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महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट के प्रत्येक जज एवं उनके जीवनसाथी के चश्मे के लिए दी 50 हजार रुपये वार्षिक भत्ते को मंजूरी
महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट के प्रत्येक जज एवं उनके जीवनसाथी के चश्मे के लिए दी 50 हजार रुपये वार्षिक भत्ते को मंजूरी

महाराष्ट्र सरकार ने एक आश्चर्यजनक कदम उठाते हुए, बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीशों एवं उनके परिजनों को चश्मे खरीदने के लिए 50 हजार रुपये वार्षिक भत्ते को मंजूरी दी है। इस बाबत पिछले 10 जुलाई को विधि एवं न्यायिक विभाग की ओर से सरकारी संकल्प जारी किया गया था। कानूनी सलाहकार एवं संयुक्त सचिव योगेश अमेटा के हस्ताक्षर वाले इस सरकारी संकल्प में कहा गया है कि यह राशि जजों, उनके जीवन साथियों और उनके ऊपर आश्रित सदस्यों को चश्मे खरीदने के लिए दिये जाने का निर्णय लिया गया है। इस सरकारी संकल्प में कहा...

गुजरात हाईकोर्ट ने जुड़वां शिुशओं की कस्टडी उनकी मां को दी, महिला पर लगे प्रेम प्रसंग  और समलैंगिक होने के आरोपों को अप्रासंगिक बताते हुए किया खारिज
गुजरात हाईकोर्ट ने जुड़वां शिुशओं की कस्टडी उनकी मां को दी, महिला पर लगे प्रेम प्रसंग और समलैंगिक होने के आरोपों को अप्रासंगिक बताते हुए किया खारिज

गुजरात हाईकोर्ट ने एक मां को उसके जुड़वां शिशुओं की कस्टडी देते हुए कहा कि अपने बच्चों की कस्टडी मांगने वाली एक मां पर लगाए जाने वाले आरोपों की प्रकृति की कुछ सीमा होनी चाहिए ताकि उन बच्चों का एक सभ्य वातावरण में पालन-पोषण हो सके। शिशुओं की मां के खिलाफ लगाए गए हेट्रोसेक्शुअल और समलैंगिक होने के आरोपों पर न्यायालय ने कहा कि-''ऐसा प्रतीत होता है कि सारे आरोप बहुत स्पष्ट इरादे और सावधानी से डिजाइन किए गए हैंं। ताकि वह अपने दम पर खड़ी न हो पाए और उसके अंदर से आत्मसम्मान खत्म हो जाए,...

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली दंंगोंं की सुनवाई 27 जुलाई तक स्थगित की कहा, जवाब के लिए और समय नहीं दिया जाएगा
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली दंंगोंं की सुनवाई 27 जुलाई तक स्थगित की कहा, जवाब के लिए और समय नहीं दिया जाएगा

दिल्ली हाईकोर्ट ने पक्षकारों को एक दूसरे पर दस्तावेजों की आपूर्ति को पूरा करने के निर्देश देने के बाद मंगलवार को दिल्ली दंगों में उचित जांच की मांग करने वाली याचिकाओं के एक बैच की सुनवाई स्थगित कर दी। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की खंडपीठ को सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता ने बताया कि सभी याचिकाओं में एक कॉमन जवाब दाखिल किया गया है। याचिकाकर्ताओं में से एक जमीयत उलमा ने कहा कि उन्हें दिल्ली पुलिस द्वारा दायर जवाब नहीं मिला है। इस पर एसजी तुषार मेहता ने जमीयत...

