मुख्य सुर्खियां

पति के खिलाफ झूठे मामले दर्ज करना क्रूरता: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पति को तलाक की डिक्री दी, पत्नी को स्थायी भरणपोषण के रूप में 18 लाख रुपये दिए
"पति के खिलाफ झूठे मामले दर्ज करना क्रूरता": पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पति को तलाक की डिक्री दी, पत्नी को स्थायी भरणपोषण के रूप में 18 लाख रुपये दिए

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल ही में एक व्यक्ति की ओर से दायर याचिका पर उसे तलाक ‌की डिक्री प्रदान की। उसने पत्नी को अलग रहने और उसके साथ क्रूरता करने आधार पर उसके खिलाफ याचिका दायर की थी। पत्नी ने प‌ति के खिलाफ कई झूठे और ओछे मामले दर्ज कराए थे। जस्टिस रितु बाहरी और जस्टिस निधि गुप्ता की खंडपीठ ने पत्नी को पूर्ण और अंतिम निस्तारण के रूप में अठारह लाख रुपये की राशि का स्थायी गुजारा भत्ता भी दिया। साथ ही यह नोट किया पति पहले मुकदमे के दरमियान पत्नी को भरण-पोषण के रूप में 23 लाख रुपये प्रदान...

अब वह मृतक पर आश्रित नहीं है, विवाहित बेटी अनुकंपा नियुक्ति का दावा नहीं कर सकती : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
अब वह मृतक पर आश्रित नहीं है, विवाहित बेटी अनुकंपा नियुक्ति का दावा नहीं कर सकती : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने हाल ही में मृत कर्मचारी की विवाहित बेटी को अनुकंपा रोजगार देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि अब वह अपने पिता की आय पर 'आश्रित' नहीं रहेगी।जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास ने कहा कि याचिकाकर्ता-बेटी की शादी उसके पिता की मृत्यु से पहले हुई थी, इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि वह उसकी कमाई पर निर्भर थी।बेंच ने महाराष्ट्र राज्य और अन्य बनाम माधुरी मारुति विधाते मामले में सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले पर बहुत भरोसा किया, जहां यह माना गया कि विवाहित बेटी को उसकी मृत मां पर निर्भर नहीं...

झारखंड हाईकोर्ट
झारखंड हाईकोर्ट ने नकद जब्ती मामले में कांग्रेस के तीन निलंबित विधायकों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाने से किया इनकार

झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) ने झारखंड के तीन निलंबित कांग्रेस विधायकों (इरफान अंसारी, राजेश कच्छप, और नमन बिक्सल कोंगारी) के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।जुलाई 2022 में पश्चिम बंगाल पुलिस ने कथित तौर पर उनके कार से लगभग 49 लाख नकद जब्त करने के बाद गिरफ्तार किया था।जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की पीठ ने कोलकाता पुलिस को मामले की जांच जारी रखने की इजाजत दे दी है। हालांकि अदालत ने पुलिस से कहा है कि वो सुनवाई की अगली तारीख तक मामले में चार्जशीट दाखिल न करें।पीठ ने...

दिल्ली हाईकोर्ट ने जामिया मिलिया इस्लामिया को शारजील उस्मानी के एमए कोर्स में एडमिशन को नियमित करने का निर्देश दिया
दिल्ली हाईकोर्ट ने जामिया मिलिया इस्लामिया को शारजील उस्मानी के एमए कोर्स में एडमिशन को नियमित करने का निर्देश दिया

दिल्ली हाईकोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के पूर्व छात्र शरजील उस्मानी को जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी (जेएमआई) में 'सामाजिक बहिष्कार और समावेशी योजना(सीएसएसईआईपी)' के ​​थर्ड सेमेस्टर एग्जाम में बैठने की अनुमति दे दी।जस्टिस संजीव नरूला ने जामिया को पहले और दूसरे सेमेस्टर एग्जाम के संबंध में उस्मानी के परिणाम तुरंत घोषित करने का भी निर्देश दिया। अदालत ने यूनिवर्सिटी से उसके एडमिशन को नियमित करने को भी कहा।उस्मानी ने इस साल की शुरुआत में हाईकोर्ट का रुख किया था और जामिया को...

