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[दुर्लभ बीमारियों वाले बच्चे] दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र से क्लिनिकल जांच की फंडिंग पर अपने रुख पर पुनर्विचार करने को कहा
[दुर्लभ बीमारियों वाले बच्चे] दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र से क्लिनिकल जांच की फंडिंग पर अपने रुख पर पुनर्विचार करने को कहा

दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकरा को अपने सुझाव पर "अधिक व्यावहारिक दृष्टिकोण" लेने के लिए कहा कि दुर्लभ बीमारियों के लिए राष्ट्रीय नीति के तहत इलाज के लिए प्रति मरीज 50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता पर भी खर्च किए जाने की संभावना को कवर करने के लिए नैदानिक ​​जांच पर विचार किया जा सकता है, जिसके तहत 54 बच्चे पहले से नामांकित हैं।अगस्त में अदालत द्वारा की गई टिप्पणियों के जवाब में दुर्लभ रोगों के लिए केंद्रीय तकनीकी समिति (सीटीसीआरडी) ने 02 सितंबर की बैठक में पाया कि राशि केवल "दुर्लभ रोगों के उपचार"...

दिल्ली हाईकोर्ट, दिल्ली
दिल्ली हाईकोर्ट ने बाल यौन शोषण पीड़ितों के लिए मुआवजे की राशि 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 10.5 लाख की

दिल्ली हाईकोर्ट ने 2018 दिल्ली पीड़ित मुआवजा योजना के तहत बाल यौन शोषण के पीड़ितों के लिए मुआवजे की राशि को 7 लाख रुपये से बढ़ाकर कम से कम 10.5 लाख रुपये करने का आदेश देते हुए गुरुवार को कहा कि पीड़ितों को दिए जाने वाले अंतिम मुआवजे की राशि अधिकतम होनी चाहिए,जैसा कि योजना की अनुसूची में प्रदान किया गया है। 2018 योजना की अनुसूची में पीड़ितों को दिए जाने वाले मुआवजे की न्यूनतम और ऊपरी सीमा दोनों का उल्लेख किया गया है। जस्टिस जसमीत सिंह ने कहा कि विशेष अदालतें 10.5 लाख से अधिक के मुआवजे के फैसले और...

बॉम्बे हाईकोर्ट, मुंबई
बॉम्बे हाईकोर्ट ने निचली अदालतों को ई-कॉपियों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट के आदेशों और प्रक्रियाओं का पालन करने का निर्देश दिया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने सिविल मैनुअल, 1986 और क्रिमिनल मैनुअल 1980 में संशोधन करते हुए सुप्रीम कोर्ट और बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेशों के अनुपालन को ई-कॉपियों के आधार पर उसी की हार्ड कॉपी पर जोर दिए बिना संशोधित किया।रजिस्ट्रार आर एन जोशी द्वारा जारी अधिसूचना में सिविल मैनुअल के अध्याय XXXV में पैरा 675 (ए) डाला गया। पैराग्राफ 675 (ए) में कहा गया कि इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड्स के फास्ट एंड सिक्योर ट्रांसमिशन (फास्टर) सिस्टम के माध्यम से ई-प्रमाणित प्रतियों का संचार करते समय प्राप्तकर्ता न्यायालय को सुप्रीम...

बॉम्बे हाईकोर्ट, मुंबई
जांच अधिकारी उचित मामलों में गिरफ्तारी के तुरंत बाद मानसिक जांच करवाने के लिए बाध्य: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि अगर जांच अधिकारी (आईओ) को पता चलता है कि आरोपी के दिमाग की स्वस्थता के बारे में कुछ संदेह है तो यह आईओ का कर्तव्य है कि वह आरोपी के मानसिक समस्या की तुरंत जांच कराए।जस्टिस ए एस गडकरी और जस्टिस मिलिंद एन जाधव की खंडपीठ ने अपीलकर्ता को हत्या की सजा के खिलाफ आपराधिक अपील में यह कहते हुए बरी कर दिया कि अपीलकर्ता की समझदारी पर उचित संदेह है और पीड़ित पक्ष इसे निर्वहन करने में विफल रहा है।अदालत ने अपने आदेश में कहा,"एक बार जब पीडब्ल्यू-7 आईओ को इस तथ्य की जानकारी...

