महाकालेश्वर मंदिर में 'VIP' प्रवेश को लेकर दायर जनहित याचिका खारिज

Amir Ahmad

2 Sept 2025 11:25 AM IST

  • महाकालेश्वर मंदिर में VIP प्रवेश को लेकर दायर जनहित याचिका खारिज

    मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने उस जनहित याचिका खारिज की, जिसमें आरोप लगाया गया कि उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर में केवल वीआईपी व्यक्तियों को ही गर्भगृह में प्रवेश कर जल अर्पित करने की अनुमति दी जाती है और आम भक्तों को इस अधिकार से वंचित रखा जाता है।

    जस्टिस विवेक रूसिया और जस्टिस बिनोद कुमार द्विवेदी की खंडपीठ ने कहा कि न तो किसी अधिनियम या नियम में और न ही मंदिर प्रबंधन समिति के प्रोटोकॉल में 'वीआईपी' की परिभाषा दी गई। समिति की बैठक के कार्यवृत्त से स्पष्ट है कि गर्भगृह में प्रवेश पर कोई स्थायी निषेध नहीं है बल्कि कलेक्टर और प्रबंधन समिति के प्रशासक की अनुमति से किसी भी व्यक्ति को प्रवेश दिया जा सकता है।

    खंडपीठ ने टिप्पणी की,

    “किसी विशेष दिन व्यक्ति की स्थिति को देखते हुए कलेक्टर उसे वीआईपी मानकर गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति दे सकता है। यह निर्णय पूरी तरह से सक्षम प्राधिकारी के विवेक पर निर्भर है। इस संबंध में कोई स्थायी सूची या प्रोटोकॉल नहीं है। अतः यह रिट याचिका सुनवाई योग्य नहीं है।”

    याचिका दायरकर्ता दर्पण अवस्थी ने तर्क दिया कि यह भेदभाव अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) और अनुच्छेद 25 (धार्मिक स्वतंत्रता) का उल्लंघन है। उन्होंने कई उदाहरण देते हुए कहा कि जुलाई, 2024 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) प्रदेश संगठन प्रभारी महेन्द्र सिंह अगस्त, 2024 में BJP विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा और बाद में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री सहित उनके परिवार व स्टाफ को गर्भगृह प्रवेश दिया गया।

    हाईकोर्ट ने इन दलीलों को अस्वीकार करते हुए कहा कि कौन वीआईपी है, यह तय करना न्यायालय का विषय नहीं बल्कि प्रशासनिक विवेक का प्रश्न है।

    केस टाइटल : दर्पण अवस्थी बनाम मध्यप्रदेश राज्य (रिट याचिका 32998/2025)

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