मेघालय हाईकोर्ट ने कथित तौर पर 'मुख्यमंत्री को विद्रोही संगठन द्वारा मार दिया जाना चाहिए' फेसबुक पोस्ट करने वाले व्यक्ति को जमानत दी

Brij Nandan

15 Oct 2022 3:15 AM GMT

  • मुख्यमंत्री कोनराड कोंगकल संगमा

    मुख्यमंत्री कोनराड कोंगकल संगमा

    मेघालय हाईकोर्ट (Meghalaya High Court) ने यूएपीए के तहत दर्ज एक व्यक्ति को जमानत दी जिसने कथित तौर पर एफबी पर पोस्ट किया कि मुख्यमंत्री कोनराड कोंगकल संगमा को विद्रोही संगठन हाइनीवट्रेप नेशनल लिबरेशन काउंसिल (HNLC) द्वारा मार दिया जाना चाहिए।

    एचएनएलसी एक विद्रोही ग्रुप है जो मेघालय के खासी और जयंतिया पहाड़ी क्षेत्र में काम करता है। इसका उद्देश्य मेघालय को विशेष रूप से खासी जनजाति के लिए एक प्रांत के रूप में विकसित करना और इसे गारो जनजाति के 'वर्चस्व' से मुक्त करना है। समूह ने हाल के दिनों में राज्य में हुई कई हिंसक घटनाओं की जिम्मेदारी ली है।

    जस्टिस डब्ल्यू डिएंगदोह की पीठ ने आरोपी के इस बयान को ध्यान में रखा कि वह शराब के नशे में था और अपने घर पर अकेला था जब उसने अपना फेसबुक अकाउंट ब्राउज़ करना शुरू किया लेकिन उसे याद नहीं आया कि उसने अपने फेसबुक पेज पर कुछ भी पोस्ट किया था या नहीं।

    कोर्ट ने यह भी नोट किया कि जिस दिन आरोपी को गिरफ्तार किया गया था, उसे मेडिकल जांच के लिए अस्पताल भेजा गया था और यह पता चला था कि उसने शराब का सेवन किया था।

    हालांकि, कोर्ट ने यह भी जोड़ा कि यह ट्रायल के समय तय किया जाएगा कि क्या विचाराधीन पोस्ट शराब के प्रभाव में की गई थी या नहीं।

    पीठ अंजना वहलांग द्वारा अपने पति/आरोपी (मार्टिन दखर) के लिए जमानत की मांग करने वाली याचिका पर विचार कर रही थी, जिसे फेसबुक पर उसकी टिप्पणी के संबंध में आईपीसी की धारा 120 (बी) और 506 औऱ यूएपीए अधिनियम की धारा 13 के तहत गिरफ्तार किया गया था।

    यह आरोप लगाया गया था कि उन्होंने 15 अगस्त, 2022 को अपने फेसबुक पेज पर दो अपमानजनक टिप्पणियां पोस्ट कीं, जिसमें 'मेघालय के मुख्यमंत्री को HNLC द्वारा मारा जाना चाहिए' टिप्पणी के साथ निर्देशित किया गया था।

    यह आरोप लगाया गया था कि विचाराधीन टिप्पणी केंद्र सरकार, राज्य सरकार और एचएनएलसी के बीच चल रही शांति वार्ता को खतरे में डालने की साजिश थी। तदनुसार आरोपी को हिरासत में भेज दिया गया और वह अभी भी लगभग 58 दिनों की न्यायिक हिरासत में है।

    यह तर्क दिया गया कि आरोपी पेशे से ड्राइवर है और वर्तमान में एक निजी व्यक्ति के साथ कार्यरत है और इस तरह, उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है या राज्य के भीतर किसी भी गैरकानूनी संगठन से नहीं जुड़ा है।

    इन सबमिशन को देखते हुए कोर्ट ने उसे जमानत देते हुए कहा,

    "आरोपी के बयान से यह भी संकेत मिलता है कि वह शराब के नशे में था और अपने घर पर अकेला था जब उसने अपना फेसबुक अकाउंट ब्राउज़ करना शुरू किया लेकिन उसे याद नहीं आया कि उसने अपने फेसबुक पेज पर कुछ भी पोस्ट किया था या नहीं। हालांकि, यह एक जांच मामला है और जांच एजेंसी को सभी औपचारिकताओं को पूरा करने और प्रक्रिया के अनुसार इस संबंध में एक रिपोर्ट दाखिल करने की अनुमति दी जानी चाहिए।"

    केस टाइटल - अंजना वहलांग बनाम मेघालय राज्य

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