मुख्य सुर्खियां
सुनवाई के लिए तैयार, लंबित मामलों पर भी वेकेशन बेंच करेगी सुनवाई : केरल हाईकोर्ट
केरल हाईकोर्ट ने वेकेशन बेंच के बैठने के लिए एक व्यापक कार्यक्रम जारी किया है, जो तत्काल मामलों और अन्य मामलों की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से करेंगी जो निपटान के में चरण हैं। पिछले महीने हाईकोर्ट ने घोषणा की थी कि वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से तत्काल मामलों की सुनवाई के लिए गर्मियों की छुट्टियों में 2020 में से बैठेगा। सोमवार को रजिस्ट्रार जनरल द्वारा एक अधिसूचना में, यह सूचित किया गया है कि सभी लंबित मामलों "सुनवाई के लिए तैयार" को भी अवकाश अवधि के दौरान सुनवाई के लिए लिया...
इलाहाबाद और लखनऊ हाईकोर्ट बेंच 8 मई से शिफ्ट में सुनवाई करेंगी
कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण लॉकडाउन के तीसरे चरण के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इलाहाबाद और लखनऊ में "शिफ्ट" में काम करने का फैसला किया है। हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा जारी एक नोटिस के अनुसार, उच्च न्यायालय की बेंच 8 मई, 2020 से "दो अलग-अलग शिफ्ट में आपराधिक और सिविल मामलों के लिए अलग-अलग सत्रों में खुलेगी।नोटिस में कहा गया है, "प्रत्येक सत्र के लिए समय सुबह 10.30 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक और दोपहर 1.30 बजे से 3.30 बजे तक होगा। अदालतों का संचालन करते समय सामाजिक दूरी से संबंधित सभी...
ई-फ़ाइलिंग में आ रही समस्या को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भेजी पत्र याचिका
ई-फ़ाइलिंग से जुड़े मामलों को लेकर हाईकोर्ट और अधीनस्थ कोर्ट को एक एसओपी जारी करने के लिए निर्देश देने की मांग के बारे में इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को एक पत्र याचिका भेजी गई है। इस विषय में आवेदन/पीआईएल एडवोकेट सैयद मोहम्मद हैदर ने दायर किया है। इस याचिका में कहा गया है कि ज़रूरी मामलों की ई-सुनवाई वकीलों और मुक़दमादारों को सहूलियत नहीं दे रही है, जैसा कि सोचा गया था और इसके कई कारण हैं और इन पर अदालत को ग़ौर करने की ज़रूरत है। चूंकि अभी इस बात की उम्मीद कम है कि आने वाले कुछ...
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग से सीमित मामलों की सुनवाई का दायरा बढ़ाने के निर्देश जारी किये
COVID-19 के वायरस के संक्रमण को नियंत्रित करने के उद्देश्य से मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा पूर्व में केंद्र सरकार द्वारा पूर्ण लॉकडाउन घोषित किये जाने के उपरांत, सीमित संख्या में अर्जेंट प्रकृति के प्रकरणों की सुनवाई किये जाने के निर्देश दिनांक 25-03-2020 को जारी किये गये थे। इसके पश्चात् लॉकडाउन की अवधि बढ़ने पर पुनः प्रकरणों की सुनवाई के संबंध में निर्देश जारी किये गये हैं किन्तु लंबित मामलों में सुनवाई प्रारंभ नहीं हो पाई। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय एवं राज्य के सभी अधीनस्थ न्यायालयों...
सिर्फ़ बहुत ज़रूरी मामलों की सुनवाई तक ही अदालत के काम को सीमित रखना तर्क से परे : जीएचसीएए के अध्यक्ष ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा
गुजरात हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन (जीएचसीएए ) के अध्यक्ष यतिन ओझा ने मुख्य न्यायधीश विक्रम नाथ को पत्र लिखकर हाईकोर्ट को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पूरी सुनवाई का आग्रह किया है। पत्र मेंं लिखा है, "…आपसे मेरा अनुरोध है कि अदालत को पूरी तरह वीडियो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए सुनवाई करनी चाहिए और नए और पुराने सभी मामलों की सुनवाई होनी चाहिए।" ओझा ने मुख्य न्यायाधीश से कहा है कि वह इस बारे में शुक्रवार को जारी हाईकोर्ट के सर्कुलर को वापस ले लें।" इस सर्कुलर के माध्यम से हाईकोर्ट ने...
