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मेडिकल लापरवाही मामले में एक्सपर्ट कमेटी का फैसला डॉक्टर के पक्ष में होने पर नाराजी याचिका की अनुमति नहीं दे सकते: झारखंड हाईकोर्ट
मेडिकल लापरवाही मामले में एक्सपर्ट कमेटी का फैसला डॉक्टर के पक्ष में होने पर नाराजी याचिका की अनुमति नहीं दे सकते: झारखंड हाईकोर्ट

झारखंड हाईकोर्ट ने माना कि मेडिकल लापरवाही मामले में गठित एक्सपर्ट कमेटी का निष्कर्ष डॉक्टर के पक्ष में होने पर नाराजी याचिका (Protest Petition) पर आगे कार्यवाही करना कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है।अदालत ने उपरोक्त आदेश आपराधिक विविध याचिका में पारित किया, जो पूरी आपराधिक कार्यवाही रद्द करने के लिए दायर की गई, जिसमें साहिबगंज के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा याचिकाकर्ता-डॉक्टर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304-ए सपठित धारा 34 के तहत संज्ञान लिए जाने वाले मामले के संबंध में...

P&H High Court Dismisses Protection Plea Of Married Woman Residing With Another Man
एक पेशेवर भिखारी का भी नैतिक और कानूनी दायित्व होता है कि वह अपनी पत्नी का भरण-पोषण करे, जो खुद का भरण-पोषण करने में असमर्थ है : पी एंड एच हाईकोर्ट

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा है कि एक पति का नैतिक और कानूनी दायित्व बनता है कि वह अपनी पत्नी का भरण-पोषण करे जो खुद का भरण-पोषण करने में असमर्थ है, भले ही वह पति एक पेशेवर भिखारी ही क्यों न हो। जस्टिस एचएस मदान की पीठ ने तलाक के मामले के लंबित रहने के दौरान पत्नी को मासिक भरण-पोषण के रूप में 5 हजार रुपये देने के निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली पति की याचिका को खारिज करते हुए यह बात कही।अदालत ने कहा कि पति/याचिकाकर्ता एक सक्षम व्यक्ति है और आजकल एक शारीरिक रूप से सक्षम मजदूर भी...

राष्ट्रपति की सहमति के बिना उपराज्यपाल द्वारा अधिसूचित भूमि अनुदान नियम 2022 मान्य नहीं: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट में याचिका दायर
राष्ट्रपति की सहमति के बिना उपराज्यपाल द्वारा अधिसूचित भूमि अनुदान नियम 2022 मान्य नहीं: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट में याचिका दायर

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट के समक्ष पिछले साल दिसंबर में यूटी के उपराज्यपाल द्वारा अधिसूचित भूमि अनुदान नियम 2022 को चुनौती देते हुए याचिका दायर की गई। इस याचिका में कहा गया कि राष्ट्रपति की सहमति के बिना अधिसूचित किए गए नियम कानून की दृष्टि से अमान्य हैं।जस्टिस विनोद चटर्जी कौल की एकल पीठ ने सोमवार को याचिकाकर्ता के खिलाफ "कोई कठोर कार्रवाई नहीं" करने का आदेश दिया, जिसे तत्कालीन भूमि अनुदान अधिनियम 1960 के संदर्भ में राज्य की भूमि पट्टे पर दी गई, जो अब 2022 के नियमों की अधिसूचना के...

कलात्मक प्रदर्शनों के कॉपीराइट की पहली मालिक अनुष्का शर्मा, टैक्स भुगतान के लिए उत्तरदायी: सेल्स टैक्स विभाग ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया
कलात्मक प्रदर्शनों के कॉपीराइट की पहली मालिक अनुष्का शर्मा, टैक्स भुगतान के लिए उत्तरदायी: सेल्स टैक्स विभाग ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया

सेल्स टैक्स विभाग ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया कि अभिनेत्री अनुष्का शर्मा अपने कलात्मक प्रदर्शन में बनाए गए कॉपीराइट की पहली मालिक थीं और इसलिए ब्रांड एंडोर्समेंट के लिए बिक्री कर का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी हैं।विभाग ने दावा किया कि एक कंपनी के लिए काम करने वाले एक कर्मचारी के विपरीत, शर्मा ने यशराज फिल्म्स के साथ उसके एजेंट के रूप में त्रि-पक्षीय अनुबंधों के माध्यम से पैसा कमाया था, इसलिए, उनकी याचिकाएं जिसमें उन्होंने 2012- 2016 से कर नोटिस का विरोध किया था, खारिज कर दिया जाना...

