मुख्य सुर्खियां
'आपदा के लिए नुस्खा' : केरल हाईकोर्ट ने डॉक्टर से प्रमाणित लोगों को शराब की आपूर्ति करने के आदेश पर रोक लगाई
केरल उच्च न्यायालय ने गुरुवार को केरल सरकार द्वारा 30 मार्च को जारी किए गए उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसके अनुसार आबकारी विभाग किसी डॉक्टर से यह प्रमाण पत्र लेने वाले व्यक्ति को शराब की आपूर्ति करेगा कि वह शराब वापसी सिन्ड्रोम से पीड़ित है।ये रोक तीन सप्ताह की अवधि के लिए है।जस्टिस ए के जयशंकरन नांबियार और जस्टिस शाजी पी शेली की पीठ ने कांग्रेस सांसद टी एन प्रथपन, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और केरल गवर्नमेंट मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन द्वारा दायर याचिकाओं पर ये अंतरिम आदेश पारित...
COVID 19 : केंद्र सरकार ने वाहन बीमा पॉलिसी और हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी की नवीनीकरण तारीख 21 अप्रैल तक बढ़ाई
केंद्र सरकार ने मोटर वाहन के थर्ड पार्टी बीमा और स्वास्थ्य बीमा की नवीनीकरण की नियत तारीख को उन व्यक्तियों के लिए आगे बढ़ा दिया है, जिनकी पॉलिसी देश में चल रहे लॉकडाउन अवधि के दौरान समाप्त हो रही हैं।बुधवार को इस संबंध में जारी एक अधिसूचना के माध्यम से, वित्त मंत्रालय ने 25 मार्च 2020 से 14 अप्रैल 2020 के बीच जिन पॉलिसी धारकों की पॉलिसी की अवधि समाप्त हो रही है, उन पॉलिसियों के नवीनीकरण की अवधि 21 अप्रैल तक बढ़ा दी है।इस संबंध में दो अधिसूचनाएं जारी की गई हैं, जिनके अनुसार, "जिन...
COVID-19 : आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने मछली और झींगा को आवश्यक आपूर्ति की श्रेणी में शामिल करने का आदेश दिया
अमरावती में आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने "आवश्यक आपूर्ति" की श्रेणी में मछली और झींगा (झींगे) को शामिल करने के लिए एक अंतरिम आदेश पारित किया है और राज्य के अधिकारियों को मछली और झींगा परिवहन करने वाले वाहनों को अनुमति देने का निर्देश दिया है। मत्स्य विभाग, पशुपालन मंत्रालय के मत्स्य विभाग के संयुक्त सचिव द्वारा दिनांक 24.03.2020 को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को संबोधित पत्र के मद्देनजर "आवश्यक आपूर्ति" की श्रेणी में मछली और झींगा (झींगे) को शामिल करके उनका परिवहन...
COVID-19: सुप्रीम कोर्ट मे अर्जी, असम के डिटेंशन सेंटर में रखे गए लोगों को रिहा करने की मांग
सुप्रीम कोर्ट में दायर एक अर्जी में, 'विदेशी नागरिक' बताकर असम के छह डिटेंशन सेंटर में रखे गए लोगों को रिहा करने की मांग की गई है। अर्जी में कहा गया है कि डिटेंशन सेंटर में रह रहे लोगों को भी COVID-19 से संक्रमण का खतरा हो सकता है। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने कोविड 19 की महामारी के मद्देनजर जेलों में भीड़ कम करने के लिए स्वतः संज्ञान लिया है, और अथॉरिटीज़ को विशिष्ट श्रेणियों के कैदियों को अंतरिम जमानत पर रिहा करने पर विचार करने को कहा है। असम स्थित एक पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट,...
वकीलों और क्लर्कों को बार काउंसिल से आर्थिक मदद दिलाने की याचिका पर मद्रास हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस
मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु और पुदुचेरी बार काउंसिल और तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी कर वकीलों और पंजीकृत क्लर्कों के लिए वित्तीय मदद माँगने को लेकर नोटिस जारी किया है। एक याचिका दायर कर अदालत को बार काउंसिल को 50,००० रुपए और क्लर्कों को 25,००० रुपए देने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया है। यह याचिका एडवोकेट डॉक्टर एएफ चेलय्या, चेन्नई ने दायर की और इस मामले की तत्काल सुनवाई की माँग की। न्यायमूर्ति विनीत कोठारी और न्यायमूर्ति आर सुरेश कुमार ने इस मामले की वीडीयो कंफ्रेंसिंग के माध्यम...
COVID-19 : तेलंगाना हाईकोर्ट ने कक्षा 10वीं राज्य बोर्ड परीक्षाएंं अनिश्चित काल के लिए स्थगित की
तेलंगाना हाईकोर्ट ने COVID-19 महामारी के खतरे की आशंका के मद्देनज़र राज्य के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि राज्य में कक्षा 10 वीं राज्य बोर्ड परीक्षाओं को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया जाए। उक्त परीक्षा 31 मार्च से 6 अप्रैल के बीच आयोजित की जानी थी। हालांकि, कोरोना वायरस के कारण गंभीर स्वास्थ्य जोखिम और देशव्यापी लॉकडाउन के मद्देनजर, न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव और न्यायमूर्ति के लक्ष्मण की खंडपीठ ने परीक्षा को स्थगित करने का आदेश दिया। , पीठ ने कहा, " कक्षा 10 राज्य बोर्ड...
COVID-19 : पटना हाईकोर्ट के न्यायाधीशों ने PM CARES फंंड में दस-दस हज़ार रुपए का योगदान दिया
COVID-19 महामारी के फैलने की आशंका के मद्देनज़र चल रहे राहत और बचाव कार्य में पटना हाईकोर्ट के न्यायाधीशों ने अपना योगदान देते हुए दस दस हज़ार रुपए का योगदान दिया है। पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों ने PM CARES में दस दस हज़ार रुपए का योगदान देने का फैसला लिया और इस संबंध में नोटिस के माध्यम से जानकारी दी। एक नोटिस के माध्यम से सूचित किया गया, जिसमें कहा गया है, "जब देश लॉकडाउन में हो तो मुश्किल के समय को ध्यान में रखते हुए, माननीय न्यायाधीशों ने किसी भी तरह की...
बॉम्बे हाईकोर्ट ने COVID-19 की वजह से बाज़ार में गिरावट आने पर फ़्यूचर रीटेल की एफसीआरपीएल के गिरवी रखे शेयर बेचने से आईडीबीआई को रोका
बिज़नेस पर्सन किशोर बियानी की कंपनी को उस समय भारी राहत मिली जब बॉम्बे हाईकोर्ट ने आईडीबीआई को उनकी कंपनी एफसीआरपीएल के उसके पास गिरवी रखे शेयरों को शेयर बाज़ार में आई गिरावट के बाद बेचने से रोक दिया। कोविड-19 महामारी के फैलने के बाद शेयर बाज़ार में लगातार गिरावट आ रही है। न्यायमूर्ति केके ताटेड ने रुरल फायनेंस होलसेल लिमिटेड (आरएफडब्ल्यूएल) और एफसीआरपीएल की वाणिज्यिक मामले की सुनवाई की जिसमें आईबीआईटीएसएल के पास 12 जनवरी 2018 और 10 अप्रैल 2019 गिरवी रखे अपने इन शेयरों की बिक्री के...
COVID 19 : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अपने और सभी अधीनस्थ न्यायालयों के अंतरिम आदेशों की मियाद 15 मई तक बढ़ाई
COVID-19 को लेकर स्वतः संज्ञान लेते हुए छतत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 16 मार्च तक समाप्त होने वाले सभी अंतरिम आदेशों की समय सीमा को 15 मई 2020 तक बढ़ा दी है।यह समय सीमा में यह वृद्धि सभी स्थगनादेशों और ज़मानत के आदेशों पर लागू होगी।यह आदेश न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति मनींद्र मोहन श्रीवास्तव ने माहामारी के कारण मुक़दमादारों को जो कठिनाई झेलनी पड़ रही है उसको देखकर पारित किया है। पीठ ने कहा,, "संविधान के अनुच्छेद 226 और 227 के तहत अधिकारों का प्रयोग करते हुए यह निर्देश दिया जाता...
