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बॉम्बे हाईकोर्ट, मुंबई
[हथौड़े से ऑनर किलिंग] बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा, पिता बेटी के प्रेमी को सबक सिखाना चाहता था, उसका मारने का इरादा नहीं था, उम्रकैद की सजा रद्द की

बॉम्बे हाईकोर्ट ने ऑनर किलिंग मामले में एक कारपेंटर और उसके बेटे को दी गई उम्रकैद की सजा को रद्द कर दिया और उन्हें सदोष हत्या, जो हत्या के बराबर न हो, का दोषी ठहराया। कोर्ट ने कहा कि दोनों पीड़ित को लड़की के साथ संबंध रखने के कारण "सबक सिखाना" चाहते थे।खंडपीठ ने माना कि महिला के 20 वर्षीय प्रेमी पर आक्रामक होने, उस पर हमला करने, फिर उसे हथौड़े से मारने की दोनों की कार्रवाई और जब भीड़ इकट्ठा हुई तो मौके से भाग जाना, आरोपियों के पक्ष में है। पीड़ित अलग जाति का था।कोर्ट ने कहा, "यह स्पष्ट है कि...

सैफ अली खान के लिए राहत: महाराष्ट्र रेरा ने डेवलपर को विलंबित कब्जे के लिए ब्याज के साथ दो संपत्तियां सौंपने का निर्देश दिया
सैफ अली खान के लिए राहत: महाराष्ट्र रेरा ने डेवलपर को विलंबित कब्जे के लिए ब्याज के साथ दो संपत्तियां सौंपने का निर्देश दिया

मुंबई में महाराष्ट्र रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (महारेरा) ने ऑर्बिट एंटरप्राइजेज को बीकेसी, मुंबई में दो यूनिट का कब्जा अभिनेता सैफ अली खान को चार साल के ब्याज सहित 2021 तक रेरा अधिनियम की धारा 18 के तहत सौंपने का निर्देश दिया।रेरा के सदस्य महेश पाठक ने भी खान को दो यूनिट की अंतिम किस्त का भुगतान करने का निर्देश दिया। 2021 से ब्याज के साथ क्रमशः 14,43,81,800 और 10,90,20,800 रुपये, क्योंकि बिल्डर ने उन्हें तब तैयार फ्लैटों के बारे में सूचित किया था।जबकि नियामक निकाय ने देखा कि डेवलपर ने देरी...

कॉपीराइट ऑनर्स के अधिकार विवाह समारोहों में संगीत के उपयोग के समाज के अधिकार से संतुलित होने चाहिए: दिल्ली हाईकोर्ट में एक्सपर्ट ने कहा
कॉपीराइट ऑनर्स के अधिकार विवाह समारोहों में संगीत के उपयोग के समाज के अधिकार से संतुलित होने चाहिए: दिल्ली हाईकोर्ट में एक्सपर्ट ने कहा

दिल्ली हाईकोर्ट में डॉ. अरुल जॉर्ज स्कारिया बताया कि विवाह समारोहों में संगीत के उपयोग के पहलू पर कॉपीराइट अधिनियम, 1957 की धारा 52 ( 1)(za) की सीमाओं और अपवादों के माध्यम से कॉपीराइट मालिकों के अधिकारों और उपयोगकर्ताओं या समाज के अधिकारों के बीच उचित संतुलन बनाना होगा। हाईकोर्ट ने डॉ. स्कारिया को विवाह समारोहों में संगीत के उपयोग के कानूनी मुद्दे पर इंडिपेंडेंट एक्सपर्ट के रूप में नियुक्त किया गया है।डॉ. स्कारिया नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु में एसोसिएट प्रोफेसर हैं।अधिनियम की...