केरल हाईकोर्ट ने पॉक्सो मामले में ज़मानत आवेदन पर नए सिरे से सुनवाई का आदेश दिया, सीआरपीसी की धारा 482 के तहत शक्तियों का प्रयोग किया
केरल हाईकोर्ट ने पॉक्सो मामले में ज़मानत आवेदन पर नए सिरे से सुनवाई का आदेश दिया, सीआरपीसी की धारा 482 के तहत शक्तियों का प्रयोग किया

केरल हाईकोर्ट ने मंगलवार को सीआरपीसी की धारा 482 के तहत अपने अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करते हुए पॉक्सो मामले (POCSO Case) में ट्रायल कोर्ट द्वारा नए सिरे से विचार करने के लिए जमानत अर्जी को वापस भेज दिया।जस्टिस के बाबू की सिंगल जज बेंच ने ट्रायल कोर्ट को 30 मार्च, 2023 से पहले नियमित जमानत के लिए याचिकाकर्ता की पात्रता पर विचार करने का निर्देश दिया।याचिकाकर्ता भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 450, 376(2)(n), 361 सपठित धारा 363, 342, 354-A (1)(i) और धारा 5(I) सपठित धारा 6 के साथ पॉक्टो एक्ट की...

दिल्ली पुलिस सीआरपीसी की धारा 144 के आदेश उस तरह से जारी नहीं कर रही है, जिस तरह से उन्हें माना जाता है: सीनियर एडवोकेट रेबेका जॉन
'दिल्ली पुलिस सीआरपीसी की धारा 144 के आदेश उस तरह से जारी नहीं कर रही है, जिस तरह से उन्हें माना जाता है': सीनियर एडवोकेट रेबेका जॉन

सीनियर एडवोकेट रेबेका जॉन ने राष्ट्रीय राजधानी में दिल्ली पुलिस द्वारा आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 को अंधाधुंध लागू करने पर चिंता जताते हुए कहा,"हमें इस पर बहुत चिंतित होना चाहिए और 'जनहित' के माया-जाल में नहीं पड़ना चाहिए। यह प्रावधान मैजिस्ट्रेट को और दिल्ली जैसे आयुक्तालय के मामले में पुलिस प्रमुखों को शत्रुता या किसी अन्य आपात स्थिति की प्रत्याशा में बड़ी सभाओं को प्रतिबंधित करने वाले आदेशों सहित तत्काल निवारक निर्देश जारी करने के लिए व्यापक अधिकार प्रदान करता है।सीनियर...

पालघर लिंचिंग- सुप्रीम कोर्ट सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर 14 अप्रैल 2023 को सुनवाई करेगा
पालघर लिंचिंग- सुप्रीम कोर्ट सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर 14 अप्रैल 2023 को सुनवाई करेगा

पालघर मॉब लिंचिंग मामले की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने 14 अप्रैल 2023 को सूचीबद्ध किया है। सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने मामले की सुनवाई की। याचिकाकर्ता ने पीठ को सूचित किया कि महाराष्ट्र राज्य द्वारा एक नया हलफनामा दायर किया गया है जिसमें कहा गया है कि वे सीबीआई जांच करेंगे। गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार ने पहले याचिका का विरोध किया था और 28 अगस्त, 2020 को इस मामले में आरोप पत्र दायर किया था। इसने विभागीय जांच के...

सुप्रीम कोर्ट ने तलाक, गोद लेने और भरण-पोषण पर समान धर्म और लिंग तटस्थ कानूनों की मांग करने वाली जनहित याचिकाएं खारिज कीं
सुप्रीम कोर्ट ने तलाक, गोद लेने और भरण-पोषण पर समान धर्म और लिंग तटस्थ कानूनों की मांग करने वाली जनहित याचिकाएं खारिज कीं

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एड्वोकेट अश्विनी उपाध्याय द्वारा देश भर में तलाक, गोद लेने, संरक्षकता, उत्तराधिकार/विरासत, और भरण पोषण से संबंधित मामलों में लिंग तटस्थ और धर्म तटस्थ कानूनों ( gender neutral and religion neutral legislations) की मांग वाली याचिकाओं पर विचार करने से इनकार कर दिया। सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने कहा कि मामले लेजिस्लेटिव डोमेन से संबंधित हैं और सुप्रीम कोर्ट संसद को कानून बनाने के लिए परमादेश (mandamus) जारी नहीं कर...

