मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
ऑनलाइन जुए को नियंत्रित करने के लिए कड़े कानून की मांग वाली याचिका पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा
ऑनलाइन जुए के मुद्दे और युवाओं पर इसके प्रभाव से संबंधित जनहित याचिका में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया और उन्हें चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।निवर्तमान चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने कहा,"नोटिस जारी किया गया। अमित सेठ, एडिशनल एडवोकेट जनरल प्रतिवादी/राज्य की ओर से नोटिस स्वीकार करते हैं। जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगते हैं। जवाब चार सप्ताह के भीतर दाखिल किया जाए।"अदालत ऑनलाइन जुए को नियंत्रित करने के लिए सख्त कानून...
जस्टिस संजीव सचदेवा मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ़ जस्टिस नियुक्त
केंद्र सरकार ने गुरुवार को जस्टिस संजीव सचदेवा को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ़ जस्टिस के रूप में नियुक्त करने की अधिसूचना जारी की, जो 24 मई से प्रभावी होगी।गौरतलब है कि निवर्तमान चीफ़ जस्टिस सुरेश कुमार कैत 23 मई को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। इस संबंध में अधिसूचना में कहा गया है: "भारत के संविधान के अनुच्छेद 223 द्वारा प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए, राष्ट्रपति ने जस्टिस श्री संजीव सचदेवा को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस के कार्यालय के कर्तव्यों का पालन करने के लिए नियुक्त किया है,...
पंचायतों से राज्य सेवा में शामिल शिक्षक ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम के तहत ग्रेच्युटी के हकदार: एमपी हाईकोर्ट
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस विवेक जैन की एकल पीठ ने मध्य प्रदेश राज्य द्वारा दायर एक रिट याचिका को खारिज कर दिया। याचिका में राज्य सेवा में शामिल शिक्षकों को ग्रेच्युटी देने के आदेश को चुनौती दी गई थी। न्यायालय ने माना कि पंचायतों से राज्य सेवा में शामिल शिक्षक ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972 के तहत ग्रेच्युटी के हकदार हैं और उनके शामिल होने से पहले की सेवा अवधि को ग्रेच्युटी गणना में गिना जाना चाहिए। पृष्ठभूमिशिवनाथ सिंह कुशवाह सबसे पहले 2008 में शिक्षाकर्मी ग्रेड II के रूप में शिक्षण सेवा...
रिटायरमेंट स्पीच में MP हाईकोर्ट के जज ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की आलोचना की, ट्रांसफर को बताया "दुरभावनापूर्ण"
जस्टिस दुप्पला वेंकट रमण ने शनिवार को कहा कि उन्हें 2023 में उनके गृह राज्य आंध्र प्रदेश से मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में "दुर्भावना" और उन्हें "परेशान" करने के साधन के रूप में ट्रान्सफर कर दिया गया था।02 जून को अपनी रिटायरमेंट से पहले आयोजित विदाई समारोह के दौरान हाईकोर्ट के जजों और बार के सदस्यों को संबोधित करते हुए, जस्टिस रमण ने कहा, 'ऐसा लगता है कि मेरा तबादला आदेश गलत इरादे से और मुझे परेशान करने के लिए जारी किया गया है. मुझे स्पष्ट कारणों से मेरे गृह राज्य से ट्रान्सफर कर दिया गया था। मैं उनके...
NEET-PG 2025: MP हाईकोर्ट ने नौ विदेशी मेडिकल स्नातकों को इंटर्नशिप अवधि बढ़ाने पर निर्णय लंबित रहने तक परीक्षा में बैठने की अनुमति दी
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सोमवार (19 मई) को विदेशी विश्वविद्यालयों से से MBBS कर चुके उम्मीदवारों की याचिकाओं पर सुनवाई की, जिनमें उन्होंने इंटर्नशिप अवधि को दो से तीन साल करने के आदेश का विरोध किया था। हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश में नौ याचिकाकर्ता विदेशी स्नातकों को 15 जून को होने वाली 2025 की NEET -PG परीक्षा में बैठने की अनुमति प्रदान की।जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा,राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग की ओर से पेश विद्वान वकील ने प्रस्तुत किया कि प्रतिवादी संख्या 3...
