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कंप्यूटर इनपुट में गलती के कारण केंद्र ने सिपाही को दी गई अतिरिक्त पेंशन की वसूली का आदेश दिया, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कार्रवाई को बताया अवैध
कंप्यूटर इनपुट में गलती के कारण केंद्र ने सिपाही को दी गई अतिरिक्त पेंशन की वसूली का आदेश दिया, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कार्रवाई को बताया अवैध

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने 80 वर्षीय सेवानिवृत्त सिपाही को "गलती से" भुगतान की गई अतिरिक्त पेंशन को वसूलने से केंद्र को रोक दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि पेंशन से कुछ राशि की 3500 प्रति माह की किस्तों में वसूली न केवल अवैध और विकृत है, बल्कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से निर्धारित कानून का भी उल्लंघन है। जस्टिस जसगुरप्रीत सिंह पुरी की खंडपीठ ने कहा कि अदालत की ओर से पारित अंतरिम आदेश से पहले याचिकाकर्ता से वसूली की गई राशि को तीन महीने की अवधि के भीतर 6% प्रति वर्ष की दर से ब्याज सहित वापस किया...

व्यभिचार के आरोप के बाद डीएनए टेस्ट से इनकार व्यभिचार संबंध के निष्कर्ष के रूप में नहीं हो सकता, क्योंकि निर्णायक सबूत अनुपस्थित है: पटना हाईकोर्ट
व्यभिचार के आरोप के बाद डीएनए टेस्ट से इनकार व्यभिचार संबंध के निष्कर्ष के रूप में नहीं हो सकता, क्योंकि निर्णायक सबूत अनुपस्थित है: पटना हाईकोर्ट

पटना हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि व्यभिचार के आरोप के बाद डीएनए टेस्ट से इनकार का उपयोग इस हद तक निष्कर्ष निकालने के लिए नहीं किया जा सकता कि जिस व्यक्ति के खिलाफ आरोप लगाया गया वह "किसी के साथ व्यभिचारी संबंध में है, क्योंकि अभी तक डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट उपलब्ध नहीं हुई है।"जस्टिस डॉ. अंशुमन ने कहा कि प्रतिकूल निष्कर्ष निकाला जाना चाहिए लेकिन "यह प्रतिकूल निष्कर्ष केवल उस सीमा तक निकाला जाएगा कि विरोधी पक्ष नंबर 1 को कोई लाभ नहीं दिया जाना चाहिए, लेकिन उस हद तक निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है...

धारा 138, एनआई एक्ट| यदि चेक राशि के साथ अन्य राशि अलग से इंगित की गई है तो भी नोटिस अमान्य नहीं : इलाहाबाद हाईकोर्ट
धारा 138, एनआई एक्ट| 'यदि चेक राशि के साथ अन्य राशि अलग से इंगित की गई है तो भी नोटिस अमान्य नहीं ': इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना कि यदि एक डिमांड नोटिस पर चेक राशि के साथ अन्य राशियों का उल्लेख एक अलग हिस्से में विस्तार से किया गया है, तो उक्त नोटिस को एनआई एक्ट, 1881 की धारा 138 (बी) की कानूनी शर्तों में गलत नहीं ठहराया जा सकता है।1881 अधिनियम की धारा 138 (बी) के अनुसार, चेक के अनादरण पर आदाता या धारक को नियत समय पर चेक आहर्ता को, बैंक से उसकी ओर से दिए गए चेक को भुगतान न होने पर उसकी वापसी की सूचना प्राप्त होने पर,तीस दिन के भीतर लिखित रूप में नोटिस देकर उक्त राशि के भुगतान की मांग करनी...

