केरल हाईकोर्ट ने पॉक्सो मामले में ज़मानत आवेदन पर नए सिरे से सुनवाई का आदेश दिया, सीआरपीसी की धारा 482 के तहत शक्तियों का प्रयोग किया
Shahadat
30 March 2023 10:35 AM IST
केरल हाईकोर्ट ने मंगलवार को सीआरपीसी की धारा 482 के तहत अपने अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करते हुए पॉक्सो मामले (POCSO Case) में ट्रायल कोर्ट द्वारा नए सिरे से विचार करने के लिए जमानत अर्जी को वापस भेज दिया।
जस्टिस के बाबू की सिंगल जज बेंच ने ट्रायल कोर्ट को 30 मार्च, 2023 से पहले नियमित जमानत के लिए याचिकाकर्ता की पात्रता पर विचार करने का निर्देश दिया।
याचिकाकर्ता भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 450, 376(2)(n), 361 सपठित धारा 363, 342, 354-A (1)(i) और धारा 5(I) सपठित धारा 6 के साथ पॉक्टो एक्ट की धारा 7 और सपठित धारा 8 के तहत दंडनीय अपराधों का आरोपी है। वह 7 मार्च, 2023 से न्यायिक हिरासत में है।
उसने तिरुवनंतपुरम में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अत्याचार और यौन हिंसा से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए अतिरिक्त सत्र न्यायालय के समक्ष नियमित जमानत की मांग की तो निचली अदालत ने उसे 30 मार्च, 2023 अपराह्न 3.00 बजे तक अंतरिम जमानत देने का निस्तारण किया। आगे याचिकाकर्ता को उसी तारीख को दोपहर 3.30 बजे सब-जेल अत्तिंगल के इंस्पेक्टर के सामने आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया।
याचिकाकर्ता के वकीलों द्वारा यह तर्क दिया गया कि ट्रायल कोर्ट ने याचिकाकर्ता द्वारा दायर नियमित जमानत अर्जी के गुण-दोष पर विचार नहीं किया, बल्कि उसे अंतरिम जमानत देने के बाद उसका निस्तारण कर दिया। आगे उसे 30 मार्च, 2023 को अत्तिंगल जेलके सब इंस्पेक्टर अत्तिंगल के सामने आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया।
यह तर्क दिया गया,
"चूंकि याचिकाकर्ता ने नियमित जमानत के लिए आवेदन दायर किया, इसलिए निचली अदालत को याचिकाकर्ता की नियमित जमानत के अधिकार पर विचार करना चाहिए।"
इन्हीं परिस्थितियों में न्यायालय ने उपरोक्त निर्देशों के साथ आवेदन का निस्तारण किया।
याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व एडवोकेट नवनीत एन. नाथ, सनेल चेरियन, के.एस. स्टेजो, और अभिरामी एस. लोक अभियोजक राज्य की ओर से उपस्थित हुए।
केस टाइटल: नितिनराम आर.एस. बनाम केरल राज्य
साइटेशन: लाइवलॉ (केरल) 160/2023
आदेश पढ़ने/डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें