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इंटरमीडिएट वर्ष की परीक्षा पर बीसीआई के दिशानिर्देशों के खिलाफ लॉ स्टूडेंट की याचिका; बॉम्बे हाईकोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र और गोवा से मांगा जवाब
बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को बार काउंसिल ऑफ इंडिया के 27 मई और 9 जून के दिशा-निर्देशों को चुनौती देते हुए एक लॉ स्टूडेंट की याचिका पर सुनवाई करते हुए शैक्षणिक वर्ष शुरू होने के बाद अपने इंटरमीडिएट वर्ष के छात्रों के लिए परीक्षा आयोजित करने को कहा और याचिकाकर्ता से कहा कि वह इस मामले में बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र और गोवा को पक्षकार के रूप में पेश करे ।न्यायमूर्ति एए सैयद और न्यायमूर्ति एसपी तावड़े की खंडपीठ ने गुरुवार को समरवीर सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई की, जिन्होंने बार काउंसिल ऑफ इंडिया...
हाईकोर्ट वीकली राउंड अप : पिछले सप्ताह हाईकोर्ट के ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र
19 अक्टूबर 2020 से 23 अक्टूबर 2020 तक विभिन्न हाईकोर्ट के कुछ ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र.....यूपी की फैमिली कोर्ट ने महिला को दिया निर्देश,अपने पति को 1000 रुपये मासिक गुज़ारा भत्ता देंउत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले की एक फैमिली कोर्ट ने एक महिला को निर्देश दिया है कि वह अपने पति को मासिक गुज़ारा भत्ते का भुगतान करें, पीटीआई ने इस संदर्भ की रिपोर्ट प्रकाशित की है। महिला जो एक सरकारी पेंशनभोगी है और उसका पति कई वर्षों से अलग रह रहे हैं। महिला के पति ने वर्ष 2013 में हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के तहत एक...
राजस्थान हाईकोर्ट 2 नवंबर से नियमित कामकाज फिर से शुरू करेगा
राजस्थान उच्च न्यायालय ने शुक्रवार (23 अक्टूबर) को एक अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि कोर्ट 2 नवंबर, 2020 से नियमित रूप से कार्य करना शुरू कर देगा। हालांकि, प्रभावी नियंत्रण और COVID-19 के प्रसार की रोकथाम के लिए सभी जरूरी उपायों का पालन किया जाएगा।राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा जारी अधिसूचना में यह उल्लेख किया गया है कि ऐसा निर्देश जारी करने से पहले बार काउंसिल ऑफ राजस्थान, राजस्थान उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ, जोधपुर, राजस्थान उच्च न्यायालय वकील संघ, जोधपुर, राजस्थान उच्च न्यायालय बार...
एक शराबी व्यक्ति जो अन्यथा साउंड माइंड का है, उसे पुनर्वसन केंद्र में नहीं रखा जा सकता है: इलाहाबाद उच्च न्यायालय
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गुरुवार (22 अक्टूबर) को बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में कहा कि एक शराबी व्यक्ति जो अन्यथा साउंड माइंड का है, उसे उसकी इच्छा और इच्छा के खिलाफ पुनर्वसन केंद्र (नशा मुक्ति केंद्र) में नहीं रखा जा सकता है । जस्टिस जेजे मुनीर की बेंच डिटेनि अंकुर कुमार के मामले की सुनवाई कर रही थी, जिसे सब-इंस्पेक्टर कपिल कुमार ने मुजफ्फरनगर की अदालत में पेश किया।अदालत के सामने मामलाबंदी प्रत्यक्षीकरण रिट याचिका याचिकाकर्ता और एक अन्य ने अदालत के समक्ष प्रस्तुत की थी कि उसे (अंकुर कुमार)...
यूपी की फैमिली कोर्ट ने महिला को दिया निर्देश,अपने पति को 1000 रुपये मासिक गुज़ारा भत्ता दें
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले की एक फैमिली कोर्ट ने एक महिला को निर्देश दिया है कि वह अपने पति को मासिक गुज़ारा भत्ते का भुगतान करें, पीटीआई ने इस संदर्भ की रिपोर्ट प्रकाशित की है। महिला जो एक सरकारी पेंशनभोगी है और उसका पति कई वर्षों से अलग रह रहे हैं। महिला के पति ने वर्ष 2013 में हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के तहत एक याचिका दायर अपनी पत्नी से भरण पोषण की मांग की थी। फैमिली कोर्ट ने उसकी याचिका को अनुमति देते हुए महिला को भरण पोषण के रूप में 1,000 रुपये प्रति माह का भुगतान करने का...
