हाईकोर्ट

विदेशी विवाह अधिनियम के तहत पंजीकृत नहीं होने वाली शादियां अमान्य नहीं हैं, बल्कि शासित पक्षों के पर्सनल लॉ के आधार पर वैध हो सकती हैं: कर्नाटक हाईकोर्ट
विदेशी विवाह अधिनियम के तहत पंजीकृत नहीं होने वाली शादियां अमान्य नहीं हैं, बल्कि शासित पक्षों के पर्सनल लॉ के आधार पर वैध हो सकती हैं: कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा कि विदेशी विवाह अधिनियम, 1969 के प्रावधानों की व्याख्या उद्देश्यपूर्ण और समावेशी तरीके से की जानी चाहिए, ताकि प्रक्रियागत अनियमितताओं के कारण वास्तविक संबंधों को कानूनी संरक्षण से वंचित न किया जाए। जस्टिस रामचंद्र डी हुद्दार ने आगे स्पष्ट किया कि"भले ही कोई विवाह विदेशी विवाह अधिनियम, 1969 के तहत पंजीकृत न हो, फिर भी उसे अंतरिम उद्देश्यों के लिए भारतीय कानून के तहत वैध विवाह माना जा सकता है, खासकर जब विवाह का दावा करने वाला पक्ष फोटो, निवास प्रमाण, संयुक्त खाता या...

NDPS Act | गवाहों की अनुपस्थिति में आरोपी को अनिश्चित काल तक हिरासत में रखना शक्ति का दुरुपयोग: P&H हाईकोर्ट ने जमानत दी
NDPS Act | गवाहों की अनुपस्थिति में आरोपी को अनिश्चित काल तक हिरासत में रखना शक्ति का दुरुपयोग: P&H हाईकोर्ट ने जमानत दी

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने NDPS Act के एक वाणिज्यिक मात्रा से जुड़े मामले में ज़मानत देते हुए कहा कि "अभियोजन पक्ष की लापरवाही के कारण किसी अभियुक्त को अनिश्चित काल तक हिरासत में रखना प्रक्रिया का दुरुपयोग है।" आरोपी 2 साल और 3 महीने तक हिरासत में रहा, जिसमें NDPS Act के तहत 'व्यावसायिक मात्रा' के रूप में वर्गीकृत 1.540 किलोग्राम ट्रामाडोल बरामद किया गया था। चूंकि आरोप मार्च 2023 में तय किए गए थे, इसलिए अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत 16 गवाहों में से केवल 03 से ही पूछताछ की गई।जस्टिस मंजरी...

उपभोक्ता फोरम संक्षिप्त निर्णय का सहारा नहीं ले सकता, उसे दावेदार के मामले का खंडन करने की अनुमति देनी चाहिए: जेएंड के हाईकोर्ट
उपभोक्ता फोरम "संक्षिप्त निर्णय" का सहारा नहीं ले सकता, उसे दावेदार के मामले का खंडन करने की अनुमति देनी चाहिए: जेएंड के हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट ने उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित एक आदेश को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि यह "बिना किसी कारण के" पारित किया गया था और बीमा कंपनी को दावेदार के बयान का खंडन करने के लिए साक्ष्य प्रस्तुत करने का अवसर दिए बिना पारित किया गया था। यह मामला एक बीमित व्यक्ति की मृत्यु से संबंधित बीमा दावे से संबंधित था, जहां बीमा कंपनी ने प्राथमिक आपत्तियां उठाईं कि दावेदार ने अपनी पुरानी हृदय रोग की जानकारी छिपाई थी। हालांकि, उपभोक्ता आयोग ने इस बिंदु पर गवाह पेश करने के अपने अधिकार को समाप्त कर...

संदिग्ध को जीवन के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता, राज्य और न्यायालयों का दायित्व है कि इसका उल्लंघन न हो: बॉम्बे हाईकोर्ट
संदिग्ध को जीवन के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता, राज्य और न्यायालयों का दायित्व है कि इसका उल्लंघन न हो: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने शुक्रवार को कहा कि किसी संदिग्ध व्यक्ति को जिसे जांच में आरोपी बनाया जाना है, जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार की गारंटी से वंचित नहीं किया जा सकता। यह सुनिश्चित करना राज्य और न्यायालयों का दायित्व है कि इस अक्षम्य अधिकार का उल्लंघन न हो।जस्टिस उर्मिला जोशी-फाल्के की एकल पीठ ने सूर्यास्त के बाद गिरफ्तार की गई महिला को ज़मानत देते हुए कहा कि पुलिस को दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) के प्रावधानों का पालन करना चाहिए, जो बताता है कि किसी व्यक्ति को उसकी स्वतंत्रता से किस...