पुराने और खारिज तर्कों का दोहराव मध्यस्थता आदेश के खिलाफ रिव्यू पीटिशन में निष्कर्षित निर्णयों को दोबारा खोलने के लिए पर्याप्त नहीं: MP हाईकोर्ट
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस मिलिंद रमेश फड़के की पीठ ने माना है कि पुराने और खारिज किए गए तर्कों को दोहराना समाप्त किए गए निर्णयों को फिर से खोलने के लिए पर्याप्त नहीं है क्योंकि मध्यस्थता आदेश को चुनौती देने वाली सीपीसी की धारा 114 के साथ आदेश 47 नियम 1 के तहत रिव्यू कार्यवाही को मामले की मूल सुनवाई के बराबर नहीं माना जा सकता है। रिव्यू का दायरा बहुत सीमित है। याचिकाकर्ता ने मध्यस्थता मामले में पारित आदेश को चुनौती देते हुए सीपीसी के आदेश 47 नियम 1 के तहत रिव्यू याचिका दायर की है, जिसमें इस...
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने NEET UG परिणामों की घोषणा से इंदौर के 11 केंद्रों को रखा बाहर
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने देशभर के सभी परीक्षा केंद्रों के लिए NEET UG 2025 रिजल्ट घोषित करने की अनुमति दे दी। हालांकि, हाईकोर्ट ने इंदौर के 11 केंद्रों के रिजल्ट जारी करने पर रोक लगा दी, जहां बिजली बाधित होने के कारण परीक्षा प्रभावित हुई थी।जस्टिस सुभोध अभ्यंकर ने 15 मई को पारित आदेश में कहा,“सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल मेहता द्वारा रखे गए तर्कों में न्यायालय को बल प्रतीत होता है। इस आधार पर 15.05.2025 को पारित अस्थायी स्थगन आदेश में आंशिक संशोधन किया जाता है। इसके अनुसार देश के अन्य सभी...
2012 सीएम कल्याण योजना: नए वकीलों को आर्थिक मदद न देने पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री कल्याण योजना के तहत नए नामांकित वकीलों को वित्तीय सहायता देने में विफल रहने का आरोप लगाने वाली जनहित याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है।चीफ़ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा, "नोटिस जारी किया गया है। श्रीमती जान्हवी पंडित, अतिरिक्त महाधिवक्ता प्रतिवादी संख्या 1 से 4 की ओर से नोटिस स्वीकार करती हैं और वर्तमान याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा जाता है। प्रत्युत्तर, यदि कोई हो, उसके बाद दो...
NEET-UG परीक्षा में बिजली गुल होने के आरोप पर एमपी हाईकोर्ट ने रिजल्ट घोषित करने पर लगाई रोक
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 2025 की NEET-UG परीक्षा में इंदौर के एक परीक्षा केंद्र पर बिजली गुल होने के आरोप पर गंभीर रुख अपनाते हुए अस्थायी रूप से रिजल्ट घोषित करने पर रोक लगा दी।जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की एकल पीठ ने यह आदेश दिया, जब याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से कोई पेश नहीं हुआ।कोर्ट ने कहा,“यह देखते हुए कि 4 मई 2025 को आयोजित NEET-UG परीक्षा के दौरान याचिकाकर्ता को उचित परिस्थितियाँ उपलब्ध नहीं कराई गईं और बिजली गुल हो जाने के कारण वह परीक्षा ठीक से नहीं दे सका, इसलिए अगली सुनवाई...
कर्नल सोफिया कुरैशी पर टिप्पणी मामला: हाईकोर्ट ने BJP मंत्री के खिलाफ दर्ज FIR की आलोचना की, कहा- राज्य सरकार की 'घोर धोखाधड़ी'
गुरुवार शाम को अपलोड किए गए अपने आदेश में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि कर्नल सोफिया कुरैशी पर की गई टिप्पणी के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राज्य मंत्री कुंवर विजय शाह के खिलाफ राज्य पुलिस द्वारा दर्ज की गई FIR में उन कार्यों के लिए 'अपूर्ण' कार्रवाई की गई, जो उनके खिलाफ दर्ज किए गए अपराधों का गठन करते हैं। यह राज्य सरकार की 'घोर धोखाधड़ी' के बराबर है।अदालत ने कड़े शब्दों में लिखे आदेश में आगे कहा कि FIR इस तरह से तैयार की गई ताकि शाह को बाद में FIR रद्द करने में मदद मिल सके।जस्टिस अतुल...
