मुख्य सुर्खियां
दिल्ली हाईकोर्ट ने ज़मानत पर छोड़े गए आरोपियों को जीपीएस से ट्रैक करने को कहा
दिल्ली हाईकोर्ट ने ज़मानत पर छोड़े गए आरोपियों पर जीपीएस के माध्यम से नज़र रखने की बात कही है। न्यायमूर्ति आशा मेनन की एकल पीठ ने क्रिकेट बुकी संजीव चावला को ज़मानत देने के ख़िलाफ़ दिल्ली सरकार की याचिका को ख़ारिज करते हुए यह कहा। चावला पर सन 2000 में क्रिकेट मैच फ़िक्स कारने का आरोप है। न्यायमूर्ति आशा मेनन ने कहा, "अमेरिका में जिस तरह डिजिटल और इलेट्रॉनिक उपकरणों का प्रयोग हो रहा है, उसे भारत में भी शुरू किया जाना चाहिए ताकि ज़मानत पर छोड़े गए आरोपियों की जीपीएस जैसे ट्रैकिंग...
मद्रास हाईकोर्ट ने टीएएसएमएसी शराब की दुकानों को दी अनुमति, तीन दिन में एक बार हर व्यक्ति को बेच सकेंगे दो बोतल शराब
‘‘शराब खरीदने वालों के आर्डर के डिजिटल भुगतान और ऑनलाइन बुकिंग को प्रोत्साहित करने के लिए, हम यह निर्देश देते हैं कि जो लोग ऑनलाइन बुकिंग करते हैं और बैंकिंग चैनल के माध्यम से ऑनलाइन डिजिटल भुगतान करते हैं, उन्हें एक दिन में एक प्रकार की शराब की दो बोतलें खरीदने की अनुमति है। वहीं जो लोग ऑनलाइन भुगतान नहीं करते हैं और ऑनलाइन ऑर्डर बुक नहीं करते हैं (क्योंकि हो सकता है कि उनके पास ऐसी मोबाइल फोन की सुविधा न हो),उन्हें टोकन जारी किए जाएं और उसके आधार पर एक दिन में केवल 750 एमएल की एक बोतल खरीदने की अनुमति होगी।’’
लॉकडाउन 3 : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट और अधीनस्थ कोर्ट द्वारा पारित अंतरिम आदेशों की अवधि 3 जून तक बढ़ाई
देशव्यापी लॉकडाउन के तीसरे चरण के मद्देनजर मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट और इसके अधीनस्थ कोर्ट द्वारा पारित सभी अंतरिम आदेशों को आगे बढ़ा दिया है, जिनकी अवधि 19 मार्च के बाद, 3 जून तक समाप्त हो गई है। इसके अलावा, बेदखली, विस्तार या विध्वंस के आदेश और 17 मई को या उससे पहले अग्रिम जमानत की अवधि के आदेश भी 3 जून तक बढ़ा दिए गए हैं।ये आदेश स्वत: संज्ञान लेकर पारित किये गए हैं, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि मुकदमों के लिए "कानून के...
मध्यस्थता के दौरान आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल के आदेश को रिट याचिका के जरिए चुनौती नहीं दी जा सकती : गुजरात हाईकोर्ट
गुजरात हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह दिए एक फैसले में विचार किया कि क्या 1996 के अधिनियम के तहत मध्यस्थता की कार्यवाही की विचाराधीनता के मध्य पारित आदेश को संविधान के अनुच्छेद 226 और 227 के तहत उत्प्रेषण के जरिए चुनौती दी जा सकती है या नहीं। कोर्ट ने कहा, " मध्यस्थता अधिनियम, 1996 की नीति, उद्देश्य और प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए, आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल द्वारा मध्यस्थता की कार्यवाही के दरमियान पारित आदेश को अनुच्छेद 226 और 227 के तहत चुनौती नहीं दी जा सकती है क्योंकि 1996 अधिनियम एक विशेष...