अपील स्तर पर नए सिरे से साक्ष्य इकट्ठा करने के लिए लोक आयुक्त नियुक्त नहीं किया जा सकता: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
अपील स्तर पर नए सिरे से साक्ष्य इकट्ठा करने के लिए लोक आयुक्त नियुक्त नहीं किया जा सकता: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि सिविल प्रक्रिया संहिता (CPC) के आदेश 26 नियम 9 के तहत केवल नए साक्ष्य जुटाने के उद्देश्य से अपीलीय स्तर पर लोक आयुक्त (Local Commissioner) की नियुक्ति नहीं की जा सकती खासकर तब जब पक्षकार ने ट्रायल के दौरान साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किए या चुनौती नहीं दी हो।जस्टिस विवेक सिंह ठाकुर ने कहा,“आदेश 26 नियम 9 के तहत लोक आयुक्त की नियुक्ति का उपयोग न्यायालय द्वारा किसी पक्ष के पक्ष या विपक्ष में साक्ष्य एकत्रित करने के लिए एक सुविधादाता के रूप में नहीं किया जा...

हाईकोर्ट ने जबलपुर की सागर झील पर अवैध अतिक्रमण और खनन के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया
हाईकोर्ट ने जबलपुर की सागर झील पर अवैध अतिक्रमण और खनन के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 10 जुलाई (गुरुवार) को जबलपुर की बुढ़ान सागर झील में कथित अवैध अतिक्रमण और खनन को हटाने व रोकने के निर्देश देने की मांग वाली जनहित याचिका (PIL) पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया। यह झील शहर के सबसे बड़े मीठे पानी के जलाशयों में से एक मानी जाती है।एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय साराफ की खंडपीठ ने सुनवाई के बाद आदेश में कहा,“नोटिस जारी किया जाए। प्रतिवादियों की ओर से पेश वकील द्वारा नोटिस स्वीकार कर लिया गया, जो निर्देश प्राप्त करने के लिए समय की मांग करते...

वेतन को मनमाने ढंग से रोकना अनुच्छेद 14 का उल्लंघन; J&K हाईकोर्ट ने सरकार को पूरे हो चुके कामों के लिए लघु उद्योगों को लंबित भुगतान जारी करने का निर्देश दिया
"वेतन को मनमाने ढंग से रोकना अनुच्छेद 14 का उल्लंघन"; J&K हाईकोर्ट ने सरकार को पूरे हो चुके कामों के लिए लघु उद्योगों को लंबित भुगतान जारी करने का निर्देश दिया

श्रीनगर स्थित जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने लघु औद्योगिक इकाइयों के अधिकारों को सुदृढ़ करते हुए दोहराया कि पूर्ण हो चुके कार्यों के भुगतान को मनमाने ढंग से रोकना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है। जस्टिस वसीम सादिक नरगल की पीठ ने केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन और संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि वे सरकार द्वारा सौंपे गए कार्यों के निष्पादन हेतु पंजीकृत लघु औद्योगिक (एसएसआई) इकाई को लंबे समय से लंबित बकाया राशि जारी करें।एसएसआई इकाई की याचिका को स्वीकार करते हुए, जस्टिस नरगल...

फ़ैमिली कोर्ट में काउंसलर नियुक्त करना अनिवार्य, न करने पर फैमिली कोर्ट अधिनियम की धारा 9 का उल्लंघन होगा: पटना हाईकोर्ट
फ़ैमिली कोर्ट में काउंसलर नियुक्त करना अनिवार्य, न करने पर फैमिली कोर्ट अधिनियम की धारा 9 का उल्लंघन होगा: पटना हाईकोर्ट

पटना हाईकोर्ट ने माना है कि फ़ैमिली कोर्ट में परामर्शदाताओं की नियुक्ति न होने के परिणामस्वरूप मामलों को सुलह में नहीं भेजा जाना फ़ैमिली कोर्ट अधिनियम, 1984 की धारा 9 और उसके तहत बनाए गए नियमों का उल्लंघन है।जस्टिस बिबेक चौधरी ने कहा कि जहां फ़ैमिली कोर्ट (पटना हाईकोर्ट) नियम, 2000 का उल्लंघन हुआ है, वहां न्याय की प्रतिकूल प्रक्रिया नहीं अपनाई जा सकती. "यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि फ़ैमिली कोर्ट अधिनियम, 1984 की धारा 9 और उपरोक्त नियमों का अनुपालन बाध्य है। यदि सरकार द्वारा नियुक्त और कुटुंब...

