[यूपी गौ हत्या रोकथाम अधिनियम] इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपी व्यक्ति को जमानत दी, कोर्ट ने कहा- गौ सेवा आयोग के अकाउंट में 10,000 रुपए जमा करें
Brij Nandan
26 Dec 2022 8:08 AM IST
इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने उत्तर प्रदेश गौ हत्या रोकथाम अधिनियम, 1955 के तहत आरोपी व्यक्ति को इस शर्त पर जमानत दे दी कि वह गौ सेवा आयोग के अकाउंट में एक महीने के भीतर 10,000 रुपये जमा करेगा।
जस्टिस प्रकाश सिंह की खंडपीठ ने सलीम नाम के एक व्यक्ति की ओर से दायर जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया, जिसके खिलाफ गौ हत्या रोकथाम अधिनियम, 1955 की धारा 3/8 के तहत केस दर्ज किया गया था।
अदालत के समक्ष उनके वकील ने तर्क दिया कि वह निर्दोष हैं और उन्हें वर्तमान मामले में झूठा फंसाया गया है।
आगे प्रस्तुत किया गया कि आवेदक का नाम एफआईआर में नहीं है और उसे मौके पर गिरफ्तार नहीं किया गया था और उसका नाम केवल सह-अभियुक्तों के इकबालिया बयान पर शामिल किया गया।
आगे कहा कि पुलिस ने उसे इस केस में शामिल किया और इस मामले उसके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है।
अंत में, यह प्रस्तुत किया गया कि वह किसी भी असामाजिक गतिविधियों में शामिल नहीं है और वह किसी भी गिरोह का सदस्य नहीं है और वह 30 सितंबर, 2022 से जेल में है। अगर उसे जमानत मिल जाती है, तो वह इस स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं करेगा। ट्रायल कार्यवाही में सहयोग करेंगे। उन्होंने यूपी गौ सेवा आयोग के खाते में 10 हजार जमा करने पर भी सहमति जताई।
पक्षकारों के वकील को सुनने के बाद, अदालत ने उसे जमानत पर रिहा करना उचित समझा।
कोर्ट ने कहा,
"मैंने पाया है कि आवेदक को गैंग चार्ट में उल्लिखित मामले में जमानत पर रिहा किया जाता है और आवेदक के खिलाफ कुछ अन्य मामलों में भी उसे जमानत पर रिहा किया जाता है, इस तथ्य के साथ कि वह 30.09.2022 से जेल में बंद है। इस प्रकार मामले पर टिप्पणी किए बिना, मैं इसे जमानत के लिए एक उपयुक्त मामला मानता हूं। आगे आवेदक गौ सेवा आयोग के खातों में 10,000 रुपये जमा करने के लिए तैयार है।"
गौरतलब है कि इस साल जून में, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी गौ हत्या रोकथाम अधिनियम, 1955 के तहत एक मामले में एक व्यक्ति को इस शर्त पर जमानत दी थी कि वह जेल से रिहा होने के बाद एक महीने के लिए गौशाला में गायों की सेवा करेगा।
केस टाइटल- सलीम बनाम यूपी राज्य [आपराधिक विविध जमानत आवेदन संख्या – 15195 ऑफ 2022]
केस साइटेशन: 2022 लाइव लॉ (एबी) 540
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