बार के 250 से अधिक सदस्यों ने एक प्रतिनिधित्व बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को सौंपा, सुरक्षा उपायों के साथ फिजिकल हियरिंग फिर से शुरू करने की मांग
बार के 250 से अधिक सदस्यों ने एक प्रतिनिधित्व बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को सौंपा, सुरक्षा उपायों के साथ फिजिकल हियरिंग फिर से शुरू करने की मांग

बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष एक प्रतिनिधित्व दायर किया गया है,जिसे बार के 250 से अधिक सदस्यों ने अपना समर्थन दिया है, जिनमें कुछ वरिष्ठ अधिवक्ता भी शामिल हैंं। इस प्रतिनिधित्व में मांग की गई है कि फिजिकल हियरिंग फिर से शुरू की जाए या वैकल्पिक रूप से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नियमित सुनवाई शुरू की जाए। बीए देसाई, यूसुफ मुछला, रजनी अय्यर और आरिफ बुकवाला जैसे वरिष्ठ अधिवक्ताओं के नाम उन 254 अधिवक्ताओं की सूची में शामिल हैं, जिन्होंने उक्त प्रतिनिधित्व का समर्थन किया है।...

फॉरेंसिक रिपोर्ट के बिना पेश की गई चार्जशीट को अदालत पूर्ण चार्जशीट नहीं मान सकती : मेघालय की अदालत ने NDPS मामले में ज़मानत स्वीकार की
फॉरेंसिक रिपोर्ट के बिना पेश की गई चार्जशीट को अदालत पूर्ण चार्जशीट नहीं मान सकती : मेघालय की अदालत ने NDPS मामले में ज़मानत स्वीकार की

नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सबस्टेंस एक्ट (NDPS)के तहत आरोपी व्यक्ति को ज़मानत देते हुए मेघालय के एक ट्रायल कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि फॉरेंसिक साइंस रिपोर्ट के बिना अदालत चार्जशीट को पूर्ण चार्जशीट नहीं मान सकती। रासायनिक विश्लेषण रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर नहीं रखने के लिए पुलिस की खिंचाई करते हुए पूर्वी खासी हिल्स में विशेष न्यायाधीश ने कहा कि: 'एफएसएल रिपोर्ट की अनुपस्थिति में, यह अदालत मामले में आगे नहीं बढ़ सकती, क्योंकि रासायनिक विश्लेषण रिपोर्ट जब्त वर्जित पदार्थ की गुणवत्ता और...

राजस्थान संकट : पार्टी में आंतरिक असंतोष का अर्थ सदस्यता छोड़ना नहीं : सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे ने सचिन पायलट खेमे के लिए तर्क पेश किए
राजस्थान संकट : पार्टी में आंतरिक असंतोष का अर्थ सदस्यता छोड़ना नहीं : सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे ने सचिन पायलट खेमे के लिए तर्क पेश किए

राजस्थान हाईकोर्ट के सामने सोमवार को सचिन पायलट के नेतृत्व में 19 असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों के लिए पेश होते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने प्रस्तुत किया कि किसी अन्य पार्टी में जाए बिना, पार्टी नेतृत्व के खिलाफ असंतोष व्यक्त करना, पार्टी की सदस्यता छोड़ने की श्रेणी में नहीं आएगा। मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महंती और न्यायमूर्ति प्रकाश गुप्ता की पीठ के समक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता साल्वे ने पेश किया कि "यदि विधायकों का एक समूह मुख्यमंत्री की कार्यशैली के खिलाफ अपनी आवाज उठाता है तो यह दलबदल नहीं...

अनुच्छेद 25 के तहत अपना धर्म मानने के अधिकार का प्रयोग किसी ग़ैरक़ानूनी संरचना के संरक्षण के लिए नहीं हो सकता : कर्नाटक हाईकोर्ट
अनुच्छेद 25 के तहत अपना धर्म मानने के अधिकार का प्रयोग किसी ग़ैरक़ानूनी संरचना के संरक्षण के लिए नहीं हो सकता : कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत नागरिक को हर जगह पूजा करने और ग़ैरक़ानूनी रूप से बने पूजा स्थलों के संरक्षण का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने कहा कि ग़ैरक़ानूनी मंदिर बनाने का अधिकार आवश्यक धार्मिक प्रैक्टिस नहीं कहा जा सकता और इसे संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत कोई संरक्षण नहीं मिला हुआ है। कोर्ट ने कहा, "…ग़ैरक़ानूनी मंदिर और वह भी फूटपाथ पर, इसे बनाने के अधिकार के बारे में ऐसा नहीं कहा जा सकता कि यह किसी धर्म या धार्मिक प्रैक्टिस का हिस्सा है और...

सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान दर्ज करने के लिए मजिस्ट्रेट को COVID19 के मद्देनज़र नाबालिगों की भौतिक उपस्थिति की मांग नहीं करनी चाहिए : दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिका पर नोटिस जारी किया
"सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान दर्ज करने के लिए मजिस्ट्रेट को COVID19 के मद्देनज़र नाबालिगों की भौतिक उपस्थिति की मांग नहीं करनी चाहिए" : दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिका पर नोटिस जारी किया

दिल्ली हाईकोर्ट ने उस याचिका पर नोटिस जारी किया है, जिसमें अदालत से यह निर्देश देने की मांग की गई है कि दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 164 के तहत 'देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता वाले बच्चों' के बयान मजिस्ट्रेट द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दर्ज किए जाएं और इसके लिए बच्चों की भौतिक उपस्थिति को समाप्त कर दिया जाए। मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की डिवीजन बेंच ने दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस आयुक्त सहित अन्य को नोटिस जारी किया है और उनसे एक सप्ताह में जवाब दाखिल...

याचिकाकर्ता ने वैवाहिक और लंबित सिविल विवादों में अपनी लड़ाई मजबूत करने के लिए यूएसए में रहने का झूठा दावा किया : तेलंगाना हाईकोर्ट ने लगाया जुर्माना
''याचिकाकर्ता ने वैवाहिक और लंबित सिविल विवादों में अपनी लड़ाई ''मजबूत'' करने के लिए यूएसए में रहने का झूठा दावा किया'' : तेलंगाना हाईकोर्ट ने लगाया जुर्माना

तेलंगाना हाईकोर्ट ने हाल ही में एक याचिकाकर्ता पर पांच हजार रुपये जुर्माना लगाया है क्योंकि उसने वैवाहिक और लंबित सिविल विवादों में अपनी लड़ाई को ''मजबूत'' करने के इरादे से अपनी पूर्व पत्नी के खिलाफ गलत शिकायत दर्ज कराई थी। जस्टिस टी विनोद कुमार की पीठ ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया है कि वह जुर्माने की राशि तेलंगाना राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के पास जमा करा दे। पीठ ने यह निर्देश देते हुए कहा कि- ''ऐसा प्रतीत होता है कि याचिकाकर्ता का पूरा प्रयास था कि किसी भी तरह से वह अपनी पूर्व-पत्नी के...

कानून के छात्रों ने की अंतिम वर्ष की परीक्षाएं  रद्द करने की मांग : बॉम्बे हाईकोर्ट ने  राज्य, यूजीसी और बीसीआई से जवाब मांगा
कानून के छात्रों ने की अंतिम वर्ष की परीक्षाएं रद्द करने की मांग : बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य, यूजीसी और बीसीआई से जवाब मांगा

बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कानून के एक छात्र की तरफ से दायर जनहित याचिका पर महाराष्ट्र राज्य, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और बार काउंसिल ऑफ इंडिया से जवाब मांगा है। इस जनहित याचिका में COVID19 महामारी के चलते अंतिम वर्ष की परीक्षाएं रद्द करने की मांग की गई है।मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति अनुजा प्रभुदेसाई की खंडपीठ ने राज्य, बीसीआई और यूजीसी को निर्देश दिया है कि वेे 24 जुलाई तक अपना जवाबी हलफनाम दाखिल करेंं। मामले में अगली सुनवाई 31 जुलाई 2020 को होगी।याचिकाकर्ता समरवीर सिंह,...