सिविल सेवक का पद विशेषाधिकार का पद नहीं, बल्कि जनता की सेवा के लिए है: हाईकोर्ट
सिविल सेवक का पद विशेषाधिकार का पद नहीं, बल्कि जनता की सेवा के लिए है: हाईकोर्ट

"एक सिविल सेवक का पद विशेषाधिकार का पद नहीं, बल्कि जनता की सेवा के लिए है।"ये बात पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कही। दरअसल कोर्ट पंजाब सरकार के एक आदेश को रद्द करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा था।सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा,“कुछ भाग्यशाली लोगों को ही एक कर्मचारी के रूप में राज्य की सेवा करने का अवसर मिलता है। इनमें से कुछ को ही जनता की सेवा करने का विशेषाधिकार मिलता है। सरकारी अधिकारियों और सिविल सेवकों से लोगों की शिकायतों को दूर करने की अपेक्षा की जाती है। क्योंकि इनके पास...

मोदी चोर टिप्पणी मानहानि केस -  पटना हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई 4 जुलाई तक स्थगित की, अंतरिम राहत जारी रहेगी
'मोदी चोर' टिप्पणी मानहानि केस - पटना हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई 4 जुलाई तक स्थगित की, अंतरिम राहत जारी रहेगी

पटना हाईकोर्ट ने सोमवार को राहुल गांधी की 'मोदी-चोर' टिप्पणी को लेकर पटना कोर्ट में राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी द्वारा उनके खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि के मामले को खारिज करने की याचिका पर सुनवाई 4 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी।हाईकोर्ट द्वारा 24 अप्रैल को दी गई कार्यवाही पर रोक की अंतरिम राहत सुनवाई की अगली तारीख तक जारी रहेगी।उल्लेखनीय है कि पटना कोर्ट वर्तमान में सुशील मोदी (सीनियर एडवोकेट और भारत के पूर्व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसडी संजय के माध्यम से) द्वारा दायर गांधी की 2019 में एक...

जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट ने मोटर दुर्घटना न्यायाधिकरण को आतंकियों के हाथों मारे गए जज के आश्रितों के दावे पर फैसला करने का निर्देश दिया
जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट ने मोटर दुर्घटना न्यायाधिकरण को आतंकियों के हाथों मारे गए जज के आश्रितों के दावे पर फैसला करने का निर्देश दिया

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने एक मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण को एक जज के आश्रितों की ओर से दायर याचिका पर फैसला करने का निर्देश दिया। जज की आतंकवादियों ने उन्हीं की कार में गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब वह अपने गृहनगर की यात्रा कर रहे थे।प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विजय कुमार फूल की कार को आतंकवादियों ने रोक लिया और उन्हें एक दोस्त और दो अंगरक्षकों के साथ गोली मार दी ‌थी। जज और उनके मित्र के आश्रितों ने एमवी एक्‍ट की धारा 166 के तहत मुआवजे की मांग करते हुए मोटर दुर्घटना...

दिल्ली हाईकोर्ट ने तिहाड़ के चिकित्सा अधीक्षक से 75 साल से अधिक उम्र के कैदियों की स्वास्थ्य स्थिति पर स्टेटस रिपोर्ट मांगी
दिल्ली हाईकोर्ट ने तिहाड़ के चिकित्सा अधीक्षक से 75 साल से अधिक उम्र के कैदियों की स्वास्थ्य स्थिति पर स्टेटस रिपोर्ट मांगी

दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में तिहाड़ जेल के चिकित्सा अधीक्षक से सभी दोषियों और 75 वर्ष से अधिक आयु के विचाराधीन कैदियों की वर्तमान चिकित्सा स्थिति के बारे में स्टेटस रिपोर्ट मांगी है।जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस मिनी पुष्करणा की डिवीजन बेंच ने कहा कि स्टेटस रिपोर्ट में कैदियों को दिए जा रहे उपचार का पूरा विवरण भी शामिल होना चाहिए।स्टेटस रिपोर्ट 29 मई या उससे पहले जमा करनी होगी।बेंच ने अपने आदेश में कहा,“संबंधित चिकित्सा अधीक्षक को सभी दोषियों और विचाराधीन कैदियों की वर्तमान चिकित्सा स्थिति...

