छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 2021 से राज्य बार काउंसिल के काम न करने पर स्वतः संज्ञान लिया
Amir Ahmad
7 Feb 2025 5:21 AM

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 2021 से छत्तीसगढ़ राज्य बार काउंसिल के काम न करने पर स्वतः संज्ञान लेकर जनहित याचिका (PIL) दर्ज की।
अपने आदेश में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रवींद्र कुमार अग्रवाल की खंडपीठ ने कहा कि 2021 से राज्य बार काउंसिल के काम न करने के कारण कई महत्वपूर्ण गतिविधियां रुकी हुई।
इनमें वकीलों का प्रवेश, रोल का रखरखाव, कदाचार का निर्धारण, अधिकारों की सुरक्षा, कानून सुधारों को बढ़ावा देना, सेमिनारों का आयोजन, पत्रिकाओं का प्रकाशन, कानूनी सहायता का प्रावधान, चुनाव निधि का प्रबंधन, यूनिवर्सिटी का दौरा, कल्याणकारी योजनाओं का कार्यान्वयन और कानून पुस्तकालयों की स्थापना आदि शामिल हैं।
राज्य बार काउंसिल के वकील से जब पूछा गया कि आखिरी चुनाव कब हुआ था तो पीठ को बताया गया कि पिछली बार निर्वाचित निकाय का कार्यकाल 2 फरवरी, 2021 को समाप्त हो गया था। कार्यकाल समाप्त होने के बाद कोई नया चुनाव नहीं हुआ और सत्यापन नियमों में विफलता के कारण उक्त स्थिति उत्पन्न हुई थी।
खंडपीठ को बताया गया कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने राज्य बार काउंसिल के मामलों की देखभाल के लिए विशेष समिति का गठन किया। चुनाव कराने के लिए पर्यवेक्षक और रिटर्निंग अधिकारी की नियुक्ति के लिए BCI को लिखने के बावजूद आज तक कुछ नहीं किया गया।
खंडपीठ ने जब BCI के वकील से पूछा कि वह इस मुद्दे के संबंध में क्या कर रहा है तो वकील ने आगे के निर्देश प्राप्त करने और इस अदालत के समक्ष उचित प्रस्तुतियाँ देने के लिए कुछ समय मांगा।
इस दलील के मद्देनजर मामले को 12 फरवरी, 2025 को फिर से सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया गया।