कर्नाटक हाईकोर्ट ने फ्रैंकलिन टेम्पलटन इन्वेस्टमेंट्स को डेट फंड योजनाओं की समाप्ति की कार्यवाही को आगे बढ़ाने से रोका, कहा- यूनिट धारकों की सहमति के बिना कार्यवाही आगे नहीं बढ़ा सकते
कर्नाटक हाईकोर्ट ने शनिवार को फ्रैंकलिन टेम्पलटन इन्वेस्टमेंट्स (एफटी) को यूनिट धारकों की सहमति के बिना डेट फंड योजनाओं की समाप्ति की कार्यवाही को आगे बढ़ाने से रोक दिया है। चीफ जस्टिस एएस ओका और जस्टिस अशोक एस किनागी की खंडपीठ ने शनिवार को एफटी की छह डेट फंड योजनाओं की समाप्ति के खिलाफ दायर याचिकाओं पर फैसला सुनाने के लिए विशेष बैठक की।अदालत ने कहा कि वह योजनाओं को समाप्त करने के फैसले में हस्तक्षेप नहीं कर रही है, हालांकि एफटी को निर्णय के आधार पर अगला कदम उठाने से पहले यूनिट...
ऑनलाइन शिक्षा: कर्नाटक हाईकोर्ट ने जनहित याचिका पर नोटिस जारी कर राज्य सरकार से ईडब्ल्यूएस श्रेणी के छात्रों को लैपटॉप/टैबलेट उपलब्ध कराने को कहा
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी कर निर्देश दिया है कि वह वंचित और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के स्कूली बच्चों को कम लागत वाले लैपटॉप, टैबलेट या किसी अन्य डिजिटल संसाधनों की खरीद और वितरण सुनिश्चित करने के लिए तत्काल योजना तैयार करे ताकि उन्हें ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लेने की सुविधा मिले। जस्टिस बी वी नागराकाटा और जस्टिस एन एस संजय गौड़ा की खंडपीठ ने यह नोटिस ए के संजीव नरहरण, अरविंद नरहरण और मुरली मोहन की याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया।याचिका में कहा...
बॉम्बे हाईकोर्ट ने टीवी टुडे नेटवर्क को BARC के खिलाफ याचिका में अंतरिम राहत के लिए 5 लाख रुपये जमा करने का निर्देश दिया
बॉम्बे हाईकोर्ट ने ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल की अनुशासन परिषद द्वारा अपने आचार संहिता के उल्लंघन के लिए टीवी टुडे नेटवर्क को उस पर लगाए गए 5 लाख रुपये के जुर्माने को जमा करने निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि "यदि राशि जमा की जाती है, तो नेटवर्क के खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाएगा।" न्यायमूर्ति नितिन जामदार और न्यायमूर्ति मिलिंद जाधव की खंडपीठ टीवी टुडे नेटवर्क लिमिटेड द्वारा दायर एक याचिका को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई कर रही थी, जिसके बाद BARC की अनुशासन परिषद ने...
'गैंग रेप के मामले में मेडिकल पुष्टि की पूर्ण आवश्यकता नहीं है': मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पीड़िता और आरोपी के आपस मे शादी करने के बावजूद ज़मानत अर्ज़ी ख़ारिज की
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने शुक्रवार (16 अक्टूबर) को एक आदेश में कहा कि सामूहिक बलात्कार के मामलों में चिकित्सा सपुष्टिकरण (Medical Corroboration) अत्यंत आवश्यक नहीं है।न्यायाधीश अखिल कुमार श्रीवास्तव की पीठ ने विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट, जबलपुर द्वारा पारित 09.06.2020 के आदेश के खिलाफ एससी और एसटी अधिनियम की धारा 14-ए के तहत दायर अपील पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की, जिसके तहत नीचे की अदालत ने आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया था।पृष्ठभूमिअपीलकर्ता/अभियुक्त धारा 363 के तहत अपराध...
