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ड्रग एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट की धारा 25 के तहत गवर्मेंट एनालिस्ट की रिपोर्ट का विरोध करने का अधिकार अक्षम्य अधिकार है: हिमाचल हाईकोर्ट
ड्रग एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट की धारा 25 के तहत गवर्मेंट एनालिस्ट की रिपोर्ट का विरोध करने का अधिकार अक्षम्य अधिकार है: हिमाचल हाईकोर्ट

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि ड्रग एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट की धारा 25 के तहत गवर्मेंट एनालिस्ट की रिपोर्ट तथ्यों का निर्णायक सबूत है, जब तक कि जिस व्यक्ति से नमूना लिया गया है, वह इसकी प्रति प्राप्त होने के 28 दिनों के भीतर सूचित नहीं करता।जस्टिस सत्येन वैद्य ने कहा कि रिपोर्ट का विरोध करने का ऐसा अधिकार अभियुक्त का अक्षम्य अधिकार है।उन्होंने कहा,"अधिनियम की धारा 25(4) के तहत अधिकार मूल्यवान और अक्षम्य अधिकार है, जिसे आसानी से छीना नहीं जा सकता। आपराधिक अभियोजन में अपनी रक्षा करने का...

विभाग निर्धारित समय सीमा के भीतर पुनर्मूल्यांकन आदेश पारित करने में विफल रहा: दिल्ली हाईकोर्ट
विभाग निर्धारित समय सीमा के भीतर पुनर्मूल्यांकन आदेश पारित करने में विफल रहा: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने कारण बताओ नोटिस और पुनर्मूल्यांकन आदेश को रद्द कर दिया, क्योंकि विभाग निर्धारित समय सीमा के भीतर पुनर्मूल्यांकन आदेश पारित करने में विफल रहा।जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ ने कहा कि विभाग याचिकाकर्ता / निर्धारिती को 2 जून, 2022 को अधिनियम की असंशोधित धारा 148 और धारा 148 ए (बी) के तहत 31 मार्च, 2021 को नोटिस जारी करने और तामील करने के बाद एक और नोटिस जारी नहीं कर सकता।अदालत ने कहा कि आशीष अग्रवाल के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देश उन...

कोर्ट ऑर्गनाइजेशन द्वारा वैकेंसी के विज्ञापन में  निर्धारित आवश्यक योग्यताओं पर अपना दृष्टिकोण प्रतिस्थापित नहीं कर सकता: दिल्ली हाईकोर्ट
कोर्ट ऑर्गनाइजेशन द्वारा वैकेंसी के विज्ञापन में निर्धारित आवश्यक योग्यताओं पर अपना दृष्टिकोण प्रतिस्थापित नहीं कर सकता: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि किसी पोस्ट पर वैकेंसी का विज्ञापन देते समय अदालतें किसी ऑर्गेनाइजेशन द्वारा निर्धारित योग्यता आवश्यकताओं के लिए अपने दृष्टिकोण को प्रतिस्थापित नहीं कर सकती।जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने कहा:"यह ऑर्गेनाइजेशन के लिए अपनी वैकेंसी का विज्ञापन करते समय योग्यता निर्धारित करने के लिए खुला है, जो उक्त पद पर नियुक्ति के लिए ऑर्गेनाइजेशन की दृष्टि में उपयुक्त हो सकता है। न्यायालय ऑर्गेनाइजेशन द्वारा निर्धारित आवश्यकताओं के लिए अपने दृष्टिकोण को...

जब स्वामित्व पर विवाद हो तो स्वामित्व विलेख म्यूटेशन ऑर्डर का आधार नहीं हो सकताः आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट
जब स्वामित्व पर विवाद हो तो स्वामित्व विलेख म्यूटेशन ऑर्डर का आधार नहीं हो सकताः आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट

आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने नगर आयुक्त, तिरुपति द्वारा पारित म्यूटेशन (Mutation) आदेश और म्यूटेशन कार्यवाही खिलाफ दायर एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि म्यूटेशन आदेश कब्जे के आधार पर किए जाने चाहिए न कि स्वामित्व विलेख (Title deed) के आधार पर, जब स्वामित्व पर ही विवाद हो।याचिकाकर्ता ने आयुक्त के समक्ष हुई आक्षेपित म्यूटेशन कार्यवाही को अवैध बताया था और उसे रद्दकर रिट ऑफ सर्टिओरी जारी करने के लिए याचिका दायर की थी। साथ ही आयुक्त को जारी किए गए म्यूटेशन आदेश को रद्द करने और संबंधित रिकॉर्ड में...