गुजरात हाईकोर्ट
हाईकोर्ट ने अहमदाबाद नगर निगम को 'अफजल खान नो टेकरो' का नाम बदलकर 'शिवाजी नो टेकरो' करने के खिलाफ सुन्नी वक्फ बोर्ड की याचिका पर फैसला करने को कहा

गुजरात हाईकोर्ट ने बुधवार को अहमदाबाद नगर निगम को अहमदाबाद सुन्नी मुस्लिम वक्फ समिति द्वारा वक्फ के आवासीय इलाके का नाम "अफजल खान नो टेकरो" से "शिवाजी नो टेकरो" में बदलने के अपने एजेंडे के खिलाफ दिए गए प्रतिनिधित्व पर फैसला करने का निर्देश दिया।याचिकाकर्ता का मामला यह है कि उन व्यक्तियों के अभ्यावेदन पर विचार करके प्रस्ताव पारित किया गया जो उनकी संपत्ति पर 'अतिक्रमणकर्ता' हैं और उक्त प्रस्ताव बिना किसी नोटिस जारी किए पारित किया गया। इस बारे में न ही उन्हें सूचित किया गया और न ही गुजरात राज्य...

Consider The Establishment Of The State Commission For Protection Of Child Rights In The UT Of J&K
विभागीय जांच और पर्याप्त सामग्री के बिना, केवल समिति की सिफारिश पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति नहीं हो सकती: जेएंडके एंड एल हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने बुधवार को एक फैसले में कहा कि सेवा नियमों के संदर्भ में एक सरकारी कर्मचारी को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त करने की शक्ति पूर्ण है, बशर्ते संबंधित प्राधिकरण एक वास्तविक राय बनाता है कि अनिवार्य सेवानिवृत्ति सार्वजनिक हित में है।इस तरह का आदेश विभागीय जांच के बिना, और सक्षम प्राधिकारी द्वारा प्रामाणिक राय बनाने के लिए पर्याप्त सामग्री के बिना केवल समिति की सिफारिश पर पारित नहीं किया जा सकता है। जस्टिस ताशी रबस्तान और जस्टिस सिंधु शर्मा की खंडपीठ ने एकल पीठ के...

[पीएमएलए की धारा 50] अभियुक्त के बयान दर्ज करने के लिए अर्जी केवल सत्र / स्पेशल कोर्ट के समक्ष किया जा सकता है, मजिस्ट्रेट के समक्ष नहीं: कर्नाटक हाईकोर्ट
[पीएमएलए की धारा 50] अभियुक्त के बयान दर्ज करने के लिए अर्जी केवल सत्र / स्पेशल कोर्ट के समक्ष किया जा सकता है, मजिस्ट्रेट के समक्ष नहीं: कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा है कि धनशोधन निवारण अधिनियम के वैधानिक ढांचे के आलोक में, किसी आरोपी/संदिग्ध के बयान दर्ज करने के लिए अर्जी केवल अधिनियम के तहत मामलों की सुनवाई के लिए नामित स्पेशल कोर्ट के समक्ष ही की जा सकती है।न्यायमूर्ति एम. नागप्रसन्ना की एकल पीठ ने कहा, "पीएमएलए इस बात को अनिवार्य बनाता है कि पीएमएलए से उत्पन्न किसी भी मुद्दे पर केवल स्पेशल कोर्ट द्वारा विचार किया जाएगा।"पीठ ने पीएसआई भर्ती घोटाले के एक आरोपी हर्षा डी. की ओर से दायर याचिका की अनुमति देते हुए यह टिप्पणी की, जिसमें...

