इलाहाबाद हाईकोट
केंद्र ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में 2 वकीलों की बतौर जज नियुक्ति की
केंद्र सरकार ने आज इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज के रूप में दो वकीलों की नियुक्ति की अधिसूचना जारी की।कॉलेजियम ने 25 मार्च को हाईकोर्ट के जज के रूप में नियुक्ति के लिए निम्नलिखित वकीलों के नामों की सिफारिश की थी: (1) अमिताभ कुमार राय, और (2) राजीव लोचन शुक्ला इलाहाबाद हाईकोर्ट वर्तमान में 160 की स्वीकृत शक्ति के मुकाबले 85 जजों (चीफ़ जस्टिस अरुण भंसाली सहित) के साथ कार्य कर रहा है। कॉलेजियम ने हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट में 26 जजों की नियुक्ति की सिफारिश की थी। 26 नामों में से 14 न्यायिक अधिकारी...
राजस्थान हाईकोर्ट ने डीजीपी से पूछा, आदेश और गिरफ्तारी वारंट के बावजूद पेश न होने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अवमानना का मामला क्यों न चलाया जाए?
राजस्थान हाईकोर्ट ने एक आपराधिक मामले में पुलिस अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बावजूद गवाह के रूप में पेश न होने पर राज्य के पुलिस महानिदेशक से स्पष्टीकरण तलब किया है कि उनके अधीनस्थ अधिकारी अपने वैधानिक कर्तव्यों का निर्वहन करने में लगातार विफल क्यों रहे हैं। डीजीपी को हलफनामा दाखिल करने का आदेश देते हुए अदालत ने वरिष्ठ अधिकारी से पूछा कि "न्यायालय के आदेशों की घोर अवज्ञा के लिए जिम्मेदार अधिकारियों" के खिलाफ अवमानना कार्यवाही क्यों न शुरू की जाए।इस स्थिति को अत्यंत दुखद और...
फिल्म 'जॉली LLB 3' पर रोक की याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज की
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बॉलीवुड फिल्म 'जॉली LLB 3' के गाने 'भाई वकील है' के खिलाफ कार्रवाई की मांग वाली रिट याचिका खारिज कर दी। अदालत ने यह प्रार्थना भी अस्वीकार कर दी कि फिल्म की रिलीज पर रोक लगाई जाए, क्योंकि इससे कथित तौर पर न्यायपालिका और वकालत पेशे की बदनामी होती है।जस्टिस संगीता चंद्रा और जस्टिस बृजराज सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा कि गाने के बोलों या फिल्म के ट्रेलर/टीजर में ऐसा कुछ भी आपत्तिजनक नहीं पाया गया, जिसे कानूनी बिरादरी को बदनाम करने वाला माना जा सके, जैसा कि याचिकाकर्ताओं ने दावा किया...
राहुल गांधी की याचिका पर आदेश सुरक्षित, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 'सिख टिप्पणी' मामले में कार्यवाही रोकी
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सिखों पर उनकी कथित टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर फिर से सुनवाई करने के वाराणसी की अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी पुनरीक्षण याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।जस्टिस समीर जैन की पीठ ने यह भी कहा कि उसे उम्मीद है कि मजिस्ट्रेट अदालत फैसला सुनाए जाने तक मामले में आगे नहीं बढ़ेगी। संक्षेप में, जुलाई में वाराणसी में एक अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायालय ने मजिस्ट्रेट अदालत के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें सितंबर 2024 में...
यूपी सरकार ने हाईकोर्ट में कहा: राहुल गांधी ने विदेश में की सिखों पर टिप्पणी, मजिस्ट्रेट तय करेंगे कि अपराध बनता है या नहीं
सिखों पर कथित टिप्पणी से संबंधित विपक्ष के नेता राहुल गांधी की याचिका का विरोध करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में दलील दी कि मजिस्ट्रेट को यह आकलन करने के लिए अपने 'स्वतंत्र विचार' का प्रयोग करने की अनुमति दी जानी चाहिए कि उनके खिलाफ प्रथम दृष्टया संज्ञेय अपराध बनता है या नहीं।जस्टिस समीर जैन की पीठ के समक्ष राज्य सरकार ने दलील दी कि पुनर्विचार क्षेत्राधिकार में अदालतों को बचाव पक्ष की दलीलों पर विचार करने की अनुमति नहीं है। यदि मजिस्ट्रेट को लगता है कि संज्ञेय अपराध बनता है तो...
