"ई-फाइलिंग के रूप में हमने जो हासिल किया, वह सदा के लिए है; यह एक बहुत बड़ी सुविधा है": जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़

LiveLaw News Network

17 March 2021 12:35 PM GMT

  • ई-फाइलिंग के रूप में हमने जो हासिल किया, वह सदा के लिए है; यह एक बहुत बड़ी सुविधा है: जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़

    न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ ने बुधवार को कहा कि ई-फाइलिंग के रूप में हमने जो हासिल किया है, वह सदा के लिए है। यह एक बहुत बड़ी सुविधा है।

    जस्टिस चंद्रचूड़ ने आगे कहा कि,

    "इस खतरनाक महामारी के बाद हम निश्चित रूप से फिर से शारीरिक रूप से (फिजिकल) सुनवाई शुरू करेंगे।"

    पीठ ने कहा कि,

    "शारीरिक रूप से (फिजिकल) सुनवाई फिर से शुरू होने के बाद भी अधिकांश वकील अपने साथ लैपटॉप लेकर आएंगे। ई-फाइलिंग ने ज्यादातर मामलों में बड़ी फाइलिंग में मदद की है।"

    जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि,

    "बेशक, इस खतरनाक महामारी के बाद हम निश्चित रूप से फिर से शारीरिक रूप से (फिजिकल) सुनवाई शुरू करेंगे, लेकिन ई-फाइलिंग के मामले में हमने जो हासिल किया है, वह सदा के लिए है। यह एक बड़ी सुविधा है। मैं सुबह बरामदे में काम करता हूं। मुझे बहुत बुरा लगता है जब लोगों को 4-5 स्ट्रिप्स के साथ कंधे पर 20-25 फाइलें लेकर चलना पड़ता है। इस तरह कहा जा सकता है कि इसमें सबसे ज्यादा सहायक कोई चीज है तो वह लैपटॉप है।"

    यह चर्चा तब शुरू हुई जब एक मामले की सुनवाई के दौरान, न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने अपने कर्मचारियों को बेंच के अन्य न्यायाधीशों के साथ और साथ ही मामले के वकीलों को इस मामले के रिकॉर्ड की पीडीएफ कॉपी भी साझा करने के लिए कहा।

    जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि,

    "पीडीएफ यह सुनिश्चित करता है कि हर कोई एक ही पेज पर है। अगली बार एक बड़ा मामला आए, उसे आज़माया जाएगा। इसी तरह हम सीखेंगे। इससे पहले कि हम इस तरीके को पूरे न्यायालय में उपयोग में लाएं, उससे पहले हम यहां इसका प्रयोग कर सकते हैं। मैंने सेना (परमानेंट कमीशन) के मामले के दौरान यह कोशिश की थी और मामले में रिकॉर्ड 3,400 पन्नों का था। निर्णय को निर्धारित करते समय, जब हम हलफनामे को तलाशना शुरू करते हैं जो किसी विशेष वकील द्वारा दायर किया गया है या अंतिम दिन प्रस्तुत एक अतिरिक्त हलफनामे के मामले में है यह बहुत उपयोगी होता है।"

    जस्टिस, कोर्ट की इन-हाउस टीम द्वारा विकसित एससीआई- इंटरेक्ट (SCI-Interact) नामक एक सॉफ्टवेयर की बात कर रहे थे, जिसकी मदद से जस्टिस और वकील आसानी से फाइलों और याचिकाओं को खोज सकते हैं और इसके साथ ही कंप्यूटर पर सॉफ्ट नोट बनाने में सक्षम होंगे।

    जस्टिस चंद्रचूड़ ने परमानेंट कमीशन के मामले की सुनवाई के दौरान एडवोकेट से कहा था कि,

    "यह एक उल्लेखनीय प्लेटफॉर्म है। हम धीरे-धीरे आप सभी को इस प्लेटफॉर्म पर लाएंगे और इसे घर में विकसित किया गया है। ऐसा नहीं है कि हमने इस पर करोड़ों रुपये खर्च किए हैं।"

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