दिल्ली विधानसभा चुनाव: कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल, प्रकाश जारवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग वाली याचिका खारिज की
दिल्ली विधानसभा चुनाव: कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल, प्रकाश जारवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग वाली याचिका खारिज की

दिल्ली की एक अदालत ने हाल ही में दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के संबंध में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, आम आदमी पार्टी के नेता गोपाल राय और प्रकाश जरवाल और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग को लेकर सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत दायर आवेदन खारिज कर दिया।अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वृंदा कुमारी ने 1000 रुपये के जुर्माना लगाते हुए शिकायत खारिज कर दी। कोर्ट ने आवेदन खारिज करते हुए कहा कि शिकायतकर्ता ने किसी संज्ञेय अपराध का खुलासा नहीं किया।न्यायाधीश ने 27 सितंबर के आदेश में कहा,"एफआईआर दर्ज करने...

छात्रों के हित पर किसी के आराम को प्राथमिकता देना निंदनीय: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने शिक्षक की अनुकूल जगह ट्रांसफर करने की मांग वाली याचिका खारिज की
छात्रों के हित पर किसी के आराम को प्राथमिकता देना निंदनीय: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने शिक्षक की अनुकूल जगह ट्रांसफर करने की मांग वाली याचिका खारिज की

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में 48 वर्षीय शिक्षक की याचिका खारिज कर दी, जिसमें अनुकूल जगह पर ट्रांसफर की मांग की गई थी।जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने कहा कि यह निंदनीय है कि उसे सरकारी नौकरी प्रदान करने के लिए ईश्वर का आभारी होने के बजाय याचिकाकर्ता आराम पाने की कोशिश कर रही है।पीठ ने कहा कि शिक्षा विभाग उसके सामने सबसे बड़े वादियों में से एक है और इनमें से अधिकांश रिट याचिकाएं केवल शिक्षकों के स्थानांतरण और समायोजन से संबंधित हैं।खंडपीठ ने कहा,"शिक्षक बनना...

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीड़िता से शादी करने, बच्ची को अपनी बेटी के रूप में स्वीकार करने की शर्त पर पोक्सो के आरोपी को जमानत दी

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने हाल ही में नाबालिग लड़की (17 वर्ष) के साथ रेप मामले में पोक्सो आरोपी को इस शर्त पर जमानत दी कि वह एक महीने की अवधि के भीतर उससे शादी करेगा और पत्नी को सभी अधिकार देगा। साथ ही बच्ची को अपनी बेटी के रूप में स्वीकार करेगा।जमानत देते हुए जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने अभियोजक और उसके पिता के रुख को ध्यान में रखा, जिन्होंने कहा कि अगर आरोपी को जमानत पर रिहा किया जाता है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।अदालत ने इस तथ्य को भी नोट किया कि लड़की ने पहले ही...

इलाहाबाद हाईकोर्ट
शिक्षण और गैर शिक्षण कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज करने के लिए फेशियल रिकॉगनाइजेशन टेक्नोलॉजी के उपयोग को चुनौती: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर में शिक्षण और गैर शिक्षण कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज करने के लिए फेशियल रिकॉगनाइजेशन टेक्नोलॉजी के उपयोग को चुनौती देने वाली याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है।जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस मो. अजहर हुसैन इदरीसी ने विश्वविद्यालय प्रशासन और उत्तर प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा विभाग से भी जवाब मांगा है।डॉ सुविजना अवस्थी, विश्वविद्यालय के एक कर्मचारी सदस्य ने विश्वविद्यालय प्रशासन के आदेश को चुनौती...

सतही चोट: कर्नाटक हाईकोर्ट ने कॉम्पिटिशन खत्म करने के लिए सह-कलाकार पर तेजाब फेंकने की आरोपी ड्रामा आर्टिस्ट को जमानत दी
'सतही चोट': कर्नाटक हाईकोर्ट ने कॉम्पिटिशन खत्म करने के लिए सह-कलाकार पर तेजाब फेंकने की आरोपी ड्रामा आर्टिस्ट को जमानत दी

कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक महिला आरोपी को जमानत दे दी, जिसने कथित तौर पर बदला लेने और एक अन्य महिला सह-कलाकार के नाटकों में भूमिका पाने के अवसरों को खराब करने की दृष्टि से उसके चेहरे पर तेजाब फेंक दिया था। जस्टिस के नटराजन की एकल पीठ ने स्वाति द्वारा दायर याचिका को स्वीकार कर लिया और कमिटल कोर्ट को निर्देश दिया कि वह आईपीसी की धारा 34 के साथ पठित धारा 326 ए, 448 आईपीसी के तहत दंडनीय अपराधों के लिए नंदिनी लेआउट पुलिस स्टेशन में दर्ज मामले में 5,00,000 रुपये की राशि के एक व्यक्तिगत बांड और समान राशि...

