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आरोपों की जांच करना न्यायालयों के लिए आवश्यक, आजकल धारा 498ए के तहत पति के परिवार के सदस्यों के खिलाफ अस्पष्ट आरोप लगाने की प्रवृत्ति बन गई हैः बाॅम्बे हाईकोर्ट
आरोपों की जांच करना न्यायालयों के लिए आवश्यक, आजकल धारा 498ए के तहत पति के परिवार के सदस्यों के खिलाफ अस्पष्ट आरोप लगाने की प्रवृत्ति बन गई हैः बाॅम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक महिला के ससुराल वालों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को खारिज करते हुए कहा कि आजकल, पति के परिवार के प्रत्येक सदस्य के खिलाफ अस्पष्ट और सर्वव्यापी आरोप लगाने की प्रवृत्ति बन गई है ताकि हर किसी को भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए के तहत आरोपी बनाया जा सके। महिला ने इस मामले में ससुरालवालों के खिलाफ प्रताड़ना का आरोप लगाया था। नागपुर पीठ के न्यायमूर्ति जेड.ए हक और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की खंडपीठ ने निष्कर्ष निकाला कि न्यायालयों के लिए यह आवश्यक हो गया है कि ''आरोपों की सावधानीपूर्वक...

[तब्लीगी जमात] : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को 12 बांग्लादेशी नागरिकों की कठोर कार्रवाई के विरुद्ध अंतरिम संरक्षण देने की मांग वाली याचिका में नोटिस जारी किया
[तब्लीगी जमात] : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को 12 बांग्लादेशी नागरिकों की कठोर कार्रवाई के विरुद्ध अंतरिम संरक्षण देने की मांग वाली याचिका में नोटिस जारी किया

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सोमवार (19 अक्टूबर) को 12 बांग्लादेशी नागरिकों (तब्लीगी जमात के सदस्यों) द्वारा दायर एक आवेदन के संबंध में राज्य सरकार को नोटिस जारी किया, जिसमें 06.06.2020 की चार्जशीट को रद्द करने की प्रार्थना की गई और साथ ही 31.07.2020 के लिए संज्ञान आदेश है । न्यायमूर्ति अनिल कुमार की पीठ उस आवेदन (12 बांग्लादेशी नागरिकों द्वारा दायर) पर सुनवाई कर रही थी जिसमें यह भी प्रार्थना की गई थी कि आगे की कार्यवाही 2020 के आपराधिक मामले संख्या 2066/9 (राज्य बनाम मीर मोहम्मद अली और अन्य)...

केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के ख‌िलाफ COVID प्रोटोकॉल के कथित उल्लंघन के आरोप में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने दिया एफआईआर दर्ज करने का आदेश
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के ख‌िलाफ COVID प्रोटोकॉल के कथित उल्लंघन के आरोप में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने दिया एफआईआर दर्ज करने का आदेश

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने यह देखते हुए कि सख्त आदेशों के बावजूद, राज्य में उम्मीदवारों, राजनीतिक / सरकारी / राज्य पदाधिकारियों द्वारा राजनैतिक सभाओं को संबोधित किया गया है, मंगलवार (20 अक्टूबर) को अपने आदेश में बहुत ही कठोर शब्दों में कहा, "चुनाव प्रचार में लोकप्र‌ियता पाने के परम उद्देश्य से अधिक से अधिक और बड़ी सभाओं को संचालन करना राजनीतिक दलों का साझा एजेंडा प्रतीत होता है। यह स्पष्ट रूप से देश के उन भोले और निर्दोष नागरिकों के स्वास्थ्य और जीवन की कीमत पर किया जाता है, जो समाज के निचले तबके...

