संपादकीय

National Uniform Public Holiday Policy
नागरिकों के स्वतंत्र भाषण को आपराधिक मामलों में फंसाकर दबाया नहीं जा सकता : सुप्रीम कोर्ट

इस देश के नागरिकों के स्वतंत्र भाषण को आपराधिक मामलों में फंसाकर दबाया नहीं जा सकता है, जब तक कि इस तरह के भाषण में सार्वजनिक व्यवस्था को प्रभावित करने की प्रवृत्ति न हो, सर्वोच्च न्यायालय ने शिलांग टाइम्स की संपादक पेट्री़शिया मुखीम द्वारा मेघालय में गैर-आदिवासी लोगों पर हिंसा के खिलाफ फेसबुक पोस्ट पर दर्ज एफआईआर को खारिज करते हुए टिप्पणी की।जस्टिस एल नागेश्वर और जस्टिस एस रवींद्र भट की पीठ ने कहा कि फेसबुक पोस्ट मेघालय के मुख्यमंत्री, पुलिस महानिदेशक और क्षेत्र के डोरबोर शनॉन्ग द्वारा उन...

हमारे समाज की संरचना पुरुषों द्वारा पुरुषों के लिए की गई : सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय सेना में महिला अफसरों को स्थायी आयोग देने के लिए मूल्याकंन मापदंड को मनमाना करार दिया
'हमारे समाज की संरचना पुरुषों द्वारा पुरुषों के लिए की गई' : सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय सेना में महिला अफसरों को स्थायी आयोग देने के लिए मूल्याकंन मापदंड को मनमाना करार दिया

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को घोषणा की कि भारतीय सेना द्वारा महिला अधिकारियों के लिए स्थायी आयोग के अनुदान के लिए अपनाए गए मूल्यांकन मापदंड "मनमाने और तर्कहीन" हैं।न्यायालय ने सेना को निर्देश दिया कि वह न्यायालय द्वारा जारी ताजा निर्देशों के अनुसार लगभग 650 महिला लघु सेवा आयोग के अधिकारियों को दो महीने के भीतर पीसी देने के लिए पुनर्विचार करे।शीर्ष अदालत ने माना कि सेना द्वारा महिला अधिकारियों को उनके पुरुष-सहयोगियों के साथ न्यूनतम बेंचमार्क के लिए अपनाए गए मूल्यांकन मानदंड और उनकी सेवाओं के 5 वें...

कानून मंत्रालय को उचित समय के भीतर कॉलेजियम की सिफारिशों का जवाब देना चाहिएः सुप्रीम कोर्ट ने 55 लंबित नामों पर एजी से जवाब मांगा
कानून मंत्रालय को उचित समय के भीतर कॉलेजियम की सिफारिशों का जवाब देना चाहिएः सुप्रीम कोर्ट ने 55 लंबित नामों पर एजी से जवाब मांगा

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को हाईकोर्ट में न्यायाधीशों के लिए 55 नामों की कॉलेजियम द्वारा की गई सिफारिशों पर फैसला करने में देरी पर भारत के अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल के माध्यम से केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने 8 अप्रैल को एजी के जवाब की मांग की।न्यायमूर्ति कौल ने एजी से कहा कि उन्होंने अखिल भारतीय आधार पर कानून और न्याय मंत्रालय के स्तर पर कॉलेजियम की सिफारिशों की पेंडेंसी के संबंध में एक चार्ट तैयार...

भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम - एफआईआर से पहले के चरण में जांच न केवल अनुमति योग्य है, बल्कि अपेक्षित भी है : सुप्रीम कोर्ट
भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम - एफआईआर से पहले के चरण में जांच न केवल अनुमति योग्य है, बल्कि अपेक्षित भी है : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि भ्रष्टाचार के मामलों में एफआईआर पंजीकरण से पूर्व के चरण में पृथक / खुली जांच किया जाना अनुमति योग्य है।इस मामले में, हाईकोर्ट ने नागपुर स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के पुलिस इंस्पेक्टर द्वारा अपीलकर्ता को जारी नोटिस को चुनौती देने वाली अर्जी खारिज कर दी थी। आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने के आरोपों की जांच के सिलसिले में पुलिस इंस्पेक्टर ने नोटिस जारी करके अपीलकर्ता को उसके द्वारा अर्जित सम्पत्तियों के संदर्भ में बयान दर्ज कराने का निर्देश दिया...