SEBI की वार्षिक रिपोर्ट RTI की धारा 11 की प्रक्रिया के बिना सार्वजनिक नहीं की जा सकती: बॉम्बे हाईकोर्ट
'SEBI की वार्षिक रिपोर्ट RTI की धारा 11 की प्रक्रिया के बिना सार्वजनिक नहीं की जा सकती': बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि RTI Act, 2005 के तहत एनएसई और बीएसई जैसे स्टॉक एक्सचेंजों सहित तीसरे पक्ष से संबंधित किसी भी जानकारी का खुलासा करने से पहले, संबंधित प्राधिकरण को अधिनियम की धारा 11 में निर्धारित अनिवार्य प्रक्रिया का सख्ती से पालन करना चाहिए।जस्टिस एमएस सोनक और जस्टिस जितेंद्र जैन की खंडपीठ ने पारदर्शिता कार्यकर्ता सुभाष चंद्र अग्रवाल द्वारा दायर एक आरटीआई आवेदन से उत्पन्न रिट याचिकाओं के एक बैच में यह फैसला सुनाया, जिसमें सेबी द्वारा जनहित निदेशकों की नियुक्ति और बीएसई, एनएसई और...

अगर बाइक टैक्सी चल सकती हैं तो उन्हें ऐप से जोड़ने की भी इजाजत मिलनी चाहिए: उबर ने कर्नाटक हाईकोर्ट में कहा
अगर बाइक टैक्सी चल सकती हैं तो उन्हें ऐप से जोड़ने की भी इजाजत मिलनी चाहिए: उबर ने कर्नाटक हाईकोर्ट में कहा

उबर इंडिया, रैपिडो और ओला जैसे विभिन्न बाइक टैक्सी एग्रीगेटर्स द्वारा राज्य में बाइक टैक्सियों के चलने पर राज्य सरकार के प्रतिबंध को बरकरार रखने के एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ अपील करते हुए उबर इंडिया ने आज कर्नाटक उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया कि यदि मोटरसाइकिल कानूनी रूप से टैक्सी के रूप में काम कर सकती है, तो उनके एकत्रीकरण को अस्वीकार करने का कोई औचित्य नहीं है।कंपनी ने कार्यवाहक चीफ़ जस्टिस वी कामेश्वर राव और जस्टिस सीएम जोशी की खंडपीठ के समक्ष कहा कि एग्रीगेटर अंतिम मील...

[Recruitment Scam] कलकत्ता हाईकोर्ट ने दागी उम्मीदवारों को नए सिरे से आवेदन करने से रोकने का आदेश बरकरार रखा
[Recruitment Scam] कलकत्ता हाईकोर्ट ने 'दागी उम्मीदवारों' को नए सिरे से आवेदन करने से रोकने का आदेश बरकरार रखा

कलकत्ता हाईकोर्ट ने एकल पीठ का आदेश बरकरार रखा है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट द्वारा नौकरी से निकाले गए दागी उम्मीदवारों को नई भर्ती प्रक्रिया के लिए दोबारा आवेदन करने से रोक दिया गया।जस्टिस सौमेन सेन और जस्टिस स्मिता दास डे की खंडपीठ ने पहले पूछा कि क्या राज्य का स्कूल सेवा आयोग उन उम्मीदवारों का पक्ष रख सकता है, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने दागी पाया। इस अवसर पर न्यायालय ने दागी उम्मीदवारों को नए सिरे से आवेदन करने की अनुमति देने की राज्य की अपील खारिज कर दिया।एकल पीठ ने कहा था कि हाईकोर्ट की एक खंडपीठ...

