मुख्य सुर्खियां

Telangana High Court
तेलंगाना हाईकोर्ट ने बीआरएस विधायक की खरीद-फरोख्त मामले की जांच सीबीआई को ट्रांसफर की

तेलंगाना हाईकोर्ट ने भारत राष्ट्र समिति (पूर्व में तेलंगाना राष्ट्र समिति) के 4 विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी।जस्टिस बी विजयसेन रेड्डी की पीठ ने यह आदेश अब तक मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) को भंग करते हुए दिया।सुप्रीम कोर्ट ने एकल न्यायाधीश को मामले के तीन आरोपियों- रामचंद्र भारती, कोरे नंदू कुमार, और डी.पी.एस.के.वी.एन. सिम्हायाजी द्वारा दायर रिट याचिका पर विचार करने का निर्देश दिया था। इसमें चार सप्ताह के भीतर जांच को सीबीआई को...

हाईकोर्ट ऑफ कर्नाटक
पुलिस को यह मानकर काम नहीं करना चाहिए कि हर सोसाइटी,एसोसिएशन या क्लब गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त है: कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) ने कहा कि पुलिस अधिकारियों को यह मानकर काम नहीं करना चाहिए कि क्लब चलाने के उद्देश्य से पंजीकृत हर सोसाइटी, या एसोसिएशन या क्लब गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त है।जस्टिस के एस हेमलेखा की एकल पीठ ने श्री सिरागल्ली लक्ष्मीदेवी रिक्रिएशन क्लब की याचिका का निस्तारण किया और पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे याचिकाकर्ता एसोसिएशन की वैध गतिविधियों में हस्तक्षेप न करें।टिप्पणियों का महत्व है क्योंकि याचिकाकर्ता क्लब ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था क्योंकि इसके...

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हत्या की सजा के 12 साल बाद पत्नी की कथित हत्या के दोषी व्यक्ति को बरी किया
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हत्या की सजा के 12 साल बाद पत्नी की कथित हत्या के दोषी व्यक्ति को बरी किया

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले के 12 से अधिक वर्षों के बाद हाल ही में हत्या के दोषी को इस आधार पर बरी कर दिया कि अभियोजन पक्ष की कहानी पुलिस द्वारा तैयार किए गए साइट मैप के अनुरूप नहीं है।जस्टिस सुजॉय पॉल और जस्टिस प्रकाश चंद्र गुप्ता की खंडपीठ ने कहा कि संदेह कितना भी मजबूत क्यों न हो, इसे सबूत के तौर पर नहीं माना जा सकता।खंडपीठ ने कहा,"जहां तक गोपाल प्रसाद (पीडब्लू-1) और शांति बाई (पीडब्लू-2) के प्रत्यक्ष साक्ष्य का संबंध है, जिसमें उन्होंने गवाही दी कि अपीलकर्ता उस कमरे से भाग...

सेल डीड के माध्यम से मां को हस्तांतरित संपत्ति को बिक्री माना जाएगा, गिफ्ट नहीं, इस पर कैपिटल गेन टैक्स लगेगा : ITAT
सेल डीड के माध्यम से मां को हस्तांतरित संपत्ति को बिक्री माना जाएगा, गिफ्ट नहीं, इस पर कैपिटल गेन टैक्स लगेगा : ITAT

इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल (ITAT) की राजकोट खंडपीठ ने माना कि निर्धारिती द्वारा पांच लाख रुपये की अपनी मां को हस्तांतरित संपत्ति पूंजीगत लाभ (Capital Gain) के दायरे में आएगा।सुचित्रा कांबले (न्यायिक सदस्य) और वसीम अहमद (लेखाकार सदस्य) की दो सदस्यीय खंडपीठ ने एओ को आयकर अधिनियम की धारा 50सी के प्रावधानों के अनुसार संपत्ति के मूल्य का निर्धारण करने के लिए मामले को विभाग मूल्यांकन अधिकारी (डीवीओ) को भेजने का निर्देश दिया है।अपीलकर्ता या निर्धारिती वह व्यक्ति है, जिसने विचाराधीन वर्ष के लिए इनकम...

