मुख्य सुर्खियां
COVID-19 : उड़ीसा बार काउंंसिल 10 साल से कम की प्रैक्टिस वाले वकीलों की वित्तीय मदद करेगी
COVID-19 के कारण लॉकडाउन को देखते हुए उड़ीसा बार काउंंसिल ने राज्य के ऐसे वकीलों को वित्तीय मदद देने का निर्णय किया है जिनको ज़रूरत है और जो दस साल से कम समय से प्रैक्टिस कर रहे हैं। एक विशेष बैठक में राज्य बार काउंंसिल के अध्यक्ष और सदस्यों ने इस बारे में आग्रह किए जाने के बाद इस मुद्दे पर ग़ौर किया ताकि ज़रूरतमंद वकीलों की मदद की जा सके। उड़ीसा बार काउंंसिल ने अशोक परीजा के नेतृत्व में एक विशेष समिति गठित की है। उन्होंने कहा, "विशेष समिति ने ज़रूरतमंद वकीलों को लॉकडाउन के कारण...
वकीलों ने कोरोना के सांप्रदायिकरण पर चिंता जताई, लिखा पत्र
दिल्ली के विभिन्न न्यायालयों में प्रैक्टिस करने वाले वकीलों ने एक पत्र जारी किया है जिसमें मीडिया के विभिन्न वर्गों द्वारा देश में कोरोना वायरस (COVID-19) के प्रसार के लिए जिम्मेदार एक अल्पसंख्यक समुदाय के बारे में नकली समाचारों के प्रसार के बारे में गंभीर चिंता व्यक्त की गई है। पत्र में प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया, एडिटर्स गिल्ड और सरकार से आग्रह किया गया है कि "इस तरह की फर्जी खबरों को हटाने और सभी चैनलों और सोशल मीडिया समूहों को एडवाइज़री जारी करें जो माहौल को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं"।...
लोगों की मौजूदगी को जितना भी संभव हो, कम करने की कोशिश हो रही है, बॉम्बे हाईकोर्ट ने दीर्घ अवधि तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए राज्य से की फंड की मांग
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि अदालत में लोगों की मौजूदगी को समाप्त करने की कोशिश की जा रही है। अदालत ने यह भी कहा है कि COVID-19 के इस दौर में लोगों को न्याय की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए काफ़ी क़दम उठाए गए हैं और इनमें से एक है वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई करना। प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, "मुंबई में एक प्रक्रिया विकसित की गई है और इसको परखा जा रहा है कि किसी को भी न्यायिक प्रक्रिया में भाग लेने केली अपने घर से नहीं निकलना पड़े। ...
तब्लीगी जमातः वीजा नियमों का उल्लंघन करने वाले विदेशी नागरिकों से सख्ती से निपटना होगा : गुजरात हाईकोर्ट
दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में हुई तब्लीगी जमात की धार्मिक मण्डली के कारण COVID-19 संक्रमण के कई केस सामने आने के मामले में गुजरात हाईकोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से कहा है कि उनको वीजा कानूनों के उल्लंघनकर्ताओं के साथ सख्ती से व्यवहार करना चाहिए। केंद्र सरकार द्वारा पेश की गई एक रिपोर्ट के अनुसार, अपने पर्यटक वीजा के आधार पर धार्मिक मण्डली में भाग लेने वाले 960 विदेशियों ने वीजा मैन्यूअल या नियमावली 2019 के प्रावधानों का उल्लंघन किया है। जो द फाॅरनेर्स एक्ट या विदेशी...
JCOVID-19 : J&K हाईकोर्ट ने हेल्थकेयर पेशेवरों की सुरक्षा और लॉकडाउन के पालन आदि को लेकर कई दिशा-निर्देश जारी किए
जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को याचिकाओं के एक समूह का निपटारा करते हुए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान शासन के कई मुद्दों के बारे में विभिन्न आदेश पारित किए।मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति रजनेश ओसवाल की पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कार्यवाही का संचालन किया। इन आदेशों के बारे में विवरण इस प्रकार है: -बेंच ने सुझाव दिया कि हेल्थकेयर पेशेवरों की एसोसिएशन अपने कुछ सदस्यों को नामांकित कर सकती हैं जो ज़मीनी वास्तविकताओं और राहत की आवश्यकताओं से अच्छी तरह से वाकिफ...
