सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने हाईकोर्ट के तीन जजों के ट्रांसफर का प्रस्ताव दिया

Sharafat

29 March 2023 6:27 PM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने हाईकोर्ट के तीन जजों के ट्रांसफर का प्रस्ताव दिया

    सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने हाईकोर्ट के तीन जजों के ट्रांसफर की सिफारिश की है।

    मद्रास हाईकोर्ट की जस्टिस वीएम वेलुमणि को कलकत्ता हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव है।

    पटना हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा का पंजाब एंंड हरियाणा हाईकोर्ट में स्थानांतरण प्रस्तावित है।

    मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अतुल श्रीधरन को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव है।

    सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एसके कौल, जस्टिस केएम जोसेफ, जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस अजय रस्तोगी के कॉलेजियम ने प्रस्ताव रखे।

    जस्टिस वीएम वेलुमणि

    जस्टिस वीएम वेलुमणि के संबंध में कॉलेजियम ने सितंबर 2022 में कलकत्ता हाईकोर्ट में उनके स्थानांतरण का प्रस्ताव दिया था। हालांकि, उन्होंने मद्रास हाईकोर्ट में उन्हें बनाए रखने का अनुरोध किया था। जस्टिस वेलुमणि ने इस आधार पर उत्तर पूर्वी राज्य, अधिमानतः मणिपुर या त्रिपुरा में एक वैकल्पिक स्थानांतरण की मांग की कि वह तब चेन्नई में अपने आधिकारिक आवास को बनाए रखने में सक्षम होंगी।

    हालांकि, कॉलेजियम ने उनके अनुरोध को खारिज कर दिया और मूल निर्णय पर पुनर्विचार करने से इनकार कर दिया।

    जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा

    जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा मूल रूप से राजस्थान हाईकोर्ट के हैं। जनवरी 2022 में उन्हें पटना हाईकोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया। उन्होंने अन्य बातों के साथ-साथ अपने खराब स्वास्थ्य और पटना में पर्याप्त चिकित्सा सुविधाओं की अनुपलब्धता के आधार पर राजस्थान हाईकोर्ट में प्रत्यावर्तन की मांग की। उन्होंने अनौपचारिक रूप से अनुरोध किया है कि यदि राजस्थान हाईकोर्ट में उनका प्रत्यावर्तन संभव नहीं हो तो वे चंडीगढ़ में उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं की प्रकृति को देखते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में स्थानांतरण की मांग करेंगे ताकि उनका इलाज किया जा सके।

    कॉलेजियम ने प्रस्ताव किया कि वह उन्हें राजस्थान हाईकोर्ट में वापस नहीं ला पाएंगे, लेकिन उनके पी एंड एच एचसी में स्थानांतरण के वैकल्पिक प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।

    जस्टिस अतुल श्रीधरन

    जस्टिस श्रीधरन ने खुद इस आधार पर ट्रांसफर की मांग की थी कि उनकी बड़ी बेटी अगले साल कानून की प्रैक्टिस में प्रवेश करेंगी, इसलिए कॉलेजियम ने जम्मू-कश्मीर और एल एचसी को अपना स्थानांतरण प्रस्तावित करने का प्रस्ताव लिया।

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