फुट-ओवर ब्रिज के अभाव में रेलवे ट्रैक पार करते समय ट्रेन की चपेट में आया यात्री मुआवजे का हकदार: बॉम्बे हाईकोर्ट
फुट-ओवर ब्रिज के अभाव में रेलवे ट्रैक पार करते समय ट्रेन की चपेट में आया यात्री मुआवजे का हकदार: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि फुट ओवर ब्रिज की अनुपस्थिति के कारण यात्री रेलवे ट्रैक पार करने के लिए मजबूर हो जाता है और ट्रेन की चपेट में आ जाता है, उसे लापरवाही नहीं कहा जा सकता। उसके आश्रित रेलवे अधिनियम, 1989 के तहत मुआवजे के हकदार होंगे।अदालत ने कहा,"व्यक्ति जो नौकरी की तलाश में गांव से आता है, वैध यात्रा टिकट वाली यात्री ट्रेन में चढ़ता है, ट्रेन से उतरता है और ओवरब्रिज के अभाव में रेलवे स्टेशन से बाहर निकलने की कोशिश कर रहा है और पटरियों के साथ चलने के लिए मजबूर हो जाता है और किसी...

राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने पोक्सो केस में आजीवन कारावास के दोषी को अपना वंश बढ़ाने के लिए 15 दिन की पैरोल दी

राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने पोक्सो केस में आजीवन कारावास के दोषी को अपना वंश बढ़ाने के लिए 15 दिन की पैरोल दी।दोषी (पति) की पत्नी की तरफ से वंश बढ़ाने के उद्देश्य से याचिका दायर की गई थी।जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस समीर जैन की खंडपीठ ने दोषी-याचिकाकर्ता की कम उम्र को ध्यान में रखा और उसे 2 लाख रुपये का निजी बॉन्ड भरने और दो जमानतदार पेश करने की शर्त पर पैरोल पर रिहा करने का आदेश दिया।पूरा मामलाराजस्थान कारागार (पैरोल पर रिहाई) नियम, 2021 के तहत एक महिला ने अपने पति की ओर से...

अनुच्छेद 26 (डी) का उल्लंघन: आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को अहोबिलम मठ मंदिर पर कब्जा करने से रोका
"अनुच्छेद 26 (डी) का उल्लंघन": आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को अहोबिलम मठ मंदिर पर कब्जा करने से रोका

आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने माना कि कुरनूल में अहोबिलम मंदिर के मामलों को नियंत्रित और प्रबंधित करने के लिए एक 'कार्यकारी अधिकारी' नियुक्त करने का राज्य का निर्णय संविधान के अनुच्छेद 26 (डी) का उल्लंघन है और मथाडीपथियों के प्रशासन के अधिकार को प्रभावित करता है।चीफ जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस डीवीएसएस सोमयाजुलु की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि मंदिर तमिलनाडु में स्थित अहोबिलम मठ का एक अभिन्न अंग है। "अहोबिलम मंदिर अहोबिलम मठ का एक अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है, जिसे हिंदू धर्म के प्रचार और श्री...

वाहन के लिए पॉलिसी जारी करने से इनकार करने में आठ साल लग गए, दावेदार को गंभीर परिणाम भुगतना पड़ा: केरल हाईकोर्ट
'वाहन के लिए पॉलिसी जारी करने से इनकार करने में आठ साल लग गए, दावेदार को गंभीर परिणाम भुगतना पड़ा': केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने केरल राज्य बीमा विभाग को सड़क दुर्घटना दावा मामले में मुआवजे का भुगतान करने के निर्देश को रद्द करते हुए शुक्रवार को कहा कि चूंकि उसके द्वारा पॉलिसी जारी नहीं की गई, इसलिए विभाग पर मुआवजे का भुगतान करने की जिम्मेदारी नहीं ली जा सकती। हालांकि, अदालत ने कहा कि चूंकि विभाग को नीति से इनकार करने में आठ साल से अधिक समय लगा, इसलिए दावेदार मुआवजे का हकदार है।विभाग ने 1995 के मामले में अतिरिक्त मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण-द्वितीय, कोझीकोड के दिनांक 19.10.2005 के फैसले को चुनौती दी।...

