी बरतनी चाहिए: इलाहाबाद हाईकोर्ट
भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले अपराध को लागू करने से पहले उचित सावधानी बरतनी चाहिए: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 152 को लागू करने से पहले उचित सावधानी और एक समझदार व्यक्ति के मानकों का पालन किया जाना चाहिए, जो भारत की संप्रभुता एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कथित कृत्यों को आपराधिक बनाती है।न्यायालय ने आगे कहा कि सोशल मीडिया पर बोले गए शब्द या पोस्ट भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अंतर्गत आते हैं, इसलिए इन्हें संकीर्ण रूप से नहीं समझा जाना चाहिए, जब तक कि वे ऐसी प्रकृति के न हों, जो किसी देश की संप्रभुता और अखंडता को प्रभावित करते हों या...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश में अपराध स्थल जांच की SOP की समीक्षा हेतु स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका दर्ज की
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश में अपराध स्थल जांच की SOP की समीक्षा हेतु स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका दर्ज की

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्त्वपूर्ण आदेश में उत्तर प्रदेश में अपराध स्थलों की जांच के लिए अपनाई जा रही मानक प्रक्रियाओं (Standard Operating Procedure - SOP) की समीक्षा और सुधार हेतु एक अलग आपराधिक जनहित याचिका (Criminal PIL) दायर करने का निर्देश दिया।जस्टिस संगीता चंद्रा और जस्टिस बृजराज सिंह की खंडपीठ ने आदेश में कहा,"हम इस मत पर हैं कि उत्तर प्रदेश राज्य में अपराध स्थल जांच के लिए जो मानक संचालन प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए, उसके संदर्भ में, ताकि अभियोजन की प्रक्रिया बार-बार विफल न हो, एक अलग...

एडमिशन फॉर्म में जमा करने के बाद कोई बदलाव स्वीकार्य नहीं, प्रतियोगी परीक्षाएं शीघ्रता से पूरी होनी चाहिए: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
एडमिशन फॉर्म में जमा करने के बाद कोई बदलाव स्वीकार्य नहीं, प्रतियोगी परीक्षाएं शीघ्रता से पूरी होनी चाहिए: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि किसी एडमिशन फॉर्म में एक बार जमा करने के बाद कोई भी बदलाव की अनुमति नहीं दी जा सकती विशेष रूप से प्रतियोगी परीक्षाओं के संदर्भ में। न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि चयन प्रक्रिया का शीघ्र निष्पादन सुनिश्चित करना आवश्यक है।कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उस एडमिशन पॉलिसी को चुनौती दी गई थी, जिसमें आवेदन फॉर्म जमा करने के बाद उसमें किसी भी प्रकार के बदलाव की अनुमति नहीं दी जाती।चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी की खंडपीठ ने...

किसी घटना या भारत का उल्लेख किए बिना केवल पाकिस्तान का समर्थन करना BNS की धारा 152 के अंतर्गत नहीं आता: इलाहाबाद हाईकोर्ट
किसी घटना या भारत का उल्लेख किए बिना केवल पाकिस्तान का समर्थन करना BNS की धारा 152 के अंतर्गत नहीं आता: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को कहा कि किसी घटना का उल्लेख किए बिना या भारत का नाम लिए बिना केवल पाकिस्तान का समर्थन करना, प्रथम दृष्टया, भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 152 के तहत अपराध नहीं बनता है, जो भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्यों को दंडित करती है।जस्टिस अरुण कुमार सिंह देशवाल की पीठ ने यह टिप्पणी एक 18 वर्षीय लड़के [रियाज़] को ज़मानत देते हुए की। रियाज़ पर BNS की धारा 152 और धारा 196 के तहत कथित तौर पर एक इंस्टाग्राम स्टोरी पोस्ट करने का आरोप है।इस स्टोरी...

[Companies Act] कर्जदार कंपनी समापन कार्यवाही में पहली बार अपनी देनदारी का विरोध नहीं कर सकती: बॉम्बे हाईकोर्ट
[Companies Act] कर्जदार कंपनी समापन कार्यवाही में पहली बार अपनी देनदारी का विरोध नहीं कर सकती: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने ऐसी कंपनी के समापन के खिलाफ अपील खारिज की, जिसने सरकारी उद्यम को देय राशि का भुगतान नहीं किया था और जिसकी कोई व्यावसायिक गतिविधि या संपत्ति नहीं चल रही थी। न्यायालय ने कंपनी के इस तर्क को खारिज कर दिया कि लोन को लेकर "वास्तविक विवाद" था। साथ ही कहा कि कंपनी की आपत्तियां बाद में उठाई गईं और भुगतान करने में उसकी असमर्थता पूरी तरह से स्थापित थी।जस्टिस एम.एस. सोनक और जस्टिस जितेंद्र जैन की खंडपीठ मेसर्स बेसीन मेटल्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी। लिमिटेड ने...

