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Writ Of Habeas Corpus Will Not Lie When Adoptive Mother Seeks Child
[एससी/एसटी एक्ट] विशेष न्यायालय द्वारा जमानत अस्वीकृति के खिलाफ वैधानिक अपील दायर की जा सकती है, सीआरपीसी की धारा 438 और 439 के तहत हाईकोर्ट का रुख नहीं कर सकते: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर स्थित पीठ ने बुधवार को कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत एक अपराध में हाईकोर्ट सीआरपीसी की धारा 438 (गिरफ्तारी की आशंकाग्रस्त व्यक्ति को जमानत देने का निर्देश) या 439 (जमानत के संबंध में हाईकोर्ट या सत्र न्यायालय की विशेष शक्तियां) के तहत दायर आवेदनों पर विचार नहीं कर सकता है।अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अधिनियम की धारा 14ए (2) (अपील) के निहित रूप से हाईकोर्ट की उस शक्ति को छीन लेती है।न्यायालय ने तर्क दिया कि...

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने परफॉर्मेंस आधारित इंसेनटिव से आयुष डॉक्टरों को बाहर करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ अवमानना ​​​​याचिका खारिज की
जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने परफॉर्मेंस आधारित इंसेनटिव से आयुष डॉक्टरों को बाहर करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ अवमानना ​​​​याचिका खारिज की

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने हाल ही में एमबीबीएस डॉक्टरों को दिए जाने वाले परफॉर्मेंस आधारित इंसेनटिव देने से आयुष डॉक्टरों को बाहर करने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) के अधिकारियों के खिलाफ अवमानना ​​कार्रवाई शुरू करने से इनकार कर दिया। अवमानना ​​​​याचिका हाईकोर्ट के 2014 के एक फैसले पर आधारित थी जिसमें कहा गया था कि आयुष डॉक्टर और एमबीबीएस डॉक्टर समान भूमिका निभाते हैं और उनका सामान्य उद्देश्य मरीजों का इलाज करना है, इसलिए उनके वेतनमान में असमानता नहीं हो सकती।...

आबकारी नीति : दिल्ली हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में विजय नायर की जमानत याचिका पर ईडी से जवाब मांगा
आबकारी नीति : दिल्ली हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में विजय नायर की जमानत याचिका पर ईडी से जवाब मांगा

दिल्ली हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी की आबकारी नीति 2021-22 के संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में आम आदमी पार्टी के संचार प्रभारी विजय नायर द्वारा दायर जमानत याचिका पर बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जवाब मांगा। जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने नायर की याचिका पर नोटिस जारी किया और मामले को 19 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।एडवोकेट समुद्र सारंगी के माध्यम से दायर अपनी याचिका में नायर ने प्रस्तुत किया है कि उनकी "राजनीतिक संबद्धता" के कारण उन्हें पीड़ित किया जा रहा है और जांच एजेंसियों...

दिल्ली हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने पर विचार करने की याचिका पर केंद्र, दिल्ली सरकार से जवाब मांगा
दिल्ली हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने पर विचार करने की याचिका पर केंद्र, दिल्ली सरकार से जवाब मांगा

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने पर विचार करने के लिए दिशा-निर्देश मांगने वाली याचिका पर केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार से जवाब मांगा। बार काउंसिल ऑफ दिल्ली की ओर से पेश एडवोकेट केसी मित्तल ने जस्टिस प्रतिभा एम सिंह को बताया कि एडवोकेट बॉडी और सभी जिला अदालतों के बार संघों की समन्वय समिति एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल का मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया में हैं।मित्तल ने प्रस्तुत किया कि बीसीडी और समन्वय समिति उपराज्यपाल वीके सक्सेना, मुख्यमंत्री...

‘अपने संशोधित उपनियमों के अपडेट के लिए AIADMK के प्रतिनिधित्व पर 10 दिन के भीतर निर्णय लें’: दिल्ली हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया
‘अपने संशोधित उपनियमों के अपडेट के लिए AIADMK के प्रतिनिधित्व पर 10 दिन के भीतर निर्णय लें’: दिल्ली हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने भारत के चुनाव आयोग को संवैधानिक निकाय के रिकॉर्ड के साथ अपने संशोधित उपनियमों को अपडेट करने के लिए अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) के प्रतिनिधित्व पर 10 दिनों के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया।ईसीआई का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने जस्टिस पुरुषेंद्र कुमार कौरव से कहा कि आयोग 10 दिनों के भीतर अभ्यावेदन पर विचार करेगा।अदालत ने राजनीतिक दल और उसके अंतरिम महासचिव थिरु के पलानीस्वामी द्वारा ईसीआई के प्रतिनिधित्व पर विचार करने और 11 जुलाई, 2022...

