संपादकीय

क्या उनको एक राय व्यक्त करने का अधिकार नहीं है : सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय कानूनों के खिलाफ राज्यों द्वारा प्रस्ताव पास करने पर याचिकाकर्ता को और शोध करने को कहा
"क्या उनको एक राय व्यक्त करने का अधिकार नहीं है" : सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय कानूनों के खिलाफ राज्यों द्वारा प्रस्ताव पास करने पर याचिकाकर्ता को और शोध करने को कहा

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को संसद द्वारा पारित कानूनों को खिलाफ प्रस्ताव पास करने की राज्य विधान सभाओं की क्षमता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई को ये कहते हुए टाल दिया कि इस मामले में याचिकाकर्ता और अधिक शोध करे।भारत के मुख्य न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सौम्या चक्रवर्ती को बताया,"आप अधिक शोध करें। हम हल करने की तुलना में अधिक समस्याएं पैदा नहीं करना चाहते हैं।"यह याचिका "समता आंदोलन समिति" नामक एक गैर सरकारी संगठन द्वारा दायर की गई है , जिसमें केंद्रीय...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
केंद्र सरकार ने सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के लाइफटाइम मासिक भुगतान को बढ़ाया

विधि और न्याय मंत्रालय ने भारत के मुख्य न्यायाधीश सहित सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को लाइफटाइम मासिक भुगतान बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट जज रूल्स, 1959 में संशोधन को लेकर अधिसूचना जारी की।सुप्रीम कोर्ट जजिज रूल्स, 1959 के नियम 3बी के अनुसार, एक सेवानिवृत्त (सीजेआई) अपने जीवनकाल के दौरान, एक अर्दली, चालक और सुरक्षा गार्ड की सेवाओं के लिए प्रति माह पच्चीस हजार रुपये प्राप्त करने का हकदार है। इस खर्च में कार्यालय का रखरखाव भी अनुबंध के तौर पर शामिल है। सुप्रीम कोर्ट जजिज रूल्स, 1959...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
धारा 482 के तहत गिरफ्तारी पर रोक : हाईकोर्ट को कारण देने चाहिए कि किस भार के चलते वे राहत दे रहे हैं : सुप्रीम कोर्ट

गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "अंतरिम चरण में, उच्च न्यायालयों को एक छोटे पैराग्राफ को शामिल करना चाहिए कि किस भार के चलते वो राहत दे रहे हैं। हम यह बिल्कुल नहीं कह रहे हैं कि उच्च न्यायालय इस शक्ति से वंचित हैं! लेकिन क्योंकि यह एक व्यापक शक्ति है, इसलिए उम्मीद है कि इसका जिम्मेदारी से प्रयोग किया जाएगा।"न्यायमूर्ति चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की बेंच धारा 482, सीआरपीसी के तहत रद्द करने की शक्ति और जमानत / अग्रिम जमानत के जरिए जो अंतरिम राहत देने के लिए एक...

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सुप्रीम कोर्ट के लिए नए जजों के नामों पर चर्चा की
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सुप्रीम कोर्ट के लिए नए जजों के नामों पर चर्चा की

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बोबडे की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के लिए हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के नामों पर विचार-विमर्श किया।सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए केंद्र से सिफारिश किए जाने वाले नामों को तय करने के लिए पांच सदस्यीय कॉलेजियम की बैठक की अध्यक्षता सीजेआई कर रहे हैं। हालांकि इस विचार-विमर्श से किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुँचा जा सका। इसलिए कॉलेजियम की अगली बैठक अब 23 अप्रैल, 2021 को होगी।इस बैठक में CJI के अलावा, कॉलेजियम में चार अन्य...

