पेंशन खाता कुर्की का मामला: ऋणी के आवेदन पर विचार का आईटी विभाग को दिल्ली हाईकोर्ट का निर्देश
LiveLaw News Network
6 May 2020 5:49 PM IST
दिल्ली हाईकोर्ट ने आयकर विभाग को उस ऋणी के अनुरोध पर विचार करने का निर्देश दिया है जिसका पेंशन खाता विभाग ने कुर्क कर लिया है।
न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा की एकल पीठ ने आईटी विभाग को निर्देश दिया है कि वह याचिकाकर्ता के पक्ष पर विचार करे और कानून के दायरे में, एक सप्ताह में आदेश पारित करे।
मौजूदा रिट याचिका में, याचिकाकर्ता ने उसके बैंक खाते को कुर्क करने के आदेश में संशोधन करने तथा भारतीय स्टेट बैंक और एचडीएफसी बैंक खातों में जमा पेंशन राशि की निकासी की अनुमति का प्रधान आयकर आयुक्त को निर्देश देने का हाईकोर्ट से आग्रह किया है।
इसके साथ ही याचिकाकर्ता ने 11 फरवरी 2020 के उस कुर्की आदेश को भी निरस्त करने का अनुरोध किया है, जिसके तहत पेंशन खातों को कुर्क कर दिया गया है।
याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि पेंशन अधिनियम, 1871 की धारा 11 के तहत पेंशन खातों को कुर्की से छूट प्राप्त है।
आयकर विभाग के लिए पेश वकील रुचिर भाटिया ने दलील दी कि 'गुरचरण सिंह बनाम प्रधान आयकर आयुक्त' के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की खंडपीठ के फैसले के मद्देनजर आयकर बकाया 'प्रमुख बकाया'होता है और यह पेंशन अधिनियम, 1871 की धारा 11 के तहत चिह्नित किसी भी श्रेणी में नहीं आयेगा।
हालांकि, श्री भाटिया ने यह भी दलील दी कि यदि याचिकाकर्ता कोरोना वायरस 'COVID-19' महामारी के के मद्देनजर कोई अनुरोध करता है तो आयकर विभाग कानून के दायरे में सहानुभूतिपूर्वक उस पर विचार करेगा।
इस दलील के आलोक में याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि वह एक सप्ताह के भीतर अपना पक्ष विभाग के समक्ष रखेगा।
कोर्ट ने याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि यदि अनुरोध पर विचार करने के बाद भी कोई मसला रह जाता है तो याचिकाकर्ता फिर से कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए स्वतंत्र हैं।
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