जेएंडके हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने और FIR के 8 महीने बाद 69 वर्षीय बुजुर्ग को गिरफ्तार करने के मामले में पुलिसकर्मी के खिलाफ अवमानना ​​नोटिस जारी किया
जेएंडके हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने और FIR के 8 महीने बाद 69 वर्षीय बुजुर्ग को गिरफ्तार करने के मामले में पुलिसकर्मी के खिलाफ अवमानना ​​नोटिस जारी किया

जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी संबंधी दिशानिर्देशों पर अर्नेश कुमार बनाम बिहार राज्य, 2014 के ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से निर्धारित निर्देशों का उल्लंघन करने पर एक पुलिस अधिकारी को कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने मामूली अपराधों से जुड़े एक मामले में अनधिकृत गिरफ्तारी के लिए उनके खिलाफ अदालत की अवमानना ​​की कार्यवाही शुरू की, जिसमें एक 69 वर्षीय व्यक्ति को आरोपी बनाया गया था।अदालत ने पाया कि प्रतिवादी पुलिस अधिकारी ने अर्नेश कुमार मामले में व्याख्या की गई सीआरपीसी की धारा 41...

पुलिस स्थापना समिति की सिफारिश के बिना राज्य पुलिस अधिकारियों का स्थानांतरण नहीं कर सकता: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
पुलिस स्थापना समिति की सिफारिश के बिना राज्य पुलिस अधिकारियों का स्थानांतरण नहीं कर सकता: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पुलिस तबादलों के लिए वैधानिक सुरक्षा उपायों को सुदृढ़ करते हुए, एक उप-मंडल पुलिस अधिकारी का तबादला रद्द कर दिया और कहा कि ऐसे तबादले पुलिस स्थापना समिति की सिफारिशों पर ही किए जाने चाहिए और राज्य सरकार इस अनिवार्य प्रक्रिया को दरकिनार नहीं कर सकती। न्यायालय ने कहा कि तबादले हिमाचल प्रदेश पुलिस अधिनियम, 2012 की धारा 12 और 56 के अनुसार होंगे और प्रकाश सिंह एवं अन्य बनाम यूनियन ऑफ इंडिया एवं अन्य, 2006 में दिए गए सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों का पालन करना होगा। ...

संवैधानिक न्यायालय अन्याय को रोकने के लिए राहत प्रदान कर सकते हैं: कलकत्ता हाईकोर्ट ने CAPF चयन में उम्मीदवारी की अस्वीकृति को खारिज किया
'संवैधानिक न्यायालय अन्याय को रोकने के लिए राहत प्रदान कर सकते हैं': कलकत्ता हाईकोर्ट ने CAPF चयन में उम्मीदवारी की अस्वीकृति को खारिज किया

कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस अनिरुद्ध रॉय की पीठ ने कहा है कि अनुच्छेद 226 के तहत संवैधानिक न्यायालय यह सुनिश्चित करने के लिए बाध्य है कि कोई भी नागरिक अपने कानूनी और संवैधानिक अधिकारों से वंचित न रहे, जिनका वह हकदार है। इसलिए, यह सुनिश्चित करने के लिए कि नागरिकों के साथ कोई अन्याय न हो, न्यायालय को किसी विशेष मामले के तथ्यों और परिस्थितियों के आलोक में राहत देने का अधिकार है। वर्तमान मामले में, चिकित्सा आधार पर याचिकाकर्ता की उम्मीदवारी को खारिज करने के फैसले को खारिज कर दिया गया। याचिकाकर्ता ने...