तलाक की कार्यवाही स्थगित होने पर भी पति की गुज़ारा भत्ता देने की ज़िम्मेदारी खत्म नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि तलाक की कार्यवाही पर रोक लग जाने से पति की पत्नी को हिंदू विवाह अधिनियम 1955 (Hindu Marriage Act) की धारा 24 के तहत मिलने वाले गुज़ारा भत्ते की ज़िम्मेदारी समाप्त नहीं होती।जस्टिस मनीष कुमार निगम की एकलपीठ ने कहा कि पति की देनदारी तब तक बनी रहती है, जब तक कि गुज़ारा भत्ते का आदेश निरस्त या वापस नहीं ले लिया जाता। यह ज़िम्मेदारी अपील पुनर्विचार या पुनर्स्थापन कार्यवाही के दौरान भी जारी रहती है।मामलायाचिकाकर्ता अंकित सुमन ने 2018 में तलाक याचिका दायर की थी।...
'बेहद गंभीर मामला': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वैध दावे की अनदेखी कर जल्दबाजी में मकान ढहाने के लिए रायबरेली कलेक्टर पर कठोर जुर्माना लगाने पर विचार किया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में रायबरेली ज़िला अधिकारियों, विशेष रूप से संबंधित कलेक्टर को एक वैध पट्टा धारक के मकान को ध्वस्त करने के लिए कड़ी फटकार लगाई, जबकि उसका दावा राजस्व रिकॉर्डों में विधिवत दर्ज था। अदालत ने कलेक्टर और राजस्व प्रविष्टियों में बदलाव करने वाले अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से अपनी कार्रवाई का स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया। जस्टिस आलोक माथुर की पीठ ने जल्दबाजी में कार्रवाई करने के लिए उन पर अनुकरणीय जुर्माना लगाने पर भी विचार किया।संक्षेप में, पीठ बाबू लाल द्वारा दायर एक...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वैधानिक अपील लंबित होने के बावजूद अलीगढ़ डीसी द्वारा सील की गई संपत्ति के खिलाफ कार्रवाई करने पर आश्चर्य व्यक्त किया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह अलीगढ़ के संभागीय आयुक्त के आचरण पर आश्चर्य व्यक्त किया, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर एक निजी शिकायत पर विचार किया और एक सीलबंद संपत्ति के संबंध में प्रतिकूल आदेश (हटाने का) पारित किया, जबकि याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर एक वैधानिक अपील अभी भी उनके समक्ष लंबित थी। जस्टिस महेश चंद्र त्रिपाठी और जस्टिस नंद प्रभा शुक्ला की पीठ ने डीसी और अलीगढ़ विकास प्राधिकरण (एडीए) के उपाध्यक्ष से जवाब मांगते हुए कहा, "...हमें यह जानकर आश्चर्य हुआ कि अपीलीय प्राधिकारी ने निजी शिकायत...
विधेयक/नियमों का अंग्रेज़ी वर्ज़न ही मान्य, हिंदी अनुवाद नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि किसी भी विधेयक आदेश या सेवा नियमावली के अंग्रेज़ी संस्करण को ही अधिकृत और प्रभावी माना जाएगा, न कि उसके हिंदी अनुवाद को।जस्टिस मनीष माथुर ने यह निर्णय यूपी औद्योगिक शिक्षण संस्थान (अनुदेशक) सेवा नियमावली, 2014 से जुड़े मामले की सुनवाई में दिया। अदालत ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 348(3), सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों और इलाहाबाद हाईकोर्ट की फुल बेंच के फैसले (रामरती बनाम ग्राम समाज जेहवा) के अनुसार अंग्रेज़ी संस्करण को प्राथमिकता दी जाएगी।याचिकाकर्ता माया शुक्ला...
भाई के एक ही घर और रसोई साझा न करने तक जिठानी परिवार का हिस्सा नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्ति को रद्द करने को रद्द कर दिया, जिसमें कहा गया था कि एक भाभी (जेठानी) को सरकारी आदेश के तहत 'एक ही परिवार' का हिस्सा माना जाता है, अगर दोनों भाई एक ही घर और रसोई के साथ रहते हैं।जस्टिस अजीत कुमार की पीठ ने कुमारी सोनम की याचिका को स्वीकार करते हुए यह फैसला सुनाया, जिनकी नियुक्ति 13 जून, 2025 को बरेली के जिला कार्यक्रम अधिकारी ने रद्द कर दी थी। रद्द करने का आधार इस आधार पर था कि उसकी जेठानी पहले से ही उसी केंद्र में आंगनवाड़ी सहायक...