बिना किसी आपत्ति के जांच में भाग लेने के बाद जांच समिति की कार्यवाही को चुनौती नहीं दी जा सकती: जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट
बिना किसी आपत्ति के जांच में भाग लेने के बाद जांच समिति की कार्यवाही को चुनौती नहीं दी जा सकती: जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट

जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने हाल ही में दोहराया कि एक व्यक्ति जो बिना किसी आपत्ति के जांच की कार्यवाही में भाग लेता है और बाद में जांच समिति के गठन को चुनौती देता है, यह पता चलने के बाद कि जांच का परिणाम उसके खिलाफ आया है, ऐसा करने का हकदार नहीं है।जस्टिस संजय धर ने कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 के तहत गठित शिकायत समिति की जांच रिपोर्ट को चुनौती देने वाली एक महिला डॉक्टर की ओर से दायर याचिका को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की। पूरे मामले के...

किसी मध्यवर्ती तिथि पर प्रतिवादी की कैजुअल अनुपस्थिति कोर्ट के आदेश को एकपक्षीय नहीं बनाती: बॉम्बे हाईकोर्ट
किसी मध्यवर्ती तिथि पर प्रतिवादी की कैजुअल अनुपस्थिति कोर्ट के आदेश को 'एकपक्षीय' नहीं बनाती: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने हाल ही में कहा कि प्रतिवादी की अनुपस्थिति के परिणाम पर विचार किया जाना चाहिए और किसी मध्यवर्ती तिथि पर कैजुअल अनुपस्थिति अदालत के निर्णय को 'एकपक्षीय' नहीं बनाती है।जस्टिस विनय जोशी की बेंच ने कहा कि स्वेच्छा से पार्टी की जिरह नहीं करने और तर्क को आगे नहीं बढ़ाने का मतलब यह नहीं है कि आदेश एकपक्षीय है।अदालत रिट याचिकाओं के एक बैच पर विचार कर रही थी जिसमें भूमि अधिग्रहण पुनर्वास और पुनर्स्थापन प्राधिकरण ने अपने स्वयं के आदेशों को रद्द कर दिया था जिसके द्वारा...

नियोक्ता की सहमति के बिना अतिरिक्त कार्य, मध्यस्थ ट्रिब्यूनल नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा नहीं दे सकता: गुवाहाटी हाईकोर्ट
'नियोक्ता की सहमति के बिना अतिरिक्त कार्य', मध्यस्थ ट्रिब्यूनल नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा नहीं दे सकता: गुवाहाटी हाईकोर्ट

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने माना कि मध्यस्थ भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 70 को नियोक्ता की पूर्व सहमति के बिना किए गए अतिरिक्त कार्य के लिए क्वांटम मेरिट पर मुआवजा देने के लिए लागू नहीं कर सकता, जब समझौते में किसी अतिरिक्त कार्य पर विचार नहीं किया गया हो।जस्टिस कल्याण राय सुराणा की पीठ ने कहा कि जब आर्बिट्रेटर कॉज़ वाले समझौते में किसी अतिरिक्त कार्य पर विचार नहीं किया गया और ठेकेदार नियोक्ता की पूर्व सहमति के बिना अतिरिक्त कार्य करता है तो अतिरिक्त कार्य के रूप में कोई भी विवाद न्यायालय के दायरे से...

Delhi High Court
दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्नाव रेप पीड़िता के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में सख्त कार्रवाई करने से रोका

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने निर्देश दिया कि उन्नाव रेप पीड़िता के खिलाफ आरोपी के पति द्वारा दर्ज एफआईआर में कोई सख्त कार्रवाई नहीं की जाए, जिसमें आरोप लगाया गया है कि पीड़िता और उसकी मां ने POCSO अधिनियम के तहत अपराधों को लागू करने के लिए फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाया था।जस्टिस अनूप जयराम भंभानी ने पीड़िता की अग्रिम जमानत याचिका में नोटिस जारी किया और छह सप्ताह के भीतर दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा।अदालत ने इस मामले को 1 मार्च, 2023 को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करते हुए आदेश...

दोषसिद्धि की तिथि पर सजा में छूट देने की जो नीति प्रचलित थी, वही सजा माफ करने के उद्देश्य के लिए लागू होगी: गुजरात हाईकोर्ट
दोषसिद्धि की तिथि पर सजा में छूट देने की जो नीति प्रचलित थी, वही सजा माफ करने के उद्देश्य के लिए लागू होगी: गुजरात हाईकोर्ट

गुजरात हाईकोर्ट ने हाल ही में दोहराया कि सजा में छूट देने के लिए दोषी के मामले पर विचार करते समय सजा की तिथि पर प्रचलित राज्य की सजा माफी नीति को छूट देने के एल आवेदन पर निर्णय लेने में लागू किया जाएगा।जस्टिस वैभवी डी. नानावती की पीठ ने राज्य सरकार को हत्या के दोषी (रफीक आलमभाई परमार) से संबंधित क्षमा आवेदन पर निर्णय लेने का निर्देश देते हुए यह देखा कि 2001 में 4 सप्ताह के भीतर आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई, जो उसकी सजा के समय प्रचलित छूट देने की नीति के अनुसार थी।मामला संक्षेप...