हम न्यायाधीशों को भी लिस्ट आधी रात को मिलती है : जस्टिस गवई ने सप्लीमेंट्री लिस्ट के देर से अपलोड होने पर कहा
"हम न्यायाधीशों को भी लिस्ट आधी रात को मिलती है ": जस्टिस गवई ने सप्लीमेंट्री लिस्ट के देर से अपलोड होने पर कहा

सुप्रीम कोर्ट में एक सुनवाई के दौरान हुई एक अनौपचारिक चर्चा ने उन कठिनाइयों का संकेत दिया जिनका सामना वकीलों और न्यायाधीशों को सुप्रीम कोर्ट की पूरक वाद-सूची (Supplementary List) देर से अपलोड करने के कारण करना पड़ता है। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस बी नागरत्न की बेंच के समक्ष भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की पूरक वाद सूची देर रात आती जिससे केंद्रीय एजेंसियों को फाइलों सर्कुलेट करने में मुश्किल हो रही है।एसजी ने यह बात उस समय कही, जब पीठ राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों...

मुख्यमंत्री कोनराड कोंगकल संगमा
मेघालय हाईकोर्ट ने कथित तौर पर 'मुख्यमंत्री को विद्रोही संगठन द्वारा मार दिया जाना चाहिए' फेसबुक पोस्ट करने वाले व्यक्ति को जमानत दी

मेघालय हाईकोर्ट (Meghalaya High Court) ने यूएपीए के तहत दर्ज एक व्यक्ति को जमानत दी जिसने कथित तौर पर एफबी पर पोस्ट किया कि मुख्यमंत्री कोनराड कोंगकल संगमा को विद्रोही संगठन हाइनीवट्रेप नेशनल लिबरेशन काउंसिल (HNLC) द्वारा मार दिया जाना चाहिए।एचएनएलसी एक विद्रोही ग्रुप है जो मेघालय के खासी और जयंतिया पहाड़ी क्षेत्र में काम करता है। इसका उद्देश्य मेघालय को विशेष रूप से खासी जनजाति के लिए एक प्रांत के रूप में विकसित करना और इसे गारो जनजाति के 'वर्चस्व' से मुक्त करना है। समूह ने हाल के दिनों...

अब्बास अंसारी
'हिसाब किताब' टिप्पणी मामला: जवाबी हलफनामा दाखिल करने में यूपी सरकार की निष्क्रियता, इलाहाबाद हाईकोर्ट को विधायक अब्बास अंसारी को अंतरिम राहत दी

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने मऊ सदर विधायक अब्बास अंसारी के बेटे और जेल में बंद राजनेता मुख्तार अंसारी के बेटे को हिसाब-किताब टिप्पणी मामले में राहत दी।कोर्ट ने मऊ कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी जिसमें उनके खिलाफ आईपीसी के तहत विभिन्न आरोपों का संज्ञान लिया गया था क्योंकि यूपी सरकार मामले में जवाबी हलफनामा दाखिल करने में विफल रही थी।जस्टिस समित गोपाल की पीठ मऊ सदर विधायक अब्बास अंसारी द्वारा हिसाब-किताब टिप्पणी मामले के संबंध में दायर आरोप पत्र को खारिज करने वाली याचिका पर सुनवाई...

दिल्ली हाईकोर्ट, दिल्ली
'भ्रष्टाचार जांच में 10 साल की अस्पष्टीकृत देरी, चार्जशीट अभी भी प्राधिकारी से मंजूरी का इंतजार कर रहा': दिल्ली हाईकोर्ट ने सीनियर डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर रद्द की

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने 2012 और 2013 में एक सीनियर डॉक्टर के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक शाखा द्वारा दर्ज की गई तीन एफआईआर को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि जांच पूरी करने में 10 साल की अस्पष्टीकृत देरी और चार्जशीट अभी भी उपयुक्त प्राधिकारी से मंजूरी का इंतजार कर रहा है।एफआईआर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 और भारतीय दंड संहिता, 1860 के विभिन्न प्रावधानों के तहत थीं।जस्टिस जसमीत सिंह ने दिल्ली में पूर्व निदेशक स्वास्थ्य सेवा डॉ सर्बेश भट्टाचार्जी द्वारा उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द...