उत्तराखंड हाईकोर्ट के जज ने आईएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी से जुड़े मामले में दिल्ली एम्स की रिट याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग किया
उत्तराखंड हाईकोर्ट के जज ने आईएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी से जुड़े मामले में दिल्ली एम्स की रिट याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग किया

उत्तराखंड हाईकोर्ट के जज जस्टिस राकेश थपलियाल ने व्हिसलब्लोअर भारतीय वन सेवा (IFS) अधिकारी संजीव चतुर्वेदी से जुड़े मामले में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) की नैनीताल खंडपीठ के एक आदेश के खिलाफ अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), दिल्ली की ओर से दायर एक रिट याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया।जब ये मामला 10 मई को चीफ जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस राकेश थपलियाल की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आया, तो पीठ द्वारा मामले को एक अन्य पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने का आदेश पारित किया गया,...

फर्जी मामलों पर रोक लगाने के लिए शिकायतकर्ताओं को नार्को एनालिसिस, पॉलीग्राफ टेस्ट से गुजरने की मांग वाली PIL पर हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
फर्जी मामलों पर रोक लगाने के लिए शिकायतकर्ताओं को नार्को एनालिसिस, पॉलीग्राफ टेस्ट से गुजरने की मांग वाली PIL पर हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

फर्जी मामलों को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस को निर्देश देने की मांग वाली जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है। याचिका के मुताबिक दिल्ली पुलिस शिकायतकर्ताओं से पूछे कि क्या वे आरोपों को साबित करने के लिए जांच के दौरान नार्को एनालिसिस और ब्रेन मैपिंग से गुजरने को तैयार हैं, ताकि "फर्जी मामलों" पर शिकंजा कसा जा सके।चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की डिवीजन बेंच मामले की सुनवाई कर रही थी। सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा- हम लॉ मेकर नहीं हैं। याचिका पर उचित आदेश...

दिल्ली हाईकोर्ट ने असिस्टेंट पेटेंट कंट्रोलर जनरल को न्यायिक आदेश पारित करना सीखने के लिए दिल्ली ज्यूडिशियरी एकेडमी में कोर्स करने का आदेश दिया
दिल्ली हाईकोर्ट ने असिस्टेंट पेटेंट कंट्रोलर जनरल को न्यायिक आदेश पारित करना सीखने के लिए दिल्ली ज्यूडिशियरी एकेडमी में कोर्स करने का आदेश दिया

दिल्ली हाईकोर्ट ने असिस्टेंट कंट्रोलर जनरल द्वारा पारित आदेश से परेशान होकर उक्त अधिकारी को दिल्ली ज्यूडिशियरी एकेडमी में न्यायिक आदेश पारित करने के लिए कोर्स करने का निर्देश दिया। अपने आदेश में उस अधिकारी ने पेटेंट के अनुदान के लिए आवेदन को खारिज कर दिया था।जस्टिस सी हरि शंकर ने कहा कि यह आदेश पेटेंट कंट्रोलर जनरल के ऑफिस में अर्ध-न्यायिक प्राधिकरणों में निहित कार्यों के "कुल उपहास" से कम नहीं है।पेटेंट कंट्रोलर जनरल के साथ व्यक्तिगत बातचीत के बाद अदालत ने निर्देश दिया कि इस मामले को नए सिरे से...

मानहानि मामला | सत्य की रक्षा पूरे परिवाद तक होनी चाहिए, न कि केवल इसके एक हिस्से के लिए: बॉम्बे हाईकोर्ट
मानहानि मामला | सत्य की रक्षा पूरे परिवाद तक होनी चाहिए, न कि केवल इसके एक हिस्से के लिए: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में बॉम्बे प्रेसिडेंसी रेडियो क्लब के अध्यक्ष हरीश कुमार गर्ग के खिलाफ 2018 में आयोजित क्लब की प्रबंधन समिति के चुनाव के विवाद के बारे में उनकी टिप्पणी के लिए वकील की मानहानि की शिकायत खारिज करने से इनकार कर दिया।जस्टिस अमित बोरकर ने मुंबई मिरर को 29 सितंबर, 2018 को प्रकाशित गर्ग की टिप्पणियों के खिलाफ शिकायत को खारिज करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने शिकायत खारिज करने से इनकार करते हुए कहा कि वे केवल आंशिक रूप से सच प्रतीत होते हैं और शिकायतकर्ता वकील रवि गोयनका को अपने...