पेश होने के बाद भी परित्याग के आरोपों का खंडन नहीं: कर्नाटक हाईकोर्ट ने तलाक के फैसले के खिलाफ पत्नी की अपील खारिज की
पेश होने के बाद भी परित्याग के आरोपों का खंडन नहीं: कर्नाटक हाईकोर्ट ने तलाक के फैसले के खिलाफ पत्नी की अपील खारिज की

कर्नाटक हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर एक महिला की याचिका को रद्द कर दिया। फैमिली कोर्ट ने परित्याग के आधार पर तलाक की अनुमति दी ‌और पत्नी याचिका में पति की ओर से दिए गए बयानों का भी जवाब नहीं दे पाई।जस्टिस आलोक अराधे और जस्टिस विजयकुमार ए पाटिल की खंडपीठ ने कहा, "यह सामान्य कानून है कि यदि किसी गवाह से दूसरे पक्ष जिरह नहीं करता तो उसकी गवाही को स्वीकार कर लिया गया माना जाता है।"फैमिली कोर्ट ने 18 सिंतंबर 2016 के आदेश के जर‌िए हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 13(1)(आईबी) के तहत...

सर्विस चार्ज पर उपभोक्ताओं को गुमराह करने के लिए अंतरिम स्टे का उपयोग न करें : दिल्ली हाईकोर्ट ने होटल, रेस्तरां से कहा
सर्विस चार्ज पर उपभोक्ताओं को गुमराह करने के लिए अंतरिम स्टे का उपयोग न करें : दिल्ली हाईकोर्ट ने होटल, रेस्तरां से कहा

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) के दिशानिर्देशों पर रोक लगाने वाला उसका अंतरिम आदेश, जो होटल और रेस्तरां को बिल पर डिफ़ॉल्ट रूप से सर्विस चार्ज लगाने से रोकता है, वह इस तरह मेन्यू कार्ड पर या डिस्प्ले बोर्ड नहीं दिखाया जाएगा जिससे उपभोक्ता गुमराह हों कि सर्विस चार्ज अदालत द्वारा अनुमोदित किया गया है। जस्टिस प्रतिभा एम सिंह की बेंच फेडरेशन ऑफ होटल्स एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया और नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा सीसीपीए के...

दिल्ली हाईकोर्ट ने आरटीआई अधिनियम के तहत कॉलेजियम की सिफारिशों से संबंधित सूचना मांगने वाली याचिकाओं पर केंद्र से जवाब मांगा
दिल्ली हाईकोर्ट ने आरटीआई अधिनियम के तहत कॉलेजियम की सिफारिशों से संबंधित सूचना मांगने वाली याचिकाओं पर केंद्र से जवाब मांगा

दिल्ली हाईकोर्ट ने सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिशों के संबंध में सूचना मांगने वाली याचिकाओं पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।इसे एक "महत्वपूर्ण मामला" कहते हुए, जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा से उचित निर्देश लेने और एक हलफनामा दायर करने के लिए कहा क्योंकि आरटीआई आवेदन कॉलेजियम की बैठकों से संबंधित राय और अन्य नोटों से संबंधित हैं।अब इस मामले की सुनवाई मई में होगी।अदालत तीन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी जिसमें सवाल उठाया गया था...

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने 2014 में स्कूल प्रधानाध्यापक को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर रद्द की
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने 2014 में स्कूल प्रधानाध्यापक को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर रद्द की

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल ही में आत्महत्या के लिए उकसाने के एक मामले को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि घटना के समय आरोपी की ओर से कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई, जिसने मृतक को आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया हो।सीनियर सेकेंडरी स्कूल, लटाला के प्रिंसिपल रंजीत सिंह की 2014 में कथित तौर पर आत्महत्या से मौत हो गई थी। उनके बेटे ने शिकायत में कहा है कि उसके पिता ने उसे बताया था कि उसके एक्सटेंशन के संबंध में स्कूल की क्लर्क परमिंदर कौर और उसके पति ने गुरमेल से मिलीभगत की है।सिंह, जो उस समय...

