दिल्ली हाईकोर्ट
आप इस तरह के प्रतिबंध नहीं लगा सकते: दिल्ली हाईकोर्ट ने परीक्षा के बाद चर्चाओं पर प्रतिबंध के खिलाफ जनहित याचिका पर SSC से जवाब मांगा
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को कर्मचारी चयन आयोग (SSC) द्वारा जारी अधिसूचना को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पहले से आयोजित SSC परीक्षा के प्रश्नपत्रों पर चर्चा विश्लेषण या प्रसार पर रोक लगाई गई।चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग और SSC के माध्यम से भारत संघ से जवाब मांगा और मामले की सुनवाई नवंबर में निर्धारित की।यह याचिका पेशे से इंजीनियर विकास कुमार मिश्रा द्वारा दायर की गई, जिनके...
'समय की घोर बर्बादी': दिल्ली हाईकोर्ट ने BCCI टीम को टीम इंडिया कहने पर रोक लगाने वाली जनहित याचिका खारिज की
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को एक जनहित याचिका (PIL) को खारिज कर दिया, जिसमें प्रसार भारती (जो दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो का संचालन करता है) को BCCI की टीम को भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम या टीम इंडिया के रूप में पेश करने से रोकने की मांग की गई थी।एडवोकेट रीपक कंसल द्वारा दायर याचिका में तर्क दिया गया कि इस तरह का चित्रण जनता को गुमराह करता है और राष्ट्रीय प्रतीकों के उपयोग को नियंत्रित करने वाले कानूनों का उल्लंघन करता है।चीफ जस्टिस डी.के. उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने...
दिल्ली हाईकोर्ट ने समीर वानखेड़े के मानहानि मुकदमे में नेटफ्लिक्स, रेड चिलीज़ को समन जारी किया
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को IRS अधिकारी समीर वानखेड़े द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे में रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट, नेटफ्लिक्स और अन्य को समन जारी किया। यह मुकदमा आर्यन खान द्वारा निर्देशित नई नेटफ्लिक्स सीरीज़ Ba***ds of Bollywood में कथित तौर पर उनकी मानहानिकारक चित्रण को लेकर दायर किया गया।जस्टिस पुरुषेंद्र कुमार कौरव ने अंतरिम राहत के आवेदन पर भी नोटिस जारी किया और मामले को अगली सुनवाई के लिए 30 अक्टूबर को सूचीबद्ध किया।वानखेड़े की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट संदीप सेठी ने संशोधित याचिका का...
अनधिकृत निर्माण के बहाने याचिकाओं के दुरुपयोग पर दिल्ली हाईकोर्ट की चेतावनी, याचिकाकर्ता पर 50,000 रुपये का जुर्माना
दिल्ली हाईकोर्ट ने कल अनधिकृत निर्माण के बहाने फर्जी याचिकाएं दायर करने वालों के खिलाफ चेतावनी दी और स्पष्ट किया कि ऐसी याचिकाएं केवल वही व्यक्ति दायर कर सकते हैं जो सीधे प्रभावित हों।जस्टिस मिनी पुष्करना ने एक याचिकाकर्ता पर 50,000 रुपये जुर्माना लगाया क्योंकि उसने जमिया नगर क्षेत्र में स्थित उस संपत्ति का अधिकार या कब्जा पाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया, जिस पर उसने अनधिकृत निर्माण का दावा किया था। इस राशि को दिल्ली हाईकोर्ट बार क्लर्क एसोसिएशन में जमा करना होगा। कोर्ट ने कहा, “हम पहले भी कई...
दिल्ली हाईकोर्ट ने 21 साल पुराने संपत्ति विवाद में देरी की रणनीति अपनाने के लिए वादी पर 25,000 का जुर्माना लगाया
दिल्ली हाईकोर्ट ने एक वादी पर 21 साल पुराने संपत्ति विवाद में निर्णय में देरी की मांग करते हुए पुनर्विचार याचिका दायर करने पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया। यह विवाद ट्रायल कोर्ट में सुनवाई के अंतिम चरण में है।जस्टिस तारा वितस्ता गंजू ने मुकदमे में प्रतिवादी कृष्णा देवी द्वारा दायर याचिका खारिज की, जिसमें उन्होंने ट्रायल कोर्ट द्वारा सीपीसी के आदेश VII नियम 11(डी) के तहत दायर अपने आवेदन को खारिज करने को चुनौती दी थी।यह मुकदमा 2004 में दायर किया गया जिसमें 14 मई, 2003 के सेल डीड को अमान्य घोषित...