प्रिवेंटिव डिटेंशन: गुवाहाटी हाईकोर्ट ने यह पता लगाने के लिए कि पुष्टि आदेश के बिना किसी को 3 महीने से अधिक समय तक हिरासत में रखा गया है या नहीं, जेलों से रिपोर्ट मांगी
प्रिवेंटिव डिटेंशन: गुवाहाटी हाईकोर्ट ने यह पता लगाने के लिए कि पुष्टि आदेश के बिना किसी को 3 महीने से अधिक समय तक हिरासत में रखा गया है या नहीं, जेलों से रिपोर्ट मांगी

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने हाल ही में असम राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण को सभी जेलों से रिपोर्ट मांगने और डिटेंशन के प्रारंभिक आदेश की तारीख से तीन महीने की अवधि के बाद प्रिवेंटिव डिटेंशन कानूनों के तहत सलाहकार बोर्ड द्वारा पारित पुष्टि के आदेश के बिना हिरासत में लिए गए बंदियों की स्थिति के संबंध में उपचारात्मक उपाय करने का निर्देश दिया।चीफ जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस मिताली ठाकुरिया की खंडपीठ ने प्रारंभिक हिरासत आदेश की पुष्टि किए बिना आठ महीने से अधिक समय तक सलाखों के पीछे रखे गए बंदी की हिरासत को...

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने आमिनगांव में रेड कैटेगरी उद्योग स्थापित करने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सहमति प्रदान करने पर यथास्थिति का आदेश दिया
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने आमिनगांव में 'रेड कैटेगरी' उद्योग स्थापित करने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सहमति प्रदान करने पर यथास्थिति का आदेश दिया

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने हाल ही में एक जनहित याचिका में असम सरकार और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया, जिसमें एम एम कार्बन प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड अमीनगांव, गुवाहाटी में एक 'रेड कैटेगरी' उद्योग (कैल्सिनयुक्त पेट्रोलियम केक) स्थापित करने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सहमति के फैसले पर सवाल उठाया गया है।चीफ जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस सुमन श्याम की खंडपीठ ने आगे निर्देश दिया कि विचाराधीन उद्योग के संबंध में यथास्थिति बनाए रखी जाएगी।याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट के...

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कई मामलों वाले व्यक्तियों की हिरासत अवधि को विनियमित करने के लिए एसओपी की मांग वाली याचिका पर नोटिस जारी किया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कई मामलों वाले व्यक्तियों की हिरासत अवधि को विनियमित करने के लिए एसओपी की मांग वाली याचिका पर नोटिस जारी किया

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कई मामलों में हिरासत में लिए गए व्यक्ति द्वारा हिरासत की कुल अवधि को विनियमित करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने की मांग वाली याचिका पर पंजाब और हरियाणआ सरकार को नोटिस जारी किया।याचिकाकर्ता का तर्क है कि सभी मामलों की हिरासत अवधि को संयुक्त रूप से पढ़ना संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत त्वरित सुनवाई के अधिकार का उल्लंघन होगा।याचिकाकर्ता कथित तौर पर 127 मामलों में शामिल है, जिसमें से याचिकाकर्ता 42 मामलों में मुकदमे का सामना कर रहा है, 56 मामलों में...