मेरे माता पिता दोनोंं ने मेरी शिक्षा में समान रूप से योगदान दिया : लॉ स्टूडेंट ने अपनी ग्रेजुएशन की डिग्री पर पिता के साथ माता का नाम भी दर्ज करने का अनुरोध किया
"मेरे माता पिता दोनोंं ने मेरी शिक्षा में समान रूप से योगदान दिया" : लॉ स्टूडेंट ने अपनी ग्रेजुएशन की डिग्री पर पिता के साथ माता का नाम भी दर्ज करने का अनुरोध किया

जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के स्नातक बैच की बीबीए एलएलबी की छात्रा सम्रिता शंकर ने अपने अल्मा मेटर सफलतापूर्वक पूरा कर लिया, जिसमें उनके उत्तीर्ण होने पर केवल उनके पिता के नाम का उल्लेख है। इसके बाद छात्रा ने अपनी डिग्री में अपने पिता के साथ साथ अपनी माता का नाम भी दर्ज करने का अनुरोध किया। सम्रिता शंकर द्वारा विश्वविद्यालय के कुलपति को एक ईमेल लिखकर उन्होंने बताया कि उनके माता-पिता ने उनकी शिक्षा में "समान रूप से योगदान" दिया है लेकिन उन्हें जारी की गई प्रोविज़नल डिग्री पर केवल अपने पिता का...

अपने आरोपी मुवक्किल के बारे में साक्षात्कार देने वाले वक़ील के खिलाफ केरल बार काउंसिल ने कारण बताओ नोटिस जारी किया
अपने आरोपी मुवक्किल के बारे में साक्षात्कार देने वाले वक़ील के खिलाफ केरल बार काउंसिल ने कारण बताओ नोटिस जारी किया

वक़ील-मुवक्किल के बीच विशेषाधिकार का उल्लंघन कर एक टीवी चैनल को अपने मुवक्किल के बारे में साक्षात्कार देने वाले वक़ील के ख़िलाफ़ केरल बार काउंसिल ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह नोटिस तिरुवनंतपुरम के वक़ील केसरी कृष्णन नायर को जारी किया गया है जिन्होंने 16 जुलाई को एशिया नेट न्यूज़ चैनल को अपने एक मुवक्किल के बारे में साक्षात्कार दिया जो विवादास्पद सोना तस्करी मामले में एक आरोपी है। इस नोटिस में कहा गया है कि साक्षात्कार देकर वक़ील ने अपने मुवक्किल का नुक़सान किया है जिसने उस पर विश्वास...

सुप्रीम कोर्ट/हाईकोर्ट के पूर्व जजों, वकीलों ने आपराधिक क़ानून में सुधार के लिए बनी समिति के दोबारा गठन और उसमें अकादमिकों, निचली अदालत के वकीलों, महिलाओं, दलितों को शामिल करने की मांग की
सुप्रीम कोर्ट/हाईकोर्ट के पूर्व जजों, वकीलों ने आपराधिक क़ानून में सुधार के लिए बनी समिति के दोबारा गठन और उसमें अकादमिकों, निचली अदालत के वकीलों, महिलाओं, दलितों को शामिल करने की मांग की

हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जजों, वरिष्ठ वकीलों और पूर्व नौकरशाहों ने आपराधिक क़ानून में सुधार के लिए बनी केंद्रीय समिति से कहा है कि वह अपने सुझाव तब तक नहीं दे जब तक कि इस समिति में उन सामाजिक समूहों को प्रतिनिधित्व नहीं मिल जाता है जिनको इस व्यवस्था से कुछ लाभ नहीं हुआ है। इस समूह ने समिति को यह दूसरा पत्र भेजा है और समिति के गठन में पारदर्शिता और इसके काम काज को लेकर सवाल उठाए हैं। पत्र में लिखा है कि "यह देखते हुए कि समिति का प्रयास मौलिक रूप से नागरिकों के बीच और नागरिकों...

