वकीलों को COVID 19 महामारी के बीच फीजिकली पेश होने के लिए नहीं कहा जा सकता : दिल्ली हाईकोर्ट

LiveLaw News Network

26 Nov 2020 5:35 AM GMT

  • वकीलों को COVID 19 महामारी के बीच फीजिकली पेश होने के लिए नहीं कहा जा सकता : दिल्ली हाईकोर्ट

    ट्रायल कोर्ट में फीजिकल सुनवाई के लिए मामले को सूचीबद्ध किये जाने के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाये जाने के बाद, हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि वकीलों को COVID 19 महामारी के दौरान कोर्ट के समक्ष व्यक्तिगत तौर पर (फीजिकल) पेश होने को नहीं कहा जा सकता है।

    कोर्ट की ओर से पहले जारी सर्कुलर के आलोक में, हालांकि इसने कहा है कि सूचित करने के बावजूद वर्चुअल माध्यम से भी पेश न होने के मामले में संबंधित कोर्ट कानून के अनुसार कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होगा।

    न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा की एकल पीठ ने एक याचिका की सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया।

    हाईकोर्ट ने कहा,

    "हाईकोर्ट की ओर से जारी एडवाइजरी के मद्देनजर याचिकाकर्ता को व्यक्तिगत तौर पर पेश होने को तब तक नहीं कहा जा सकता जब तक हाईकोर्ट द्वारा एडवाइजरी में कोई संशोधन नहीं किया जाता। हालांकि हाईकोर्ट ने हाल ही में एक नया एडवाइजरी जारी किया है कि जिन मामलों में बार-बार सूचित करने के बावजूद पक्षकार वर्चुअल मोड से भी नहीं पेश होते हैं तो ट्रायल कोर्ट कानून के अनुसार कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है।"

    याचिकाकर्ता ने कहा कि उसकी वर्चुअल सुनवाई की अर्जी ट्रायल कोर्ट ने इस आधार पर खारिज कर दी है कि पार्टियों द्वारा लंबी बहस की संभावना जतायी जा रही है।

    याचिकाकर्ता ने कहा कि उसके वकील के परिवार के सदस्यों में वरिष्ठ नागरिक मौजूद हैं जो कोरोना की दृष्टि से अधिक जोखिम वाले हैं। ऐसी स्थिति में इस समय उनके वकील के लिए फीजिकली पेश होना जोखिम भरा हो सकता है।

    चूंकि मुकदमे के रिस्टोरेशन पर विचार के लिए अर्जी लंबित थी, इसलिए हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को वर्चुअल सुनवाई करने का निर्देश दिया।

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