एनसीडीआरसी में 11 मार्च के सर्कुलर के आधार पर केंद्र ने जो नियुक्ति की है उसका भाग्य अदालत के फ़ैसले पर निर्भर : बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने केंद्र सरकार के वित्त, विधि और उपभोक्ता मामला मंत्रालयों और महाराष्ट्र सरकार को नए अधिकरण नियम, 2020 को दी गई चुनौती पर नोटिस जारी किया है। इस नियम को पिछले महीने केंद्र सरकार ने अधिसूचित किया और इसमें राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीरसी) में नियुक्ति को लेकर ज़रूरी योग्यता और अर्हता का ज़िक्र है। सिटिज़न फ़ोरम फ़ॉर इक्वालिटी के अध्यक्ष मधुकर गणपत कुकडे और उपभोक्ता फ़ोरम बार एसोसिएशन, नागपुर के अध्यक्ष वक़ील केएम क़ाज़ी ने यह याचिका दायर की है।...
COVID-19 :असंगठित क्षेत्र के लोगों को खाद्य आपूर्ति लेने के लिए जिला कलेक्टर कार्यालय में जाने के लिए कहना सामाजिक दूरी के नियमों का उल्लंघन कर सकता है : मद्रास हाईकोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट ने शुक्रवार को संबंधित राज्य प्राधिकरणों को निर्देश दिया है कि वे उस श्रेणी के लोगों को भी आवश्यक खाद्यान्नों के पैकेट वितरित करें जिनके पास कोई राशन कार्ड नहीं है। यह वितरण उसी काउंटर से किया जाए जिसके माध्यम से नागरिक आपूर्ति विभाग राशन कार्ड वाले व्यक्तियों को खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है। न्यायमूर्ति डॉक्टर विनीत कोठारी और न्यायमूर्ति आर.सुरेश कुमार की पीठ ने कहा कि "जिन व्यक्तियों के पास राशन कार्ड नहीं है, उनको COVID-19 महामारी के समय में अपना खाद्यान्न लेने के...
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट न्यायाधीश, स्टाफ PM CARES फंड में देंगे अपना योगदान, पढ़िए सर्कुलर
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक सर्कुलर जारी किया है जिसमें सभी माननीय न्यायाधीशों के साथ-साथ सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने कोरोना वायरस (COVID-19) के प्रकोप के मद्देनजर PM CARES फंड में योगदान करने का निर्णय लिया है। सर्कुलर में कहा गया है, "हमारा देश और पूरी दुनिया COVID-19 महामारी के कारण अभूतपूर्व समय से गुजर रहे हैं। कोरोना वायरस हमारे देश के लिए गंभीर स्वास्थ्य और आर्थिक समस्याएं पैदा कर रहा है और कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है।" इसलिए किसी भी...
सुप्रीम कोर्ट की ई-कमेटी की बैठक, लॉकडाउन में अर्जेंट मामलों की सुनवाई पर जोर
सुप्रीम कोर्ट की ई-कमेटी की बैठक शनिवार को हुई, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि लॉकडाउन की अवधि में अर्जेंट मामलों की सुनवाई होती रहे और सुनवाई के लिए सूचीबद्ध अन्य मामलों के लिए पार्टियों को कोर्ट में आने की आवश्यकता नहीं है। चेयरपर्सन डॉ जस्टिस चंद्रचूड़ ने उच्च न्यायालयों द्वारा अपने कार्यक्षेत्रों में शुरु किए गए उपायों की समीक्षा की। उन्होंने पाया कि कई राज्यों को ई-फाइलिंग में, वर्चुअल कोर्ट के संचालन में और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मामलों की सुनवाई में कठिनाइयां आ रही हैं,...