हाईकोर्ट ऑफ कर्नाटक
अभियुक्त की दलील दर्ज करते समय शिकायतकर्ता की उपस्थिति आवश्यक नहींः कर्नाटक हाईकोर्ट ने धारा 138 एनआई एक्ट के तहत शिकायत बहाल की

कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा कि निचली अदालत द्वारा एनआई एक्ट की धारा 138 के तहत आरोपी की दलीलें दर्ज करते समय शिकायतकर्ता की गैर-मौजूदगी पर बरी करने का आदेश पारित नहीं किया जा सकता है। जस्टिस पीएन देसाई की एकल पीठ ने नागराज द्वारा दायर याचिका को स्वीकार कर लिया और अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश के समक्ष अभियोजन बहाल कर दिया।बेंच ने कहा,"सुनवाई की प्रत्येक तिथि पर शिकायतकर्ता के उपस्थित न होने के कारण मामले में बरी करने का आदेश पारित नहीं किया जा सकता है।न्यायालय को मामले के चरण और अभियुक्त और...

विवाह भंग हो चुका है, 498A की चार्जशीट बिना किसी सार के: कर्नाटक हाईकोर्ट ने कार्यवाही रद्द की
'विवाह भंग हो चुका है, 498A की चार्जशीट बिना किसी सार के': कर्नाटक हाईकोर्ट ने कार्यवाही रद्द की

कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक महिला द्वारा पूर्व पति और ससुराल वालों के खिलाफ धारा 498-ए (दहेज प्रताड़ना) के तहत दर्ज मामले को खारिज करते हुए कहा कि सर्वव्यापी और सामान्य आरोपों के आधार पर दायर आरोप पत्र बिना किसी सार के है।जस्टिस हेमंत चंदनगौदर की एकल पीठ ने डॉ शाहुल हमीद वालवूर और अन्य द्वारा दायर याचिका को स्वीकार कर लिया और आईपीसी की धारा 498 ए सहपठित धारा 34 और दहेज निषेध अधिनियम, 1961 की धारा 3 और 4 के तहत दर्ज अभियोजन को रद्द कर दिया।अभियोजन पक्ष के अनुसार, जोड़े ने 2009 में इस्लामी रीति-रिवाजों...

दिल्ली हाईकोर्ट, दिल्ली
धारा 326ए आईपीसी| 'एसिड' में वे सभी पदा‌र्थ शामिल, जिसमें जलाने की प्रकृति, केवल वे ही नहीं, जिन्हें क्लासिक रूप से एसिड कहा जाता है: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि भारतीय दंड संहिता की धारा 326 ए में शामिल 'एसिड' शब्द केवल उन पदार्थों तक सीमित नहीं है, जिन्हें क्लासिक या वैज्ञानिक रूप से एसिड कहा जाता है, बल्कि इसमें वे सभी पदार्थ भी शामिल हैं जिनमें अम्लीय, संक्षारक या जलाने की प्रकृति होती है और वे विरूपता, अस्थायी या स्थायी विकलांगता पैदा करने में सक्षम हैं।उल्लेखनीय है संहिता की धारा 326ए के तहत एसिड अटैक के लिए सजा का प्रावधान किया गया है। इसमें कहा गया है कि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के शरीर के किसी हिस्से को एसिड...