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बिना रजिस्ट्रेशन के संचालन न करने का वचन देने पर 4 मदरसों की सील खोलने का आदेश दिया
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बिना रजिस्ट्रेशन के संचालन न करने का वचन देने पर 4 मदरसों की सील खोलने का आदेश दिया

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने गुरुवार को 4 मदरसों की सील खोलने का निर्देश दिया, जिनमें से एक देहरादून और तीन हरिद्वार में स्थित हैं। ये मदरसे इस साल मार्च में राज्य सरकार द्वारा सील किए गए 135 से ज़्यादा मदरसों में शामिल हैं।सरकार की यह कार्रवाई इस आरोप पर आधारित थी कि ये मदरसे 'अवैध' रूप से कथित तौर पर बिना किसी संबद्धता और मदरसा बोर्ड के मानदंडों को पूरा किए, चल रहे थे।जस्टिस रवींद्र मैथानी की पीठ ने मदरसों की सील खोलने का आदेश इस शर्त पर पारित किया कि मदरसे राज्य सरकार से उचित मान्यता के बिना अपने...

रीति-रिवाजों, सहवास और बच्चे के जन्म द्वारा समर्थित विवाह को CrPC की धारा 125 के प्रयोजनों के लिए वैध विवाह माना जाना चाहिए: पटना हाईकोर्ट
रीति-रिवाजों, सहवास और बच्चे के जन्म द्वारा समर्थित विवाह को CrPC की धारा 125 के प्रयोजनों के लिए वैध विवाह माना जाना चाहिए: पटना हाईकोर्ट

पटना हाईकोर्ट ने कहा है कि जब कोई विवाह रीति-रिवाजों, सहवास, सामाजिक स्वीकृति और बच्चों के जन्म द्वारा मान्य हो, तो उसे धारा 125 सीआरपीसी के तहत भरण-पोषण की मांग के लिए कानूनी रूप से वैध माना जाना चाहिए। जस्टिस बिबेक चौधरी की पीठ ने कहा कि इस तरह के विवाह की अवहेलना न केवल कानूनी रूप से अस्वीकार्य होगी, बल्कि समाज में एक प्रतिगामी संदेश भी भेजेगी, जिससे महिलाओं की गरिमा और ऐसे संबंधों से पैदा हुए बच्चों की सुरक्षा को ठेस पहुंचेगी।एकल न्यायाधीश ने आगे कहा कि एक महिला, जो पत्नी के रूप में रह रही...

फ‌र्टिलिटी सेंटर की धोखाधड़ी | व्यक्ति ने कहा-IVF के जरिए पैदा बच्‍चा उसका नहीं; गुजरात हाईकोर्ट ने जांच का आदेश दिया
फ‌र्टिलिटी सेंटर की धोखाधड़ी | व्यक्ति ने कहा-IVF के जरिए पैदा बच्‍चा उसका नहीं; गुजरात हाईकोर्ट ने जांच का आदेश दिया

गुजरात हाईकोर्ट ने गुरुवार (9 जुलाई) को पुलिस को एक फर्टिलिटी अस्पताल पर धोखाधड़ी और जालसाजी का आरोप लगाने वाले एक व्यक्ति की शिकायत की जांच करने का निर्देश दिया। व्यक्ति ने दावा किया था कि डीएनए परीक्षण से पता चला है कि वह आईवीएफ प्रक्रिया से उसके और उसकी पत्नी के बच्चे का जैविक पिता नहीं है। याचिका में फर्टिलिटी अस्पताल के खिलाफ "धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और जालसाजी" का आरोप लगाया गया है।पक्षों की सुनवाई के बाद, जस्टिस हसमुख डी. सुथार ने अपने आदेश में कहा, "यह याचिका याचिकाकर्ता द्वारा...

जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग में लंबित RTI अपीलों के समयबद्ध निपटारे की याचिका पर नोटिस जारी किया
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग में लंबित RTI अपीलों के समयबद्ध निपटारे की याचिका पर नोटिस जारी किया

जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने जनहित याचिका (PIL) पर नोटिस जारी किया, जिसमें केंद्रीय सूचना आयोग (CIC), नई दिल्ली के समक्ष सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 (RTI Act) के तहत दायर द्वितीय अपीलों के समयबद्ध निपटारे की मांग की गई, विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश से संबंधित मामलों में।यह याचिका जुनैद जाविद 28 वर्षीय RTI और सोशल एक्टिविस्ट द्वारा दायर की गई, जो बारामुला के निवासी हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर से जुड़ी दूसरी अपीलों को सूचीबद्ध करने और उन पर सुनवाई में व्यवस्थित देरी हो...