कर्नल सोफिया कुरैशी पर टिप्पणी मामला: BJP मंत्री के खिलाफ दर्ज FIR से असंतुष्ट हाईकोर्ट, करेगा जांच की निगरानी
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने गुरुवार (15 मई) को आदेश दिया कि वह कर्नल सोफिया कुरैशी पर उनकी टिप्पणी के लिए दर्ज FIR में भारतीय जनता पार्टी (BJP) मंत्री कुंवर विजय शाह के खिलाफ पुलिस की जांच की निगरानी करेगा। अपनी इस टिप्पणी में उन्होंने कर्नल सोफिया कुरैशी को "आतंकवादियों की बहन" कहा था।कोर्ट ने यह फैसला इसलिए किया ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि मामला निष्पक्ष रूप से हो।यह तब हुआ जब न्यायालय राज्य पुलिस द्वारा दर्ज की गई FIR की सामग्री से असंतुष्ट है। न्यायालय ने आगे कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए जांच...
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य नियंत्रित मंदिरों में पुजारी की नियुक्ति में जाति आधारित भेदभाव को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया
राज्य नियंत्रित हिंदू मंदिरों में पुजारी/पुजारियों की नियुक्ति में जाति आधारित भेदभाव को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की मुख्य पीठ ने राज्य के अधिकारियों को नोटिस जारी किया और जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया।चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने कहा,"नोटिस जारी किया गया। अभिजीत अवस्थी, डिप्टी एडवोकेट जनरल प्रतिवादियों की ओर से नोटिस स्वीकार करते हैं। वर्तमान याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय देने का...
Breaking | मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित टिप्पणी करने वाले BJP मंत्री के खिलाफ FIR दर्ज करने का दिया आदेश
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बीजेपी नेता और राज्य मंत्री कुंवर विजय शाह के उस बयान पर स्वतः संज्ञान लेते हुए FIR दर्ज करने का आदेश दिया, जिसमें उन्होंने कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकवादियों की बहन कहा था।जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की खंडपीठ ने कहा कि मंत्री के इस बयान से भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 152 और 192 के तहत प्रथम दृष्टया अपराध बनता है।धारा 152 उन कार्यों को दंडनीय बनाती है जो भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता के लिए खतरा पैदा करते हैं। धारा 192 अलग-अलग धार्मिक,...
एमपी हाईकोर्ट ने अवैध रेत खनन के मामले में दोषी व्यक्ति की सजा कम करने से इनकार किया, पर्यावरणीय प्रभाव का दिया हवाला
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव का हवाला देते हुए आरोपी की सजा कम करने से इनकार कर दिया, जिसे नदी से अवैध रूप से रेत की चोरी (खनन) के लिए दोषी ठहराया गया था।जस्टिस अचल कुमार पालीवाल ने अपने आदेश में कहा,“सजा के प्रश्न पर इस न्यायालय ने याचिकाकर्ता के वकील के तर्कों पर विचार किया है। यह सही है कि याचिकाकर्ता का समान प्रकृति का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और उसने 1 वर्ष की सजा में से 4 माह की सजा पहले ही काट ली है। वर्तमान याचिकाकर्ता के विरुद्ध जो...
जिम्मेदारी से भागने की कोशिश: कोरोना योद्धा योजना के तहत मुआवज़ा न देने पर MP हाईकोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने COVID ड्यूटी के दौरान दिवंगत हुए पुलिसकर्मी की पत्नी को मुआवज़ा न देने पर राज्य सरकार की कड़ी आलोचना की। कोर्ट ने मुआवज़ा न देने का आदेश रद्द करते हुए राज्य को निर्देश दिया कि वह मुख्यमंत्री COVID-19 योद्धा कल्याण योजना के तहत पीड़िता को 50 लाख रुपये का मुआवज़ा 45 दिनों के भीतर प्रदान करे।जस्टिस प्रणय वर्मा की एकल पीठ ने कहा,“जब पूरा देश लॉकडाउन में था और लोग घर से निकलने में डर रहे थे, तब सरकारी कर्मचारी, जैसे कि याचिकाकर्ता के पति, अपनी जान जोखिम में डालकर ड्यूटी कर रहे...