बॉम्बे हाईकोर्ट, मुंबई
"टारगेट किया जा रहा है": बीएमसी द्वारा छठ पूजा की अनुमति रद्द करने के खिलाफ एनसीपी नेता ने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया

बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा ठाणे में दीवाली के लिए संगीत कार्यक्रम की मेजबानी के लिए सीएम एकनाथ शिंदे के गुट के दो सदस्यों को अनुमति देने के ठीक एक दिन बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नगरसेवक ने मुंबई के घाटकोपर में 'छठ पूजा' की उसकी अनुमति रद्द करने के खिलाफ एक और याचिका दायर की।याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि उनकी अनुमति रद्द कर दी गई, जबकि नगर निगम ने अन्य धर्मार्थ संगठन अटल सामाजिक संस्कृति सेवा प्रतिष्ठान को अनुमति दी, जो कथित तौर पर सत्तारूढ़ भाजपा का समर्थन करता है। उन्होंने दूसरे...

केरल मानव बलि मामले में आरोपी ने पुलिस हिरासत को चुनौती दी, पुलिस पर मीडिया में इकबालिया बयान लीक करने का आरोप लगाया
केरल मानव बलि मामले में आरोपी ने पुलिस हिरासत को चुनौती दी, पुलिस पर मीडिया में इकबालिया बयान लीक करने का आरोप लगाया

एलंथूर गांव के हालिया मानव बलि मामले में तीन आरोपी व्यक्तियों ने न्यायिक प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट कोर्ट आठवीं, एर्नाकुलम के आदेश के खिलाफ केरल हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसने पुलिस को आरोपी व्यक्तियों को 12 दिनों के लिए हिरासत में लेने की अनुमति दी है।आपराधिक पुनर्विचार याचिका में एडवोकेट बी.ए. अलूर के माध्यम से याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित आदेश अवैध और अनुचित है और इसमें हस्तक्षेप किया जा सकता है।जून और सितंबर के महीनों में तीन आरोपियों मोहम्मद शफी उर्फ ​​रशीद, भगवल...

उत्तराखंड हाईकोर्ट
मुस्लिम कानून के तहत लड़कियों की शादी की उम्र के खिलाफ याचिका: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने केंद्र, राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का आखिरी मौका दिया

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मुस्लिम कानून के तहत लड़कियों की शादी की उम्र पर सवाल उठाने वाली जनहित याचिका (पीआईएल) में राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार को अपना जवाब दाखिल करने का आखिरी मौका दिया है।कोर्ट ने आदेश दिया,"अगर जवाबी हलफनामा दायर नहीं किया जाता है, तो अगली तारीख को सचिव, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार और मुख्य सचिव, उत्तराखंड राज्य व्यक्तिगत रूप से अदालत के समक्ष उपस्थित रहेंगे।"गौरतलब है कि चीफ जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस मनोज के तिवारी की पीठ ने पिछले महीने यूथ बार एसोसिएशन...

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने निवासियों की सुरक्षा के लिए हल्द्वानी के रामलीला मैदान में पटाखों के भंडारण, बिक्री पर रोक लगाई
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने निवासियों की सुरक्षा के लिए हल्द्वानी के रामलीला मैदान में पटाखों के भंडारण, बिक्री पर रोक लगाई

उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) ने राज्य के अधिकारियों को क्षेत्र के निवासियों के जीवन और संपत्ति के लिए गंभीर खतरे को देखते हुए नैनीताल जिले के हल्द्वानी के रामलीला मैदान क्षेत्र में पटाखों के भंडारण और बिक्री पर रोक लगाने का निर्देश दिया।चीफ जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने नैनीताल जिले के जिलाधिकारी को तुरंत उपयुक्त स्थान का पता लगाने का निर्देश दिया है जहां चीफ फायर ऑफिसर के परामर्श से पटाखों के भंडारण और खुदरा बिक्री को स्थानांतरित किया जा सके।पीठ ललित मोहन...