दिल्ली हाईकोर्ट, दिल्ली
'स्पष्ट रूप से मनमाना नहीं': दिल्ली हाईकोर्ट ने सरफेसी एक्ट के चैप्टर II की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा

दिल्ली हाईकोर्ट ने वित्तीय संपत्तियों के प्रतिभूतिकरण और पुनर्निर्माण और सुरक्षा हित के प्रवर्तन अधिनियम, 2002 के अध्याय II की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा है, यह देखते हुए कि यह स्पष्ट रूप से मनमाना नहीं है और भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन नहीं है। चीफ ज‌स्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने इस आधार पर अधिनियम के अध्याय II को चुनौती देने वाली याचिका में फैसला सुनाया कि यह संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों (एआरसी) के खिलाफ न्यायिक निवारण का मार्ग प्रदान नहीं...

दिल्ली हाईकोर्ट, दिल्ली
मध्यस्थता के लिए विवाद को संदर्भित करने की सीमा की अवधि पूर्व-मध्यस्थता तंत्र की विफलता के बाद ही शुरू होती है: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने माना कि विवाद को मध्यस्थता के लिए संदर्भित करने की सीमा की अवधि आंतरिक विवाद समाधान तंत्र के विफल होने के बाद ही शुरू होगी।जस्टिस विभु बाखरू और जस्टिस अमित महाजन की पीठ ने कहा कि यदि पार्टियों के बीच समझौता पूर्व-मध्यस्थता विवाद समाधान तंत्र की व्यवस्‍था करता है, तो एक पार्टी से मध्यस्थता का आह्वान तब तक करने की उम्मीद नहीं की जा सकती, जब तक कि उक्त तंत्र विफल न हो, इसलिए, सीमा अवधि पहले शुरू नहीं हो सकती है।तथ्यइंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) और नैफ्टो गैस इंडिया...

निजता का अधिकार व्यक्ति का अधिकार है, माता या मृतक के कानूनी वारिसों को यह विरासत में प्राप्त नहीं होगा: दिल्ली हाईकोर्ट
निजता का अधिकार व्यक्ति का अधिकार है, माता या मृतक के कानूनी वारिसों को यह विरासत में प्राप्त नहीं होगा: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा है कि निजता का अधिकार अनिवार्य रूप से व्यक्ति का अधिकार है और इसलिए मृतकों की माताओं या कानूनी वारिसों को विरासत में प्राप्त नहीं होगा।जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने बॉलीवुड फिल्म निर्माता हंसल मेहता और अन्य के खिलाफ उनकी फिल्म 'फराज़' की रिलीज पर रोक लगाने के लिए दायर एक मुकदमे में अंतरिम राहत देने से इनकार करते हुए यह टिप्पणी की। यह फिल्म एक जुलाई, 2016 को बांग्लादेश की राजधानी ढाका स्थित होली आर्टिसन में हुए आतंकवादी हमले पर आधारित है।यह मुकदमा उस परिवार ने...

दिल्ली हाईकोर्ट, दिल्ली
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग विशिष्ट शिकायत या निराधार आरोपों पर जांच शुरू नहीं कर सकता: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग एक विशिष्ट शिकायत और निराधार आरोपों के आधार पर संविधान के अनुच्छेद 338 के तहत जांच शुरू नहीं कर सकता है।जस्टिस यशवंत वर्मा ने कहा कि आयोग को केवल तभी जांच शुरू करने का अधिकार है, जब अनुसूचित जाति (एससी) का कोई सदस्य प्रथम दृष्टया यह स्थापित करने में सक्षम हो कि उसके साथ दुर्व्यवहार या भेदभाव किया गया था, केवल इस तथ्य के कारण कि वह उस वर्ग से संबंधित था।कोर्ट ने कहा,"आयोग को संवैधानिक रूप से अनुसूचित जातियों/जनजातियों के अधिकारों से वंचित...

