हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने संसद में उपस्थित होने के खर्च के खिलाफ सांसद इंजीनियर राशिद की याचिका पर NIA से जवाब मांगा
जम्मू-कश्मीर के सांसद इंजीनियर राशिद ने शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर 24 जुलाई से 4 अगस्त तक संसद में उपस्थित रहने के लिए हिरासत पैरोल देते समय निचली अदालत द्वारा उन पर लगाए गए जुर्माने को चुनौती दी।जस्टिस विवेक चौधरी और जस्टिस शैलिंदर कौर की खंडपीठ ने राशिद की याचिका पर नोटिस जारी किया और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से जवाब मांगा।राशिद की ओर से सीनियर एडवोकेट एन हरिहरन ने दलील दी कि सांसद पर जनता का प्रतिनिधित्व करने के लिए 17 लाख रुपये का भार डाला गया।उन्होंने कहा कि राशिद को...
'सुप्रीम कोर्ट के 'तहसीन पूनावाला' संबंधी निर्देश राज्य और केंद्र पर बाध्यकारी, जनहित याचिका में मॉब लिंचिंग की घटनाओं की निगरानी नहीं की जा सकती': इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में जमीयत उलेमा-ए-हिंद द्वारा दायर आपराधिक जनहित याचिका (PIL) का निपटारा किया, जिसमें तहसीन एस. पूनावाला बनाम भारत संघ (2018) मामले में मॉब लिंचिंग और भीड़ हिंसा की घटनाओं को रोकने और उनसे निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों का अनुपालन करने की मांग की गई थी।जस्टिस सिद्धार्थ और जस्टिस अवनीश सक्सेना की खंडपीठ ने कहा कि मॉब लिंचिंग/भीड़ हिंसा की प्रत्येक घटना एक अलग घटना है और जनहित याचिका में इसकी निगरानी नहीं की जा सकती।खंडपीठ ने यह भी कहा कि...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मेडिकल लापरवाही मामले में डॉक्टर को राहत देने से किया इनकार, कहा- 'प्राइवेट हॉस्पिटल पैसे ऐंठने के लिए मरीजों को ATM की तरह इस्तेमाल करते हैं'
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह देखते हुए कि निजी अस्पताल/नर्सिंग होम मरीजों को 'गिनी पिग/ATM' की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि उनसे पैसे ऐंठ सकें, गुरुवार को डॉक्टर द्वारा दायर याचिका खारिज कर दी। इस याचिका में कथित तौर पर सर्जरी में देरी के कारण भ्रूण की मौत के संबंध में उसके खिलाफ 2008 में दर्ज एक मामले को रद्द करने की मांग की गई थी।जस्टिस प्रशांत कुमार की पीठ ने कहा कि आवेदक (डॉ. अशोक कुमार राय) सर्जरी के लिए सहमति प्राप्त करने और ऑपरेशन करने के बीच 4-5 घंटे की देरी को उचित ठहराने में विफल रहे, जिसके...
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पत्नी के विवाह पूर्व संबंध छिपाने के आरोप में पति की शादी रद्द करने की याचिका खारिज की, कहा-धोखाधड़ी साबित नहीं हुई
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एक पति की याचिका खारिज की, जिसमें उसने अपनी पत्नी द्वारा विवाह पूर्व संबंध छिपाने के आरोप में अपनी शादी रद्द करने की मांग की थी।पति का कहना था कि शादी से पहले अलग मुलाकात में उसने पत्नी से स्पष्ट रूप से पूछा था कि क्या वह किसी रिश्ते में है, जिससे उसने इनकार कर दिया था। हालांकि, शादी के बाद एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वीडियो पोस्ट किया गया, जिसमें कथित तौर पर उसे किसी अन्य पुरुष के साथ आपत्तिजनक स्थिति में दिखाया गया था।जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल और जस्टिस रोहित कपूर...
'बुजुर्ग माता-पिता के प्रति उपेक्षा और क्रूरता अनुच्छेद 21 का उल्लंघन': सरकार द्वारा पिता को मुआवज़ा दिए जाने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेटों के आचरण की निंदा की
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में बुजुर्ग माता-पिता के साथ दुर्व्यवहार की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि वृद्ध माता-पिता के प्रति क्रूरता, उपेक्षा या परित्याग संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत सम्मानपूर्वक जीवन जीने के उनके मौलिक अधिकार का उल्लंघन है।जस्टिस महेश चंद्र त्रिपाठी और जस्टिस प्रशांत कुमार की खंडपीठ ने इस बात पर ज़ोर दिया कि बच्चों के लिए अपने वृद्ध माता-पिता की गरिमा, कल्याण और देखभाल की रक्षा करना एक पवित्र नैतिक कर्तव्य और वैधानिक दायित्व दोनों है।खंडपीठ ने आगे कहा कि जैसे-जैसे उनकी शारीरिक...
