'मोदी चोर' टिप्पणी मानहानि केस - पटना हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई 4 जुलाई तक स्थगित की, अंतरिम राहत जारी रहेगी

Sharafat

15 May 2023 12:04 PM GMT

  • मोदी चोर टिप्पणी मानहानि केस -  पटना हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई 4 जुलाई तक स्थगित की, अंतरिम राहत जारी रहेगी

    पटना हाईकोर्ट ने सोमवार को राहुल गांधी की 'मोदी-चोर' टिप्पणी को लेकर पटना कोर्ट में राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी द्वारा उनके खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि के मामले को खारिज करने की याचिका पर सुनवाई 4 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी।

    हाईकोर्ट द्वारा 24 अप्रैल को दी गई कार्यवाही पर रोक की अंतरिम राहत सुनवाई की अगली तारीख तक जारी रहेगी।

    उल्लेखनीय है कि पटना कोर्ट वर्तमान में सुशील मोदी (सीनियर एडवोकेट और भारत के पूर्व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसडी संजय के माध्यम से) द्वारा दायर गांधी की 2019 में एक राजनीतिक रैली के दौरान कथित टिप्पणी "सभी चोर मोदी सरनेम क्यों साझा करते हैं" पर आईपीसी की धारा 500 (मानहानि) के तहत दायर एक आपराधिक शिकायत पर सुनवाई कर रहे हैं।

    यह मोदी का मामला है कि गांधी ने 'मोदी' सरनेम वाले लोगों को निशाना बनाते हुए अपमानजनक टिप्पणी की। गांधी को मामले में वर्ष 2019 में जमानत मिली थी।

    24 अप्रैल को मामले की सुनवाई करते हुए, एचसी ने पटना कोर्ट के समक्ष कार्यवाही पर रोक लगा दी। यह आदेश 18 अप्रैल को एचसी के समक्ष गांधी की ओर से एक पूरक हलफनामा दायर किए जाने के कुछ दिनों बाद पारित किया गया था, जिसमें यह दलील दी गई थी कि पटना अदालत के समक्ष मामला "दोहरे खतरे" के सिद्धांत से प्रभावित है क्योंकि गांधी को पहले ही सूरत की अदालत ने उसी टिप्पणी के लिए दोषी ठहराया है, जो सुशील मोदी की पटना कोर्ट में दायर मानहानि शिकायत की याचिका का केंद्र है।

    18 अप्रैल को एचसी के समक्ष गांधी की ओर से दायर एक पूरक हलफनामे में इस दलील का समर्थन किया था कि अप्रैल 2019 में करोल में एक राजनीतिक अभियान के दौरान की गई कथित टिप्पणी "सभी चोर मोदी सरनेम क्यों साझा करते हैं" के बाद से गांधी को दोषी ठहराया गया इसलिए अब पटना कोर्ट के समक्ष लंबित मामला सीआरपीसी की धारा 300 और भारत के संविधान के अनुच्छेद 20 (2) के तहत दोहरे खतरे के सिद्धांत से प्रभावित होगा।

    अनुच्छेद 20 (2) के अनुसार किसी भी व्यक्ति पर एक ही अपराध के लिए एक से अधिक बार मुकदमा नहीं चलाया जाएगा और दंडित नहीं किया जाएगा। सीआरपीसी की धारा 300 (1) न केवल एक ही अपराध के लिए बल्कि उन्हीं तथ्यों पर आधारित किसी अन्य अपराध के लिए भी किसी व्यक्ति के मुकदमे पर रोक लगाती है।

    इस संबंध में हलफनामे में आगे कहा गया कि इस मामले में एक ही तरह के तथ्य, कानून के प्रश्न शामिल हैं और अभियुक्त एक ही है और एक ही भाषण वर्तमान केस और साथ ही सूरत के मामले में आधार है और फर्क सिर्फ इतना है कि दोनों मामलों में शिकायतकर्ता अलग-अलग हैं।

    गांधी के वकील की दलीलों को सुनने और पूरक हलफनामे के तथ्यों को ध्यान में रखते हुए अदालत ने मानहानि मामले की कार्यवाही पर 16 मई तक रोक लगा दी।

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