अनुचित जांच, हेरफेर स्पष्ट: राजस्थान हाईकोर्ट ने 2008 के जयपुर विस्फोट मामले में चार दोषियों को बरी किया
'अनुचित जांच, हेरफेर स्पष्ट': राजस्थान हाईकोर्ट ने 2008 के जयपुर विस्फोट मामले में चार दोषियों को बरी किया

राजस्थान हाईकोर्ट ने बुधवार को 2008 के जयपुर सीरियल ब्लास्ट मामले में चार दोषियों को बरी कर दिया और पांचवें आरोपी को इस आधार पर बरी कर दिया कि अभियोजन पक्ष उनके अपराध को स्थापित करने के लिए परिस्थितियों की श्रृंखला स्थापित करने में सक्षम नहीं रहा है। 13 मई 2008 को जयपुर में कई विस्फोट हुए, जिसमें 71 लोगों की मौत हुई और 185 लोग घायल हुए। मामले में कुल आठ एफआईआर दर्ज की गई थी। एक दिन बाद, टीवी चैनलों ने एक ईमेल प्राप्त करने का दावा किया जिसमें कहा गया कि इंडियन मुजाहिदीन ने विस्फोटों की...

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने हाईकोर्ट के तीन जजों के ट्रांसफर का प्रस्ताव दिया
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने हाईकोर्ट के तीन जजों के ट्रांसफर का प्रस्ताव दिया

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने हाईकोर्ट के तीन जजों के ट्रांसफर की सिफारिश की है। मद्रास हाईकोर्ट की जस्टिस वीएम वेलुमणि को कलकत्ता हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव है।पटना हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा का पंजाब एंंड हरियाणा हाईकोर्ट में स्थानांतरण प्रस्तावित है।मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अतुल श्रीधरन को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव है।सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एसके कौल, जस्टिस केएम जोसेफ, जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस अजय...

निष्कासित सदस्य के खिलाफ संस्थान के आंतरिक समाचार पत्र में मानहानिकारक कार्टून प्रसारित करना आईपीसी की धारा 500 के तहत अपराध आकर्षित करता है: कर्नाटक हाईकोर्ट
निष्कासित सदस्य के खिलाफ संस्थान के आंतरिक समाचार पत्र में मानहानिकारक कार्टून प्रसारित करना आईपीसी की धारा 500 के तहत अपराध आकर्षित करता है: कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने हाल ही में बॉरिंग इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष के खिलाफ लंबित मानहानि की कार्यवाही को रद्द करने से इनकार कर दिया। उन पर आरोप था कि उन्होंने कथित रूप से संस्थान के अन्य सदस्यों को एक न्यूज लेटर भेजा, जिसमें शिकायतकर्ता (संस्थान के एक निष्कासित सदस्य) को बदनाम करने वाले आपत्तिजनक कार्टून प्रसारित किए गए।न्यायमूर्ति के नटराजन की एकल पीठ ने अनूप बजाज द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया और कहा, "अपमानजनक बयान और ऐसे बयान के माध्यम से सीधे प्रतिवादी का अपमान करने वाले कार्टून भेजना,...

मजिस्ट्रेट की अनुपस्थिति में पुलिस अधिकारी को दिया गया कबूलनामा हत्या की सजा के लिए आधार नहीं बन सकता: गुवाहाटी हाईकोर्ट
मजिस्ट्रेट की अनुपस्थिति में पुलिस अधिकारी को दिया गया कबूलनामा हत्या की सजा के लिए आधार नहीं बन सकता: गुवाहाटी हाईकोर्ट

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने हाल ही में एक महिला को बरी कर दिया, जिसे ट्रायल कोर्ट ने अपने पति की हत्या के लिए दोषी ठहराया था। कोर्ट ने उसे इस आधार पर बरी किया कि बिना पुष्टि के पुलिस के सामने की गई उसकी स्वीकारोक्ति दोषसिद्धि का आधार नहीं हो सकती।जस्टिस माइकल ज़ोथनखुमा और जस्टिस मालाश्री नंदी की खंडपीठ ने कहा,"भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 26 हिरासत में किसी व्यक्ति द्वारा किए गए इकबालिया बयान के सबूत पर रोक लगाती है, जब तक कि इकबालिया बयान मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में नहीं किया जाता है। इस तथ्य को...