COVID-19 महामारी के दौरान ट्रांसजेंडर समुदाय की स्थिति को लेकर दायर याचिका पर पटना हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया
पटना हाईकोर्ट ने COVID-19 महामारी के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान ट्रांसजेंडर समुदाय की बदहाल स्थिति को लेकर दायर एक याचिका पर बिहार सरकार को नोटिस जारी किया है। इस याचिका में इस समुदाय के लोगों को वित्तीय मदद देने का निर्देश देने की मांग अदालत से की गई है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति एस कुमार की पीठ ने इस याचिका पर ग़ौर किया जिसमें बताया गया है कि इस समुदाय के लोगों को बहिष्करण झेलना पड़ता है और वह भी आज के समय में जब महामारी फैला हुई है। याचिका एडवोकेट आकाश केशव और...
NCR में रहने वाले वकीलों को दिल्ली आने जाने की अनुमति दी जाए, DHCBA ने दिल्ली हाईकोर्ट से अनुरोध किया
दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (डीएचसीबीए) ने दिल्ली हाईकोर्ट से अनुरोध किया है कि वह दिल्ली पुलिस को एनसीआर क्षेत्र (नोएडा, गाजियाबाद, गुड़गांव और फरीदाबाद) में रहने वाले वकीलों को स्वतंत्र रूप से दिल्ली में और दिल्ली से बाहर आने जाने की अनुमति देने का निर्देश दे। दिल्ली हाईकोर्ट को संबोधित करते हुए एक पत्र में डीएचसीबीए के अध्यक्ष मोहित माथुर ने कहा है कि वकीलों को अदालत द्वारा जारी किए गए वैध पहचान पत्र, या किसी भी बार एसोसिएशन / बार काउंसिल द्वारा आने जाने की अनुमति दी जानी चाहिए जिन्होंने...
जनहित याचिका में आरोप, नागपुर में नहीं हो रहा सरकार के निर्देशों का पालन, अधिकारी मनमाने तरीके से लोगों को क्वारंटीन कर रहे
बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने रविवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई की, जिसमें COVID 19 के संबंध में केंद्र सरकार/ ICMR द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने करने का आरोप लगाया गया था। याचिकाकर्ता ने अनुरोध किया था कि यह अति-आवश्यक मामला है, जिसकी तात्कल सुनवाई की जाए। याचिका में यह भी आरोप लगाया था कि अधिकारी नागपुर के विशेष इलाकों से लोगों को बेतरतीब तरीके से उठा रहे हैं और उन्हें क्वारंटीन सेंटर में डाल रहे थे। भले ही वे संक्रमित हों या न हों। जस्टिस अनिल एस किलोर ने मामले में...
केरल हाईकोर्ट ने कहा, अपनी पसंद का नाम रखना अभिव्यक्ति की आजादी का हिस्सा
केरल हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत किसी व्यक्ति के नाम को वैसे ही बोलना, जैसी उसका इच्छा है, उस व्यक्ति का मौलिक अधिकार है। हाईकोर्ट ने कहा, "नाम रखना और उसे वैसे बोलना, जैसी उस व्यक्ति की इच्छा है, जिसका नाम लिया जा रहा है, निश्चित रूप से अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और अनुच्छेद 21 के तहत स्वतंत्रता के अधिकार का हिस्सा है।" जस्टिस बेचू कुरियन थॉमस की बेंच ने एक लड़की की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह...
उत्तर प्रदेश में सभी अधीनस्थ अदालतें और ट्रिब्यूनल अगले निर्देश तक बंद रहेंगे : इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने घोषणा की है कि वाणिज्यिक न्यायालयों, मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरणों और भूमि अधिग्रहण पुनर्वास और पुनर्वास प्राधिकरण सहित यूपी में सभी अधीनस्थ अदालतें अगले आदेश तक बंद रहेंगी। इससे पहले, उच्च न्यायालय ने सूचित किया था कि तीन मई तक लॉकडाउन की अवधि समाप्त होने तक इसकी अधीनस्थ सभी अदालतें बंद रहेंगी। यह राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा उच्च न्यायालय को संबोधित पत्र के मद्देनजर किया गया था, जिसमें लॉकडाउन की अवधि समाप्त होने के बाद ही अधीनस्थ अदालतों को खोलने का अनुरोध किया...