अपने विदाई भाषण में जस्टिस आर बानुमति ने कहा, मेरा परिवार भी हुआ है न्यायिक देरी का शिकार
अपने विदाई भाषण में जस्टिस आर बानुमति ने कहा, ''मेरा परिवार भी हुआ है न्यायिक देरी का शिकार''

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की कार्यकारी समिति के अध्यक्ष और सदस्यों ने भारत के सर्वोच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति आर बानुमति को विदाई देने के लिए एक समारोह का आयोजन किया। न्यायमूर्ति आर बानुमति ने शुक्रवार को अंतिम बार सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में अपने कर्तव्य का निर्वहन किया क्योंकि वह 19 जुलाई 2020 को सेवानिवृत्त होने जा रही हैं। उन्होंने 13 अगस्त, 2014 को उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में अपनी भूमिका निभानी शुरू की थी। वह भारत के सर्वोच्च न्यायालय की न्यायाधीश बनने वाली...

Allahabad High Court expunges adverse remarks against Judicial Officer
इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने सेवारत न्यायाधीशों और बार के सदस्यों के खिलाफ सोशल मीडिया पर क अशोभनीय टिप्पणी करने पर अधिवक्ता को कारण बताओ नोटिस जारी किया

इलाहाबाद उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन ( HCBA) ने गुरुवार को कथित तौर पर उच्च न्यायालय की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और सोशल मीडिया पर उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों और बार के वरिष्ठ सदस्यों के खिलाफ "अशोभनीय टिप्पणी" करने के लिए एडवोकेट रितेश श्रीवास्तव को कारण बताओ नोटिस जारी किया। HCBA के कुछ सदस्यों ने श्रीवास्तव के खिलाफ एक सदस्य के रूप में उनके "असहनीय आचरण" के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने का प्रस्ताव दिया है और उन्हें 15 दिनों के भीतर अपना जवाब देने के लिए कहा गया है। पत्र में...

अपनी नाबालिग सौतेली बेटियों के यौन उत्पीड़न के आरोपी व्यक्ति को बॉम्बे हाईकोर्ट ने ज़मानत दी
अपनी नाबालिग सौतेली बेटियों के यौन उत्पीड़न के आरोपी व्यक्ति को बॉम्बे हाईकोर्ट ने ज़मानत दी

बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को एक मकरंद बपरडेकर की ज़मानत याचिका स्वीकार कर ली। अंधेरी पुलिस थाने में उसकी पत्नी ने उसके ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज करवाई है, जिसमें उस पर अपनी सौतेली बेटियों जिनमें एक नाबालिग है, के यौन उत्पीड़न का आरोप है। न्यायमूर्ति संदीप के शिंदे की पीठ ने बपरडेकर की ज़मानत याचिका की सुनवाई की। आरोपी पर आईपीसी की धारा 354, 354A और POCSO अधिनियम की धारा 8, 9 (n) और 10 के तहत मामला दर्ज किया गया है। शिकायत में कहा गया है कि अपने पहले पति के मर जाने के बाद पत्नी ने आवेदक के साथ...

Glow & Handsome ट्रेडमार्क विवाद : बॉम्बे हाईकोर्ट ने एचयूएल को मिली अंतरिम राहत के ख़िलाफ़ इमामी की अपील ख़ारिज की
'Glow & Handsome' ट्रेडमार्क विवाद : बॉम्बे हाईकोर्ट ने एचयूएल को मिली अंतरिम राहत के ख़िलाफ़ इमामी की अपील ख़ारिज की

बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड को मिले एक तरफ़ा राहत के ख़िलाफ़ इमामी लिमिटेड की अपील को ख़ारिज कर दिया। एचयूएल को 'Glow & Handsome' ट्रेडमार्क के सात दिनों के आवश्यक पूर्व नोटिस के बिना प्रयोग पर उसके ख़िलाफ़ इमामी किसी भी क़ानूनी कार्रवाई पर अंतरिम रोक के रूप में यह राहत दी गई थी। न्यायमूर्ति आरडी धानुका और न्यायमूर्ति वीजी बिष्ट की पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इमामी की याचिका पर सुनवाई की। अंतरिम राहत न्यायमूर्ति बीपी कोलाबावाला की एकल पीठ ने दिया...

