इंडिगो टिकट कैंसलेशन पर मुआवजे और DGCA के खिलाफ न्यायिक जांच की मांग, हाईकोर्ट में याचिका दायर
Shahadat
16 Dec 2025 7:58 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट में PIL दायर की गई, जिसमें इंडिगो एयरलाइंस द्वारा हाल ही में कैंसिल किए गए टिकटों के लिए "चार गुना" मुआवजे और कथित कमियों के लिए डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) के खिलाफ न्यायिक जांच की मांग की गई।
इस मामले की सुनवाई बुधवार को चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की डिवीजन बेंच करेगी।
यह याचिका सेंटर फॉर अकाउंटेबिलिटी एंड सिस्टमैटिक चेंज (CASC) ने दायर की।
आरोप लगाया गया कि इंडिगो की गलती और कमियों और DGCA द्वारा रेगुलेटरी नियमों को लागू न करने के कारण, एविएशन सेक्टर की कमजोरियां सामने आई हैं, जो "विकसित भारत" के विकास में बाधा डाल सकती हैं।
याचिका में कहा गया कि "इंडिगो जैसी बड़ी एयरलाइंस" के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाती है, जिससे "VIP सिंड्रोम का एहसास" होता है।
इसमें आगे कहा गया कि मौजूदा कानूनों के अनुसार सुधारात्मक, दंडात्मक कार्रवाई करने और उचित मुआवजा देने के बजाय मामले को जांच के नाम पर भटकाया जा रहा है और नए कानूनों की जरूरत पर जोर दिया जा रहा है।
याचिका में संकट के दौरान यात्रियों की परेशानी और नुकसान के लिए इंडिगो के खिलाफ क्लास एक्शन सूट शुरू करने की मांग की गई।
10 दिसंबर को कोर्ट ने इंडिगो संकट और बड़े पैमाने पर फ्लाइट कैंसलेशन की स्वतंत्र न्यायिक जांच की मांग वाली PIL पर नोटिस जारी किया।
कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि फंसे हुए यात्रियों को मुआवजा देने के प्रावधानों का "इंडिगो द्वारा सख्ती से पालन किया जाएगा" और यह "नागरिक उड्डयन मंत्रालय और DGCA द्वारा भी सुनिश्चित किया जाएगा"।
Title: CENTRE FOR ACCOUNTABILITY AND SYSTEMIC CHANGE (CASC) v. UNION OF INDIA & ORS