चुनाव आयुक्तों को कानूनी कार्यवाही से छूट देने वाले प्रावधान को पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर ने हाईकोर्ट में दी चुनौती
इलाहाबाद हाईकोर्ट (लखनऊ बेंच) ने शुक्रवार (29 अगस्त) को पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की उस याचिका पर सुनवाई की, जिसमें उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त एवं अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें एवं कार्यकाल) अधिनियम, 2023 की धारा 16 को चुनौती दी।धारा 16 में यह प्रावधान किया गया कि मुख्य चुनाव आयुक्त या अन्य चुनाव आयुक्त के कार्यकाल के दौरान लिए गए किसी भी निर्णय, कार्रवाई या कथन के संबंध में उनके विरुद्ध कोई भी दीवानी या फौजदारी कार्यवाही किसी भी न्यायालय में नहीं चलाई जाएगी।अमिताभ ठाकुर...
महिला क्लाइंट्स को बिना सुरक्षा इंतज़ाम ट्रेनिंग देना गंभीर चिंता का विषय: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में जिम में महिला क्लाइंट्स को पुरुष ट्रेनर्स द्वारा बिना पर्याप्त सुरक्षा इंतज़ाम के ट्रेनिंग देने पर गंभीर चिंता जताई।जस्टिस शेखर कुमार यादव की बेंच एक जिम ट्रेनर की अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिस पर आरोप है कि उसने एक महिला क्लाइंट के साथ जातिसूचक टिप्पणी की उसे धक्का दिया और अभद्र भाषा का प्रयोग किया।महिला ने अपने बयान (धारा 164 दं.प्र.सं. के तहत) में यह भी आरोप लगाया कि आरोपी ट्रेनर ने उसकी सहेली के अश्लील वीडियो बनाए और उन्हें भेजा भी।इन आरोपों को देखते हुए कोर्ट...
पुलिस के पास पसंद या नापसंद के आधार पर हिस्ट्रीशीट खोलने की कोई निरंकुश शक्ति नहीं, उचित संदेह के लिए ठोस सामग्री आवश्यक: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि पुलिस किसी व्यक्ति की पसंद या नापसंद के आधार पर उसके खिलाफ हिस्ट्रीशीट खोलने में 'अनियंत्रित' और 'अनैतिक' शक्ति का प्रयोग नहीं कर सकती है, और उचित संदेह पैदा करने के लिए ठोस और विश्वसनीय सामग्री की आवश्यकता होती है। न्यायालय ने विशेष रूप से कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस विनियमावली के नियम 228 और 240 पुलिस को इसका इस तरह इस्तेमाल करने का कोई अधिकार नहीं देते हैं जिससे नागरिक की मौलिक स्वतंत्रता का हनन हो।न्यायालय ने आगे कहा कि पुलिस के पास निगरानी रजिस्टर में...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बिना वकालतनामा वकील द्वारा न्यायालय को संबोधित करने पर जताई आपत्ति, कहा- यह प्रथा गंभीर रूप से निंदनीय
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में एक वकील द्वारा बिना किसी वकालतनामा या मुवक्किल के प्राधिकार पत्र के न्यायालय को संबोधित करने पर कड़ी आपत्ति जताई। कोर्ट ने कहा कि ऐसा व्यवहार उन वादियों के लिए हानिकारक है, जिनकी ओर से वह वकील पेश हो रहा है।जस्टिस राजेश सिंह चौहान और जस्टिस सैयद कमर हसन रिज़वी की खंडपीठ ने अरमान जायसवाल नामक व्यक्ति द्वारा अपने पिता (शिव कुमार जायसवाल) को न्यायालय में पेश करने के लिए दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए इस प्रथा की निंदा की।सुनवाई के दौरान न्यायालय ने...
हिंदू विवाह केवल रजिस्टर्ड न होने से अमान्य नहीं हो जाता: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि हिंदू विवाह केवल रजिस्टर्ड न होने से अमान्य नहीं हो जाता। इसलिए फैमिली कोर्ट आपसी तलाक याचिका में विवाह रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट प्रस्तुत करने पर ज़ोर नहीं दे सकती।न्यायालय ने आगे कहा कि यद्यपि राज्य सरकारों को ऐसे विवाहों के रजिस्ट्रेशन के लिए नियम बनाने का अधिकार है, उनका उद्देश्य केवल 'विवाह का सुविधाजनक साक्ष्य' प्रस्तुत करना है। इस आवश्यकता का उल्लंघन हिंदू विवाह की वैधता को प्रभावित नहीं करता है।जस्टिस मनीष कुमार निगम की पीठ ने यह टिप्पणी याचिकाकर्ता (सुनील दुबे)...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत कार्यवाही में न्यायिक रिकॉर्ड की जालसाजी मामले में CrPC की धारा 340 के तहत प्रारंभिक जांच के आदेश दिए
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में हाईकोर्ट के महापंजीयक को सीआरपीसी की धारा 340 के तहत एक ऐसे व्यक्ति के खिलाफ प्रारंभिक न्यायिक जांच करने का निर्देश दिया है, जिसकी पत्नी ने उस पर जालसाजी, छद्मवेश, तथ्यों को छिपाने और न्यायिक अभिलेखों में हेराफेरी करके हाईकोर्ट से आदेश प्राप्त करने का आरोप लगाया है। जस्टिस शेखर कुमार यादव की पीठ ने अंकिता प्रियदर्शिनी नामक महिला द्वारा दायर एक आवेदन पर यह आदेश पारित किया, जिसमें दावा किया गया था कि उनके पति (अर्पण सक्सेना) ने न्यायिक अभिलेखों के साथ छेड़छाड़ करते...