यौन उत्पीड़न के आरोपी को पीड़िता से राखी बंधवाने का निर्देश देने वाले एमपी हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द  किया
यौन उत्पीड़न के आरोपी को पीड़िता से राखी बंधवाने का निर्देश देने वाले एमपी हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किया

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के उस फैसले को रद्द कर दिया है,जिसमें अदालत ने आरोपी व्यक्ति (अपनी पड़ोसी की शालीनता को अपमानित करने का आरोपी) पर जमानत की शर्त लगाते हुए कहा था कि वह पीड़िता से अनुरोध करे कि वह उसकी कलाई पर राखी बांध दे। जस्टिस एएम खानविल्कर और जस्टिस रवींद्र भट की बेंच ने लिंग संवेदनशीलता पर जजों और वकीलों के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं। सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता अपर्णा भट और आठ अन्य महिला वकीलों ने (शीर्ष न्यायालय के समक्ष) 30 जुलाई को मध्य प्रदेश...

एडवोकेट आजीविका तभी कमा सकते हैं, जब लोगों के संपर्क में आएंः सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों को प्राथमिकता के आधार पर कोरोना वैक्सीन दिए जाने की मांग पर कहा
एडवोकेट आजीविका तभी कमा सकते हैं, जब लोगों के संपर्क में आएंः सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों को प्राथमिकता के आधार पर कोरोना वैक्सीन दिए जाने की मांग पर कहा

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मौखिक रूप से कहा कि COVID-19 वैक्सीनेशन के लिए प्राथमिकता के बारे में कानूनी बिरादरी की चिंता वास्तविक है, जिस पर विचार करने की आवश्यकता है। भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा,"अधिवक्ता केवल तभी आजीविका कमा सकते हैं जब वे लोगों के संपर्क में आते हैं। उन्हें आश्वासन की आवश्यकता है कि अगर वे लोगों के संपर्क में आते हैं तो वे मरेंगे नहीं।"पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी. रामसुब्रमण्यम भी शामिल है, दिल्ली हाईकोर्ट...

सुप्रीम कोर्ट ने COVID-19 वैक्सीन के लिए कानूनी बिरादरी को प्राथमिकता सूची में रखने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट की स्वत: संज्ञान सुनवाई पर रोक लगाई
सुप्रीम कोर्ट ने COVID-19 वैक्सीन के लिए कानूनी बिरादरी को प्राथमिकता सूची में रखने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट की स्वत: संज्ञान सुनवाई पर रोक लगाई

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को COVID-19 वैक्सीन के लिए कानूनी बिरादरी को प्राथमिकता सूची में रखने पर विचार करने के लिए शुरू की गई स्वत: संज्ञान सुनवाई पर आगे बढ़ने से रोक दिया।भारत के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने वैक्सीन निर्माता भारत बायोटेक लिमिटेड और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा दायर याचिकाओं पर नोटिस जारी किया और जिमसें दिल्ली उच्च न्यायालय के मामले को शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने की मांग की गई है।"चूंकि इस अदालत के समक्ष लंबित मुद्दा दिल्ली उच्च...

चुनावी बॉन्ड पर रोक लगाने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 24 मार्च को सुनवाई के लिए तैयार
चुनावी बॉन्ड पर रोक लगाने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 24 मार्च को सुनवाई के लिए तैयार

केरल, पश्चिम बंगाल, पुड्डुचेरी और असम में विधानसभा चुनावों से पहले, चुनावी बॉन्ड के नए सेट को जारी करने पर रोक की मांग के आवेदन पर सुप्रीम कोर्ट ने 24 मार्च को सुनवाई करने पर सहमति व्यक्त की।एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के वकील एडवोकेट प्रशांत भूषण ने तत्काल सुनवाई के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष आवेदन का उल्लेख किया।"मैं चुनावी बॉन्ड मामले का उल्लेख करना चाहता हूं। जो 2017 से यहां लंबित है। अंतिम सुनवाई दो साल पहले हुई थी। जब भी चुनावी बॉन्ड जारी किए जाते हैं, तो हम रोक के लिए...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
बीमाकर्ता एमएसीटी द्वारा बनाए गए बैंक खाते में अवार्ड राशि आरटीजीएस/ एनईएफटी के जरिए जमा कराएं : सुप्रीम कोर्ट ने मोटर दुर्घटना में मुआवजे के लिए समान दिशा-निर्देश जारी किए

सुप्रीम कोर्ट ने देश भर में एमएसीटी के समक्ष मामलों के शीघ्र निपटारे के साथ-साथ मुआवजा देने की प्रक्रिया के संबंध में कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों के अनुसार, क्षेत्राधिकार पुलिस स्टेशन को दुर्घटना के बारे में ट्रिब्यूनल और बीमाकर्ता को पहले 48 घंटे के भीतर ईमेल या एक समर्पित वेबसाइट पर दुर्घटना सूचना रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। वे तीन महीने के भीतर उन्हें एक विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट भी सौंपेंगे। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी की पीठ द्वारा जारी किए गए...

