बॉम्बे हाईकोर्ट ने SC/ST अत्याचार अधिनियम के तहत दर्ज एफआईआर में आप नेता प्रीति शर्मा के खिलाफ अन्वेषण पर रोक लगाई

Brij Nandan

29 March 2023 9:00 AM GMT

  • बॉम्बे हाईकोर्ट ने SC/ST अत्याचार अधिनियम के तहत दर्ज एफआईआर में आप नेता प्रीति शर्मा के खिलाफ अन्वेषण पर रोक लगाई

    बॉम्बे हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी की महाराष्ट्र अध्यक्ष प्रीति शर्मा मेनन और एक अन्य पार्टी कार्यकर्ता को अंतरिम राहत दी। कोर्ट ने SC/ST अत्याचार अधिनियम के तहत दर्ज एफआईआर में उनके खिलाफ अन्वेषण पर चार सप्ताह के लिए रोक लगा दी है।

    जस्टिस सुनील शुक्रे और जस्टिस मिलिंद साथाये की खंडपीठ ने अंधेरी पुलिस द्वारा 16 मार्च, 2023 को उनके खिलाफ एफआईआर रद्द करने की याचिका में मेनन को अंतरिम राहत दी।

    मेनन और पार्टी कार्यकर्ता मनु पिल्लई ने दावा किया कि एफआईआर पूरी तरह से झूठी और निराधार है। वे प्रमुख विपक्षी दल से हैं, इसलिए उन्हें फंसाया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि शिकायतकर्ता को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए पार्टी से निकाल दिया गया था।

    शिकायत संजय कांबले जो पिछले साल आप में शामिल हुए थे, ने आरोप लगाया कि मेनन और 10 मार्च को पार्टी कार्यालय में मौजूद 25-30 अन्य लोगों ने नारेबाजी की और अपनी चिंताओं को मुखर करने के बाद उनके साथ मारपीट की। मेनन ने कथित तौर पर कहा कि पिल्लई उन्हें मारने के लिए उनकी ओर दौड़े।

    तदनुसार उन पर आईपीसी की धारा 143 (गैरकानूनी सभा), 147 (दंगा), 500 (मानहानि), 504 (जानबूझकर अपमान) और 506 (धमकी) के साथ अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 की धारा 3(1)(आर) और 3(1) (एस) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

    मेनन ने आरोप लगाया कि प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों से प्रभावित होकर शिकायत दर्ज कराई गई है। गौरतलब है कि मेनन कहते हैं कि कांबले और पार्टी के कुछ अन्य सदस्यों की सदस्यता पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए जाने के बाद समाप्त कर दी गई थी।

    याचिका में मेनन ने तर्क दिया कि सभी अपराध 7 साल से कम कारावास के दंडनीय होने के बावजूद सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत नोटिस नहीं दिया गया था।

    सीनियर एडवोकेट मिहिर देसाई ने अधिवक्ता विजय हिरेमठ के साथ तर्क दिया कि प्राथमिकी दर्ज करने में छह दिन की देरी हुई। उन्होंने आगे दावा किया कि प्राथमिकी अस्पष्ट है और ये निर्दिष्ट नहीं किया गया है कि जातिवादी अपशब्द क्या थे।

    इसके बाद अदालत ने अंतरिम राहत दी और चार सप्ताह बाद अगली तारीख तक मेनन और पिल्लई के खिलाफ जांच पर रोक लगा दी।


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