प्रिंट और विजुअल मीडिया पर कोरोना को सांप्रदायिक रूप देने का आरोप, मद्रास हाईकोर्ट ने दिशानिर्देश तय करने की मांग वाली याचिका खारिज की
पिछले दिनों अपने एक आदेश में ,मद्रास हाईकोर्ट ने COVID-19 महामारी के चलते मीडिया के विनियमन के लिए दिशा-निर्देश जारी करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने दोहराया कि इस पहलू पर भारत सरकार को विचार करना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि- ''अदालत ने भी इस बात पर ध्यान दिया है कि सभी संस्थाएँ संबंधित कानून के तहत आती हैं,परंतु विजुअल या दृश्य मीडिया कानून के दायरे में नहीं आ रहा है। इसलिए भारत सरकार को चाहिए कि वह इस मामले को देखें। यह न्यायालय इस मामले पर विचार नहीं कर रहा है।'' न्यायमूर्ति एम....
दिल्ली हाईकोर्ट रजिस्ट्री अधिकारी का COVID 19 टेस्ट पॉज़िटिव आया, अस्पताल में भर्ती
दिल्ली हाईकोर्ट रजिस्ट्री के एक अधिकारी का COVID 19 टेस्ट पॉज़िटिव आया है। प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है। इस अधिकारी को लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हाईकोर्ट के सूत्रों के अनुसार, अधिकारी 20 मार्च से अदालत परिसर में नहीं आ रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि ओरिजिनल साइड रजिस्ट्री में तैनात अधिकारी को शनिवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। हाईकोर्ट अपने अधिकारी के स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रख रहा है और उसने परिवार को किसी...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने न्यायालय की गर्मियों की छुट्टी रद्द की
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपनी हाईकोर्ट खंडपीठ के साथ-साथ अधीनस्थ न्यायालयों में नियमित कार्य को स्थगित रखने के आदेश को जारी रखने का संकल्प लिया है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 2 मई को सुबह 11 बजे आयोजित की गई हाईकोर्ट की प्रशासनिक समिति की एक बैठक में यह प्रस्ताव पास किया गया है कि इस अवधि के बदले, जून के महीने में गर्मियों की छुट्टी की अवधि के दौरान उच्च न्यायालय खुला रहेगा। 22 जून से 26 जून 2020 के बीच की अवधि के अवकाश को रद्द कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि समिति ने राज्य में अधीनस्थ...
घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत संरक्षण अधिकारी के काम को आवश्यक सेवा में शामिल करें, जेजीएलएस के लीगल एड क्लीनिक ने गृह मंत्रालय को लिखा
जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल (जेजीएलएस) के लीगल एड क्लीनिक ने गृहमंत्रालय को लिखा है कि घरलू हिंसा अधिनियम, 2005 के तहत संरक्षण अधिकारी के कार्य को आवश्यक सेवाओं में शामिल किया जाए। इस बारे में लिखे गए पत्र में कहा गया है कि मार्च में दर्ज घरेलू हिंसा की कुल संख्या 63 थी जो कि अप्रैल में तेज़ी से बढ़कर 310 हो गई। इसी तरह एक महीने के भीतर गरिमा से रहने के अधिकार की श्रेणी के तहत दर्ज मामलों की संख्या 66 बढ़कर 216 हो गई। पत्र में कहा गया है कि यह वृद्धि भी इस समस्य की वास्तविक विकरालता को नहीं...
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट 17 मई तक अर्जेंट मामलोंं पर सुनवाई करना जारी रखेगा
देशव्यापी लॉकडाउन के तीसरे चरण के मद्देनजर, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने नियमित अदालत के कामकाज के निलंबन की अवधि बढ़ा दी है और घोषणा की है कि केवल जरूरी मामलों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 17 मई, 2020 तक सुनवाई की जाएगी। शनिवार को उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा जारी सर्कुलर में यह सूचित किया गया है कि उच्च न्यायालय द्वारा 25 मार्च, 14 अप्रैल और 20 अप्रैल को जारी किए गए पिछले सर्कुलर का संचालन बढ़ाया गया है। वास्तव में, राज्य की सभी अदालतों में 17 मई, 2020 तक ...