राजस्थान हाईकोर्ट ने दो दोषियों को प्रोबेशन का लाभ बरकरार रखा, कहा शिकायतकर्ता को सजा बढ़ाने की मांग का अधिकार नहीं
राजस्थान हाईकोर्ट ने दो दोषियों को प्रोबेशन का लाभ बरकरार रखा, कहा शिकायतकर्ता को सजा बढ़ाने की मांग का अधिकार नहीं

राजस्थान हाईकोर्ट ने मंगलवार को निचली अदालत के उस फैसले को बरकरार रखा, जिसने कारावास के विकल्प के रूप में दो दोषियों को परिवीक्षा का लाभ दिया था। उन्हें आईपीसी की धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के लिए सजा), धारा 325 (स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाने के लिए सजा) और धारा 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) के तहत दोषी ठहराया गया था।जस्टिस फरजंद अली की पीठ ने कहा,"ऐसा प्रतीत होता है कि ट्रायल जज ने रिकॉर्ड पर पेश सबूतों की सावधानीपूर्वक जांच की है और सजा के बिंदु पर पक्षों को सुनने और...

सौतेले पिता द्वारा यौन शोषण से बचाने में मां के नाकाम रहने पर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने 9 साल की बच्ची को नानी के साथ रहने की इजाजत दी
सौतेले पिता द्वारा यौन शोषण से बचाने में मां के नाकाम रहने पर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने 9 साल की बच्ची को नानी के साथ रहने की इजाजत दी

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा, यदि माता-पिता में से, किसी की कस्टडी से बच्चे की भलाई नहीं होती है तो इसे किसी तीसरे व्यक्ति को सौंपा जा सकता है। कोर्ट ने उक्त टिप्पणियों के साथ 9 साल की बच्ची को उसकी मां को सौंपने से इनकार कर दिया और उसकी कस्टडी नानी को सौंपने की अनुमति दी।नाबालिग की कस्टडी के मुद्दे पर मां और उसकी नानी के बीच अनोखी कानूनी लड़ाई में जस्टिस मंजरी नेहरू कौल ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि बच्चे की मां उसकी प्राकृतिक अभिभावक है, लेकिन वह केवल कानूनी अधिकार के बल पर...

शरीर के महत्वपूर्ण अंगों पर चोट नहीं लगने मतलब यह नहीं कि अपराध जघन्य नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समझौते के आधार पर हत्या के प्रयास को रद्द करने से इनकार किया
शरीर के महत्वपूर्ण अंगों पर चोट नहीं लगने मतलब यह नहीं कि अपराध जघन्य नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समझौते के आधार पर हत्या के प्रयास को रद्द करने से इनकार किया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में पीड़िता और आरोपी के बीच हुए समझौते के आधार पर हत्या के प्रयास के मामले (आईपीसी की धारा 307) को रद्द करने से इनकार कर दिया।मामले के तथ्यों को ध्यान में रखते हुए जस्टिस जे जे मुनीर की पीठ ने कहा कि बंदूक की गोली से लगे सभी घाव अंगों पर लगे थे, न कि शिकायतकर्ता के धड़ या शरीर के किसी महत्वपूर्ण हिस्से पर, लेकिन यह यह नहीं दिखाता है कि अपराध जघन्य नहीं था या मारने का कोई इरादा नहीं था।कोर्ट ने कहा,"अगर एक आदमी दूसरे को गोली मारता है और उसे कम से कम चार घाव लगते हैं,...

वह दिन दूर नहीं जब ओडिशा के सभी जिलों में कागज रहित न्यायालय होंगे : मुख्य न्यायाधीश मुरलीधर वर्चुअल हाईकोर्ट का उद्घाटन करते हुए कहा
वह दिन दूर नहीं जब ओडिशा के सभी जिलों में कागज रहित न्यायालय होंगे : मुख्य न्यायाधीश मुरलीधर वर्चुअल हाईकोर्ट का उद्घाटन करते हुए कहा

उड़ीसा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. जस्टिस एस. मुरलीधर ने सोमवार को ओडिशा राज्य के 10 और जिलों में वर्चुअल हाईकोर्ट का उद्घाटन किया। इस साल 3 फरवरी को हाईकोर्ट ने पहले चरण में 30 जिलों में से 10 में वर्चुअल हाईकोर्ट की स्थापना की थी, जिनका चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी वाई चंद्रचूड़ ने वर्चुअली उद्घाटन किया था। इस अवसर पर संबोधित करते हुए प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि ये कदम ओडिशा के लोगों की न्याय तक पहुंच बढ़ाने के लिए उठाए जा रहे हैं। उन्होंने अवगत कराया कि ये सुविधाएं वकीलों को मामले दर्ज...