दिल्ली हाईकोर्ट ने JAG महिला सेना अधिकारियों को परमानेंट कमीशन के लिए याचिका पर जल्द सुनवाई के निर्देश दिए
दिल्ली हाईकोर्ट ने भारतीय सेना की जज एडवोकेट जनरल JAG शाखा की महिला अधिकारियों की याचिका पर सशस्त्र बल न्यायाधिकरण (AFT) को जल्द से जल्द फैसला करने का निर्देश दिया। ये अधिकारी सेना में स्थायी कमीशन की मांग कर रही हैं।वर्तमान में ये महिला अधिकारी शॉर्ट सर्विस कमीशन (SSC) पर कार्यरत हैं।जस्टिस सी. हरि शंकर और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने कहा कि चूंकि ये अधिकारी सेवा में हैं, इसलिए वे सेना अधिनियम 1950 के प्रावधानों के अधीन हैं। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सशस्त्र बल न्यायाधिकरण अधिनियम,...
पीड़िता का आरोपी से परिचित होना और स्वेच्छा से उसके कमरे में जाना, उसे यौन उत्पीड़न के लिए ज़िम्मेदार ठहराने का आधार नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि किसी महिला का आरोपी से परिचित होना, उसे आरोपी द्वारा उसके साथ किए गए कथित यौन उत्पीड़न के लिए ज़िम्मेदार ठहराने का कोई आधार नहीं है।जस्टिस अमित महाजन ने कहा,"सिर्फ़ इसलिए कि पीड़िता आरोपी को जानती थी या उसके साथ उसके मधुर संबंध थे, उसे यौन उत्पीड़न के लिए ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।"अदालत एक पत्रकार और जेएनयू की पीएचडी स्टूडेंट शिकायतकर्ता द्वारा दायर याचिका पर विचार कर रही थी, जिसमें उसने ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी, जिसमें बलात्कार के मामले में आरोपी को...
डिजिटल धोखाधड़ी के मामले बढ़े, अपराधियों ने कानून से बचने के लिए तकनीक का किया दुरुपयोग: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने धोखाधड़ी और फ्रॉड के मामले में आरोपी को पूर्व गिरफ्तारी जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि डिजिटल फ्रॉड के मामले बढ़ रहे हैं और तकनीक का दुरुपयोग अपराधियों द्वारा कानून से बचने के लिए किया जा रहा है।जस्टिस अमित महाजन ने कहा, “यह मामले गंभीर डिजिटल धोखाधड़ी से जुड़े हैं, जिसमें जटिल तकनीकी तरीकों का इस्तेमाल करके भोले-भाले पीड़ितों को ठगा गया। ऐसे अपराध बढ़ रहे हैं और इन्हें पकड़ना कठिन है क्योंकि तकनीक का गलत इस्तेमाल करके अपराधी कानून को चकमा देते हैं। जांच एजेंसी का काम...
मामले में बाद के वकील की अलग राय गवाह को वापस बुलाने का आधार नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि मामले में आगे अभियोजन कैसे किया जाए इस बारे में बाद के वकील की अलग राय CrPC की धारा 311 के तहत गवाह को वापस बुलाने का आधार नहीं है।जस्टिस अमित महाजन ने कहा,"CrPC की धारा 311 के तहत शक्ति का प्रयोग इतनी देरी से केवल वकील बदलने के कारण नहीं किया जा सकता। मामले में अभियोजन कैसे किया जाए, इस बारे में बाद के वकील की अलग राय गवाह को वापस बुलाने का कानूनी आधार नहीं हो सकती।"अदालत ने आगे कहा,"अगर इस तरह की दलीलों को स्वीकार कर लिया जाता है तो मुकदमा एक अंतहीन प्रयास होगा,...
जज द्वारा स्थगन देने या संबंधित शिकायत समेकित करने से इनकार करना मामला ट्रांसफर का आधार नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि किसी जज द्वारा मांगी गई तारीखों पर स्थगन देने या संबंधित शिकायत को समेकित करने से इनकार करना मामले को किसी अन्य जज को ट्रांसफर करने का आधार नहीं है।जस्टिस संजीव नरूला ने कहा, "समय-निर्धारण केस प्रबंधन का एक पहलू है और जब तक यह दुर्भावना से प्रेरित न हो, तब तक यह पक्षपात की उचित आशंका को जन्म नहीं दे सकता।"कोर्ट ने चेक बाउंसिंग के तीन मामलों का सामना कर रहे व्यक्ति द्वारा दायर याचिका को 10,000 रुपये के जुर्माने के साथ खारिज कर दिया, जिसमें शिकायत को प्रथम श्रेणी...