चूंकि चालक ने निर्धारित सीमा से अधिक शराब का सेवन किया है, केवल इसल‌िए बीमा कंपनी को छूट नहीं दी जा सकती, जब तक कि वह अंशदायी लापरवाही नहीं दिखाती : केरल हाईकोर्ट
चूंकि चालक ने निर्धारित सीमा से अधिक शराब का सेवन किया है, केवल इसल‌िए बीमा कंपनी को छूट नहीं दी जा सकती, जब तक कि वह अंशदायी लापरवाही नहीं दिखाती : केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि केवल इसलिए कि एक व्यक्ति ने मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के दंड प्रावधानों के तहत निर्धारित सीमा से अधिक शराब का सेवन किया है, यह नहीं कहा जा सकता है कि वह 'शराब के प्रभाव में' था, और बीमा कंपनी को दावा देने से छूट नहीं दी जा सकती है जब उस व्यक्ति ने स्वयं किसी भी तरह से दुर्घटना में योगदान नहीं दिया था।जस्टिस शाजी पी. चाली ने ऐसा मानते हुए 'शराब के प्रभाव' शब्द का अर्थ समझाया और कहा कि,"इंद्रियों और मन की शक्ति पर शराब का प्रभाव एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में...

इलाहाबाद हाईकोर्ट
''दो वयस्कों की सहमति से प्यार पाने की लालसा में किसी अन्य के द्वारा हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता" : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पति-पत्नी को मिलवाया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि एक जीवन साथी की पसंद, व्यक्तिगत अंतरंगता की इच्छा और दो सहमति वाले वयस्कों के बीच मानवीय संबंधों में प्यार और तृप्ति पाने की इच्छा में किसी अन्य व्यक्ति द्वारा हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता है।जस्टिस संजय कुमार सिंह की पीठ ने एक पति द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका (हैबियस कार्पस) को स्वीकार कर लिया क्योंकि उसकी पत्नी / कार्पस ने अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया कि वह अपने पति के साथ जाने और अपना वैवाहिक जीवन शांतिपूर्वक जीने के लिए तैयार है। याचिकाकर्ता (एक संदीप...

दिल्ली हाईकोर्ट, दिल्ली
[धारा 43डी(2) यूएपीए] क्या अभियुक्त रिमांड विस्तार के समय लोक अभियोजक की रिपोर्ट की कॉपी का हकदार है? दिल्ली हाईकोर्ट फैसला करेगा

दिल्ली हाईकोर्ट ने यह तय करने का फैसला किया है कि किसी आरोपी को ट्रायल कोर्ट द्वारा 90 दिनों की प्रारंभिक अवधि से परे, 90 दिनों की एक और अवधि के लिए रिमांड के विस्तार के समय गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की धारा 43 डी (2) के तहत सरकारी अभियोजक द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट की एक प्रति प्रदान की जानी चाहिए।धारा 43डी(2) के अनुसार, ऐसे मामलों में जहां 90 दिनों की अवधि के भीतर जांच पूरी करना संभव नहीं है, अदालत आरोपी की नजरबंदी की अवधि 180 दिनों तक बढ़ा सकती है। अदालत लोक अभियोजक की रिपोर्ट से...

इलाहाबाद हाईकोर्ट
एससी/एसटी एक्ट| विशेष अदालत धारा 156 (3) सीआरपीसी के तहत दायर आवेदन को 'शिकायत' मान सकती है: इलाहाबाद हाईकोर्ट [डीबी]

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत नामित विशेष न्यायालय को धारा 156 (3) सीआरपीसी के तहत एक आवेदन को शिकायत मानते हुए अपराध का संज्ञान लेने की अनुमति है।चीफ जस्टिस राजेश बिंदल जस्टिस समित गोपाल की पीठ ने ऐसा यह मानने के बाद कहा कि सोनी देवी बनाम यूपी राज्य और अन्य: 2022(5)एडीजे 64 में के मामले में सिंगल जज द्वारा लिया गया विचार गलत था।दरअसल सोनी देवी मामले में यह माना गया था कि धारा 156(3) सीआरपीसी के तहत एक आवेदन को शिकायत का मामला...