जाली दस्तावेजों पर प्राप्त नियुक्तियां शुरू से ही अमान्य, अनुशासनात्मक कार्यवाही के बिना भी रद्द की जा सकती हैं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने व्यवस्था दी है कि जाली और धोखाधड़ी वाले दस्तावेज़ों के आधार पर प्राप्त नियुक्तियां शुरू से ही अमान्य हैं और इसलिए सेवा में बने रहने या वेतन का दावा करने का कोई अधिकार नहीं देतीं। जस्टिस मंजू रानी चौहान की पीठ ने कहा कि ऐसे मामलों में, नियुक्ति रद्द करने से पहले, भारत के संविधान के अनुच्छेद 311 या किसी अनुशासनात्मक नियम के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही नहीं की जाएगी।इसके साथ ही, एकल न्यायाधीश ने एक प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक की रिट याचिका खारिज कर दी, जिसमें सहायक शिक्षक के पद...
वकीलों की मुवक्किलों और न्यायालय के प्रति दोहरी ज़िम्मेदारी होती है: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश लिखे जाने के बाद वकीलों के बहस करने की निंदा की
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि वकीलों की दोहरी ज़िम्मेदारी होती है। एक, मुवक्किल के प्रति, और दूसरी न्यायालय के प्रति, जहां उन्हें कार्यवाही में व्यवधान उत्पन्न करने के बजाय सम्मानपूर्वक न्यायालय की सहायता करनी चाहिए।एक ऐसे मामले में जहां ज़मानत आवेदक के वकील न्यायालय द्वारा ज़मानत खारिज किए जाने के बाद भी बहस करते रहे जस्टिस कृष्ण पहल ने कहा,“न्यायालय में वकीलों की दोहरी ज़िम्मेदारियों को रेखांकित करता है। जहां उन्हें अपने मुवक्किलों के हितों का निष्ठापूर्वक प्रतिनिधित्व और देखभाल करनी...
विवादित तथ्यों वाले मामलों में हाईकोर्ट सबूतों की जांच कर ट्रायल खत्म नहीं कर सकता: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि जब किसी मामले में विवादित तथ्य शामिल हों तो अदालत भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 482 के तहत अधिकार क्षेत्र का उपयोग कर सबूतों की जांच करते हुए मुकदमे को समाप्त नहीं कर सकती। ऐसे मामलों का निपटारा ट्रायल कोर्ट द्वारा ही किया जाना चाहिए।जस्टिस दीपक वर्मा की पीठ ने कहा,"यह सर्वविदित है कि साक्ष्यों का मूल्यांकन ट्रायल कोर्ट का कार्य है। यह अदालत CrPC की धारा 482 के तहत इस अधिकार का प्रयोग कर ट्रायल प्रक्रिया को समाप्त नहीं कर सकती।"मामले में...
समान मामला समय पर सुना जा चुका हो तो देरी के कारण अपील खारिज करना अनुचित: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि यदि किसी आदेश को चुनौती देने वाला समान मामला समय पर दायर होने के कारण मेरिट पर सुना दिया गया हो तो देरी का हवाला देकर समान आदेश के खिलाफ दूसरी अपील को खारिज करना न्यायसंगत नहीं होगा।चीफ जस्टिस अरुण भंसाली और जस्टिस क्षितिज शैलेन्द्र की खंडपीठ ने कहा,"यह न्यायोचित प्रतीत नहीं होता कि मामले में वादपत्र लौटाने के आदेश की वैधता मेरिट पर जांची जाए, जबकि समान आदेश के खिलाफ समान आधारों पर दायर दूसरी चुनौती को केवल अपील में हुई देरी के आधार पर खारिज कर दिया जाए।"यह मामला...



