सोशल मीडिया पर जमानत मनाने मात्र से जमानत रद्द नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने यह देखा कि केवल आरोपी या उसके साथियों द्वारा सोशल मीडिया पर जमानत का जश्न मनाना शिकायतकर्ता के लिए किसी विशेष खतरे के बिना जमानत रद्द करने का आधार नहीं बन सकता।एक हाउस ट्रेसपास मामले में आरोपी की जमानत रद्द करने से इंकार करते हुए जस्टिस रविंदर दुडेजा ने कहा: “यह तर्क कि आरोपी या उसके साथियों ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर जमानत मिलने के बाद वीडियो और स्टेटस मैसेज डालकर जश्न मनाया, शिकायतकर्ता को किसी विशेष धमकी या डराए जाने के बिना जमानत रद्द करने का आधार नहीं हो सकता।” ...
दिल्ली हाईकोर्ट ने मादक पदार्थों की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार विदेशी नागरिक को ज़मानत दी
दिल्ली हाईकोर्ट ने मादक पदार्थों की तस्करी के मामले में चार साल से ज़्यादा समय से जेल में बंद विदेशी नागरिक को ज़मानत दी।ऐसा करते हुए जस्टिस अरुण मोंगा ने कहा कि जांच अधिकारी ने क्रॉस एक्जामिनेशन के दौरान ख़ुद स्वीकार किया कि ज़ब्त किए गए पदार्थ को सैंपल लेने से पहले मिलाया गया, जिससे यह पता लगाना असंभव हो गया कि टेस्ट के लिए भेजे गए नमूने किस पैकेट से आए या उनका वज़न कितना था।पीठ ने कहा,"इस प्रकार, टेस्ट किए गए सैंपल्स के प्रमाण पर संदेह है, जिन्हें कुल मिलाकर व्यावसायिक मात्रा के रूप में...
प्रेमालाप के बाद शादी से इनकार विवाह का वादा तोड़ना नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट ने आरोपी को दी ज़मानत
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि कोर्टशिप यानी विवाह से पहले के परिचय या संबंध के बाद अगर कोई व्यक्ति सोच-समझकर शादी से इनकार करता है तो उसे विवाह का वादा तोड़ना नहीं माना जा सकता।जस्टिस अरुण मोंगा ने यह टिप्पणी ऐसे मामले में आरोपी को ज़मानत देते हुए की, जिस पर महिला के साथ विवाह के झूठे वादे पर यौन संबंध बनाने का आरोप था।अदालत ने कहा,“यह एक दुर्भाग्यपूर्ण मामला प्रतीत होता है, जहां दो वयस्क आपसी सहमति से विवाह की संभावना तलाशने के लिए रिश्ते में आए। हालांकि, एक-दूसरे को बेहतर जानने के बाद एक पक्ष ने...
हर लेन-देन से मेल खाना जरूरी नहीं, कुल विदेशी मुद्रा लाभ साबित हो तो सामूहिक FIRC पर्याप्त: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने यह महत्वपूर्ण निर्णय दिया कि विदेशी आय प्रमाणपत्र (Foreign Inward Remittance Certificate - FIRC) को हर निर्यात लेन-देन से मेल खाना जरूरी नहीं है। यदि किसी निर्यातक द्वारा समग्र रूप से प्राप्त विदेशी मुद्रा का लाभ पूरी तरह सिद्ध किया जा सके, तो एक निर्धारित अवधि का FIRC भी मान्य होगा।FIRC बैंक द्वारा जारी किया जाने वाला प्रमाणपत्र होता है, जो विदेशों से प्राप्त भुगतान का साक्ष्य प्रदान करता है।जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह और जस्टिस शैल जैन की खंडपीठ ने कहा,“FIRC को हर लेन-देन से...
सिर्फ़ EMI चुकाने के आधार पर पति संयुक्त संपत्ति पर अनन्य स्वामित्व का दावा नहीं कर सकता: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि पति दोनों पति-पत्नी के संयुक्त स्वामित्व वाली संपत्ति पर केवल इस आधार पर अनन्य स्वामित्व का दावा नहीं कर सकता कि उसने अकेले EMI का भुगतान किया था।जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ ने कहा,"...जब संपत्ति पति-पत्नी के संयुक्त नाम पर हो तो पति को केवल इस आधार पर अनन्य स्वामित्व का दावा करने की अनुमति नहीं दी जा सकती कि उसने अकेले ही खरीद मूल्य प्रदान किया था। ऐसी दलील बेनामी अधिनियम की धारा 4 का उल्लंघन करेगी, जो बेनामी संपत्ति के संबंध...
