‘कथित रूप से रेप 'पीड़िता' द्वारा बनाए गए वीडियो से पता लगाएं कि क्या कृत्य सहमति या इच्छा के विरुद्ध था’: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य के वकील को निर्देश दिया

Brij Nandan

15 Feb 2023 2:45 AM GMT

  • Writ Of Habeas Corpus Will Not Lie When Adoptive Mother Seeks Child

    MP High Court

    कथित रेप पीड़िता (Rape Victim) द्वारा दावा किए जाने के बाद कि उसने स्वयं घटना का वीडियो बनाया है, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) ने राज्य के वकील को वीडियो देखने और यह पता लगाने का निर्देश दिया कि क्या कथित कृत्य पीड़िता की सहमति या इच्छा के विरूद्ध था।

    कोर्ट ने कहा,

    "राज्य के वकील से अनुरोध है कि वे पैन-ड्राइव के साथ जांच अधिकारी को बुलाएं और एजी कार्यालय में फ़ाइल को अपनी मशीन में सेव किए बिना उसका अवलोकन करें और उसके बाद, पेन-ड्राइव को जांच अधिकारी को लौटा दें और इस कोर्ट के समक्ष एक रिपोर्ट रखें।“

    जस्टिस अतुल श्रीधरन की पीठ ने आदेश दिया कि जांच करें कि क्या क्या कथित कृत्य पीड़िता की सहमति या इच्छा के विरूद्ध था।

    ये मामला एक जितेंद्र बघेल की जमानत याचिका से संबंधित था। उस पर एक विवाहित महिला (कथित पीड़िता) से बलात्कार का आरोप लगाया गया है। मामले में प्राथमिकी कथित तौर पर आवेदक द्वारा नुकसान पहुंचाने की धमकी पर देरी से दर्ज की गई थी।

    अब, जब मामला पीठ के सामने सुनवाई के लिए आया, तो अदालत ने कहा कि धारा 164 के अपने बयान में महिला ने कहा है कि उसने खुद आवेदक द्वारा उसके साथ कथित बलात्कार का वीडियो बनाया था।

    इसे देखते हुए, कोर्ट ने सरकारी वकील को वीडियो क्लिप देखने और यह पता लगाने का निर्देश दिया कि महिला के साथ यौन उत्पीड़न किया गया था या सहमति से यौन संबंध बनाया गया था।

    संगीता पचौरी - आवेदक की ओर से वकील।

    राजीव उपाध्याय - प्रतिवादी/राज्य के लिए लोक अभियोजक।

    विभोर कुमार साहू - परिवादी की ओर से वकील।

    केस टाइटल- जितेंद्र बघेल बनाम मध्य प्रदेश राज्य

    आदेश पढ़ने/डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें:




    Next Story