रुतुजा लटके
अंधेरी ईस्ट उपचुनाव: हाईकोर्ट ने बीएमसी से उद्धव की पार्टी की उम्मीदवार रुतुजा लटके का इस्तीफा स्वीकार करने को कहा

बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के नेतृत्व वाली शिवसेना को राहत देते हुए बीएमसी (BMC) से उद्धव की पार्टी की उम्मीदवार रुतुजा लटके (Rutuja Latke) का इस्तीफा स्वीकार करने को कहा।लटके बीएमसी की कर्मचारी हैं।दिवंगत विधायक रमेश लटके की पत्नी लटके ने अदालत का दरवाजा खटखटाकर दावा किया था कि नगर निकाय उनके इस्तीफे की प्रक्रिया में देरी कर रहा है जिससे उपचुनाव के लिए उनकी उम्मीदवारी पर सीधा असर पड़ेगा क्योंकि 14 अक्टूबर को नामांकन पत्र भरने का आखिरी दिन है।शिवसेना के...

इलाहाबाद हाईकोर्ट
"नाबालिग की सहमति का महत्व नहीं " : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाबालिग से शादी करने वाले POCSO आरोपी को जमानत देने से इनकार किया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में एक नाबालिग लड़की (16-17 वर्ष) से ​​बलात्कार के आरोपी व्यक्ति को उसकी सहमति से शादी करने के बाद जमानत देने से इनकार कर दिया क्योंकि अदालत ने कहा कि नाबालिग की सहमति को सहमति नहीं माना जा सकता। जस्टिस साधना रानी (ठाकुर) की खंडपीठ ने कहा कि भले ही नाबालिग ने अपना घर छोड़ दिया हो, शादी कर ली हो और उसकी सहमति से आवेदक के साथ शारीरिक संबंध बना लिया हो, उसकी सहमति, नाबालिग की सहमति होने के कारण, ऐसी सहमति को महत्व नहीं दिया जा सकता।इस मामले में आरोपी (प्रवीन कश्यप) पर...

नूपुर शर्मा
राजस्थान हाईकोर्ट ने नूपुर शर्मा के खिलाफ कथित तौर पर 'सर तन से जुदा' करने का नारा लगाने वाले दरगाह के मौलवी को जमानत देने से किया इनकार

राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) के खिलाफ कथित तौर पर 'सर तन से जुदा' करने का नारा लगाने वाले दरगाह के मौलवी को जमानत देने से इनकार किया।जस्टिस समीर जैन की पीठ ने सैयद गोहर हुसैन चिश्ती को जमानत देने से इनकार कर दिया। पीठ ने कहा कि अगर उसे जमानत पर रिहा किया जाता है, तो वह बड़े पैमाने पर समाज के लिए खतरा पैदा कर सकता है और राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को प्रभावित कर सकता है।मामले के तथ्यों को ध्यान में रखते हुए अदालत ने कहा कि चिश्ती को शांतिपूर्ण...

पेड़ की टूटी डाली से बाइक सवार की मौत, कर्नाटक हाईकोर्ट ने मोटर वाहन अधिनियम की धारा 163A के तहत कानूनी उत्तराधिकारियों का दावा स्वीकार किया
पेड़ की टूटी डाली से बाइक सवार की मौत, कर्नाटक हाईकोर्ट ने मोटर वाहन अधिनियम की धारा 163A के तहत कानूनी उत्तराधिकारियों का दावा स्वीकार किया

कर्नाटक हाईकोर्ट ने हाल ही में एक मृतक बाइक सवार के कानूनी वारिसों की ओर से मोटर वाहन अधिनियम की धारा 163 ए के तहत दायर दावा स्वीकार कर लिया। बाइक सवार की सिर पर पेड़ की डाली गिरने से मौत हो गई थी।बीमा कंपनी ने मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण द्वारा पारित आदेश के खिलाफ अपील में दलील दी थी कि दुर्घटना नीलगिरी के पेड़ की डाली गिरने के कारण हुई और इसे मोटरसाइकिल दुर्घटना के रूप में नहीं माना जा सकता है और इसलिए कंपनी मुआवजे का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी नहीं है।हालांकि, जस्टिस एचपी संदेश की एकल...

धारा 41-ए सीआरपीसी नोटिस जारी होने और चार्जशीट दायर होने के बाद लुक आउट सर्कुलर जारी रखने का कोई आधार नहींः तेलंगाना हाईकोर्ट
धारा 41-ए सीआरपीसी नोटिस जारी होने और चार्जशीट दायर होने के बाद लुक आउट सर्कुलर जारी रखने का कोई आधार नहींः तेलंगाना हाईकोर्ट

तेलंगाना हाईकोर्ट ने घरेलू हिंसा मामले के एक आरोपी के खिलाफ जारी लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) को वापस लेने का निर्देश देते हुए, हाल के एक फैसले में कहा कि धारा 41-ए सीआरपीसी नोटिस जारी करने और बाद में चार्जशीट दाखिल करने के बाद के बाद एलओसी जारी रखने का कोई आधार नहीं था।जस्टिस ललिता कन्नेगंती ने कहा कि पुलिस महानिदेशक ने अदालत द्वारा पूर्व में पारित आदेशों के आधार पर पहले ही एक परिपत्र जारी कर निर्देश दिया है कि जब भी धारा 41-ए सीआरपीसी नोटिस जारी किया जाता है या जब भी आरोपी द्वारा जमानत प्राप्त की...