दिल्ली हाईकोर्ट ने एक कैदी को रिहा करने से इसलिए किया इनकार क्योंकि उसका घर कोरोना कंटेंटमेंट एरिया में है
सज़ा के अंतरिम निलंबन की मांग करने वाले एक आवेदन पर विचार करने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने एक कैदी को रिहा करने से इनकार कर दिया क्योंकि उसका निवास दिल्ली में कोरोना कंटेंटमेंट एरिया में आता है। न्यायमूर्ति विभु बाखरू की एकल पीठ ने राहत देने से इनकार करते हुए उल्लेख किया कि चूंकि आवेदक का निवास एक अधिसूचित क्षेत्र में आता है, जहाँ निवासियों को संक्रमण होने का अधिक खतरा होता है, इसलिए COVID19 छूत के आधार पर कैदी को रिहा करना उचित नहीं होगा। यह आदेश एक आवेदन पर आया है जिसमें...
Bois Locker Room : वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट को भेजी पत्र याचिका, आपराधिक कार्रवाई की मांग
तीन वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखकर Bois Locker Room नामक इंस्टाग्राम चैट ग्रुप के स्क्रीनशॉट्स के वायरल होने के बाद इसके खिलाफ कार्रवाई शुरू करने की मांग की है। सेक्रेट्री जनरल को पांच पृष्ठ के एक पत्र में देश के जनमानस को झकझोर देनेवाली इस घटना के बारे में बताया गया है जो 3 मई को प्रकाश में आई और सुप्रीम कोर्ट से इस मामले की सुनवाई करने का आग्रह किया गया है। इस ग्रुप की प्रकृति के बारे में विस्तार से बताने के बाद Bois Locker Room में क्या चल रहा था, इसकी जानकारी दी गई है, जिसका...
हर छह माह पर श्रीनगर और जम्मू के बीच राजधानी को बदलने का कोई औचित्य नहीं : जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने 148 साल पुराने 'दरबार मूव' पर पुनर्विचार करने की बात कही
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने संवैधानिक अथॉरिटी से हर छह माह पर होने वाले 'दरबार मूव' पर पुनर्विचार करने का निर्देश जारी किया है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गीता मित्तल और न्यायमूर्तिरजनेश ओसवाल की पीठ ने इस मूव कि ख़िलाफ़ कई कारण गिनाए हैं पर इस बारे में संवैधानिक अथॉरिटीज़ को अंतिम निर्णय लेने को कहा है। दरबार मूव 148 साल पुरानी परंपरा है जब जम्मू-कश्मीर के सरकारी अधिकारी छह-छह महीने दोनों ही राजधानियों जम्मू और श्रीनगर में बिताते हैं।पीठ ने कहा, "…इस बारे में अपनी सीमाओं को...
लाॅकडाउन के दौरान निखिल कुमारस्वामी के विवाह समारोह के लिए 90 लोगों को अनुमति कैसे दी गई? कर्नाटक हाईकोर्ट ने पूछा
कर्नाटक हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से पूछा है कि पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी के बेटे निखिल कुमारस्वामी के विवाह समारोह में शामिल होने वाले व्यक्तियों की संख्या पर कोई प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया गया था? यह शादी समारोह 17 अप्रैल को आयोजित किया गया था। जिसमें लगभग 80 से 90 लोगों ने भाग लिया था।मुख्य न्यायाधीश अभय ओका और न्यायमूर्ति बी.वी नागरथना की खंडपीठ ने कहा कि ''हम यह स्पष्ट करते हैं कि हम 17 अप्रैल को आयोजित हुए एक व्यक्तिगत समारोह के बारे में नहीं जानना चाहते हैं। परंतु...