Allahabad High Court expunges adverse remarks against Judicial Officer
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत पुलिस जांच की मांग वाली बलात्कार पीड़िता की याचिका खारिज करने वाले सीजेएम के आदेश को रद्द किया, मामले को वापस विचार के लिए भेजा

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत पुलिस जांच की मांग वाली बलात्कार पीड़िता की याचिका खारिज करने वाले मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) के आदेश को रद्द किया।दरअसल, रेप पीड़िता ने आरोपी के खिलाफ पुलिस जांच की मांग की थी।जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की खंडपीठ ने इस मामले को फिर से विचार करने और और XYZ बनाम मध्य प्रदेश राज्य 2022 LiveLaw (SC) 676 मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित अनुपात के आलोक में निर्णय लेने के निर्देश के साथ मामले को वापस सीजेएम की अदालत...

दुर्घटनावश गिरने से होने वाली मौत के मामलों में जीवन बीमा पॉलिसी के दावे को प्रोसेस करने के लिए एफआईआर का दर्ज होना अनिवार्य नहीं: जम्मू एंड कश्मीर एंड एल हाईकोर्ट
दुर्घटनावश गिरने से होने वाली मौत के मामलों में जीवन बीमा पॉलिसी के दावे को प्रोसेस करने के लिए एफआईआर का दर्ज होना अनिवार्य नहीं: जम्मू एंड कश्मीर एंड एल हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने हाल ही में उपभोक्ता आयोग के आदेश को बरकरार रखा, जिसमें यह कहा गया कि जिन मामलों में बीमाधारक की मृत्यु गिरने से लगी चोटों के कारण हुई है, जीवन बीमा के प्रोसेस के लिए एफआईआर दर्ज करने की आवश्यकता नहीं।अदालत ने कहा,"हम आयोग से पूरी तरह से सहमत हैं कि इस प्रकृति के मामले में एफआईआर का दर्ज होना जीवन बीमा पॉलिसी के तहत मामले को प्रोसेस करने के लिए अनिवार्य नहीं है। जब यह प्रदर्शित करने के लिए बहुतायत में अन्य सबूत हैं कि मृतक बीमाधारक की दुर्घटना में मृत्यु...

10-15 साल की लड़कियां बायोलॉजिकल चेंज से गुजरती हैं,पिता उसकी देखभाल नहीं कर पाएगाः छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने मां को कस्टडी सौंपी
10-15 साल की लड़कियां बायोलॉजिकल चेंज से गुजरती हैं,पिता उसकी देखभाल नहीं कर पाएगाः छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने मां को कस्टडी सौंपी

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने हाल ही में एक प्राकृतिक अभिभावक होने के बावजूद एक नाबालिग हिंदू लड़की की कस्टडी उसके पिता को सौंपने से इनकार कर दिया और कहा कि 10 से 15 वर्ष की आयु की एक लड़की कुछ जैविक परिवर्तनों(बायोलॉजिकल चेंज) से गुजरती है, जिनकी देखभाल पिता द्वारा नहीं की जा सकती है। जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस राधाकिशन अग्रवाल की खंडपीठ ने कहा कि बच्चे के सर्वाेपरि हित को देखते हुए यह उचित होगा कि बच्चे की कस्टडी मां के पास रहे। बलराम बनाम सुषमा मामले में की गई टिप्पणियों को दोहराते हुए अदालत ने कहाः...

सीआरपीसी की धारा 53-ए | मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने डीजीपी को बलात्कार के मामलों में डीएनए प्रोफाइलिंग के अनिवार्य प्रावधानों का पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया
सीआरपीसी की धारा 53-ए | मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने डीजीपी को बलात्कार के मामलों में डीएनए प्रोफाइलिंग के अनिवार्य प्रावधानों का पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में पुलिस डायरेक्टर जनरल (डीजीपी) को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि बलात्कार के मामलों में डीएनए प्रोफाइलिंग के संबंध में सीआरपीसी की धारा 53-ए के तहत प्रावधानों को जांच एजेंसियों द्वारा लागू किया जाए।जस्टिस विशाल मिश्रा की पीठ ने छोटकाऊ बनाम उत्तर प्रदेश राज्य के मामले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों पर भरोसा करते हुए कहा कि यह अनिवार्य है कि डीएनए नमूने जांच के लिए भेजे जाएं, विशेष रूप से पॉक्सो मामलों में।पीठ ने कहा,माननीय सुप्रीम कोर्ट के उपरोक्त फैसले के...