God Does Not Recognize Any Community, Temple Shall Not Be A Place For Perpetuating Communal Separation Leading To Discrimination
बैन के बावजूद सरकार ने जीवन को नुकसान पहुंचाने वाले ऑनलाइन गेम्स की अनुमति कैसे दी? मद्रास हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया

मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ ने हाल ही में किशोरों में ऑनलाइन गेमिंग की बढ़ती लत का स्वत: संज्ञान लिया। अदालत एक लापता लड़की से संबंधित बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसे "फ्री फायर" नाम का एक ऑनलाइन गेम खेलने की लत लग गई थी।जस्टिस आर महादेवन और जस्टिस सत्य नारायण प्रसाद की पीठ ने आश्चर्य जताया कि भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित किए जाने के बावजूद इन ऑनलाइन खेलों की अनुमति कैसे दी गई।कोर्ट ने कहा,"हमारे विचार में, राज्य और केंद्र सरकारों को स्पष्ट रिपोर्ट के साथ आगे आना चाहिए कि...

महिला की उत्तेजक पोशाक पुरुष के लिए उसकी गरिमा हनन करने का लाइसेंस नहीं: ‌केरल हाईकोर्ट ने सिविक चंद्रन जमानत आदेश में की गई टिप्पणी को हटाया
महिला की 'उत्तेजक पोशाक' पुरुष के लिए उसकी गरिमा हनन करने का लाइसेंस नहीं: ‌केरल हाईकोर्ट ने सिविक चंद्रन जमानत आदेश में की गई टिप्पणी को हटाया

केरल हाईकोर्ट ने गुरुवार को यौन उत्पीड़न के एक मामले में लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता सिविक चंद्रन को अग्रिम जमानत देने के खिलाफ दायर दो याचिकाओं का निस्तारण करते हुए कोझीकोड सेशन कोर्ट की 'यौन उत्तेजक पोशाक' वाली टिप्पणी को हटा दिया।जस्टिस कौसर एडप्पागथ ने अग्रिम जमानत आदेश के खिलाफ राज्य के साथ-साथ वास्तविक शिकायतकर्ता द्वारा पेश की गई दो याचिकाओं का निपटारा करते हुए कहा कि भले ही अग्रिम जमानत देने के लिए नीचे की अदालत द्वारा दिखाए गए कारण को उचित नहीं ठहराया जा सकता है, अग्रिम जमानत देने के...

फिल्म ‘थैंक गॉड’
फिल्म 'थैंक गॉड' पर बैन लगाने की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर, भगवान चित्रगुप्त का अपमान करने का आरोप

बॉलीवुड की अपकमिंग फिल्म 'थैंक गॉड (Thank God)' के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दायर की गई है। फिल्म 25 अक्टूबर को रिलीज होने वाली है।चित्रगुप्त वेलफेयर ट्रस्ट द्वारा दायर याचिका में यह निर्देश देने की मांग की गई है कि इस फिल्म के ट्रेलर और पोस्टर को यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटा दिया जाए।याचिकाकर्ता ने आगे इस फिल्म की सिनेमाघरों या ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज को रोकने के लिए निर्देश देने की मांग की है।वकील लोकेश कुमार चौधरी के माध्यम से दायर याचिका में आरोप...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
आदेश 8 नियम 6ए सीपीसी| लिखित बयान दर्ज करने के लंबे समय बाद लेकिन मुद्दों के निर्धारण से पहले दायर जवाबी दावे को रिकॉर्ड में लेने पर कोई रोक नहीं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लिखित बयान दाखिल करने के लंबे समय बाद लेकिन मुद्दों को तय करने से पहले दायर किए गए जवाबी दावे को रिकॉर्ड में लेने पर कोई रोक नहीं है।इस मामले में, लिखित बयान दाखिल करने के लगभग 13 साल बाद विचाराधीन प्रति-दावा दायर किया गया था। बॉम्बे हाईकोर्ट के एकल न्यायाधीश ने प्रतिवादी-अपीलकर्ता द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव के नोटिस को स्वीकार कर लिया था ताकि देर से दायर किए गए प्रति-दावे को रिकॉर्ड पर लिया जा सके।हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने बाद में उक्त आदेश को रद्द कर दिया और मामले को...