'दुष्कर्म पूरे समाज के खिलाफ किया गया अपराध है' : कर्नाटक हाईकोर्ट ने गैंग-रेप के लिए डेथ पेनल्टी की सिफारिश की
यह देखते हुए कि ''भारतीय दंड संहिता को 1860 के अधिनियम 45 द्वारा अधिनियमित किया गया था, और स्वतंत्रता के 74 वर्षों के बाद भी महिलाएं बलात्कारियों/ कानून के उल्लंघनकर्ताओं से सुरक्षित नहीं है'', कर्नाटक हाईकोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 376डी में संशोधन की सिफारिश की है ताकि 'गैंगरेप' के अपराध के लिए मृत्युदंड प्रदान किया जा सके। जस्टिस बी वीरप्पा और जस्टिस के नटराजन की खंडपीठ ने वर्ष 2012 में नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी की छात्रा के साथ हुए सामूहिक बलात्कार के मामले में सात...
''यूएपीए के तहत कोई अपराध नहीं'' : दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली दंगा मामले के अभियुक्त को ज़मानत दी
दिल्ली हाईकोर्ट ने फैजान खान को जमानत दे दी, जो दिल्ली दंगा मामले में एक आरोपी है और उसके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत केस बनाया गया था। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की एकल पीठ ने मामले की सुनवाई की और पाया कि यूएपीए की धारा 43डी (5) के तहत दी गई शर्त/एम्बार्गो वर्तमान मामले में रिकॉर्ड पर आई सामग्री के अनुसार लागू नहीं होती हैं। वहीं जांच एजेंसी की स्टे्टस रिपोर्ट में भी गवाहों के मामूली बयानों को छोड़कर, यूएपीए के तहत बनने वाले अपराधों के गठन का खुलासा नहीं किया गया है। ...
गुजरात हाईकोर्ट ने बलात्कार मामले में नाबालिग पत्नी द्वारा नाबालिग पति के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द की, माता-पिता पर मुकदमे की लागत लगाई
गुजरात हाईकोर्ट ने नाबालिग 'पत्नी' द्वारा एक लड़के के खिलाफ दर्ज बलात्कार के मामले को खारिज कर दिया है। जस्टिस एएस सुपेहिया ने उनका बचपन बर्बाद करने और उन्हें इस अपमानजनक विवाद में खींचने के लिए माता-पिता पर 30 हजार की लागत लगाई। जज ने कहा कि आईपीसी और POCSO के दुरुपयोग की अनुमति नहीं दी जा सकती है और ऐसे माता-पिता, जो इस तरह की रणनीति का सहारा लेते हैं, उन्हें बिना किसी जवाबदेही के आसानी से जाने नहीं दिया जा सकता है।एफआईआर में लड़की ने कहा था कि 07.02.2015 को उसकी शादी हुई थी, तब वह 11 साल की...
दिल्ली हाईकोर्ट ने रिपब्लिक टीवी पर "NEWS HOUR" ट्रेडमार्क का उपयोग करने से रोक लगाई, टैगलाइन 'Nation Wants to Know' का उपयोग करने की अनुमति दी
दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को 'रिपब्लिक टीवी' को टैगलाइन 'NEWS HOUR' या किसी भी अन्य चिह्न का उपयोग करने से रोक कर 'टाइम्स नाउ' चैनल को अंतरिम राहत दी, जो कि कथित तौर पर उसके प्राइमटाइम डिबेट शो के लिए भ्रामक हो सकता है। हालांकि कोर्ट ने टाइम्स ग्रुप की याचिका पर अर्नब गोस्वामी और उनकी कंपनी एआरजी आउटलेयर मीडिया प्राइवेट लिमिटेड को टैगलाइन "Nation Wants to KNOW" का इस्तेमाल करने से रोक नहीं लगाई।न्यायमूर्ति जयंत नाथ की एकल पीठ ने कहा है कि गोस्वामी के नेतृत्व में रिपब्लिक टीवी चैनल किसी...
सिविल मामलों में अंतरिम आदेशों का और विस्तार नहीं, जघन्य अपराधों में विचाराधीन कैदियों को अंतरिम जमानत: दिल्ली उच्च न्यायालय
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सूचित किया है कि दीवानी मामलों में पारित अंतरिम आदेशों का आगे कोई विस्तार नहीं किया जाएगा। इसी प्रकार, जघन्य अपराधों में शामिल विचाराधीन कैदियों को दी गई अंतरिम जमानतों का विस्तार नहीं किया जाएगा । यह फैसला मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल, न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति तलवंत सिंह की खंडपीठ ने स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले में अंतरिम आदेशों के पुनः विस्तार में लिया है।अदालत ने कहा कि जबकि अंतरिम जमानतों का विस्तार और अंतरिम स्थगन आदेश पूरी तरह से लॉकडाउन के कारण...