Consider The Establishment Of The State Commission For Protection Of Child Rights In The UT Of J&K
एनडीपीएस एक्ट| वैधानिक अवधि के भीतर एफएसएल रिपोर्ट संलग्न ना करना चार्जशीट को दोषपूर्ण नहीं बनाती, यह डिफॉल्ट जमानत का आधार नहीं: जेएंडके एंड एल हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने हाल ही में एक फैसले में कहा कि केवल इसलिए कि एफएसएल रिपोर्ट प्रस्तुति के समय चार्जशीट के साथ नहीं थी, यह नहीं कहा जा सकता है कि चार्जशीट अधूरी या दोषपूर्ण थी।जस्टिस संजय धर ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए य‌ह टिप्पणी की। याचिकाकर्ता ने जम्मू-कश्मीर सीआरपीसी की धारा 439 के तहत न्यायालय के अधिकार क्षेत्र के इस्तेमाल का आह्वान किया था। उसके खिलाफ पुलिस स्टेशन, श्रीगुफवाड़ा, कश्मीर नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट की धारा 8/15, 18 के तहत अपराध...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
विवाह कैजुअल किस्म की बात नहीं; यह पश्चिमी व्यवस्था नहीं हैं जहां आप आज विवाह करें और कल तलाक ले लें: सुप्रीम कोर्ट

एक पत्नी की ओर से अपने विवाह को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर एक स्थानांतरण याचिका में गुरुवार बहुत ही नाटकीय मोड़ आ गया।मामले की सुनवाई के दरमियान जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अभय श्रीनिवास ओका की बेंच ने विवाह पर कुछ महत्वपूर्ण टिप्‍पणियां कीं और कहा कि कैसे किसी को अपने पार्टनर से असंभव की उम्मीद नहीं करनी चाहिए, बल्कि पति और पत्नी की ओर से लगाए गए आरोपों को भी देखना चाहिए।सुनवाई के दरमियान पत्नी ने बेंच को बताया कि वह अपनी वैवाहिक जीवन को दोबारा शुरु करना चाहती है, जबकि पति ने...

बेंगलुरु कंज्यूमर फोरम ने 2019 एयर शो के दौरान नष्ट हुए निजी वाहन के लिए रक्षा मंत्रालय के खिलाफ दावा खारिज किया
बेंगलुरु कंज्यूमर फोरम ने 2019 एयर शो के दौरान नष्ट हुए निजी वाहन के लिए रक्षा मंत्रालय के खिलाफ दावा खारिज किया

बेंगलुरु में कंज्यमर फोरम ने गौतम बीसी द्वारा दायर शिकायत खारिज कर दी, जिसमें 2019 के एयर शो के दौरान येलहंका में वायु सेना स्टेशन में पार्क किए गए अपने पुराने वाहन के बाद नया वाहन खरीदने के लिए केंद्रीय रक्षा मंत्रालय से मुआवजे की मांग की गई।अध्यक्ष के एस बिलगी के नेतृत्व वाले फोरम ने 3 अक्टूबर को अपने आदेश में कहा कि भारतीय वायु सेना केवल परिधि के भीतर अग्नि सुरक्षा का प्रबंधन कर रही है और बाहर की अग्नि सुरक्षा राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जानी है।उन्होंने कहा,"निश्चित रूप से आग लगने की घटना...

ताहिर हुसैन
[दिल्ली दंगे] 'हिंदुओं को मारने की साजिश रची, उनकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाए': कोर्ट ने ताहिर हुसैन के खिलाफ आरोप तय किए

दिल्ली की एक अदालत (Delhi Court) ने 2020 के उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगों (Delhi Riots) के एक मामले में आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन (Tahir Hussain), उनके भाई शाह आलम और चार अन्य लोगों के खिलाफ आरोप तय किए।कोर्ट ने कहा कि भीड़ ने हिंदुओं को मारने और उनकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की साजिश रची थी। और इसी के साथ ही एक अजय झा नाम के व्यक्ति को बंदूक की गोली के चोट आई थी।अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने ताहिर हुसैन, शाह आलम, गुलफाम, तनवीर मलिक, नाजिम और कासिम के खिलाफ आईपीसी...