पेंशन खाता कुर्की का मामला: ऋणी के आवेदन पर विचार का आईटी विभाग को दिल्ली हाईकोर्ट का निर्देश
दिल्ली हाईकोर्ट ने आयकर विभाग को उस ऋणी के अनुरोध पर विचार करने का निर्देश दिया है जिसका पेंशन खाता विभाग ने कुर्क कर लिया है।न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा की एकल पीठ ने आईटी विभाग को निर्देश दिया है कि वह याचिकाकर्ता के पक्ष पर विचार करे और कानून के दायरे में, एक सप्ताह में आदेश पारित करे।मौजूदा रिट याचिका में, याचिकाकर्ता ने उसके बैंक खाते को कुर्क करने के आदेश में संशोधन करने तथा भारतीय स्टेट बैंक और एचडीएफसी बैंक खातों में जमा पेंशन राशि की निकासी की अनुमति का प्रधान आयकर आयुक्त को निर्देश देने...
कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा, एक ही धार्मिक समूह या संप्रदाय के सदस्यों के बीच शत्रुता को उकसाने या बढ़ावा देने के मामले में भी धारा 153A लग सकती है
कर्नाटक हाईकोर्ट ने माना है कि यदि लिखे या छपे हुए शब्दों से, एक ही धार्मिक समूह या संप्रदाय के सदस्यों के बीच दुश्मनी को उकसाया जाए या बढ़ावा दिया जाए या सार्वजनिक शांति को भंग किया जाए तो यह कहा जा सकता है कि उक्त कृत्य आईपीसी की धारा 153-ए के तहत किया गया अपराध है। जस्टिस सूरज गोविंदराज ने यह भी माना कि मानहानि की शिकायत न केवल ऐसी व्यक्ति कर सकता है, जिसे बदनाम किया गया है, बल्कि ऐसे संस्था या संस्था के प्रतिनिधि कर सकता है, जिसे कथित रूप से बदनाम किया गया है। इस मामले में अभियुक्तों...
[167[(2)CrPC] एक ही अपराध में दो बार हिरासत में रह चुका अभियुक्त, हिरासत की दोनों अवधियों को जोड़कर "डिफ़ॉल्ट जमानत" का दावा कर सकता है
केरल हाईकोर्ट ने मंगलवार को विचार किया कि क्या एक अभियुक्त, जिसे एक ही अपराध के लिए दो बार हिरासत में रखा जा चुका है, दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 167 की उप-धारा (2) के प्रावधान (ए) (i) के तहत, दोनों बार की हिरासत अवधि को जोड़कर "डिफ़ॉल्ट जमानत" का दावा करने का हकदार है? जस्टिस सीएस डायस ने कहा, "... अगर ऐसी व्याख्या की अनुमति दी जाती है, संहिता की धारा 167 की उप-धारा (2) के प्रावधान के तहत वैधानिक समयावधि की समाप्ति से पहले, यदि एक और जांच एजेंसी को अपराध की जांच सौंपी जाती है , कोड की...
प्रवासी मज़दूरों को उनके गृह राज्य ले वाली वाली ट्रेनों को कर्नाटक सरकार द्वारा रद्द करने के मुद्दे पर AICCTU ने हाईकोर्ट की शरण ली
ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स (AICCTU) ने बुधवार को कर्नाटक हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया AICCTU और प्रवासी मज़दूरों के लिए तत्काल राहत की मांग की है, जो कर्नाटक में फंसे हुए हैं।कर्नाटक सरकार ने मंगलवार को ऐसी सभी ट्रेनों को रद्द कर दिया था, जो प्रवासी मज़दूरों को लेकर कर्नाटक से उनके गृह राज्य में मूल स्थान धानापुर बिहार लेकर जाने वाली थी। इस मामले की तत्काल सुनवाई की मांग करने वाला ज्ञापन बताता है कि राज्य सरकार का रुख भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (डी) और अनुच्छेद 14 के...