[दिल्ली दंगे] "यह कृत्य देश की धर्मनिरपेक्ष संरचना के खिलाफ था": दिल्ली कोर्ट ने फातिमा मस्जिद को नुकसान पहुंचाने के आरोपी को जमानत देने से इनकार किया
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी में हुए सांप्रदायिक दंगों के दौरान एक मस्जिद को नुकसान पहुंचाने के आरोप में आरोपी को जमानत देने से इनकार करते हुए, कड़कड़डूमा कोर्ट (दिल्ली) ने कहा, "उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हाल ही में हुए सांप्रदायिक दंगों में 50 से अधिक निर्दोष लोग दंगाइयों द्वारा मारे गए थे और इस मामले में दंगाइयों का घृणित कार्य देश की धर्मनिरपेक्ष संरचना के खिलाफ एक कार्य है।"अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने आगे कहा,"आरोपों की गंभीरता को देखते हुए दंगों के मामलों में आवेदक की बड़े पैमाने...
कैदी जेल में फोन की सुविधा का हकदार नहीं हैः इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार (20 अक्टूबर) को दिए गए एक आदेश में स्पष्ट कर दिया कि एक कैदी जेल में फोन सुविधा का हकदार नहीं है।न्यायमूर्ति रितु राज अवस्थी और न्यायमूर्ति सरोज यादव की खंडपीठ एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें याचिकाकर्ता (मोहन सिंह) ने अदालत से उसे जेल में फोन रखने की सुविधा प्रदान करने का अनुरोध किया था।यह याचिका निम्नलिखित प्रार्थना के साथ दायर की गई थी:"आदरपूर्वक प्रार्थना की जाती है कि यह माननीय न्यायालय निम्न आदेश पारित करेंं।(i) याचिकाकर्ता को तीन महीने के लिए...
''आरोपी का 'क्रॉस टू एग्जामिनेशन' का अधिकार उसके वकील की अनुपस्थिति के कारण छीना नहीं जा सकता, कानूनी सहायता के लिए वकील प्रदान करना न्यायालय का कर्तव्य'' : हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
हाल ही में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने कहा, "याचिकाकर्ता का प्रति परीक्षण ( क्रॉस-एग्जामिनेशन) का अधिकार उसके वकील की अनुपस्थिति के कारण विद्वत न्यायालय द्वारा बंद नहीं किया जा सकता, बल्कि ऐसी स्थिति में, अदालत को अभियुक्त को कानूनी सहायता वकील उपलब्ध कराने चाहिए थे ।न्यायमूर्ति संदीप शर्मा की एकल पीठ द्वारा पारित आदेश न्याय के हित में सीआरपीसी की धारा 482 के तहत उच्च न्यायालय द्वारा अंतर्निहित शक्ति का प्रयोग करने का जीता जागता उदाहरण है।विशेष रूप से, यहां याचिकाकर्ता ने नियमित जमानत...
"130 साल पुरानी मस्जिद के प्रवेश द्वार से 10 मीटर पहले लगाए जाएंं बैरिकेड्स, ताकि उपासकों को न हो कोई परेशानी" : दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार (20 अक्टूबर) को दिल्ली पुलिस को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि 130 साल पुरानी मस्जिद के प्रवेश द्वार से कम से कम 10 मीटर पहले सड़क पर बैरिकेड्स लगाए जाएं ताकि मस्जिद के द्वार से प्रवेश करते समय मस्जिद के सामने उपासकों को कोई परेशानी न हो पाए। न्यायमूर्ति प्रतिभा सिंह की खंडपीठ ने यह निर्देश नई दिल्ली के दिल्ली कंटोनमेंट इलाके में स्थित राव तुला राम मार्ग पर बनी 'बसंत नगर मस्जिद' के सचिव की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। याचिकाकर्ता का मामला याचिकाकर्ता का...












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