संवैधानिक कानून और न्यायशास्त्र के विकास में बार द्वारा निभाई गई भूमिका महत्वपूर्ण : जस्टिस कृष्ण मुरारी
संवैधानिक कानून और न्यायशास्त्र के विकास में बार द्वारा निभाई गई भूमिका महत्वपूर्ण : जस्टिस कृष्ण मुरारी

सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस कृष्ण मुरारी ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी द्वारा 'सर्वोच्च न्यायालय और भारतीय संविधान का विकास' पर आयोजित एक व्याख्यान में बोलते हुए कहा कि "मौलिक अधिकारों और संवैधानिक मूल्यों के संरक्षण के महत्वपूर्ण पहलू पर वर्षों से बार के सदस्य अपनी भूमिका निभा रहे हैं। संवैधानिक कानून और न्यायशास्त्र के विकास में उनका योगदान स्मारकीय है।जस्टिस मुरारी ने महाराष्ट्र राजनीतिक संकट में हाल के फैसले के उदाहरण का हवाला दिया "महाराष्ट्र संकट मामले में दोनों पक्षों के तर्कों का स्तर इस...

ज्ञानवापी: शिव लिंग का वैज्ञानिक सर्वेक्षण उसे नुकसान पहुंचाए बिना किया जा सकता है : एएसआई ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को बताया,  वाराणसी कोर्ट सर्वेक्षण की निगरानी करेगा
ज्ञानवापी: 'शिव लिंग' का वैज्ञानिक सर्वेक्षण उसे नुकसान पहुंचाए बिना किया जा सकता है' : एएसआई ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को बताया, वाराणसी कोर्ट सर्वेक्षण की निगरानी करेगा

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया कि वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर कथित तौर पर पाए गए 'शिव लिंग' का वैज्ञानिक सर्वेक्षण उसे नुकसान पहुंचाए बिना किया जा सकता है।इस संबंध में एएसआई द्वारा जस्टिस अरविंद कुमार मिश्रा-I की खंडपीठ के समक्ष वैज्ञानिक जांच के संभावित परिणाम के साथ साइट का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने के लिए उपलब्ध सभी विकल्पों के बारे में अपनी राय बताते हुए एक रिपोर्ट दायर की गई। रिपोर्ट में उन तरीकों के बारे में विस्तार...

दिल्ली हाईकोर्ट ने वरिष्ठ नागरिक अधिनियम की धारा 23 को पूर्वव्यापी रूप से लागू करने की याचिका खारिज की
दिल्ली हाईकोर्ट ने वरिष्ठ नागरिक अधिनियम की धारा 23 को पूर्वव्यापी रूप से लागू करने की याचिका खारिज की

दिल्ली हाईकोर्ट ने माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम, 2007 की धारा 23 को पूर्वव्यापी प्रभाव से लागू करने की मांग वाली एक याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें कुछ ऐसी परिस्थितियां प्रदान की गई हैं, जिनमें एक बुजुर्ग व्यक्ति द्वारा संपत्ति का हस्तांतरण शून्य होगा।चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की एक खंडपीठ ने चिरंजीत सिंह अहलूवालिया द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें प्रावधान की वैधता को चुनौती दी गई थी कि इसका आवेदन केवल एक वरिष्ठ नागरिक...

अनुच्छेद 226 | लोकपाल के समक्ष मौजूद कार्यवाही में हस्तक्षेप से बचना चाहिए, जब तक कि कुछ स्पष्ट रूप से गलत या कानून के विपरीत न हो: दिल्ली हाईकोर्ट
अनुच्छेद 226 | लोकपाल के समक्ष मौजूद कार्यवाही में हस्तक्षेप से बचना चाहिए, जब तक कि कुछ स्पष्ट रूप से गलत या कानून के विपरीत न हो: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि रिट क्षेत्राधिकार का प्रयोग करते हुए भारत के लोकपाल के समक्ष लंबित कार्यवाही में हस्तक्षेप से बचा जाना चाहिए, जब तक कि स्पष्ट रूप से कुछ गलत या कानून के विपरीत न हो।जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने कहा कि भ्रष्टाचार विरोधी निकाय के समक्ष कार्यवाही में हस्तक्षेप करने की बार-बार याचिकाएं लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 के उद्देश्य को विफल कर देंगी।यह देखते हुए कि लोकपाल लोक सेवकों के भ्रष्टाचार और कदाचार के आरोपों को देखने के लिए संसद द्वारा बनाई गई एक संस्था है, अदालत ने...