केवल इसलिए कि सीआरपीसी की धारा 482 परिसीमा अवधि निर्धारित नहीं करती, इसका मतलब यह नहीं कि पक्षकार अत्यधिक देरी से अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं: बॉम्बे हाईकोर्ट
केवल इसलिए कि सीआरपीसी की धारा 482 परिसीमा अवधि निर्धारित नहीं करती, इसका मतलब यह नहीं कि पक्षकार अत्यधिक देरी से अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद ब्रांच ने कहा कि कोई भी पक्षकार सीआरपीसी की धारा 482 के तहत अपनी मर्जी से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है, क्योंकि यह प्रावधान किसी परिसीमा अवधि को निर्धारित नहीं करता।जस्टिस विभा कंकनवाड़ी और जस्टिस राजेश एस पाटिल की खंडपीठ ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 482 के तहत याचिकाकर्ता को किस समय अदालत का दरवाजा खटखटाना चाहिए, यह मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर निर्भर करता है। हालांकि, ऐसा समय उचित होना चाहिए।खंडपीठ ने कहा,"उचित समय का अर्थ होगा विवेकपूर्ण वादी द्वारा दिए गए...

यूपी कोर्ट ने 2015 में अखलाक लिंचिंग के बाद निषेधाज्ञा के उल्लंघन के लिए बीजेपी नेता संगीत सोम पर 800 रुपए का जुर्माना लगाया
यूपी कोर्ट ने 2015 में अखलाक लिंचिंग के बाद निषेधाज्ञा के उल्लंघन के लिए बीजेपी नेता संगीत सोम पर 800 रुपए का जुर्माना लगाया

उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर की एक अदालत ने बुधवार को दादरी-मोहम्मद अखलाक लिंचिंग मामले में वर्ष 2015 में सीआरपीसी की धारा 144 का उल्लंघन करने के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत भाजपा नेता संगीत सोम को दोषी ठहराया। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (2) प्रदीप कुमार कुशवाहा ने सजा के तौर पर उन पर 800 रुपए का जुर्माना लगाया। सोम ने अखलाक के बिसाहड़ा गांव में स्थानीय प्रशासन द्वारा लगाए गए सीआरपीसी की धारा 144 का उल्लंघन किया था।अखलाक को वर्ष 2015 में गौतमबुद्धनगर के दादरी इलाके में भीड़...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने गलत तरीके से मुकदमा चलाने, निर्दोष को जेल में रखने के खिलाफ दिशा-निर्देश देने की मांग वाली याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दुर्भावनापूर्ण, गलत तरीके से मुकदमा चलाने और निर्दोष व्यक्तियों को जेल में रखने के खिलाफ दिशा-निर्देश देने की मांग वाली याचिका खारिज कर दिया।मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस हेमंत गुप्ता की पीठ ने की।शुरुआत में, सीजेआई ललित ने टिप्पणी की कि याचिका में व्यापक प्रार्थनाएं शामिल हैं और गलत तरीके से मुकदमा चलाने, निर्दोष को जेल में रखने के मामले में कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से आना एक बेहतर तरीका होगा। इसके याचिका खारिज कर दी गई।याचिका में सभी अधीनस्थ...

मोटर दुर्घटना मुआवजे के दावे के मामलों में दावा की गई राशि से अधिक उचित मुआवजा दिया जा सकता है: सुप्रीम कोर्ट
मोटर दुर्घटना मुआवजे के दावे के मामलों में दावा की गई राशि से अधिक उचित मुआवजा दिया जा सकता है: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मोटर दुर्घटना मुआवजे के दावों के मामलों में दावा की गई राशि से अधिक 'उचित मुआवजा' दिया जा सकता है। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस जेके माहेश्वरी की बेंच ने कहा कि ट्रिब्यूनल / कोर्ट को 'न्यायसंगत' मुआवजा देना चाहिए, जो रिकॉर्ड पर पेश किए गए सबूतों के आधार पर उचित हो।मामलामौजूदा मामले में एक बारह साल के बच्चे को अपने घर के सामने खेलते समय कमांडर जीप ने टक्कर मार दी थी और अस्पताल ले जाते समय रास्ते में उसकी मौत हो गयी। मृतक बच्चे की मां ने मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 171...