अभियोजन पक्ष को साबित करना होगा कि भूस्वामी प्रतिबंधित अफीम के पौधों को खेती कर रहा था, एनडीपीएस मामले में आरोपी को बरी करने के फैसले को बाॅम्बे हाईकोर्ट ने सही ठहराया
बॉम्बे हाई कोर्ट ने कुछ सप्ताह पहले एक 64 वर्षीय व्यक्ति को बरी कर दिया था। जिस पर आरोप था कि वह सतारा जिले के वई तालुका के तहत आने वाले गाँव बावधन के खेतों में अफीम-खसखस के पौधों की खेती करता था। न्यायमूर्ति एस.एस शिंदे और न्यायमूर्ति वी.जी बिष्ट की खंडपीठ ने कहा कि अफीम-खसखस के पौधे जिस क्षेत्र में पाए गए थे, वह आरोपी का था, परंतु इसका मतलब यह नहीं था कि वह क्षेत्र विशेष रूप से उसके ही नियंत्रण में था।केस की पृष्ठभूमिअभियोजन पक्ष के अनुसार, शिवाजी रसाल (अभियोजन पक्ष का गवाह नंबर 3) घटना...
COVID-19 : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने न्यायाधीशों , रजिस्ट्रार, न्यायिक अधिकारियों और न्यायपालिका के कर्मचारियों से एक दिन का वेतन दान करने का अनुरोध किया
COVID 19 महामारी के मद्देनजर राज्य / देश के सामने मौजूद गंभीर चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने न्यायाधीशों और रजिस्ट्रार और हाईकोर्ट के कर्मचारियों, और न्यायिक अधिकारियों और अधीनस्थ न्यायपालिका के कर्मचारियों से कोरोना के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में एक दिन का वेतन दान देने का अनुरोध किया है।। योगदान स्वैच्छिक आधार पर है और जो योगदान नहीं करना चाहते हैं उन्हें उच्च न्यायालय के नामित अधिकारी को कॉल / एसएमएस से सूचित कर सकते हैं। यदि ऐसी कोई सूचना नहीं...
बॉम्बे हाईकोर्ट ने ग़ैरक़ानूनी गर्भपात के आरोपी डॉक्टर को COVID-19 से मरीज़ों का इलाज करने की शर्त पर ज़मानत दी
बॉम्बे हाईकोर्ट के औरंगाबाद पीठ ने सोमवार को एक डॉक्टर को इस शर्त पर ज़मानत दी कि वह कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों की मदद करेगा।सात महीने की गर्भवाली 29 साल की एक महिला का ग़ैरक़ानूनी गर्भपात कराने के आरोपी डॉक्टर को ज़मानत देते हुए एकल पीठ के जज न्यायमूर्ति टीवी नलवाड़े ने कहा, "आवेदक अभियोजन पक्ष की गवाही से किसी तरह की छेड़छाड़ और इसी तरह का कोई और अपराध नहीं करेगा' जेल से छोड़े जाने के बाद वह सरकारी मेडिकल कॉलेज, औरंगाबाद के डीन से मिलेगा और यह लिखित आश्वासन देगा कि वह डीन के कहे मुताबिक़...
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने अपर न्यायिक अधिकारियों से ज़मानत के आदेशों पर अमल सुनिश्चित करने और संपर्क विवरणों को अद्यतन करने को कहा
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सोमवार को अपर न्यायिक अधिकारियों से कहा कि वे ऐसी व्यवस्था बनाएँ ताकि लॉकडाउन के दौरान ड्यूटी पर मौजूद सभी मजिस्ट्रेटों के संपर्क संबंधी विवरणों को आधिकारिक वेबसाइट पर अद्यतन हो ताकि ज़मानत के आदेश पर अमल को सुनिश्चित किया जा सके। न्यायमूर्ति हरनरेश सिंह गिल ने एक विचाराधीन क़ैदी के आवेदन पर यह आदेश दिया। इस क़ैदी को पिछले दो बार से ज़मानत मिल जाने के बाद भी जेल से नहीं छोड़ा गया है। पहली बार इसे अतिरिक्त ज़िला जल ने फरवरी में और दूसरी बार सत्र न्यायधीश ने 23...