अनियमित रूप से नियुक्त कर्मचारियों की पुष्टि होने पर मनमाने ढंग से बर्खास्त नहीं किया जा सकता: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस सुरेश कुमार कैत और चीफ़ जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने 25 साल से अधिक की सेवा के बाद बर्खास्त विश्वविद्यालय के एक कर्मचारी को बहाल कर दिया। अदालत ने फैसला सुनाया कि उनकी नियुक्ति केवल अनियमित थी और अवैध नहीं थी, और बाद में सेवा की पुष्टि ने उनके पद को नियमित कर दिया था। अदालत ने कहा कि पुष्टि किए गए कर्मचारियों को उचित जांच के बिना समाप्त नहीं किया जा सकता है, भले ही प्रारंभिक नियुक्ति अनियमित हो।मामले की पृष्ठभूमि: नरेंद्र त्रिपाठी 1998 से भोपाल के बरकतउल्ला...
सेवा समाप्ति में नियमों का उल्लंघन: MP हाईकोर्ट ने मजदूर को नौकरी पर वापस लेने का आदेश दिया, 50% बकाया वेतन भी मिलेगा
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एक मजदूर की नौकरी से निकाले जाने को अवैध करार देते हुए उसे फिर से बहाल करने का आदेश दिया। साथ ही 50 प्रतिशत बकाया वेतन देने का भी निर्देश दिया।कोर्ट ने कहा कि कर्मचारी को हटाते समय औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 25(f) का पालन नहीं किया गया।जस्टिस मिलिंद रमेश फड़के की एकल पीठ ने यह फैसला सुनाया, जिसमें उन्होंने 2017 के श्रम न्यायालय का फैसला रद्द कर दिया। श्रम न्यायालय ने मजदूर को पूरा बकाया वेतन देने से इनकार कर दिया था।मामलापंकज कुमार मिश्रा नामक मजदूर 2011 से कृषि...
वकील बदलना गवाह को वापस बुलाने का आधार नहीं, आरोपी सुविधा के अनुसार अदालत की कार्यवाही को हाईजैक नहीं कर सकता: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर पीठ ने कहा है कि वकील का परिवर्तन गवाह को वापस बुलाने का आधार नहीं हो सकता है।जस्टिस गुरपाल सिंह अहलूवालिया की सिंगल जज बेंच ने कहा, "यह स्पष्ट है कि केवल वकील का परिवर्तन गवाह को वापस बुलाने का आधार नहीं हो सकता है। अन्यथा भी, गवाहों की सुविधा को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है और अभियुक्त को अपनी सुविधा के अनुसार ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही को हाईजैक करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। इसके अलावा, आवेदक ने डॉ. यू.एस.तिवारी के बयान पत्रों की प्रति भी दायर नहीं की है, यह...
'कथित अवैध कॉलेज मान्यता को छिपाने की कोशिश': एमपी हाईकोर्ट ने नर्सिंग काउंसिल के अधिकारियों को आदेशों का पालन न करने के लिए स्पष्टीकरण मांगा
नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने में अनियमितताओं का आरोप लगाने वाली एक जनहित याचिका पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य नर्सिंग परिषद के निदेशक और रजिस्ट्रार तथा भारतीय नर्सिंग परिषद के सचिव को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर न्यायालय के आदेशों का पालन न करने तथा महाधिवक्ता कार्यालय को प्रासंगिक दस्तावेज उपलब्ध न कराने के संबंध में स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है। जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस अचल कुमार पालीवाल की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा:“हमने पाया है कि प्रतिवादी संगठन न्यायालय के साथ सहयोग...
'अभियोजन पक्ष के गवाह से जिरह करने का पर्याप्त अवसर न देना अभियुक्त के बचाव के अधिकार पर गंभीर रूप से प्रतिकूल प्रभाव डालता है': मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर पीठ ने एक अभियुक्त के निष्पक्ष परीक्षण के अधिकार को बरकरार रखते हुए कहा कि गवाह से जिरह करने का पर्याप्त अवसर न देने से अभियुक्त के बचाव के अधिकार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। ऐसा करते हुए न्यायालय ने कहा कि पहले अवसर पर जिरह करने के अधिकार को बंद करना 'कठोर' और 'अनुचित' है। जस्टिस संजीव एस. कलगांवकर की एकल पीठ ने कहा,"निष्पक्ष परीक्षण का अधिकार कानून के शासन की मूलभूत गारंटी में से एक है, जिसका उद्देश्य न्याय प्रशासन सुनिश्चित करना है। निष्पक्ष परीक्षण में...

