BREAKING | हाईकोर्ट ने उदयपुर फाइल्स फिल्म की रिलीज़ पर लगाई रोक, केंद्र से फैसला लेने को कहा
BREAKING | हाईकोर्ट ने 'उदयपुर फाइल्स' फिल्म की रिलीज़ पर लगाई रोक, केंद्र से फैसला लेने को कहा

दिल्ली हाईकोर्ट ने विवादास्पद फिल्म "उदयपुर फाइल्स: कन्हैया लाल टेलर मर्डर" की रिलीज़ पर रोक लगा दी। इस रोक के साथ ही इस्लामी धर्मगुरुओं के संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद और अन्य याचिकाकर्ताओं को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) द्वारा फिल्म के लिए दिए गए प्रमाणन के खिलाफ केंद्र सरकार से संशोधन का अनुरोध करने की अनुमति मिल गई।बता दें, केंद्र सरकार जब तक याचिकाकर्ता की संशोधन याचिका पर अंतरिम राहत पर फैसला नहीं ले लेती, तब तक हाईकोर्ट ने फिल्म की रिलीज़ पर रोक लगा दी। यह फिल्म उदयपुर के दर्जी...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने सिनेमा मालिकों को ऑनलाइन फिल्म टिकटों पर सर्विस चार्ज लगाने से रोकने वाला आदेश किया रद्द
बॉम्बे हाईकोर्ट ने सिनेमा मालिकों को ऑनलाइन फिल्म टिकटों पर सर्विस चार्ज लगाने से रोकने वाला आदेश किया रद्द

बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में गुरुवार को 4 अप्रैल, 2013 और 18 मार्च, 2014 को जारी दो सरकारी आदेशों (GO) को रद्द कर दिया, जिनके तहत महाराष्ट्र सरकार ने सिनेमा मालिकों को ऑनलाइन टिकटों पर सेवा शुल्क या सुविधा शुल्क लगाने से प्रतिबंधित कर दिया था।जस्टिस महेश सोनक और जस्टिस जितेंद्र जैन की खंडपीठ ने कहा कि उक्त GO किसी भी पेशे को अपनाने के अधिकार का उल्लंघन करते हैं।खंडपीठ ने आदेश में कहा,"हमारा मानना ​​है कि विवादित GO ने थिएटर मालिकों और अन्य लोगों को अपने ग्राहकों से सुविधा शुल्क...

सद्भावना के आधार पर बेदखली के लिए लगातार याचिकाएं वर्जित नहीं, भले ही इसी आधार पर पहले दायर किया गया मुकदमा खारिज कर दिया गया हो: राजस्थान हाईकोर्ट
सद्भावना के आधार पर बेदखली के लिए लगातार याचिकाएं वर्जित नहीं, भले ही इसी आधार पर पहले दायर किया गया मुकदमा खारिज कर दिया गया हो: राजस्थान हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि बेदखली के लिए दायर याचिका वर्जित नहीं मानी जा सकती, भले ही आवश्यकता के प्रश्न पर मकान मालिक के विरुद्ध पहले भी निर्णय हो चुका हो, इस आधार पर कि मकान मालिक को भविष्य में कभी भी सद्भावना और वास्तविक आवश्यकता नहीं होगी।जस्टिस अनूप कुमार ढांड की पीठ बेदखली के लगातार मुकदमे के खिलाफ चुनौती पर सुनवाई कर रही थी। याचिकाकर्ता का तर्क था कि पहले भी एक बार मकान मालिक ने साड़ी की दुकान चलाने की आवश्यकता के आधार पर बेदखली का मुकदमा दायर किया, जिसे खारिज कर दिया गया। अब फिर से टूर...

नई आबकारी नीति के प्रावधान केवल नए आवेदनों पर लागू होंगे, पहले से मौजूद गोदामों पर नहीं: राजस्थान हाईकोर्ट
नई आबकारी नीति के प्रावधान केवल नए आवेदनों पर लागू होंगे, पहले से मौजूद गोदामों पर नहीं: राजस्थान हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट ने शराब लाइसेंस धारक द्वारा दायर याचिका खारिज की। इस याचिका में उसने आशंका जताई थी कि राजस्थान आबकारी एवं विधिक संयम नीति 2024-25 में संशोधन के कारण उसका लाइसेंस नवीनीकृत नहीं किया जाएगा। न्यायालय ने कहा कि याचिका समय से पहले ही दायर की जा चुकी है और नई नीति के तहत नवीनीकरण न मिलने की आशंका मात्र याचिका को बनाए रखने के लिए पर्याप्त नहीं है।जस्टिस चंद्रशेखर और जस्टिस संदीप शाह की खंडपीठ ने कहा कि यह सर्वमान्य है कि नई नीति भविष्य में भी लागू रहेगी और पुरानी नीति के तहत वैध तरीके...