सीतापुर में स्कूलों के युग्मन की प्रक्रिया पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, 21 अगस्त तक यथास्थिति बनाए रखने का आदेश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीतापुर ज़िले में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चल रहे स्कूलों के युग्मन की प्रक्रिया के संबंध में 21 अगस्त तक यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया।चीफ जस्टिस अरुण भंसाली और जस्टिस जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने एकल जज के 7 जुलाई, 2025 के आदेश के विरुद्ध दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। सिंगल जज ने सीतापुर में स्कूलों के युग्मन की वैधता को चुनौती देने वाली रिट याचिकाओं को खारिज कर दिया था।अपीलकर्ताओं ने तर्क दिया कि युग्मित स्कूल बच्चों के निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा...
पति या पत्नी के ऑफिस में अफेयर की झूठी शिकायत करना 'क्रूरता': दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने एक पारिवारिक अदालत के उस आदेश को बरकरार रखा है, जिसमें एक दंपति की शादी इस आधार पर भंग कर दी गई थी कि पत्नी ने अपने नियोक्ता से अपमानजनक शिकायत करके पति के साथ क्रूरता की थी।जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस रेणु भटनागर की खंडपीठ ने कहा कि विवाह में समायोजन की आवश्यकता होती है और पक्षों को एक-दूसरे के साथ समायोजित होने में लंबा समय लग सकता है, लेकिन पति और पत्नी दोनों से एक-दूसरे के प्रति उचित सम्मान दिखाने की उम्मीद की जाती है। "एक स्वस्थ और स्वस्थ विवाह की नींव सहिष्णुता, समायोजन...
महज मामले के MACOCA जैसे स्पेशल एक्ट के तहत आने से त्वरित सुनवाई के अधिकार को कम नहीं किया जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट
शीघ्र सुनवाई के अधिकार के सिद्धांत को पुष्ट करते हुए, दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम, 1999 के तहत एक आरोपी को आठ साल से अधिक की लंबी कैद का हवाला देते हुए ज़मानत पर रिहा कर दिया। जस्टिस संजीव नरूला ने कहा,“भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत हमारे संवैधानिक न्यायशास्त्र में अब दृढ़ता से समाहित त्वरित सुनवाई का अधिकार कोई अमूर्त या भ्रामक सुरक्षा नहीं है। यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार का एक महत्वपूर्ण पहलू है और इसे केवल इसलिए कम नहीं किया जा सकता...
सौरव गांगुली को हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत, प्लेयर एग्रीमेंट खत्म करने का फैसला बरकरार
कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस रवि किशन कपूर ने सौरव गांगुली के पक्ष में फैसला सुनाया। गांगुली की पुरानी मैनेजमेंट कंपनी प्रीसेप्ट टैलेंट ने जो केस किया था, उसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि जो फैसला पहले मध्यस्थ (arbitrator) ने दिया था, वो ठीक और तर्कसंगत था, इसलिए उसमें दखल देने की जरूरत नहीं है।मामले की पृष्ठभूमि: यह मामला मध्यस्थता अधिनियम की धारा 34 के तहत दायर किया गया था, जिसमें 9 दिसंबर 2018 के एक फैसले और 8 मार्च 2019 के पूरक फैसले को चुनौती दी गई थी। सौरव गांगुली ने 22 अक्टूबर...
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट और जिला न्यायपालिका के बीच 'स्वामी और दास' के रिश्ते पर कड़ी आपत्ति जताई; गलत तरीके से बर्खास्त किए गए जज को 5 लाख रुपये का मुआवजा दिया
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने जिला न्यायालय के एक विशेष न्यायाधीश की बर्खास्तगी को रद्द करते हुए, हाईकोर्ट के जजों और जिला न्यायपालिका के जजों के बीच "खराब रिश्ते" की आलोचना की और इसे सामंत और दास के बीच के रिश्ते जैसा बताया। हाईकोर्ट के हाथों निचली अदालतों के जजों द्वारा झेले जा रहे मनोवैज्ञानिक दमन की निंदा करते हुए, न्यायालय ने न्यायिक अधिकारी को "घोर अन्याय" के लिए 5 लाख रुपये का मुआवजा दिया।जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस दिनेश कुमार पालीवाल की खंडपीठ ने कहा कि एक "अहंकारी" हाईकोर्ट छोटी-छोटी...