मानहानि मामले में पेश नहीं होने पर राहुल गांधी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करें: सुशील मोदी की पटना कोर्ट में याचिका
'मानहानि मामले में पेश नहीं होने पर राहुल गांधी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करें': सुशील मोदी की पटना कोर्ट में याचिका

राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को मानहानि के मुकदमे में अदालत में पेश नहीं होने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने के लिए पटना कोर्ट के समक्ष एक आवेदन दायर किया है। मानहानि मामले में सीआरपीसी की धारा 313 के तहत अपने बयान दर्ज कराने के लिए 12 अप्रैल को पेश होने के निर्देश देने के अदालत के 18 मार्च के आदेश के बाद राहुल गांधी अदालत में पेश नहीं हो पाए थे, जिसके बाद आज यह आवेदन दायर किया गया।एमपी मोदी ने 2019 में गांधी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (मानहानि) की...

न्यायिक प्रक्रिया सेलेब्रिटीज को परेशान करने का औजार नहीं : सलमान खान के खिलाफ पत्रकार की शिकायत खारिज करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा
न्यायिक प्रक्रिया सेलेब्रिटीज को परेशान करने का औजार नहीं : सलमान खान के खिलाफ पत्रकार की शिकायत खारिज करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा

बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने विस्तृत आदेश में अभिनेता सलमान खान और उनके अंगरक्षक के खिलाफ एक मामले को खारिज करते हुए कहा कि शिकायतकर्ता की बदले की भावना को संतुष्ट करने के लिए न्यायिक प्रक्रिया को किसी सेलिब्रिटी के अनावश्यक उत्पीड़न का साधन नहीं होना चाहिए। कोर्ट ने देखा," निराशा या इशारे में बोले गए शब्द, चाहे कितने भी भयावह हों, आईपीसी की धारा 504 को आकर्षित नहीं करेंगे, जब तक कि य्ह जानबूझकर अपमान प्रदर्शित नहीं करते हों और किसी भी व्यक्ति को उकसाने का कारण देते हों और जो इस तरह की प्रकृति का...

विवाह विवाद हमारे देश में सबसे कड़वी लड़ाई वाले मुक़दमे हैं: हाईकोर्ट ने महिला को अपने बेटे के साथ भारत आने के दिए निर्देश
"विवाह विवाद हमारे देश में सबसे कड़वी लड़ाई वाले मुक़दमे हैं": हाईकोर्ट ने महिला को अपने बेटे के साथ भारत आने के दिए निर्देश

“विवाह विवाद हमारे देश में सबसे कड़वी लड़ाई वाले मुक़दमे हैं।“ये टिप्पणी बॉम्बे हाईकोर्ट ने की। हाईकोर्ट ने वैवाहिक विवादों में बच्चों को ‘गुलाम’ या चल संपत्ति की तरह इस्तेमाल किये जाने पर गंभीर चिंता जताई है। कोर्ट ने एक महिला को अपने 15-साल के बेटे के साथ थाईलैंड से भारत आने का निर्देश दिया। ये निर्देश कोर्ट ने इसलिए दिया ताकि बच्चा को अपने पिता और भाई-बहनों से मिल सके।जस्टिस आर. डी. धानुका और जस्टिस गौरी गोडसे की बेंच ने कहा, ‘‘एक बच्चे पर माता-पिता के अधिकारों से अधिक महत्वपूर्ण उस बच्चे का...

केवल यह कहते हुए कि मामला जल्द से जल्द निपटाया जाएगा, समयबद्ध अधिनिर्णय के लिए फैमिली कोर्ट आवेदन का निस्तारण नहीं कर सकता, समय-सीमा तय करनी चाहिए: केरल हाईकोर्ट
केवल यह कहते हुए कि 'मामला जल्द से जल्द निपटाया जाएगा', समयबद्ध अधिनिर्णय के लिए फैमिली कोर्ट आवेदन का निस्तारण नहीं कर सकता, समय-सीमा तय करनी चाहिए: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने सोमवार को कहा कि जब किसी मामले को समयबद्ध तरीके से निपटाने के लिए आवेदन दायर किया जाता है तो फैमिली कोर्ट इस तरह के आदेश पारित करने वाले आवेदन का निपटारा नहीं कर सकती है कि मामला "जल्द से जल्द निपटाया जाएगा।"जस्टिस अनिल के. नरेंद्रन और जस्टिस पी.जी. अजित कुमार की खंडपीठ ने कहा,"... यदि आवेदक ने शीघ्र सुनवाई या समयबद्ध निपटान के लिए कोई न्यायोचित या वैध कारण बताया है तो फैमिली कोर्ट को उस मामले की शीघ्र सुनवाई या समयबद्ध निपटान का आदेश देते हुए समय-सीमा निर्दिष्ट करते हुए उस...