दिल्ली की अदालत ने क्वारंटीन से भागने और पुलिस अधिकारियों की पिटाई करने वाले COVID-19 मरीज़ को ज़मानत देने से इनकार किया
दिल्ली की एक अदालत ने COVID-19 वायरस से संक्रमित एक व्यक्ति को ज़मानत देने से इनकार कर दिया है। यह आदमी क्वारंटीन से भाग गया था और पकड़े जाने पर हंगामा मचाया और पुलिस आधिकारियों पर हमला किया। ज़मानत याचिका ख़ारिज करते हुए तीस हज़ारी अदालत ड्यूटी मजिस्ट्रेट ऋषभ कपूर ने कहा, "…आरोपी ने सरकारी कर्मचारियों पर हमले की कोशिश की…प्रथम दृष्टया यह भी पता चला है कि आरोपी ने क्वारंटीन केंद्र से भागने की कोशिश की जबकि उसमें COVID-19 से संक्रमित होने के लक्षण हैं और इससे शेष समुदाय के हितों के लिए...
COVID-19 टेस्ट की जांच रिपोर्ट 48 घंटे या इससे पहले अवश्य ही मिल जानी चाहिए : दिल्ली सरकार को दिल्ली हाईकोर्ट का निर्देश
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश जारी कर कहा है कि दिल्ली के अधिकृत लैब जो COVID-19 संक्रमण की जांच करते हैं उन्हें जांच की रिपोर्ट 24/48 घंटे के भीतर अवश्य ही उपलब्ध कराना चाहिए। न्यायमूर्ति हिम कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रमोनियम प्रसाद ने दिल्ली सरकार को अपने निर्देश में कहा कि वेबसाइट नियमित रूप से अपडेट हो, यह सुनिश्चित किया जाए ताकि दिल्ली में हो रही जांच की सही संख्या का पता चलता रहे। इस पर पुष्ट और अपुष्ट मामलों की संख्या दी जाए और जांच के बाद जितनी जांच लंबित है, उसकी जानकारी...
SCAORA ने मुख्य न्यायाधीश को लिखा पत्र कहा, एनसीआर में रहने वाले वकीलों को दिल्ली में आने-जाने की अनुमति दी जाए
सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन (SCAORA) के सचिव जोसेफ अरस्तू एस ने मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे को एक पत्र लिखा है, जिसमें मुख्य न्यायाधीश से आग्रह किया गया है कि वह निर्देश जारी करें ताकि नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और अन्य एनसीआर क्षेत्रों में रहने वाले अधिवक्ताओं को उनके दिल्ली स्थित कार्यालयों में आने-जाने की अनुमति दी जा सके। पत्र में कहा गया है कि भले ही दिल्ली में 4 मई से कार्यालयों में 33 प्रतिशत कर्मियों के साथ काम करने की अनुमति दे दी गई है, परंतु एनसीआर क्षेत्र...
पंजाब एंड हरियाणा बार काउंसिल "डिजिटल युग में कानून" विषय पर 7, 8 और 9 मई को वर्चुअल चर्चा आयोजित करेगी
पंजाब एंड हरियाणा बार काउंसिल डिजिटल लॉ और इंडियन लीगल सर्विस इंडस्ट्री ट्रांसफॉर्मेशन में लॉ पर वर्चुअल डायलॉग सेशन आयोजित कर रही है। सेशन की तारीख 7 मई, 2020 17:00 - 18:30 IST 8 मई, 2020 17:00 - 18:30 IST 9 मई, 2020 17:00 - 18:30 IST पहले सेशन के वक्ता :माननीय श्री जस्टिस अजय तिवारी न्यायाधीश पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय माननीय श्री जस्टिस ए मोहम्मद मुश्ताक न्यायाधीश केरल उच्च न्यायालय श्री दुष्यंत दवे वरिष्ठ अधिवक्ता और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन अध्यक्षओम्निया स्ट्रैटेजी एलएलपी लंदन...