मीडिया पर सरकार का नियंत्रण अनुच्छेद 19 (1) (ए) पर ह‌थौड़ा चलाने जैसे होगाः न्यूज ब्रॉडकास्टर्स फेडरेशन ने सुशांत स‌िंह राजपूत मीडिया ट्रायल मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया
'मीडिया पर सरकार का नियंत्रण अनुच्छेद 19 (1) (ए) पर ह‌थौड़ा चलाने जैसे होगाः न्यूज ब्रॉडकास्टर्स फेडरेशन ने सुशांत स‌िंह राजपूत मीडिया ट्रायल मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया

बॉम्बे हाईकोर्ट में अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में मीडिया कवरेज के कारण हुए मीडिया ट्रायल के खिलाफ दायर जनहित याचिका में उल्लेखनीय तर्क और विमर्श हुए। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की पीठ ने पूरे दिन मामले की सुनवाई की।सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ भटनागर नेशनल ब्रॉडकास्टर्स फेडरेशन की ओर से पेश हुए और प्रेस के स्व-नियामक तंत्र की वकालत की। उन्होंने अदालत को बताया कि वर्तमान में मौजूद दिशा-निर्देश पर्याप्त हैं और प्रेस पर सरकारी नियंत्रण अनुचित हैं, अगर...

[करौली में पुजारी को जिंदा जलाने का मामला] न्यायिक जांच की मांग करने वाली याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया
[करौली में पुजारी को जिंदा जलाने का मामला] न्यायिक जांच की मांग करने वाली याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया

राजस्थान उच्च न्यायालय ने राज्य के करौली जिले में एक पुजारी को जिंदा जलाये जाने की घटना की न्यायिक जांच के लिए अदालत की निगरानी में एसआईटी गठित करने की मांग करने वाली पत्र याचिका पर नोटिस जारी किया है।जस्टिस सबीना और चंद्र कुमार सोंगरा की एक डिवीजन बेंच ने 23 अक्टूबर, 2020 के लिए एडवोकेट जनरल, राजस्थान को यह नोटिस जारी किया है।यह याचिका अधिवक्ता पवन प्रकाश पाठक द्वारा दायर की गई थी, जो इस तरह के बर्बर अपराधों में वृद्धि से दुखी हैं, जो संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत नागरिकों के जीवन पर सीधे...

महामारी के दौरान कमजोर वर्गों को किसी भी कठिनाई से बचाना राज्य की जिम्मेदारी : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजियाबाद झुग्गी बस्ती के विध्वंस पर रोक लगाई
"महामारी के दौरान कमजोर वर्गों को किसी भी कठिनाई से बचाना राज्य की जिम्मेदारी" : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजियाबाद झुग्गी बस्ती के विध्वंस पर रोक लगाई

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गाजियाबाद में स्थित एक स्लम क्षेत्र में विध्वंस करने से गाजियाबाद विकास प्राधिकरण को रोकते हुए बुधवार को कहा, "जब पूरी दुनिया महामारी का सामना कर रही है, तो यह राज्य की जिम्मेदारी है कि वह सभी की रक्षा करे, विशेष रूप से कमजोर वर्गों की आबादी को किसी भी कठिनाई से बचाए जो उनकी दुर्दशा को प्रतिकूल रूप से बढ़ा सकती है।" मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ गाजियाबाद के कौशांबी में रैडिसन ब्लू होटल के पीछे भोवापुर बस्ती के निवासियों को...

सभी तरह की फाइलिंग के लिए ए 4 साइज पेपर का उपयोग अनिवार्य करने के दिशा-निर्देश दिए जाने की मांंग करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट मेंं जनहित याचिका दायर
सभी तरह की फाइलिंग के लिए ए 4 साइज पेपर का उपयोग अनिवार्य करने के दिशा-निर्देश दिए जाने की मांंग करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट मेंं जनहित याचिका दायर

एक वकील ने बॉम्बे हाईकोर्ट के समक्ष एक जनहित याचिका दायर की है, जिसमें हाईकोर्ट की रजिस्ट्री को निर्देश देने की मांग की गई है कि वह उच्च न्यायालय में सभी याचिकाओंं की प्रस्तुति और उसके समर्थन मेंं दिए जाने वाले सहायक दस्तावेजों के लिए दोनोंं ओर प्रिंंटेड ए 4 आकार के कागज का उपयोग करने का निर्देश दे।मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की पीठ के समक्ष जब मंगलवार को मामला आया तो अदालत ने रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि वह उचित निर्णय लेने के लिए मामले को प्रशासनिक पक्ष में मुख्य...