लॉकडाउन के कारण वे वास्तव में विदेश (भारत) में फंसे हुए थे, झारखंड हाईकोर्ट ने तब्लीगी जमात के 17 विदेशी सदस्यों को जमानत दी
"लॉकडाउन के कारण वे वास्तव में विदेश (भारत) में फंसे हुए थे", झारखंड हाईकोर्ट ने तब्लीगी जमात के 17 विदेशी सदस्यों को जमानत दी

झारखंंड हाईकोर्ट ने तब्लीगी जमात के 17 विदेशी सदस्यों को जमानत पर रिहा करने का आदेश देते हुए यह टिप्पणी की कि लॉकडाउन के कारण सभी याचिकाकर्ता वास्तव में विदेशी देश (भारत) में फंसे हुए थे। न्यायमूर्ति रोंजोन मुखोपाध्याय की एकल पीठ ने मामले में मुख्य रूप से यह भी देखा कि, "याचिकाकर्ताओं के खिलाफ आरोप है कि वे नई दिल्ली में 'मरकज मस्जिद', निजामुद्दीन में एक सम्मेलन में भाग लेने आए थे और उसके बाद स्थानीय प्रशासन को सूचित किए बिना और मेडिकल परीक्षण कराए बिना वे हिंदपीरी (झारखण्ड) में रुके...

मातृत्व लाभ अधिनियम के तहत संविदा कर्मचारी भी लाभ पाने के हकदार : हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
मातृत्व लाभ अधिनियम के तहत संविदा कर्मचारी भी लाभ पाने के हकदार : हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट

एक महत्वपूर्ण फैसले में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने माना है कि मातृत्व अवकाश का लाभ संविदा कर्मचारियों को भी उपलब्ध है, जिसमें सेवा की निरंतरता सहित सभी अहम लाभ शामिल हैं। जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर ने इस मामले में संविदा या अनुबंध के आधार पर ईसीएचएस क्लिनिक में कार्यरत एक चिकित्सा अधिकारी की तरफ से दायर याचिका को स्वीकार कर लिया है। पीठ ने कहा कि- ''भले ही, वह संविदा आधार पर लगी हुई थी, फिर भी उसे मातृत्व अवकाश का लाभ देने से इंकार करना भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के हितकारी उद्देश्य...

कर्नाटक हाईकोर्ट ने बार काउंंसिल ऑफ इंंडिया से पूछा, क्या उन्हेंं COVID19 के कारण मूट कोर्ट और  इंटर्नशिप की आवश्यकता में छूट देने का अधिकार है?
कर्नाटक हाईकोर्ट ने बार काउंंसिल ऑफ इंंडिया से पूछा, क्या उन्हेंं COVID19 के कारण मूट कोर्ट और इंटर्नशिप की आवश्यकता में छूट देने का अधिकार है?

कर्नाटक हाईकोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) को निर्देश दिया है कि वह स्पष्ट करे कि क्या उसके पास नियमों को शिथिल करने या उनमें राहत देने का अधिकार है? क्या इस अधिकार का उपयोग विधि विश्वविद्यालयों को सभी अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए अनिवार्य विनियमों के बजाय वैकल्पिक दिशा-निर्देश जारी करने की अनुमति देने के लिए किया जा सकता है ? ताकि पांच वर्षीय लाॅ कोर्स के अंतिम वर्ष के छात्रों को शैक्षिक वर्ष 2019-20 के लिए मूट कोर्ट, इंटर्नशिप, प्री-ट्रायल तैयारी आदि से छूट दी जा सके। मुख्य...