विदेशों में फंसे भारतीयों को स्वदेश लौटने पर 14 दिन तक संस्थागत क्वारन्टीन में रहना अनिवार्य : गृहमंत्रालय ने SOP जारी किया
गृह मंत्रालय ने विदेश में फंसे भारतीयों की वापसी के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी की है। उन्हें उस देश में, जहां वे फंसे हुए हैं, विदेश मंत्रालय द्वारा निर्धारित आवश्यक विवरणों के साथ वहां भारतीय मिशन में अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। विदेशों में फंसे भारतीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय की गैर अनुसूचित वाणिज्यिक उड़ानों और सैन्य मामलों के विभाग द्वारा दिए गए नौसैनिक जहाजों द्वारा भारत की यात्रा करेंगे। केवल उन लोगों को, जिनमें COVID -19 का कोई लक्षण नहीं दिखेगा, उन्हें यात्रा करने की अनुमति...
केरल हाईकोर्ट ने सरकारी कर्मचारियों का नहीं दी राहत, वेतन भुगतान स्थगित करने के केरल सरकार के अध्यादेश पर रोक से किया इनकार
केरल हाईकोर्ट ने मंगलवार को केरल आपदा और सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (विशेष प्रावधान) अध्यादेश, 2020 पर स्टे लगाने से इनकार कर दिया। उल्लेखनीय है कि केरल सरकार यह अध्यादेश पिछले हफ्ते लागू किया था, जिसके जरिए आपदाओं और सार्वजनिक आपात स्थितियों में केरल सरकार को अपने कर्मचारियों के मासिक वेतन का 25% तक भुगतान स्थगित करने का अधिकार दिया गया है। अध्यादेश के विरोध में कई याचिकाएं डाली गई थीं, जिनमें अध्यादेश को भारतीय संविधान का उल्लंघनकारी बताया गया था, और स्टे लगाने की मांग की गई थी।...
'Bois Locker Room' : दिल्ली महिला आयोग ने लिया मामले का स्वतः संज्ञान; इंस्टाग्राम, दिल्ली पुलिस को कार्रवाई के लिए लिखा
दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने सोमवार को इंस्टाग्राम चैटग्रुप 'Bois Locker Room' में नाबालिग लड़कियों के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणियों के बारे में आयी रिपोर्ट का स्वतः संज्ञान लिया।डीसीडब्ल्यू ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म इंस्टाग्राम पर 'Bois Locker Room' नामक चैटग्रुप में नाबालिग लड़कियों के बारे में की गई अभद्र और अश्लील टिप्पणियों के स्क्रीन शॉट के सार्वजनिक होने पर इस इंस्टाग्राम और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है।डीसीडब्ल्यू ने इस ग्रुप में दिल्ली के स्कूली लड़कों के बीच हुई बातचीत का...
मध्य प्रदेश राज्य न्यायिक अकादमी ऑनलाइन माध्यम से देगा सिविल जजों को प्रशिक्षण, स्कीम की अधिसूचना जारी
मध्य प्रदेश राज्य न्यायिक अकादमी ने राष्ट्रीय स्तर पर जारी लॉकडाउन के मद्देनजर 155 नव नियुक्त सिविल जजों (प्रवेश स्तर) के प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन ऑनलाइन वीडियो के जरिए करने का फैसला किया है। प्रशिक्षण का पहला चरण 24 मार्च को निर्धारित किया गया था, हालांकि, कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण उसे टाल दिया गया। उसके बाद लगातार जारी लॉकडाउन के कारण अकादमी ने ऑनलाइन प्रशिक्षण का फैसला लिया है। नए कार्यक्रम मात्र चार सप्ताह के लिए निर्धारित किया गया है, जबकि एनजेएसी ने 12 महीने का प्रशिक्षण...











![[167[(2)CrPC] एक ही अपराध में दो बार हिरासत में रह चुका अभियुक्त, हिरासत की दोनों अवधियों को जोड़कर डिफ़ॉल्ट जमानत का दावा कर सकता है [167[(2)CrPC] एक ही अपराध में दो बार हिरासत में रह चुका अभियुक्त, हिरासत की दोनों अवधियों को जोड़कर डिफ़ॉल्ट जमानत का दावा कर सकता है](https://hindi.livelaw.in/h-upload/2020/04/22/500x300_373567-366543-cs-dias-and-kerala-hc.jpg)