यदि आप ही जांचकर्ता, अभियोजक और न्यायाधीश बन जाएंंगे तो हम यहांं क्यों हैं? बॉम्बे हाईकोर्ट ने मीडिया ट्रायल पर चिंता व्यक्त की
'यदि आप ही जांचकर्ता, अभियोजक और न्यायाधीश बन जाएंंगे तो हम यहांं क्यों हैं?' बॉम्बे हाईकोर्ट ने मीडिया ट्रायल पर चिंता व्यक्त की

बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को सुशांत सिंह राजपूत की मौत से संबंधित रिपोर्ट पर विनियम की मांग करते हुए दायर याचिकाओं पर सुनवाई की और ''मीडिया ट्रायल'' की प्रथा पर अपनी चिंता व्यक्त की। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की खंडपीठ ने रिपब्लिक टीवी की तरफ से पेश अधिवक्ता मालविका त्रिवेदी से कहा कि, ''यदि आप जांचकर्ता, अभियोजक और न्यायाधीश बन गए हैं, तो हमारा क्या उपयोग है? हम यहां क्यों हैं?'' पीठ ने अधिवक्ता त्रिवेदी से कहा, ''अगर आपको सच्चाई जानने में इतनी दिलचस्पी है,...

लॉकअप में 5 पुलिसकर्मियों द्वारा महिला से गैंगरेप करने का आरोपः एनएचआरसी ने  संज्ञान लेते हुए एमपी सरकार, डीजीपी व जेल प्रमुख को  नोटिस जारी किया
लॉकअप में 5 पुलिसकर्मियों द्वारा महिला से गैंगरेप करने का आरोपः एनएचआरसी ने संज्ञान लेते हुए एमपी सरकार, डीजीपी व जेल प्रमुख को नोटिस जारी किया

मध्य प्रदेश के रीवा जिले के मंगावन इलाके में ''एक महिला से लॉकअप में पांच पुलिसकर्मियों द्वारा किए गए सामूहिक बलात्कार के आरोपों'' पर संज्ञान लेते हुए, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सोमवार (19 अक्टूबर) को मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और जेल महानिदेशक को नोटिस जारी किया है। आयोग ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि इस मामले की जाँच एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी द्वारा की जानी चाहिए,जो कम से कम उप महानिरीक्षक रैंक का होना चाहिए। एनएचआरसी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि- ''रिपोर्ट...

सिक्किम हाईकोर्ट और अधीनस्थ न्यायालयों में केस फाइल करने के लिए A4 साइज़ का उपयोग किया जाएगा
सिक्किम हाईकोर्ट और अधीनस्थ न्यायालयों में केस फाइल करने के लिए A4 साइज़ का उपयोग किया जाएगा

सिक्किम हाईकोर्ट और उसके अधीनस्थ न्यायालयों के सामने सभी याचिकाएं, हलफनामे, अपील और अन्य कार्यवाही के ज्ञापन हेतु बेहतर गुणवत्ता वाले ए 4 साइज़ के कागज का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे संबंधित एक अधिसूचना उच्च न्यायालय की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड की गई है। अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि छपाई केवल कागज के एक तरफ की जाएगी और गुणवत्ता कम से कम 85 जीएसएम की होगी।हाल ही में केरल उच्च न्यायालय ने फैसला किया था कि 2 नवंबर से पहले होने वाली सभी फाइलों को A4 शीट के दोनों ओर अनिवार्य रूप से टाइप / प्रिंट...

Allahabad High Court expunges adverse remarks against Judicial Officer
पुलिस की कथ‌ित हिरासत में गैंगरेप पीड़िता, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अदालत में पेश करने का आदेश दिया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक थाने में सामूहिक बलात्कार पीड़िता को हिरासत में लिए जाने के मामले का मंगलवार को संज्ञान लिया। एक दिन पहले अदालत ने राज्य पुलिस की, कथित घटना के तीन महीने बाद, वह भी अदालत के हस्तक्षेप पर, प्राथमिकी दर्ज करने के मामले में आलोचना की थी।जस्टिस शशिकांत गुप्ता और पंकज भाटिया की पीठ ने पुलिस को निर्देश दिया कि वह लड़की को बुधवार को अदालत में पेश करे। पीठ ने एसएसपी, प्रयागराज, संबंधित पुलिस स्टेशन के वर्तमान एसएचओ और तत्कालीन एसएचओ, जिन्हें ‌निलंबित कर दिया गया है, को बुधवार...