निजी स्वतंत्रता की सुरक्षा के लिए अंतरिम राहत, कठोर कदम उठाने पर रोक की हाईकोर्ट की शक्ति को दिशानिर्देशों के अधीन संरक्षित किया जाना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट
निजी स्वतंत्रता की सुरक्षा के लिए अंतरिम राहत, कठोर कदम उठाने पर रोक की हाईकोर्ट की शक्ति को दिशानिर्देशों के अधीन संरक्षित किया जाना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट

जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने बुधवार को कहा कि, "जब बॉम्बे हाई कोर्ट (अर्नब गोस्वामी के मामले में) ने दरवाजा बंद कर दिया (आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने के लिए याचिका के लंबित रहने के दौरान अंतरिम जमानत पर विचार करने से इनकार करने पर), हमने इसे खोला और हमने कहा कि यह पूरी तरह से बंद नहीं हो सकता है। हालांकि शक्ति का इस्तेमाल संयम से करना चाहिए, लेकिन न्यायिक विवेक का होना जरूरी है, " जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच धारा 482, सीआरपीसी के तहत रद्द करने की शक्ति और...

ई-फाइलिंग के रूप में हमने जो हासिल किया, वह सदा के लिए है; यह एक बहुत बड़ी सुविधा है: जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़
"ई-फाइलिंग के रूप में हमने जो हासिल किया, वह सदा के लिए है; यह एक बहुत बड़ी सुविधा है": जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़

न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ ने बुधवार को कहा कि ई-फाइलिंग के रूप में हमने जो हासिल किया है, वह सदा के लिए है। यह एक बहुत बड़ी सुविधा है।जस्टिस चंद्रचूड़ ने आगे कहा कि,"इस खतरनाक महामारी के बाद हम निश्चित रूप से फिर से शारीरिक रूप से (फिजिकल) सुनवाई शुरू करेंगे।"पीठ ने कहा कि,"शारीरिक रूप से (फिजिकल) सुनवाई फिर से शुरू होने के बाद भी अधिकांश वकील अपने साथ लैपटॉप लेकर आएंगे। ई-फाइलिंग ने ज्यादातर मामलों में बड़ी फाइलिंग में मदद की है।"जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि,"बेशक, इस...

 ये बहुत गंभीर मामला है  : सुप्रीम कोर्ट ने आधार से गैर-लिंकिंग के कारण 3 करोड़ राशन कार्ड रद्द करने और भुखमरी से मौत की याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा
" ये बहुत गंभीर मामला है " : सुप्रीम कोर्ट ने आधार से गैर-लिंकिंग के कारण 3 करोड़ राशन कार्ड रद्द करने और भुखमरी से मौत की याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार द्वारा आधार कार्ड के साथ गैर-लिंकिंग के कारण 3 करोड़ राशन कार्ड रद्द करने और इससे होने वाली भुखमरी से मौतें होने का आरोप लगाने वाली याचिका पर केंद्र की प्रतिक्रिया मांगी है। सीजेआई बोबड़े की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सभी को भोजन सुनिश्चित करने के लिए शिकायत निवारण तंत्र के कार्यान्वयन के मुद्दे पर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश जारी किया।याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन...