कोर्ट / ट्रिब्यूनल औपचारिक अर्जी की गैर मौजूदगी में भी लिमिटेशन एक्ट की धारा 5 के तहत विलंब माफ कर सकता है : सुप्रीम कोर्ट
कोर्ट / ट्रिब्यूनल औपचारिक अर्जी की गैर मौजूदगी में भी लिमिटेशन एक्ट की धारा 5 के तहत विलंब माफ कर सकता है : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि औपचारिक अर्जी की गैर मौजूदगी में भी लिमिटेशन एक्ट की धारा 5 के तहत कोर्ट / न्यायाधिकरण (ट्रिब्यूनल) को विलंब के लिए माफी देने के अपने विशेषाधिकार के इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध नहीं है।न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की खंडपीठ ने कहा कि कोर्ट विलंब का कारण दर्शाने के लिए अर्जी या कोई हलफनामा दायर करने पर हमेशा जोर दे सकता है।कोर्ट राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के एक फैसले के खिलाफ अपील पर विचार कर रहा था, जिसमें एक...

सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट द्वारा ऑनलाइन मीडिया स्ट्रीमिंग प्लेटफार्म पर कंटेंट के नियमन से संबंधित मामलों की सुनवाई पर रोक लगाई
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट द्वारा ऑनलाइन मीडिया स्ट्रीमिंग प्लेटफार्म पर कंटेंट के नियमन से संबंधित मामलों की सुनवाई पर रोक लगाई

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उच्च न्यायालयों के समक्ष लंबित नेटफ्लिक्स, अमेज़न प्राइम वीडियो, हॉटस्टार आदि जैसे ऑनलाइन मीडिया स्ट्रीमिंग प्लेटफार्मों पर कंटेंट (सामग्री) के नियमन से संबंधित मामलों की कार्यवाही पर रोक लगा दी।जस्टिस चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच ने ओटीटी प्लेटफार्मों के नियमन के लिए विभिन्न उच्च न्यायालयों में लंबित मामलों को स्थानांतरित करने की मांग वाली केंद्र सरकार की स्थानांतरण याचिका पर सुनवाई करते हुए निर्देश जारी किया।बेंच सरकार द्वारा इन ऑनलाइन मीडिया...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने फर्जी मुकदमों के पीड़ितों के लिए मुआवजे की याचिका की याचिका पर नोटिस जारी किया

सुप्रीम कोर्ट ने अधिवक्ता और बीजेपी नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया है, जिसमें फर्जी अभियोजन के पीड़ितों को केंद्र द्वारा मुआवजे के लिए दिशानिर्देश तैयार करने के निर्देश मांगे गए हैं। दलील यह भी है कि न्याय के पतन पर लॉ कमीशन की रिपोर्ट संख्या -277 की सिफारिशों को लागू किया जाए।न्यायमूर्ति यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने भाजपा नेता कपिल मिश्रा द्वारा दायर एक अन्य याचिका को भी इसके साथ टैग किया है, जो इसी तरह का निर्देश मांग रही है। मिश्रा ने सर्वोच्च...

सुप्रीम कोर्ट ने लोन मोहलत अवधि के दौरान बैंकों के ब्याज पर ब्याज या ब्याज पर जुर्माना लगाने पर रोक लगाई, मोहलत अवधि बढ़ाने से इनकार किया
सुप्रीम कोर्ट ने लोन मोहलत अवधि के दौरान बैंकों के ब्याज पर ब्याज या ब्याज पर जुर्माना लगाने पर रोक लगाई, मोहलत अवधि बढ़ाने से इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को निर्देश दिया कि लोन की किश्तों में पिछले साल 1 मार्च से 31 अगस्त तक की अवधि के दौरान किसी भी उधारकर्ता पर ब्याज पर ब्याज या ब्याज पर कोई दंड नहीं होना चाहिए, जो लोन की किसी की राशि को लिए हो।यदि इस तरह का ब्याज पहले ही एकत्र किया जा चुका है, तो इसे उधारकर्ता को वापस कर दिया जाना चाहिए या अगली किश्तों में समायोजित कर दिया जाना चाहिए। पीठ ने कहा कि केवल दो करोड़ रुपये से कम की ऋण श्रेणियों में ब्याज पर छूट का लाभ सीमित करने के लिए केंद्र की नीति में कोई औचित्य नहीं...

उच्च न्यायालय के रिकॉर्ड से सुप्रीम कोर्ट का आदेश गायब होने का मामला: सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को जांच के निर्देश दिए
उच्च न्यायालय के रिकॉर्ड से सुप्रीम कोर्ट का आदेश गायब होने का मामला: सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को जांच के निर्देश दिए

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की जाँच के मद्देनजर, जिसमे यह निष्कर्ष निकाला गया कि यद्यपि सर्वोच्च न्यायालय का एक आदेश हाईकोर्ट द्वारा प्राप्त किया गया था, हालांकि, उसे संबंधित जज के पास नहीं भेज गया था, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (22 मार्च) को प्रशासनिक निर्देशों के तहत मामले की पूरी तरह से जांच करने के लिए उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को निर्देशित किया। न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम. आर. शाह की खंडपीठ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के वरिष्ठ रजिस्ट्रार द्वारा दाखिल...

पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की, ट्रांसफर को चुनौती दी
पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की, ट्रांसफर को चुनौती दी

मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख परमबीर सिंह ने सबूतों को नष्ट करने से पहले महाराष्ट्र सरकार के गृहमंत्री, अनिल देशमुख के कथित भ्रष्ट व्यवहार की निष्पक्ष, सही, बिना दबाव, स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।उन्होंने मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से उन्हें स्थानांतरित करने के सरकार के आदेश को भी चुनौती दी है। सिंह ने कहा है कि देशमुख फरवरी, 2021 में अपने आवास पर क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट, मुंबई के सचिन वज़े, एसीपी सोशल सर्विस ब्रांच, संजय पाटिल सहित पुलिसअधिकारियों के साथ बैठकें कर...

सुप्रीम कोर्ट ने  हाईकोर्ट द्वारा न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ प्रतिकूल टिप्पणी करने की प्रैक्टिस को अनुचित ठहराया
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट द्वारा न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ प्रतिकूल टिप्पणी करने की प्रैक्टिस को अनुचित ठहराया

सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालयों द्वारा न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ प्रतिकूल टिप्पणी करने की प्रैक्टिस को अनुचित ठहराया।एक न्यायिक अधिकारी, जिन्होंने मोटर दुर्घटना दावा ट्रिब्यूनल की अध्यक्षता की थी, उन्होंने कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा उनके खिलाफ व्यक्तिगत रूप से की गई कुछ टिप्पणियों के खिलाफ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। एमएसीटी जज द्वारा पारित एक आदेश के खिलाफ अपील में फैसले में प्रतिकूल टिप्पणी की गई।जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस आर सुभाष रेड्डी ने कहा,"हम अपीलकर्ता के लिए विद्वान वकील...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
सीएमए परीक्षा - 2021 : कथित गड़बड़ियों के चलते आईसीएमएआई की ऑनलाइन परीक्षा रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका

सुप्रीम कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की गई है, जिसमें इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया ( आईसीएमएआई) द्वारा जनवरी-फरवरी 2021 में आयोजित किए गए कॉस्ट मैनेजमेंट अकाउंटेंट ( सीएमए) के इंटरमीडिएट और फाइनल स्तर के ऑनलाइन टेस्ट को रद्द करने की मांग की गई है।कॉस्ट मैनेजमेंट अकाउंटिंग (सीएमए) फाइनल कोर्स के एक छात्र द्वारा ये याचिका दायर की गई है, जिसने परीक्षा में व्यापक खराबी का आरोप लगाया जिसकी वजह से इसकी विश्वसनीयता और पवित्रता प्रभावित हुई।याचिकाकर्ता के अनुसार, ऑनलाइन आधारित परीक्षाएं...

सुप्रीम कोर्ट की ई-कमेटी द्वारा महामारी के दौरान 1.6 लाख से अधिक वकीलों, न्यायाधीशों और कोर्ट के स्टॉफ को ऑनलाइन ट्रेनिंग दी गई
सुप्रीम कोर्ट की ई-कमेटी द्वारा महामारी के दौरान 1.6 लाख से अधिक वकीलों, न्यायाधीशों और कोर्ट के स्टॉफ को ऑनलाइन ट्रेनिंग दी गई

सुप्रीम कोर्ट की ई-कमेटी, जस्टिस धनंजय वाई चंद्रचूड़ के मार्गदर्शन में मई 2020 से दिसंबर 2020 तक (167735 प्रतिभागियों को शामिल करते हुए) महामारी की अवधि के दौरान 19 ऑनलाइन ई-कमेटी प्रशिक्षण (ईसीटी)/जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।सुप्रीम कोर्ट की ई-कमेटी द्वारा इससे संबंधित प्रेस रिलीज जारी की गई है, जिसमें कहा गया है कि कार्यक्रम के प्रतिभागियों में अधिवक्ता, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, जिला न्यायपालिका के न्यायाधीश, न्यायालय कर्मचारी, न्यायाधीशों / डीएसए के साथ मास्टर ट्रेनर और हाईकोर्ट के...