दिल्ली हिंसा : ईदगाह कैंप से हटाए गए दंगा प्रभावित परिवारों को भोजन और दवाइयां मुहैया कराएंगे : दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट में बताया
दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर उन दंगा प्रभावित परिवारों की दुर्दशा पर प्रकाश डाला गया है जिन्हें COVID19 महामारी के कारण ईदगाह शिविर छोड़ना पड़ा है। दिल्ली सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में आश्वासन दिया है कि ऐसे परिवारों से संपर्क किया जाएगा और उन्हें सहायता प्रदान की जाएगी। न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति नवीन चावला की खंडपीठ के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई सुनवाई के दौरान उक्त आश्वासन दिए गए हैं। दिल्ली के दंगा पीड़ितों के बारे में कई मुद्दों पर प्रकाश डालते हुए,...
केरल हाईकोर्ट ने लॉकडाउन के दौरान नागरिकों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई पर स्वत: संज्ञान लिया, राज्य और केंद्र को नोटिस जारी
"COVID 19 महामारी से हम सभी प्रभावित हुए हैं, लेकिन इस दौरान हमारे कानून चुप नहीं रह सकते। उन्हें हमारे नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए काम करना जारी रखना चाहिए। यह हमारे न्यायशास्त्र में अच्छी तरह से स्थापित है कि हमारे संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार, आपातकाल के दौरान भी निलंबित नहीं किया जा सकता है। इस न्यायालय को नागरिकों पर संवैधानिक अधिकारों के उल्लंघन के आरोप के रूप में आए संकट के लिए सतर्क होना चाहिए।"
COVID-19: सात साल तक की सजा वाले अपराधों में जेल में बंद कैदियों को अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाए-केरल हाईकोर्ट ने दिया आदेश,अंतरिम आदेशों की अवधि 18 मई तक बढ़ाई
केरल हाईकोर्ट की फुल बेंच ने स्वत संज्ञान लेते हुए उन सभी अंतरिम आदेशों की अवधि 18 मई तक बढ़ा दी है,जो हाईकोर्ट व उसके अधीनस्थ न्यायालयों ने पारित किए थे। इससे पहले, हाईकोर्ट ने सभी अंतरिम आदेशों की अवधि को 14 अप्रैल तक बढ़ा दिया था।हालांकि, सोमवार को पारित एक आदेश में न्यायमूर्ति सी.के अब्दुल रहीम, न्यायमूर्ति सी.टी रविकुमार और न्यायमूर्ति राजा विजयराघवन वी की पीठ ने कहा कि- ''यह स्पष्ट किया जाता है कि इस न्यायालय के 25 मार्च 2020 के आदेश के तहत अंतरिम आदेशों की अवधि को बढ़ाया गया था। इस अवधि को...
COVID-19 : बॉम्बे हाईकोर्ट (गोवा बेंच) ने महामारी का मुकाबला करने के राज्य के उपायों पर संतोष व्यक्त किया
बॉम्बे हाईकोर्ट (गोवा बेंच) ने सोमवार को गोवा प्रशासन के COVID-19 महामारी का मुकाबला करने के उपायों पर संतोष व्यक्त किया। न्यायमूर्ति एमएस सोनक ने एक आदेश पारित करते हुए याचिकाओं का निस्तारण किया कि सचिव (स्वास्थ्य) द्वारा दायर जवाब में याचिकाकर्ता द्वारा उठाए गए मुद्दों के साथ-साथ महामारी से निपटने के लिए उठाए गए कदमों के संबंध में अन्य मुद्दों को भी संबोधित किया गया है। न्यायमूर्ति सोनक ने कहा कि मानक संचालन प्रक्रिया / प्रोटोकॉल पहले ही विकसित किए जा चुके हैं और इन्हें अनुमोदन के लिए...
अलग अलग मामलों में जुर्माने की राशि नहीं चुकाने पर क़ैद की सज़ा एक के बाद एक चलने का निर्देश नहीं दिया जा सकता : केरल हाईकोर्ट
केरल हाईकोर्ट ने कहा है कि अगर किसी आरोपी को कुछ मामलों में जुर्माने की राशि नहीं देने पर क़ैद की सज़ा के बारे में यह निर्देश नहीं दिया जा सकता कि सज़ा एक के बाद एक दी जाएगी। न्यायमूर्ति आर नारायण पिशारदी ने कहा जुर्माना नहीं जमा करने के लिए क़ैद को सज़ा नहीं माना जा सकता और यह दंड है जो जुर्माना नहीं देने के लिए दिया गया है। इस मामले में, आरोपी को चेक बाउंस हो जाने के तीन मामलों में दोषी पाया गया था। हर एक मामले में, उसे अदालत के उठने तक क़ैद की सज़ा दी गई थी और उसे जुर्माना भरने को कहा...
COVID-19: मज़दूर या कर्मचारी को न नौकरी से हटाएं न उनका वेतन काटें, महाराष्ट्र लेबर कमिशनर ने ज़िले के संबंधित अधिकारियों को एडवाइज़री जारी करने के निर्देश दिए
महाराष्ट्र राज्य के श्रम आयुक्त ने राज्य के विभिन्न जिलों में आयुक्तों और अन्य अधिकारियों को पत्र लिखकर अपने अधिकार क्षेत्र के सभी नियोक्ताओं / मालिकों को एक एडवाइजरी जारी करके उन्हें यह बताने को कहा है कि नियोक्ता / मालिक, किसी भी श्रमिक या कर्मचारी को नौकरी से न निकालें और न ही उनकी मजदूरी कम करें। संकट के इस दौर में पूरे देश को कोरोनो वायरस की महामारी से निपटने के लिए लॉकडाउन का सामना करना पड़ रहा है। डॉ.महेंद्र कल्याणकर ने कहा कि राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बहाने, कुछ नियोक्ता श्रमिकों की...
COVID-19 : केंद्र ने ईपीएफ खाताधारकों को वापस करने की शर्त के बिना अग्रिम राशि देने संबंधी अधिसूचना जारी की
केंद्रीय श्रम और रोज़गार मंत्रालय ने ईपीएफ योजना, 1952 को संशोधित करने संबंधी अधिसूचना जारी कर दी है। इस अधिसूचना के अनुसार, ईपीएफ के सदस्यों को COVID-19 को देखते हुए ऐसी अग्रिम राशि लेने की इजाज़त दी गई है, जिसमें वापस करने की शर्त नहीं होगी। इस अधिसूचना में तीन महीने तक के मूल वेतन और महंगाई भत्ता या उस व्यक्ति के खाते में कुल राशि का 75% हिस्सा, दोनों में से जो भी कम है, उसे अग्रिम राशि के रूप में निकालने की अनुमति दी गई है। COVID-19 को महामारी घोषित कर दिया गया है और इसलिए देश भर में...
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने आवश्यक वस्तुओं की बिक्री करने वाली दुकानों को खोलने की चंडीगढ़ प्रशासन की अनुमति को सही बताया
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने COVID-19 महामारी को देखते हुए रविवार को आवश्यक वस्तुओं की बिक्री करने वाली दुकानों को खोलने की अनुमति देने के चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश के आदेश को सही ठहराया। रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई एक विशेष सुनवाई में न्यायमूर्ति राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति राकेश कुमार जैन की पीठ ने आदेश को सही बताया। आदेश में कहा गया कि " 27 मार्च 2020 को जारी आदेश वैध है। यह आम लोगों के हित में जारी किया गया है। नीतिगत बातों में न्यायिक हस्तक्षेप का अवसर बहुत ही सीमित होता...



