किसी भी धार्मिक संप्रदाय को सुविधा प्रदान करने के लिए टैक्स के छोटे से हिस्से का उपयोग करने वाला राज्य अनुच्छेद 27 का उल्लंघन नहीं करता: इलाहाबाद हाईकोर्ट
किसी भी धार्मिक संप्रदाय को सुविधा प्रदान करने के लिए टैक्स के छोटे से हिस्से का उपयोग करने वाला राज्य अनुच्छेद 27 का उल्लंघन नहीं करता: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि यदि राज्य नागरिकों से एकत्र किए गए टैक्स/राजस्व में से कुछ रुपये किसी धार्मिक संप्रदाय को कुछ सुविधाएं प्रदान करने के लिए खर्च करता है तो यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 27 का उल्लंघन नहीं होगा।संदर्भ के लिए भारत के संविधान के अनुच्छेद 27 में यह आदेश दिया गया कि किसी भी व्यक्ति को किसी भी टैक्स का भुगतान करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता, जिसका उपयोग किसी विशेष धर्म या धार्मिक संप्रदाय के प्रचार या रखरखाव के लिए खर्च के भुगतान के लिए किया जा सकता है।न्यायालय ने...

सुरक्षित भोजन का अधिकार अनुच्छेद 21 के तहत एक मौलिक अधिकार; सार्वजनिक स्वास्थ्य के अधीन मांस बेचने का अधिकार: गुजरात हाईकोर्ट
सुरक्षित भोजन का अधिकार अनुच्छेद 21 के तहत एक मौलिक अधिकार; सार्वजनिक स्वास्थ्य के अधीन मांस बेचने का अधिकार: गुजरात हाईकोर्ट

“सुरक्षित भोजन के अधिकार को भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत एक मौलिक अधिकार है।“ये टिप्पणी गुजरात हाईकोर्ट ने की। कोर्ट ने आगे कहा कि मांस या ऐसे किसी भी खाद्य पदार्थ में मुक्त व्यापार का अधिकार सार्वजनिक स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा आवश्यकताओं के अधीन होना चाहिए।जस्टिस एन वी अंजारिया ने गुजरात में मांस विक्रेताओं और एसोसिएशन द्वारा दायर जनहित याचिकाओं का निपटारा किय़ा। याचिकाओं में खाद्य सुरक्षा कानूनों का पालन नहीं करने, अस्वच्छ परिस्थितियों में या बिना लाइसेंस वाली दुकानों के माध्यम से...

खाद्य सुरक्षा कानूनों का पालन किए बिना धार्मिक अवसरों पर मांस बेचने/बूचड़खाने चलाने की अप्रतिबंधित स्वतंत्रता नहीं: गुजरात हाईकोर्ट
खाद्य सुरक्षा कानूनों का पालन किए बिना धार्मिक अवसरों पर मांस बेचने/बूचड़खाने चलाने की अप्रतिबंधित स्वतंत्रता नहीं: गुजरात हाईकोर्ट

गुजरात हाईकोर्ट ने कहा कि खाद्य सुरक्षा कानूनों का पालन किए बिना धार्मिक अवसरों पर मांस बेचने/बूचड़खाने चलाने की अप्रतिबंधित स्वतंत्रता नहीं है।जस्टिस एनवी अंजारिया की पीठ ने ये भी कहा कि बिना लाइसेंस वाले बूचड़खाने चलाने और बिना स्टैंप वाले मांस बेचने को लागू कानूनों का अनुपालन करने वाले हितधारकों के बिना अनुमोदित या अनुमति नहीं दी जा सकती है।जस्टिस एन वी अंजारिया ने गुजरात में मांस विक्रेताओं और एसोसिएशन द्वारा दायर जनहित याचिकाओं का निपटारा किय़ा। याचिकाओं में खाद्य सुरक्षा कानूनों का पालन...