लॉकडाउन उपाय राज्य सख्ती से लागू करें : केंद्रीय गृह मंत्रालय
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार को सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को 24 मार्च को केंद्र सरकार द्वारा जारी लॉकडाउन उपायों को सख्ती से लागू करने के लिए कहा। इसके मद्देनजर, राज्य अधिकारियों को आईपीसी की धारा 188 के अलावा, आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत संबंधित प्रावधानों को व्यापक रूप से प्रचारित करने के लिए निर्देशित किया गया है, जिसका उपयोग लॉकडाउन उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ किया जा सकता है। मंत्रालय ने राज्य के मुख्य सचिवों को संबोधित एक पत्र में कहा, " ऑर्डर नंबर 40-3 / 2020-डीएम-आई (ए) दिनांक...
COVID19: कलकत्ता हाईकोर्ट ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के प्रशासन को स्वदेशी आबादी की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया
कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को अंडमान और निकोबार द्वीप के प्रशासन के लिए कई उल्लेखनीय अंतरिम दिशा-निर्देश पारित किए हैं ताकि द्वीपों में COVID 19 को फैलने से रोकना सुनिश्चित किया जा सकें।मुख्य न्यायाधीश टी.बी.एन राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने 27 मार्च, 2020 को एक अधिवक्ता डी.सी कबीर द्वारा लिखे गए एक पत्र पर स्वत संज्ञान लिया है। जिसमें कहा गया था कि अगर जल्द से जल्द तत्काल उपाय नहीं किए गए तो द्वीपों में संक्रमण का संभावित प्रसार हो सकता है। उपरोक्त के...
COVID-19 : बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य से श्रमिकों/प्रवासियों को ज़रूरी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने को कहा
बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने राज्य के अथॉरिटीज़ से कहा है कि वे COVID-19 महामारी को देखते हुए राज्य में सभी श्रमिकों और प्रवासी मज़दूरों को बुनियादी सुविधाएँ सुनिश्चित करने के लिए तत्काल क़दम उठाएँ।देश भर में COVID-19 महामारी के कारण हुए लॉकडाउन के कारण श्रमिकों को उनका काम बंद हो जाने के कारण हुए "अकल्पनीय मुश्किलों" पर ग़ौर करते हुए न्यायमूर्ति सुनील बी शुक्रे की एकल पीठ ने कहा,"इस परिस्थिति में ज़रूरी बात है कि इन श्रमिकों को कपड़ा, दवा और स्वास्थ्य सुविधाएँ मुहैया कराए जाने के अलावा...
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का फैसला, जीवन के अधिकार का ही एक पहलू है जनन का अधिकार, गर्भपात पर नाबालिग की सहमति आवश्यक
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने माना है कि नाबालिग लड़की का जनन का अधिकार या जीवन निर्माण का अधिकार, अनुच्छेद 21 के तहत दिए गए जीवन के अधिकार का एक पहलू है, इसलिए नाबालिग की सहमति के बगैर उसके गर्भपात की अनुमति नहीं दी जा सकती है।जस्टिस संजय के अग्रवाल की एकल पीठ ने नाबालिग के पिता की याचिका खारिज़ कर दी, जिसमें उसने अपनी बेटी का गर्भपात करवाने की अनुमति मांगी थी। कोर्ट को दिए बयान में बेटी ने गर्भपात के लिए सहमति नहीं दी थी, जिसके बाद कोर्ट ने कहा सहमति के बिना गर्भपात का आदेश नहीं दिया जा सकता है।...
'आपदा के लिए नुस्खा' : केरल हाईकोर्ट ने डॉक्टर से प्रमाणित लोगों को शराब की आपूर्ति करने के आदेश पर रोक लगाई
केरल उच्च न्यायालय ने गुरुवार को केरल सरकार द्वारा 30 मार्च को जारी किए गए उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसके अनुसार आबकारी विभाग किसी डॉक्टर से यह प्रमाण पत्र लेने वाले व्यक्ति को शराब की आपूर्ति करेगा कि वह शराब वापसी सिन्ड्रोम से पीड़ित है।ये रोक तीन सप्ताह की अवधि के लिए है।जस्टिस ए के जयशंकरन नांबियार और जस्टिस शाजी पी शेली की पीठ ने कांग्रेस सांसद टी एन प्रथपन, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और केरल गवर्नमेंट मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन द्वारा दायर याचिकाओं पर ये अंतरिम आदेश पारित...


