Allahabad High Court expunges adverse remarks against Judicial Officer
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खुद और अपने अधीनस्थ अदालतों द्वारा पारित अंतरिम आदेशों 1 दिसंबर तक बढ़ाया

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पारित अंतरिम आदेशों की कार्रवाई को 1 दिसंबर, 2020 तक बढ़ा दिया।यह आदेश न्यायमूर्ति मुनीश्वर नाथ भंडारी और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने दिया है क्योंकि राज्य में सीओवीडी-19 महामारी के कारण स्थिति अभी पूरी तरह से नहीं सुधरी है।इससे पहले हाईकोर्ट ने सभी अंतरिम आदेशों को 31 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दिया था। यह भी निर्देश दिया था कि धारा 148-A सीपीसी के तहत दायर 90 दिनों की अवधि लॉकडाउन अवधि को बाहर करेगी और जिस अवधि में अदालतों और अधिकरणों का कामकाज...

सरकार ने एससी/ एसटी/ ओबीसी, अल्पसंख्यक एवं महिला सदस्यों को हाईकोर्ट का जज बनाये पर विचार करने का अनुरोध किया : कानून मंत्रालय
सरकार ने एससी/ एसटी/ ओबीसी, अल्पसंख्यक एवं महिला सदस्यों को हाईकोर्ट का जज बनाये पर विचार करने का अनुरोध किया : कानून मंत्रालय

केंद्रीय विधि मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट की बेंचों में अल्पसंख्यक/ कमजोर समुदायों के अपर्याप्त प्रतिनिधित्व की चिंताओं के जवाब में एक बार फिर कहा है कि न्यायपालिका में आरक्षण का प्रावधान नहीं है। हालांकि, मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि सरकार हाईकोर्ट स्तर पर न्यायाधीशों की नियुक्तियों में ऐसे समुदायों का प्रतिनिधित्व बढ़ाये जाने पर जोर देती रही है, क्योंकि हाईकोर्ट से ही सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्तियां आम तौर पर होती हैं। कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों...

न्यायिक आदेश के तहत रिमांड होम में रहने वाली नाबालिग लड़की को गैर कानूनी रूप से कारावास/डिटेंशन में नहीं माना जा सकता, हैबियस कार्पस याचिका सुनवाई योग्य नहीं : पटना हाईकोर्ट
न्यायिक आदेश के तहत रिमांड होम में रहने वाली नाबालिग लड़की को गैर कानूनी रूप से कारावास/डिटेंशन में नहीं माना जा सकता, हैबियस कार्पस याचिका सुनवाई योग्य नहीं : पटना हाईकोर्ट

पटना हाईकोर्ट ने शुक्रवार (16 अक्टूबर) को कहा है कि यदि न्यायिक आदेश के तहत किसी लड़की को नाबालिग मानते हुए रिमांड होम भेजा गया है तो उसके रिमांड होम में रहने को गैरकानूनी कारावास/ डिटेंशन नहीं कहा जा सकता, इसलिए इस तरह के आदेश के खिलाफ दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने आगे स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में याचिकाकर्ता न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा पारित आदेश के खिलाफ आपराधिक रिट याचिका दायर करके या न्यायिक...

सुशांत सिंह राजपूत के घरेलू सहायक ने एनसीबी  पर अवैध हिरासत का आरोप लगाते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट में 10 लाख रुपये मुआवजे की मांग की
सुशांत सिंह राजपूत के घरेलू सहायक ने एनसीबी पर अवैध हिरासत का आरोप लगाते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट में 10 लाख रुपये मुआवजे की मांग की

सुशांत सिंह राजपूत के घरेलू काम के सहायक दीपेश सावंत, जिस पर सुशांत के लिए ड्रग्स खरीदने का आरोप है, उसने ने बॉम्बे हाई कोर्ट के समक्ष रिट याचिका दायर कर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा अवैध रूप से हिरासत मेंं रखने के लिए और भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 और 22 के घोर उल्लंघन का आरोप लगाते हुए भारतीय संघ से मुआवजे में 10 लाख रुपये की मांग की है ।जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस एमएस कार्णिक की डिविजन बेंच 6 नवंबर को याचिका पर सुनवाई करेगी।याचिकाकर्ता के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट, 1985 के धारा 8 (सी) और...