COVID-19 संक्रमण के कारण छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एके त्रिपाठी का निधन
COVID-19 संक्रमण के कारण छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और लोकपाल सदस्य न्यायमूर्ति एके त्रिपाठी की मृत्यु हो गई। न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) त्रिपाठी लोकपाल के चार न्यायिक सदस्यों में से एक थे और उन्हें 23 मार्च 2019 को नियुक्त किया गया था। उन्हें 2 अप्रैल को दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था। उनकी बेटी और रसोइया भी संक्रमित हो गए थे, लेकिन सूत्र बताते हैं कि वे ठीक हो गए हैं। न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) त्रिपाठी ने एसआरसीसी से अर्थशास्त्र (ऑनर्स) में स्नातक किया था...
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने वीडियो कांफ्रेंसिंग व्यवस्था अपनाने के लिए निर्देश जारी किये
देश में COVID-19 महामारी को दृष्टिगत रखते हुए माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ए.के. मित्तल द्वारा उच्च न्यायालय जबलपुर व खंडपीठ ग्वालियर व इंदौर तथा प्रदेश के समस्त जिला न्यायालयों में प्रकरणों की सुनवाई हेतु तकनीक आधारित वीडियो कांफ्रेंसिंग व्यवस्था अपनाने के लिए निर्देश दिए गए हैं, जिससे अत्यावश्यक मामलों की सुनवाई होने के साथ-साथ लॉकडाउन अवधि में जारी किये जा रहे दिशा-निर्देशों का पालन किया जा सके।साथ ही सामाजिक दूरी बनाये रखते हुए अभिभाषक,...
नेशनल लॉकडाउनः कानून के पेशेवरों को सूचना संसाधनों तक ''निर्बाध पहुंच'' उपलब्ध कराने के लिए एनएलयू-डी ने शुरू की ई लाइब्रेरी
नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, दिल्ली ने नेशनल लाॅकडाउन के चलते अपने छात्रों व कानूनी पेशे से जुड़े लोगों तक कानूनी सूचना संसाधनों की ''निर्बाध पहुंच'' उपलब्ध कराने के लिए एक ई-लाइब्रेरी लॉन्च की है। एनएलयू-डी में स्थापित जस्टिस टी.पी.एस चावला लाइब्रेरी आईसीटी तकनीकों के उपयोग से अपने छात्रों और संकाय सदस्यों को सूचना सेवाएं प्रदान करेगी। इससे डिजिटल एक्सेस पोर्टल के जरिए शुल्क पर आधारित डेटाबेस तक इस समय कैंपस से बाहर रह रहे छात्रों और संकाय सदस्यों की पहुंच हो जाएगी, जिसके लिए उनको दिए गए...
"जिम्मेदार पत्रकारिता में गैर-जिम्मेदार रिपोर्टिंग की कोई जगह नहीं", कलकत्ता हाईकोर्ट ने अपलोड आदेश के आधार पर मीडिया से अपनी रिपोर्ट सत्यापित करने को कहा
COVID-19 महामारी के खतरे से निपटने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयासों से संबंधित एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने मीडिया को चेताया है कि वह अपने आपको ''गैर-जिम्मेदाराना रिपोर्टिंग'' से दूर रखे। यह टिप्पणी मुख्य न्यायाधीश थोटाथिल बी. राधाकृष्णन के नेतृत्व वाली दो सदस्यीय खंडपीठ ने की है। चूंकि राज्य सरकार ने इंगित किया था यह जनहित याचिका एक ''पब्लिसिटी ओरिएंटेड लिटिगेशन'' है, जिसका इस्तेमाल याचिकाकर्ता अपनी राजनीतिक पहचान बढ़ाने और सार्वजनिक कार्यक्षेत्र में अपनी...
मद्रास हाईकोर्ट ने राशन कार्डधारकों को मिलने वाले नक़द लाभ में बढ़ोतरी करने संबंधी याचिका ख़ारिज की
मद्रास हाईकोर्ट ने शुक्रवार को तमिलनाडु में राशन कार्डधारी लोगों को मिलने वाली 1000 रुपए की नक़द राशि में बढ़ोतरी किए जाने का आदेश दिए जाने संबंधी याचिका ख़ारिज कर दी। यह याचिका एडवोकेट के भारती ने दायर की थी कि लॉकडाउन की अवधि बढ़ाए जाने के बाद राशन कार्डधारकों को जो 1000 रुपए मिलते हैं वह पर्याप्त नहीं है। भारती ने कहा कि दिहाड़ी मज़दूरों, ठेके पर काम करने वाले और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों सहित ग़रीब लोगों के लिए किसी भी तरह के पैकेज की घोषणा नहीं की गई है। याचिकाकर्ता ने अदालत से...


