पटियाला हाउस कोर्ट के समक्ष 44 एनआईए मामले लंबित, दिल्ली हाईकोर्ट में बताया
पटियाला हाउस कोर्ट के समक्ष 44 एनआईए मामले लंबित, दिल्ली हाईकोर्ट में बताया

दिल्ली हाईकोर्ट को उसके प्रशासनिक पक्ष द्वारा सूचित किया गया कि 31 जुलाई तक राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) अधिनियम के तहत कुल 44 मामले पटियाला हाउस न्यायालयों में दो नामित विशेष अदालतों के समक्ष लंबित हैं।वर्तमान में पटियाला हाउस अदालतों में एनआईए के मामलों की सुनवाई दो विशेष अदालतों यानी प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश और एक अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे 03) द्वारा की जा रही है।हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार द्वारा 15 जुलाई को लंबित मामलों पर डेटा अदालत के आदेश के अनुसार दायर स्टेटस रिपोर्ट में प्रस्तुत...

Writ Of Habeas Corpus Will Not Lie When Adoptive Mother Seeks Child
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कांस्टेबल को आउट-ऑफ-टर्न प्रमोशन देने का आदेश दिया, कहा- प्रशासनिक विवेक मनमाना और अनुचित नहीं होना चाहिए

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने हाल ही में कहा कि भले ही यह कानून की स्थापित स्थिति है कि बहादुरी के कार्य के लिए बारी-बारी से पदोन्नति कानूनी अधिकार नहीं है, प्रशासनिक विवेक को किसी भी अतार्किकता, तर्कहीनता, पूर्वाग्रह से प्रभावित नहीं किया जाना चाहिए।।जस्टिस एमआर फड़के ने आगे कहा कि आमतौर पर अदालतें पदोन्नति के उद्देश्य से किसी अधिकारी के प्रदर्शन का आकलन करने से बचती हैं, यह उन मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए बाध्य है जहां संबंधित अधिकारी के साथ अन्याय हुआ है।पहले के फैसले पर...

ई-रिक्शा
दिल्ली हाईकोर्ट ने ई-रिक्शा में लेड-एसिड बैटरी का उपयोग करने की अनुमति मांगने वाली जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार किया

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने राष्ट्रीय राजधानी में चलने वाले ई-रिक्शा और ई-गाड़ियों में पारंपरिक लेड एसिड बैटरी के उपयोग की अनुमति मांगने वाली जनहित याचिका (पीआईएल) पर विचार करने से इनकार कर दिया।एक ई-रिक्शा चालक की ओर से दायर याचिका में ई-रिक्शा और ई-कार्ट के खरीदारों को पारंपरिक एसिड बैटरी या लिथियम बैटरी का उपयोग करने का विकल्प देने की भी मांग की गई है।याचिकाकर्ता के वकील ने एक घटना का उल्लेख किया जहां लिथियम बैटरी बनाने वाली एक फैक्ट्री में आग लग गई थी।चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और...

दिल्ली हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों की बिक्री और पटाखे छोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध के खिलाफ दायर याचिका खारिज की
दिल्ली हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों की बिक्री और पटाखे छोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध के खिलाफ दायर याचिका खारिज की

दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) द्वारा 14 सितंबर को राष्ट्रीय राजधानी में एक जनवरी, 2023 तक सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और फोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के निर्देश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी।जस्टिस यशवंत वर्मा ने कहा कि हाईकोर्ट के लिए यह उचित नहीं होगा कि वह इस मुद्दे पर विचार करे जब यह सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है।ग्रीन पटाखों के भंडारण और बिक्री में लगी दो संस्थाओं द्वारा याचिका दायर की गई, जिसमें दावा किया गया कि...

[जम्मू-कश्मीर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम] भ्रष्ट इरादे के अभाव में लोक सेवक के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती: हाईकोर्ट
[जम्मू-कश्मीर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम] भ्रष्ट इरादे के अभाव में लोक सेवक के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती: हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने हाल ही में फैसला सुनाया कि लोक सेवक की ओर से किसी भी बेईमान मकसद या इरादे के अभाव में उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आपराधिक मुकदमा शुरू नहीं किया जा सकता।जस्टिस संजय धर की पीठ जम्मू-कश्मीर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 2006 की धारा 5 (2) के तहत अपराध के लिए पुलिस स्टेशन, सतर्कता संगठन जम्मू (अब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) के साथ दर्ज एफआईआर को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी।याचिकाकर्ता ने प्राथमिक रूप से इस आधार पर एफआईआर को चुनौती दी...