[तब्‍ल‌ीगी जमात] आरोपियों के खिलाफ कोई सबूत नहीं; मुंबई कोर्ट ने 20 विदेशी नागरिकों को बरी किया
[तब्‍ल‌ीगी जमात] आरोपियों के खिलाफ कोई सबूत नहीं; मुंबई कोर्ट ने 20 विदेशी नागरिकों को बरी किया

मुंबई स्थित अंधेरी की एक मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने सोमवार को कोरोनावायरस फैलाने और लॉकडाउन का उल्लंघन करने के आरोपी 20 विदेशी नागरिकों को बरी कर दिया। बरी किए गए विदेशी नागर‌िकों में से दस इंडोनेशिया के और अन्य दस किर्गिज गणराज्य के नागरिक हैं। मजिस्ट्रेट अदालत ने दो अलग-अलग आदेश पारित किए।मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट आरआर खान ने पाया कि अभियोजन पक्ष के गवाहों ने खुद स्वीकार किया कि उन्होंने आरोपियों को प्राधिकरण द्वारा जारी किसी भी निर्देश या आदेश का उल्लंघन करते नहीं देखा। अदालत ने कहा कि...

प्रोफेशनल कार्य के लिए वकीलों को स्थानीय ट्रेनों में यात्रा करने की अनुमति देने पर विचार किया जाए : बाॅम्बे हाईकोर्ट ने राज्य से कहा
प्रोफेशनल कार्य के लिए वकीलों को स्थानीय ट्रेनों में यात्रा करने की अनुमति देने पर विचार किया जाए : बाॅम्बे हाईकोर्ट ने राज्य से कहा

बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को महाराष्ट्र सरकार से कहा है कि वह वकीलों को उन प्रोफेशनल कार्य के लिए स्थानीय ट्रेनों में यात्रा करने की अनुमति देने पर विचार करे, जो कोर्ट की कार्यवाही से संबंधित नहीं हैं। न्यायालय ने राज्य सरकार से कहा है कि वह पंजीकृत अधिवक्ता क्लर्कों के मामले पर भी विचार करे, जिन्हें कोर्ट फाइलिंग के अलावा अन्य कामों के लिए यात्रा करनी पड़ती है। कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा था कि वह वकीलों के मामले में सोमवार को ही निर्णय लेने की कोशिश करें। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और...

अर्नब गोस्वामी अपना एजेंडा चला रहे हैं, पूर्व पुलिसकर्मी ने मुकदमा दायर कर कहा, रिपब्‍ल‌िक टीवी को मुंबई पुलिस को बदनाम करने से रोका जाए
"अर्नब गोस्वामी अपना एजेंडा चला रहे हैं", पूर्व पुलिसकर्मी ने मुकदमा दायर कर कहा, रिपब्‍ल‌िक टीवी को मुंबई पुलिस को बदनाम करने से रोका जाए

मुंबई की अदालत में एक मुकदमा दायर किया गया है, जिसमें रिपब्लिक टीवी, आर भारत और न्यूज एंकर अर्नब गोस्वामी को टीआरपी घोटाले के मामले में हुई एफआईआर की चर्चा करने या जिक्र करने से रोकने की मांग की गई है।मुंबई के पूर्व सहायक पुलिस आयुक्त, इकबाल शेख की ओर से दायर मुकदमे में मुंबई पुलिस के खिलाफ "अवमाननापूर्ण रपटों" के कारण वादी को हुई मानसिक पीड़ा के लिए 5 लाख रुपये की क्षति की भी मांग की गई है।एडवोकेट आभा सिंह के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि रिपब्लिक टीवी और आर भारत ने मुंबई पुलिस को...