जेल अधिकारियों को सभी पैरोल याचिकाओं पर 4 महीने के भीतर फैसला करना होगा, देरी होने पर दोषी अवमानना ​​याचिका दायर कर सकते हैं: पीएंड एच हाईकोर्ट
जेल अधिकारियों को सभी पैरोल याचिकाओं पर 4 महीने के भीतर फैसला करना होगा, देरी होने पर दोषी अवमानना ​​याचिका दायर कर सकते हैं: पीएंड एच हाईकोर्ट

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि जेल प्राधिकारियों द्वारा सभी पैरोल आवेदनों पर चार महीने की निर्धारित समय-सीमा के भीतर निर्णय लिया जाना चाहिए और यदि इस निर्देश का उल्लंघन किया जाता है, तो दोषी संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध अवमानना ​​की कार्यवाही शुरू कर सकते हैं। न्यायालय ने उन दोषियों की दुर्दशा पर प्रकाश डाला जो अपने पैरोल आवेदनों के जवाब का इंतजार कर रहे हैं और आपातकालीन परिस्थितियों में भी उन्हें अनावश्यक देरी का सामना करना पड़ रहा है। न्यायालय ने ऐसे अनुरोधों पर "शीघ्रता से"...

बंगाली फैमिली को बांग्लादेशी बताकर निर्वासित करने के मामले में हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से मांगा जवाब
बंगाली फैमिली को बांग्लादेशी बताकर निर्वासित करने के मामले में हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से मांगा जवाब

कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल प्रवासी परिवार को कथित तौर पर हिरासत में लिए जाने और बाद में उन्हें बांग्लादेश निर्वासित किए जाने के मामले में दिल्ली सरकार से जवाब मांगा।जस्टिस तपब्रत चक्रवर्ती और जस्टिस रीतोब्रतो कुमार मित्रा की खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा,"कल हमारे पास भी ऐसा ही एक मामला आया था, जिसमें हमने कहा था कि नियम जारी करने से पहले हम राज्य से जवाब मांग सकते हैं, इसलिए हम इस मामले में भी ऐसा ही करेंगे।"हालांकि, वकील ने बताया कि जिस मामले का अदालत ज़िक्र कर रही थी, वह ओडिशा में हिरासत में लिए...

शादी से निराश पति, आत्महत्या के लिए उकसाने का सबूत नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट ने आत्महत्या के मामले में पत्नी को बरी करने का फैसला बरकरार रखा
शादी से निराश पति, आत्महत्या के लिए उकसाने का सबूत नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट ने आत्महत्या के मामले में पत्नी को बरी करने का फैसला बरकरार रखा

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक मामले में पत्नी और उसके परिवार के सदस्यों को सबूतों के अभाव में बरी करने के फैसले को बरकरार रखा।जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने कहा कि ऐसा मामला हो सकता है, जहां पति अपनी शादी से नाखुश और निराश था लेकिन पत्नी और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का कोई आरोप नहीं बनता, क्योंकि न तो सुसाइड नोट से और न ही मृतक के माता-पिता की गवाही से कोई आरोप बनता है।न्यायालय ने कहा,"केवल यही आरोप लगाया जा रहा है कि पत्नी मृतक को धमकी देती थी कि उसे और उसके परिवार के सदस्यों...

हाईकोर्ट ने UP PCS(J) Exam प्रक्रिया में सुधार का सुझाव देने वाली जस्टिस माथुर आयोग की रिपोर्ट पर पक्षकारों से जवाब मांगा
हाईकोर्ट ने UP PCS(J) Exam प्रक्रिया में सुधार का सुझाव देने वाली जस्टिस माथुर आयोग की रिपोर्ट पर पक्षकारों से जवाब मांगा

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को जस्टिस गोविंद माथुर (हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस) की अध्यक्षता वाले सदस्यीय आयोग द्वारा प्रस्तुत प्रारंभिक रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लिया, जिसमें उत्तर प्रदेश पीसीएस (जे) प्रतियोगी परीक्षाओं (UP PCS(J) Exam) के संचालन में तत्काल सुधार और प्रक्रियात्मक संशोधनों की सिफारिश की गई।जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता और जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्रा की खंडपीठ ने दर्ज किया कि प्रारंभिक रिपोर्ट (भाग-I) 14 सेटों में प्रस्तुत की गई। इसके साथ संलग्न एक कवर लेटर में निर्दिष्ट किया गया कि...