न्यायपालिका और विधायिका में बहस या प्रतिस्पर्धा की गुंजाइश नहीं, जैसी कि हमारे संविधान की भावना है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
न्यायपालिका और विधायिका में बहस या प्रतिस्पर्धा की गुंजाइश नहीं, जैसी कि हमारे संविधान की भावना है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कानून मंत्रियों और सचिवों के अखिल भारतीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका पर संविधान की सर्वोच्चता को रेखांकित किया। कार्यक्रम का आयोजन गुजरात स्थित एकतानगर में किया गया है। उन्होंने कहा,"सरकार हो, संसद हो या हमारी अदालतें, तीनों एक तरह से एक ही मां की संतान हैं। इसलिए भले ही कार्य अलग-अलग हों, अगर हम संविधान की भावना को देखें, तो बहस या प्रतियोगिता की कोई गुंजाइश नहीं है। एक मां के बच्चों की...

जस्टिस प्रसन्ना वरले ने कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली
जस्टिस प्रसन्ना वरले ने कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली

जस्टिस प्रसन्ना बी. वरले को कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलोत ने शनिवार को कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पद की शपथ दिलाई। कॉलेजियम ने 28 सितंबर को जस्टिस वराले की पदोन्नति की सिफारिश की थी, जिसके बाद 11 अक्टूबर को कानून और न्याय मंत्रालय के न्याय विभाग ने उनकी नियुक्ति की अधिसूचना जारी की।जस्टिस वराले के बारे मेंजस्टिस प्रसन्ना बी. वरले का जन्म 23 जून, 1962 को निपानी में हुआ था। उन्होंने डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर मराठवाड़ा यूनिवर्सिटी से आर्ट्स और लॉ में ग्रेजुएशन किया।जस्टिस...

दिल्ली हाईकोर्ट
लिखित बयान दाखिल करने का समय प्रतिवादी को सूट और दस्तावेज उपलब्ध कराने की तारीख से शुरू होता है: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने देखा कि प्रतिवादी द्वारा नागरिक प्रक्रिया संहिता के तहत लिखित बयान दाखिल करने का समय सम्मन जारी करने के बाद उस तारीख से शुरू होगा जब प्रतिवादी को दस्तावेजों के साथ मुकदमा प्रदान किया जाएगा।जस्टिस सी हरि शंकर ने कहा कि लिखित बयान दाखिल करने के लिए उपलब्ध समय के लिए प्रारंभिक बिंदु बनाने के लिए मुकदमे में समन की तामील सार्थक समन देना चाहिए।अदालत ने इस प्रकार राजेश कठपाल नाम के व्यक्ति की याचिका खारिज कर दी, जिसमें उसके द्वारा दायर दीवानी मुकदमे में जिला न्यायाधीश (वाणिज्यिक...

ज्ञानवापी - हिंदू उपासकों के पक्ष में मुकदमें की सुनवाई पर वाराणसी कोर्ट के आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती
ज्ञानवापी - हिंदू उपासकों के पक्ष में मुकदमें की सुनवाई पर वाराणसी कोर्ट के आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती

अंजुमन इस्लामिया मस्जिद समिति (जो ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करती है) ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया है, जिसमें वाराणसी कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें हिंदू उपासकों की याचिका के सुनवाई योग्य होने के खिलाफ दायर की गई आदेश 7 नियम 11 सीपीसी याचिका को खारिज कर दिया गया था। उल्लेखनीय है कि पिछले महीने वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पूजा के अधिकार की मांग करने वाली पांच हिंदू महिलाओं (वादी) द्वारा दायर एक मुकदमे की स्थिरता को चुनौती देने वाली अंजुमन समिति की याचिका (आदेश...