अपग्रेडिड परफॉर्मेंस ग्रेड के आधार पर प्रमोशन के लिए कर्मचारी पर पुनर्विचार करने के लिए सेलेक्शन कमेटी बाध्य: बॉम्बे हाईकोर्ट
अपग्रेडिड परफॉर्मेंस ग्रेड के आधार पर प्रमोशन के लिए कर्मचारी पर पुनर्विचार करने के लिए सेलेक्शन कमेटी बाध्य: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि जब किसी कर्मचारी के ग्रेड को उसकी परफॉर्मेंस रिपोर्ट में अपग्रेड किया जाता है तो सेलेक्शन कमेटी को उसके अपग्रेड किए गए ग्रेड को ध्यान में रखते हुए प्रमोशन के लिए उस पर पुनर्विचार करना होगा।एक्टिंग चीफ जस्टिस एसवी गंगापुरवाला और जस्टिस संदीप वी मार्ने की खंडपीठ उस कर्मचारी की रिट याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उसके परफॉर्मेंस ग्रेड को अपग्रेड करने के बाद प्रमोशन की मांग की गई थी।अदालत ने कहा,"जब भी किसी कर्मचारी/अधिकारी की ग्रेडिंग को अपग्रेड किया जाता है...

[एनआई एक्ट की धारा 138] मजिस्ट्रेट के पास न्यायिक विवेकाधिकार है कि वह आरोपी को व्यक्तिगत रूप से पेश होने से रोक सकता है: जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट
[एनआई एक्ट की धारा 138] मजिस्ट्रेट के पास न्यायिक विवेकाधिकार है कि वह आरोपी को व्यक्तिगत रूप से पेश होने से रोक सकता है: जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट (एनआई एक्ट) की धारा 138 के तहत शिकायत से निपटने वाला मजिस्ट्रेट अगर यह पाता है कि अभियुक्त की व्यक्तिगत उपस्थिति का आग्रह पीड़ा देगा या आरोपियों को परेशान करेगा तो अभियुक्त को उसकी व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दे सकता है।जस्टिस जावेद इकबाल वानी ने कहा,"इस तरह के विवेक का उपयोग केवल दुर्लभ मामलों में किया जाना चाहिए, जहां अभियुक्त बहुत दूर रहता है या व्यापार करता है या किसी भी शारीरिक या अन्य अच्छे कारणों के...

निर्णय में तर्क पर विचार किए बिना नियुक्ति प्रस्ताव को केवल एफआईआर में संलिप्तता के आधार पर रद्द नहीं किया जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट
निर्णय में तर्क पर विचार किए बिना नियुक्ति प्रस्ताव को केवल एफआईआर में संलिप्तता के आधार पर रद्द नहीं किया जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि फैसले में तर्क और प्रासंगिक तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार किए बिना केवल एफआईआर दर्ज करने के आधार पर नियुक्ति के प्रस्ताव को अस्वीकार करने के लिए सामान्यीकरण नहीं किया जा सकता।जस्टिस वी. कामेश्वर राव और जस्टिस अनूप कुमार मेंदीरत्ता की खंडपीठ ने अधिकारियों को ऐसे व्यक्ति की नियुक्ति पर विचार करने का निर्देश देते हुए यह टिप्पणी की, जिसकी दिल्ली पुलिस में सब-इंस्पेक्टर (EXE) के पद पर नियुक्ति 2011 में दहेज हत्या के मामले में उसकी संलिप्तता के कारण रद्द कर दी गई।...

कर्नाटक हाईकोर्ट ने योजना की वापसी के बाद एचयूएफ पीपीएफ खाता खोलने के लिए डाक अधिकारियों को फटकार लगाई, ब्याज के भुगतान का आदेश दिया
कर्नाटक हाईकोर्ट ने योजना की वापसी के बाद एचयूएफ पीपीएफ खाता खोलने के लिए डाक अधिकारियों को फटकार लगाई, ब्याज के भुगतान का आदेश दिया

कर्नाटक हाईकोर्ट हाल ही में बेंगलुरु के एक 48 वर्षीय निवासी का बचाव किया, जिसे पीपीएफ जमा पर ब्याज देने से इनकार कर दिया गया था। उससे कहा गया था कि योजना में संशोधन के बाद उसका एचयूएफ पीपीएफ खाता अनियमित रूप से खोला गया था।यह कहते हुए कि ऐसे अनियमित खातों का पता लगाना और निवेशकों को तुरंत सूचित करना अधिकारियों का काम है, जस्टिस एम नागप्रसन्ना की एकल न्यायाधीश पीठ ने पोस्टमास्टर और डाकघर के वरिष्ठ अधीक्षक को आगाह किया कि ऐसा करने में विफल रहने पर ऐसे खातों का प्रबंधन करने वाले अधिकारियों पर...