बाल विवाह और यौन अपराधों के मामले को समझौते के आधार पर रद्द करने से गैरकानूनी आचरण को 'न्यायिक स्वीकृति' मिलेगी: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि पक्षों के बीच समझौते के आधार पर बाल विवाह और यौन अपराधों के मामले को रद्द करने से उस गैरकानूनी आचरण को "न्यायिक स्वीकृति" मिलेगी, जिसे संसद रोकना चाहती है।जस्टिस संजीव नरूला ने कहा,"समझौते के आधार पर बाल विवाह और यौन अपराधों के मामले को रद्द करना वास्तव में उस गैरकानूनी आचरण को न्यायिक स्वीकृति देगा जिसे संसद स्पष्ट रूप से रोकना चाहती है।"अदालत दो आरोपियों द्वारा दायर एक याचिका पर विचार कर रहा था, जिसमें बाल विवाह और नाबालिग पर यौन हमले के आरोपों में उनके खिलाफ दर्ज FIR...
दिल्ली हाईकोर्ट ने ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर से मारपीट के आरोपी के खिलाफ दर्ज FIR को सामुदायिक सेवा की शर्त पर रद्द किया
दिल्ली हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति के खिलाफ दर्ज FIR को रद्द कर दिया, जिस पर ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर से मारपीट का आरोप था, और उसे आदेश दिया कि वह एक महीने तक हर शनिवार और रविवार को उसी अस्पताल में सामुदायिक सेवा करेगा।जस्टिस अजय दिगपौल ने आदेश दिया कि आरोपी विपिन आहुजा दिल्ली के दिलशाद गार्डन स्थित डॉ. सुषमा जिंदल अस्पताल में, उस डॉक्टर की देखरेख में, जिसे उसने कथित रूप से मारा था, सामुदायिक सेवा करेगा। कोर्ट ने 2019 में दर्ज FIR को रद्द कर दिया, जिसमें आहुजा पर IPC की धारा 506 और Medicare Service...
CrPC की धारा 436ए के तहत रिहाई स्वतः नहीं होती, भले ही अपराध में मृत्युदंड का प्रावधान न हो: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि CrPC की धारा 436ए के तहत ज़मानत पर रिहाई स्वतः नहीं होती, भले ही कथित अपराध में मृत्युदंड का प्रावधान न हो।बता दें, CrPC की धारा 436ए विचाराधीन कैदी को हिरासत में रखने की अधिकतम अवधि निर्धारित करती है।इसमें कहा गया कि किसी अभियुक्त (जिस पर मृत्युदंड के प्रावधान वाले अपराध का आरोप नहीं है), जिसने उस अपराध के लिए निर्धारित अधिकतम कारावास की आधी अवधि तक हिरासत में रखा हो, उसे ज़मानत पर रिहा किया जाएगा।हालांकि, जस्टिस संजीव नरूला ने उस प्रावधान का हवाला दिया, जो...
S.156(3) CrPC | ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट के तहत पुलिस को FIR दर्ज करने का निर्देश नहीं दे सकते मजिस्ट्रेट: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट, 1940 (Drugs & Cosmetics Act) के तहत FIR रद्द की, जो पुलिस द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता (IPC) की धारा 156(3) के तहत मजिस्ट्रेट के निर्देश पर दर्ज की गई।जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने कहा कि ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट के तहत उल्लंघन केवल औषधि निरीक्षक के अधिकार क्षेत्र में आते हैं और पुलिस द्वारा उनकी जाँच नहीं की जा सकती।भारत संघ बनाम अशोक कुमार शर्मा (2020) का हवाला दिया गया, जहां ड्रग्स एक्ट की धारा 32 के अधिदेश और औषधि निरीक्षक को प्राप्त...
दिल्ली हाईकोर्ट ने स्थानीय पुलिस को सूचित किए बिना दिल्ली से दो नाबालिगों को गिरफ्तार करने पर राजस्थान पुलिस की खिंचाई की
दिल्ली हाईकोर्ट ने राजस्थान पुलिस को राष्ट्रीय राजधानी से दो नाबालिगों को दिल्ली पुलिस को सूचित किए बिना गिरफ्तार करने पर फटकार लगाई।संदीप कुमार बनाम राज्य (दिल्ली सरकार) एवं अन्य, (2019) मामले में हाईकोर्ट की खंडपीठ ने दिशानिर्देश जारी किए, जिनका पालन एक राज्य की पुलिस को किसी अन्य राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में गिरफ्तारी करने के लिए जाने पर करना होगा।इसमें कहा गया कि दूसरे राज्य का दौरा करने से पहले पुलिस अधिकारी को उस स्थानीय पुलिस स्टेशन से संपर्क स्थापित करने का प्रयास करना चाहिए, जिसके...



