पांच साल में मेंटल हेल्थ अथॉरिटी ने कोई प्रगति नहीं की : बॉम्बे हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव को तलब किया
"पांच साल में मेंटल हेल्थ अथॉरिटी ने कोई प्रगति नहीं की" : बॉम्बे हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव को तलब किया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र मेंटल हेल्थ अथॉरिटी के काम नहीं करने और उदासीन रवैये से नाराज होकर हाल ही में राज्य के स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव और अथॉरिटी के सीईओ को अदालत में अगली सुनवाई के दौरान उपस्थित रहने का निर्देश दिया।जस्टिस एनजे जमादार और जस्टिस गौरी गोडसे की खंडपीठ ने कहा,"... पिछले लगभग पांच वर्षों से अथॉरिटी द्वारा कोई प्रगति हासिल नहीं की गई। इसलिए हमने सीनियर एडवोकेट जेपी सेन को एमिक्स क्यूरी नियुक्त किया।"अदालत ने सरकारी वकील द्वारा बताए गए राज्य के निर्देशों की कमी पर कड़ी...

प्लॉट पर लीजहोल्ड राइट्स रद्द करने पर मुआवजा पूंजीगत प्राप्ति है: दिल्ली हाईकोर्ट
प्लॉट पर लीजहोल्ड राइट्स रद्द करने पर मुआवजा पूंजीगत प्राप्ति है: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने माना कि प्लॉट में निर्धारिती द्वारा रखे गए पट्टे के अधिकार पूंजीगत संपत्ति है और प्लॉट पर लीजहोल्ड राइट्स रद्द करने पर निर्धारिती द्वारा गोवा सरकार से प्राप्त मुआवजा पूंजीगत प्राप्ति है न कि राजस्व प्राप्ति।जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ ने कहा कि यदि अचल संपत्ति में अधिकारों के हस्तांतरण के लिए समझौता हस्तांतरणकर्ता द्वारा नहीं किया जाता तो अंतरिती मुआवजे का हकदार है, क्योंकि वह कीमत वृद्धि से वंचित है। इसलिए अंतरिती द्वारा मुआवजे के रूप में...

स्थायी लोक अदालत विद्युत अधिनियम की धारा 126 के तहत पारित अंतिम आदेश के खिलाफ शिकायतों पर सुनवाई नहीं कर सकती: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
स्थायी लोक अदालत विद्युत अधिनियम की धारा 126 के तहत पारित अंतिम आदेश के खिलाफ शिकायतों पर सुनवाई नहीं कर सकती: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court) ने हाल ही में कहा कि स्थायी लोक अदालत विद्युत अधिनियम की धारा 126(5) के तहत पारित अंतिम आदेश के खिलाफ विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम की धारा 22 के तहत दायर आवेदन को सुनवाई योग्य बनाए रखने के लिए सक्षम नहीं है।जस्टिस राकेश मोहन पांडे ने कहा कि विद्युत अधिनियम की धारा 126 और 127 अपने आप में एक पूर्ण संहिता है और अंतिम मूल्यांकन आदेश के खिलाफ अपील का उपाय है।कोर्ट ने कहा,"सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न हाईकोर्ट्स द्वारा निर्धारित कानून को पढ़ने के बाद, यह काफी...

इलाहाबाद हाईकोर्ट
[यूपी गौ हत्या रोकथाम अधिनियम] इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपी व्यक्ति को जमानत दी, कोर्ट ने कहा- गौ सेवा आयोग के अकाउंट में 10,000 रुपए जमा करें

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने उत्तर प्रदेश गौ हत्या रोकथाम अधिनियम, 1955 के तहत आरोपी व्यक्ति को इस शर्त पर जमानत दे दी कि वह गौ सेवा आयोग के अकाउंट में एक महीने के भीतर 10,000 रुपये जमा करेगा।जस्टिस प्रकाश सिंह की खंडपीठ ने सलीम नाम के एक व्यक्ति की ओर से दायर जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया, जिसके खिलाफ गौ हत्या रोकथाम अधिनियम, 1955 की धारा 3/8 के तहत केस दर्ज किया गया था।अदालत के समक्ष उनके वकील ने तर्क दिया कि वह निर्दोष हैं और उन्हें वर्तमान मामले में झूठा...