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड किसी व्यक्ति या उद्योग पर पर्यावरणीय मुआवज़ा नहीं थोप सकता: इलाहाबाद हाईकोर्ट
हाल ही में, इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने 178 रिट याचिकाओं को स्वीकार किया और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा याचिकाकर्ताओं पर पर्यावरणीय मुआवज़ा लगाने के आदेशों को रद्द कर दिया। जस्टिस अताउ रहमान मसूदी और जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की पीठ ने कहा कि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास केवल प्रशासनिक निर्देश जारी करने की शक्ति है और उसके पास कोई न्यायिक शक्तियां नहीं हैं।पीठ ने कहा,"राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास किसी व्यक्ति या उद्योग पर पर्यावरणीय मुआवज़ा लगाने का कोई अधिकार नहीं है...
कमाने की क्षमता और वास्तविक कमाई अलग-अलग चीज़: दिल्ली हाईकोर्ट ने MBA पास पत्नी को भरण-पोषण देने का फैसला बरकरार रखा
यह कहते हुए कि कमाने की क्षमता और वास्तविक कमाई दो अलग-अलग चीज़ें हैं, दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में एक MBA पास पत्नी को भरण-पोषण देने का फैसला बरकरार रखा।ऐसा करते हुए जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस रेणु भटनागर की खंडपीठ ने कहा कि जब दंपति अलग हुए थे तब उनका बच्चा बहुत छोटा था और बच्चे की देखभाल के लिए पत्नी ने अपनी नौकरी छोड़ दी होगी।जजों ने कहा,"एक पत्नी पारिवारिक परिस्थितियों या बच्चे की देखभाल के लिए अपनी नौकरी छोड़ सकती है। समय बीतने के साथ अनुभव की कमी या अन्य कारणों से उसे उपयुक्त रोज़गार...
इस वर्ष नियमित प्रवेश में एक ट्रांसजेंडर छात्र को शामिल करना, डायरेक्ट कोटे के लिए अवैध: NLSIU ने कर्नाटक हाईकोर्ट से कहा
कर्नाटक हाईकोर्ट को गुरुवार (24 जुलाई) को नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (एनएलएसआईयू) द्वारा सूचित किया गया कि इस वर्ष पाठ्यक्रमों में प्रवेश के दौरान नियमित प्रवेश में एक ट्रांसजेंडर छात्र को प्रवेश दिया गया है। विश्वविद्यालय की ओर से पेश हुए अधिवक्ता आदित्य नारायण ने जस्टिस अनु शिवरामन और जस्टिस डॉ. के. मनमाधा राव की खंडपीठ के समक्ष दलील दी, "नियमित प्रवेश में एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति को प्रवेश दिया गया है।"यह दलील एनएलएसआईयू की उस अपील में दी गई थी जिसमें एकल न्यायाधीश के उस आदेश को...
6 फीट तक की सभी PoP मूर्तियों का कृत्रिम जल कुंडों में अनिवार्य रूप से विसर्जन होगा: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार (24 जुलाई) को स्पष्ट किया कि आगामी गणेशोत्सव और दुर्गा पूजा उत्सवों के लिए प्लास्टर ऑफ पेरिस (PoP) से बनी 6 फीट तक ऊँची मूर्तियों का कृत्रिम तालाबों/जल कुंडों में विसर्जन अनिवार्य रूप से करना होगा।चीफ जस्टिस आलोक अराधे और जस्टिस संदीप मार्ने की खंडपीठ ने कहा कि पिछले वर्ष बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने 5 फीट से कम ऊंचाई वाली 1.95 लाख गणेश मूर्तियों के लिए लगभग 204 जल कुंड बनाए। हालांकि, इन 204 कुंडों में केवल 85,000 मूर्तियों का ही विसर्जन किया गया, जबकि शेष मूर्तियों का...
J&K हाईकोर्ट ने पंजाब के मजदूरों को कथित हिरासत में प्रताड़ित करने के मामले में पुलिस को अवमानना नोटिस जारी किया, डीके बसु और अर्नेश कुमार दिशानिर्देशों का उल्लंघन बताया
जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने पंजाब के दो मज़दूरों की अवैध गिरफ्तारी और हिरासत में यातना के लिए बसोहली पुलिस स्टेशन के उप-मंडल पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ), स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) और अन्य पुलिसकर्मियों को अवमानना नोटिस जारी किया है। जस्टिस मोक्ष खजूरिया काज़मी की पीठ ने अधिवक्ता शकील अहमद और राहुल रैना द्वारा दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। याचिका में डी.के. बसु बनाम पश्चिम बंगाल राज्य और अर्नेश कुमार बनाम बिहार राज्य जैसे ऐतिहासिक निर्णयों में दिए गए सर्वोच्च...