 ये एक अच्छा विचार है, हम देखेंगे  : सुप्रीम कोर्ट ने राजमार्ग और अन्य रोडवेज़ की निर्माण योजना में सामान्य उपयोगिता नलिका बनाने की याचिका पर नोटिस जारी किया
" ये एक अच्छा विचार है, हम देखेंगे " : सुप्रीम कोर्ट ने राजमार्ग और अन्य रोडवेज़ की निर्माण योजना में सामान्य उपयोगिता नलिका बनाने की याचिका पर नोटिस जारी किया

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को राजमार्ग और अन्य रोडवेज की निर्माण योजना में सभी सार्वजनिक उपयोगिताओं के लिए सरकार को अनिवार्य रूप से सामान्य उपयोगिता नलिका उपलब्ध कराने के लिए सरकार को निर्देश देने के लिए दायर याचिका में नोटिस जारी किया है।सीजेआई बोबडे, न्यायमूर्ति बोपन्ना और न्यायमूर्ति रामासुब्रमण्यम की तीन-न्यायाधीश पीठ ने चार सप्ताह में नोटिस का जवाब देने का आदेश जारी किया है, जिसमें याचिका में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी 2016 के दिशानिर्देशों को लागू करने के बारे में भी...

पंजाब के मुख्यमंत्री के सलाहकार के रूप में प्रशांत किशोर की नियुक्ति- मुख्यमंत्री अपना सलाहकार चुनने के लिए स्वतंत्र: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की
पंजाब के मुख्यमंत्री के सलाहकार के रूप में प्रशांत किशोर की नियुक्ति- "मुख्यमंत्री अपना सलाहकार चुनने के लिए स्वतंत्र": पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के प्रधान सलाहकार के रूप में प्रशांत किशोर की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया।न्यायमूर्ति जसवंत सिंह और न्यायमूर्ति संत प्रकाश की खंडपीठ ने फैसला सुनाया कि मुख्यमंत्री को अपना सलाहकार चुनने का पूरा अधिकार है।कोर्ट के समक्ष मामलापंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के प्रधान सलाहकार के रूप में प्रशांत किशोर की नियुक्ति (दिनांक 01 मार्च 2021) के आदेश को दो याचिकाकर्ता लाभ सिंह और सतिंदर सिंह ने...

स्वतंत्रता बहुत कीमती है लेकिन हमें उच्च न्यायालयों को जिम्मेदारी की भावना देनी चाहिए: सुप्रीम कोर्ट ने सीआरपीसी 482 में  आम स्टे आदेशों पर कहा
"स्वतंत्रता बहुत कीमती है लेकिन हमें उच्च न्यायालयों को जिम्मेदारी की भावना देनी चाहिए": सुप्रीम कोर्ट ने सीआरपीसी 482 में ' आम' स्टे आदेशों पर कहा

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को देश भर में उच्च न्यायालयों में बढ़ती प्रवृत्ति के बारे में चिंता व्यक्त की, जो अंतरिम राहत देने के लिए एक रिट याचिका या आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने के लिएसीआरपीसी की धारा 482 के तहत एक लंबित याचिका पर रोक के तौर पर अंतरिम राहत या कठोर कार्यवाही ना करने के आदेश दे रहे हैं। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस एम आर शाह और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ एक एसएलपी पर विचार कर रही थी, जो एक रिट याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट के सितंबर, 2020 के आदेश से उत्पन्न हुई थी। अतिरिक्त...

डिफ़ॉल्ट जमानत : राज्य पहले एक चार्जशीट दाखिल करके पूरक चार्जशीट दाखिल करने के लिए धारा 167 (2) समय मांगकर फायदा नहीं ले सकता : सुप्रीम कोर्ट
डिफ़ॉल्ट जमानत : राज्य पहले एक चार्जशीट दाखिल करके पूरक चार्जशीट दाखिल करने के लिए धारा 167 (2) समय मांगकर फायदा नहीं ले सकता : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 167 के तहत निर्दिष्ट जांच की समय अवधि को यूएपीए अपराधों के लिए पूरक आरोप पत्र दायर करने की मांग करके बढ़ाया नहीं जा सकता है। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी की पीठ ने, फखरे आलम को जो यूएपीए अधिनियम की धारा 18 के तहत आरोपी था, डिफ़ॉल्ट जमानत देते हुए दोहराया कि सीआरपीसी की धारा 167 (2) के पहले प्रोविज़ो के तहत डिफ़ॉल्ट जमानत एक मौलिक अधिकार है और ये केवल एक वैधानिक अधिकार नहीं है।अदालत ने कहा कि इस मामले में, 180...