जल्द ही उचित निर्णय लेंगे : राज्य बार काउंसिलों द्वारा अत्यधिक इनरोलमेंट फीस वसूलने पर बीसीआई ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में कहा
'जल्द ही उचित निर्णय लेंगे' : राज्य बार काउंसिलों द्वारा 'अत्यधिक' इनरोलमेंट फीस वसूलने पर बीसीआई ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में कहा

बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट को बताया है कि वह राज्य बार काउंसिलों द्वारा वसूली जा रही अत्यधिक इनरोलमेंट फीस के मुद्दे पर जल्द ही निर्णय लेगा। मुख्य न्यायाधीश रवि शंकर झा और जस्टिस विकास बहल की पीठ के समक्ष एक याचिका की सुनवाई के दौरान प्रस्तुत किया गया जिसमें आरोप लगाया गया था कि पंजाब एंड हरियाणा की बार काउंसिल अत्यधिक इनरोलमेंट फीस ले रही है।एडवोकेट परधुमन गर्ग ने अपनी याचिका में बार काउंसिल ऑफ इंडिया बनाम बोनी फोई लॉ कॉलेज और अन्य, 2023 LiveLaw (SC) 96 में सुप्रीम...

लाख कोशिशों के बाद भी अमृतपाल को पकड़ नहीं पाए; एमएचए ने उसके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी कियाः पंजाब पुलिस ने हाईकोर्ट को बताया
लाख कोशिशों के बाद भी अमृतपाल को पकड़ नहीं पाए; एमएचए ने उसके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी कियाः पंजाब पुलिस ने हाईकोर्ट को बताया

पंजाब पुलिस ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट को बुधवार को बताया कि तमाम कोशिशों के बावजूद वह कथित खालिस्तानी सिम्पेथाइज़र अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार/हिरासत में नहीं ले पाई है, हालांकि, राज्य पुलिस के अनुरोध पर गृह मंत्रालय की ओर ने उसके खिलाफ एक लुक आउट सर्कुलर जारी किया है।पुलिस उपमहानिरीक्षक, बॉर्डर रेंज के जर‌िए दायर एक हलफनामे में ज‌िस्टिस एनएस शेखावत की खंडपीठ को बताया गया है कि अमृतसर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने देश भर के सभी आयुक्तों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को नोटिस जारी किया है।उल्लेखनीय है...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने SC/ST अत्याचार अधिनियम के तहत दर्ज एफआईआर में आप नेता प्रीति शर्मा के खिलाफ अन्वेषण पर रोक लगाई
बॉम्बे हाईकोर्ट ने SC/ST अत्याचार अधिनियम के तहत दर्ज एफआईआर में आप नेता प्रीति शर्मा के खिलाफ अन्वेषण पर रोक लगाई

बॉम्बे हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी की महाराष्ट्र अध्यक्ष प्रीति शर्मा मेनन और एक अन्य पार्टी कार्यकर्ता को अंतरिम राहत दी। कोर्ट ने SC/ST अत्याचार अधिनियम के तहत दर्ज एफआईआर में उनके खिलाफ अन्वेषण पर चार सप्ताह के लिए रोक लगा दी है।जस्टिस सुनील शुक्रे और जस्टिस मिलिंद साथाये की खंडपीठ ने अंधेरी पुलिस द्वारा 16 मार्च, 2023 को उनके खिलाफ एफआईआर रद्द करने की याचिका में मेनन को अंतरिम राहत दी।मेनन और पार्टी कार्यकर्ता मनु पिल्लई ने दावा किया कि एफआईआर पूरी तरह से झूठी और निराधार है। वे प्रमुख विपक्षी...

पटना हाईकोर्ट ने बिहार में पुलिस स्टेशनों के भवनों के तेजी से निर्माण सुनिश्चित करने के लिए कमेटी गठित की
पटना हाईकोर्ट ने बिहार में पुलिस स्टेशनों के भवनों के तेजी से निर्माण सुनिश्चित करने के लिए कमेटी गठित की

पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने बिहार राज्य में पर्याप्त पुलिस थानों का तेजी से निर्माण सुनिश्चित करने के लिए राज्य के विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है।जस्टिस सीएस सिंह और जस्टिस मधुरेश प्रसाद की खंडपीठ ने कहा,"हम इस तथ्य पर अपनी चिंता व्यक्त करते हैं कि ऐसे मामलों में जिन्हें आम तौर पर कार्यपालिका द्वारा ध्यान रखा जाता है, इस न्यायालय को स्वत: संज्ञान लेने के लिए मजबूर होना पड़ा जिसके परिणामस्वरूप जनहित याचिका की प्रकृति में वर्तमान रिट याचिका का पंजीकरण हुआ है।“अदालत...