नागरिकता संशोधन कानून असंवैधानिक, क्योंकि यह धर्म के आधार पर व्यक्तियों के बीच अंतर करता हैः जस्टिस गोपाल गौड़ा
नागरिकता संशोधन कानून असंवैधानिक, क्योंकि यह धर्म के आधार पर व्यक्तियों के बीच अंतर करता हैः जस्टिस गोपाल गौड़ा

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज, जस्टिस वी गोपाल गौड़ा ने शुक्रवार को कहा, "एसआर बोम्मई मामले में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने 1994 में दिए फैसले में कहा था कि संसद या राज्यों की विधायिका धर्म के आधार कोई भी कानून लागू नहीं कर सकती हैं। मेरा मानना है कि सीएए, जो व्यक्तियों को धर्म के आधार पर अलग करता है, बोम्मई के अनुसार, असंवैधानिक है।"वह सीनियर एडवोकेट डॉ केएस चौहान की किताब 'नागरिकता, अधिकार और संवैधानिक मर्यादा' के विमोचन समरोह में बोल रहे थे। किताब को मोहन लॉ हाउस ने छापा है। कार्यक्रम में...

आपराधिक मुकदमे विवादित बकाये की वसूली के लिए नहीं होते : सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया
आपराधिक मुकदमे विवादित बकाये की वसूली के लिए नहीं होते : सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया

सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर कहा कि आपराधिक मुकदमे विवादित बकाये की वसूली के लिए नहीं होते हैं।न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की खंडपीठ ने कहा कि जमानत / अग्रिम जमानत देने के लिए अधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल कर रही आपराधिक अदालत से शिकायतकर्ता के बकाए वसूली के लिए रिकवरी एजेंट के तौर पर कार्य करने की अपेक्षा नहीं की जा सकती और वह भी बगैर किसी ट्रायल के।इस मामले में, झारखंड हाईकोर्ट ने एक अभियुक्त को जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया था, लेकिन इसके लिए उसे ट्रायल कोर्ट में 53...

सुप्रीम कोर्ट ने एनवी इंटरनेशनल फैसले को पलटा कि धारा 37 के तहत मध्यस्थता अपील दायर करने में 120 दिन से अधिक की देरी माफ नहीं हो सकती
सुप्रीम कोर्ट ने 'एनवी इंटरनेशनल' फैसले को पलटा कि धारा 37 के तहत मध्यस्थता अपील दायर करने में 120 दिन से अधिक की देरी माफ नहीं हो सकती

एक महत्वपूर्ण फैसले में, सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मैसर्स एनवी इंटरनेशनल बनाम असम राज्य के मामले में अपना 2019 का फैसला पलट दिया, जिसमें सख्ती से कहा गया था कि मध्यस्थता और सुलह अधिनियम 1996 की धारा 37 के तहत अपील दायर करने में 120 दिन से अधिक की देरी को माफ नहीं किया जा सकता है।शीर्ष अदालत ने अब कहा है कि मंच के आधार पर धारा 37 के तहत अपील दायर करने के लिए 90, 60 या 30 दिनों से अधिक देरी को माफ किया जा सकता है। लेकिन न्यायालय ने एक शर्त लगाते हुए कहा कि देरी की ऐसी माफी अपवाद होने चाहिए और...

अभियुक्त के अपराध निर्धारण के लिए अप्रासंगिक कारकों को सजा सुनाये जाने के समय विचार किया जा सकता है : सुप्रीम कोर्ट
अभियुक्त के अपराध निर्धारण के लिए अप्रासंगिक कारकों को सजा सुनाये जाने के समय विचार किया जा सकता है : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वैसे कारक जो अभियुक्त के जुर्म के निर्धारण के लिए प्रांसगिक नहीं हो सकते, उन पर सजा निर्धारण के स्तर पर विचार किया जा सकता है।इस मामले में अभियुक्त को एक नाबालिग लड़की के अपहरण के लिए अन्य अभियुक्तों के साथ साजिश रचने के आरोप में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 344 और 366 के तहत दोषी ठहराया गया था। उन सभी को आईपीसी की धारा 344 के तहत अपराध के लिए एक वर्ष की साधारण कारावास की सजा सुनायी गयी थी तथा दो हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया था। साथ ही, आईपीसी की धारा 366 के...

सुप्रीम कोर्ट ने 102 वें संवैधानिक संशोधन को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया
सुप्रीम कोर्ट ने 102 वें संवैधानिक संशोधन को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया

मराठा आरक्षण के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने 102 वें संवैधानिक संशोधन को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया है।ये नोटिस महाराष्ट्र के राजनीतिक दल शिव संग्रामऔर उसके नेता विनायकराव टी मेटे के द्वारा दायर इस रिट याचिका पर जारी हुआ है और इसे मराठा कोटा मामलों के साथ टैग किया गया है।जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली बेंच ने आदेश में कहा,इस तथ्य के मद्देनज़र, 102 वें संवैधानिक संशोधन को देखते हुए विद्वान अटॉर्नी जनरल को औपचारिक नोटिस भी जारी किया...