सुप्रीम कोर्ट ने हाईब्रिड सुनवाई की एसओपी पर मतभेद सुलझाने के लिए जजों की समिति और एससीबीए के बीच बैठक की आवश्यकता जताई
सुप्रीम कोर्ट ने हाईब्रिड सुनवाई की एसओपी पर मतभेद सुलझाने के लिए जजों की समिति और एससीबीए के बीच बैठक की आवश्यकता जताई

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि हाइब्रिड सुनवाई के लिए तैयार की गई विवादास्पद एसओपी पर जजों की समिति और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों के बीच एक बैठक होनी चाहिए।आदेश में न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और आर सुभाष रेड्डी की एक पीठ ने कहा,"सार्थक परामर्श केवल न्यायाधीशों की समिति के साथ हो सकता है।"पीठ ने आदेश दिया,"हम मानते हैं कि यह उन चीजों की फिटनेस में होगा कि बार के सदस्य एसओपी की धारणा में अपने मतभेदों को दूर करें, जिसके लिए उपयुक्त पाठ्यक्रम बार के...

कंज्यूमर प्रोटेक्टशन एक्ट, 2019 से पहले दायर की गई सभी उपभोक्ता शिकायतों को सीपीए 1986 के तहत विशेष न्यायिक क्षेत्र के अनुसार फोरम द्वारा सुना जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट
कंज्यूमर प्रोटेक्टशन एक्ट, 2019 से पहले दायर की गई सभी उपभोक्ता शिकायतों को सीपीए 1986 के तहत विशेष न्यायिक क्षेत्र के अनुसार फोरम द्वारा सुना जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम (सीपीए) 2019 के प्रभाव में आने से पहले दायर की गई उपभोक्ता शिकायतों की सुनवाई उन फोरम पर जारी रहनी चाहिए, जिनमें उन्हें पूर्ववर्ती उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत विशेष अधिकार क्षेत्र के अनुसार दायर किया गया था।जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की खंडपीठ ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के निर्देशों को पलट दिया, जिसमें कहा गया था कि अधिनियम, 1986 के अनुसार पहले से स्थापित मामलों को अधिनियम,...

National Uniform Public Holiday Policy
अनुच्छेद 226 के तहत राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग द्वारा पारित आदेशों पर रिट याचिका सुनवाई योग्य नहीं : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग द्वारा पारित निर्णय और आदेशों को चुनौती देने वाली रिट याचिका सुनवाई योग्य नहीं है।इस मामले में, एम.पी. राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग [जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम के आदेश को बरकरार रखते हुए एक संशोधन याचिका को खारिज करते हुए] के आदेश को एक रिट याचिका दायर करके उच्च न्यायालय के समक्ष चुनौती दी गई थी।रजिस्ट्री ने आपत्ति जताई और कहा कि सिसिली कल्लारकाल बनाम वाहन कारखाना [(2012) 8 SCC [ 524] में सुप्रीम...

किशोर-न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, 2000 के अंतर्गत संरक्षण की आवश्यकता वाले बालक के संदर्भ में प्रावधान
किशोर-न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, 2000 के अंतर्गत संरक्षण की आवश्यकता वाले बालक के संदर्भ में प्रावधान

किशोर न्याय अधिनियम केवल किशोरों के संबंध में उन किशोरों के लिए ही उपबंध नहीं करता है जो किसी अपराध में संलिप्त है अपितु इसमे उन बालकों को भी शामिल किया गया है जिन्हें देख रेख की आवश्यकता है। इससे संबंधित प्रावधानों को यहां इस आलेख में प्रस्तुत किया जा रहा है।चाइल्ड वेलफेयर कमेटीइस अधिनियम की धारा 29 के अंतर्गत प्रत्येक जिले के लिए, जैसा कि अधिसूचना में विहित किया जाए देख रेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालक के कल्याण के लिए ऐसी समिति को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग और कर्तव्यों का निर्वहन करने के...