स्वस्थ न्यायपालिका केवल नियमों पर ही नहीं, बल्कि बेंच और बार के बीच आपसी सम्मान पर भी आधारित है: झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान ने शपथ ली
जस्टिस तरलोक सिंह चौहान ने बुधवार (23 जुलाई) को झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में शपथ ली। राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने रांची स्थित राजभवन में आयोजित एक समारोह में उन्हें पद की शपथ दिलाई।झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में पदोन्नत होने से पहले जस्टिस चौहान हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश के रूप में कार्यरत थे। उनके नाम की अनुशंसा सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 26 मई को की थी और केंद्र सरकार ने 14 जुलाई को इसे मंजूरी दे दी थी।9 जनवरी, 1964 को हिमाचल प्रदेश के रोहड़ू...
भीड़ के गुस्से और 'दरगाह' बताई जा रही जगह पर लोगों के आने-जाने से ढांचा वैध साबित नहीं हो सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट ने डिमॉलिशन ऑर्डर वापस लेने से किया इनकार
बॉम्बे हाईकोर्ट ने गाजी सलाउद्दीन रहमतुल्ला हूले उर्फ परदेशी बाबा ट्रस्ट द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए कहा कि किसी विशेष भूमि पर केवल "भीड़ का गुस्सा" या "लोगों का आना" इस दावे के आधार पर कि वह एक दरगाह है, यह साबित नहीं कर सकता कि वह एक वैध संरचना है। इस याचिका में ठाणे में एक संरचना को गिराने के 30 मई के आदेश को वापस लेने की मांग की गई थी। इस प्रकार, कोर्ट ने दरगाह को गिराने के आदेश को वापस लेने से इनकार कर दिया, जिसका कथित तौर पर ठाणे जिले में निजी भूमि पर नगरपालिका की मंजूरी के बिना...
GST प्राधिकरण की ओर से समन किए गए व्यक्ति का बयान उसके वकील की मौजूदगी में, ऑफिस के घंटों में दर्ज किया जाना चाहिए; CCTV रिकॉर्डिंग मांगी जा सकती है: P&H हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने दोहराया कि वस्तु एवं सेवा कर खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) के अधिकारियों द्वारा समन किए गए व्यक्ति का बयान आधिकारिक कार्य समय के दौरान और उनके वकील की उपस्थिति में दर्ज किया जाना चाहिए। न्यायालय ने यह भी कहा कि समन किए गए व्यक्ति को कार्यवाही की सीसीटीवी फुटेज मांगने का अधिकार है। यह घटनाक्रम 30 घंटे की अवैध हिरासत के मामले में सामने आया है, जिसमें एक व्यापारी को रात भर जोनल कार्यालय में रखा गया और उससे लंबी पूछताछ की गई।जस्टिस हरप्रीत सिंह बराड़ ने कहा,"बॉम्बे...
ट्रांसजेंडर व्यक्तियों (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 से संबंधित प्रमुख मुद्दे
15 अप्रैल 2014 को, भारत के सुप्रीम कोर्ट ने नालसा बनाम भारत संघ (2014 INSC 275) मामले में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया, जिसमें अनुच्छेद 14 की लिंग-तटस्थ व्याख्या की गई और ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की कानूनी स्थिति को मान्यता दी गई। इस फैसले में ट्रांसजेंडर अधिकारों को लेकर चल रही सामाजिक-राजनीतिक और कानूनी चर्चाओं को ध्यान में रखते हुए अनुच्छेद 14, 15 और 21 की एक परिवर्तनकारी व्याख्या प्रस्तुत की गई। न्यायालय ने जीवन के हर पहलू में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों द्वारा झेले जा रहे व्यवस्थागत अन्याय और हाशिए पर...
सीनियर सिटीजन भरण-पोषण न्यायाधिकरण संपत्ति स्वामित्व के दावों पर निर्णय नहीं दे सकता: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोहराया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना कि सीनियर सिटीजन एक्ट, 2007 की धारा 7 के अंतर्गत भरण-पोषण न्यायाधिकरण को संपत्ति स्वामित्व के दावों पर विशेष रूप से तृतीय पक्ष विवाद के मामले में निर्णय लेने का अधिकार नहीं है और इसका निर्णय सिविल कोर्ट में ही किया जाना चाहिए।जस्टिस अरिंदम सिन्हा और डॉ. जस्टिस योगेंद्र कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने कहा कि सीनियर सिटीजन एक्ट का उद्देश्य सीनियर सिटीजन को भरण-पोषण प्रदान करना और उनका कल्याण करना है।खंडपीठ ने कहा,“इस अधिनियम के अंतर्गत गठित भरण-पोषण न्यायाधिकरणों को बच्चों...




















