मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
हाईकोर्ट जज के लिए समय पर VIP ड्यूटी पर नहीं पहुंचने के लिए ड्राइवर को कर दिया गया था बर्खास्त, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने किया बहाल
हाईकोर्ट जज के समक्ष उपस्थित होने के लिए वीआईपी ड्यूटी पर देरी से पहुंचने के लिए ड्राइवर की "सजा" के रूप में बर्खास्तगी खारिज करते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने मामले को अनुशासनात्मक प्राधिकारी को अपराधी पर लगाए गए दंड की मात्रा पर पुनर्विचार करने के लिए भेज दिया।ऐसा करते हुए न्यायालय ने कहा कि सेवा से हटाने की सजा 'चौंकाने वाली' और 'अनुपातहीन' है।जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने कहा,"हालांकि, कदाचार के आरोप को देखते हुए बर्खास्तगी की सजा असंगत प्रतीत होती है। याचिकाकर्ता के...
'निर्णय की त्रुटि, बड़ा कदाचार नहीं': एमपी हाईकोर्ट ने हत्या के आरोपी को जमानत देने के बाद सेवा से बर्खास्त किए गए जज को राहत दी
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक जिला एवं सत्र न्यायाधीश को राहत प्रदान करते हुए न्यायिक अधिकारी पर लगाई गई सेवा से बर्खास्तगी की सजा के स्थान पर दो वेतन वृद्धि रोकने की सजा लागू कर दी। न्यायालय ने कहा कि न्यायाधीश की बर्खास्तगी निर्णय की त्रुटि पर आधारित थी न कि किसी बड़े कदाचार पर। इस प्रकार, न्यायालय ने सेवा से बर्खास्तगी के दंड को 'चौंकाने वाला अनुपातहीन' करार दिया।जिला एवं सत्र न्यायाधीश को एक हत्या के आरोपी की जमानत याचिका स्वीकार करने के लिए सेवा से बर्खास्त कर दिया गया, जबकि हाईकोर्ट ने उसकी...
मूल राहत के मूल्य को कम आंककर कोर्ट फीस बचाने की कोशिश पर कोर्ट को हस्तक्षेप करना चाहिए: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने कहा कि किसी वाद (Suit) का मूल्यांकन उस राहत के आधार पर किया जाना चाहिए, जो वादी द्वारा मांगी गई, न कि केवल वादपत्र में प्रयुक्त शब्दों के आधार पर किया जाना चाहिए।जस्टिस मिलिंद रमेश फडके ने निर्णय में कहा कि यदि कोई वादी वादपत्र और उसमें मांगी गई राहत का मूल्य कम करके प्रस्तुत करता है तो अदालत का यह दायित्व बनता है कि वह हस्तक्षेप कर यह जांच करे कि मांगी गई राहत का कोई वास्तविक मौद्रिक मूल्य (Real Money Value) है या नहीं।वादकर्ता (Plaintiff) ने घोषणा...
मप्र हाईकोर्ट ने ग्वालियरवासियों से स्वर्ण रेखा नदी परियोजना के सोशल ऑडिट में भाग लेने को कहा, सुझाव देने के लिए किया प्रोत्साहित
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने ग्वालियर के निवासियों को स्वर्ण रेखा नदी पुनरुद्धार परियोजना के सामाजिक ऑडिट में भाग लेने के लिए कहा है, क्योंकि वे शहर की शहरी नियोजन और विकास गतिविधियों में महत्वपूर्ण हितधारक हैं।न्यायालय ने कहा कि निवासियों की दृष्टि और सुझाव एक वास्तविक मूल्यवर्धन हो सकते हैं क्योंकि वे शहर के लोकाचार से अच्छी तरह वाकिफ हैं जिसे नगर निगम के अधिकारियों द्वारा याद किया जा सकता है। जस्टिस आनंद पाठक और जस्टिस हृदयेश की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा: "यदि अधिनियम, 1956 की धारा 5 (54-a)...
NEET PG 2025: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने इंटर्नशिप अवधि बढ़ाने पर निर्णय लंबित रहने तक नौ विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट को ऑनलाइन फॉर्म भरने की अनुमति दी
विदेशी यूनिवर्सिटी से MBBS पूरा करने वाले स्नातकों द्वारा इंटर्नशिप अवधि दो से तीन वर्ष करने के आदेश के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश में स्टेट मेडिकल काउंसिल को नौ याचिकाकर्ता विदेशी ग्रेजुएट को NEET PG परीक्षा 2025 ऑनलाइन फॉर्म भरने की अनुमति देने का निर्देश दिया, जो 7 मई को बंद हो रही है।जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने कहा:“नेशनल मेडिकल कमीशन की ओर से उपस्थित सीनियर एडवोकेट ने हरियाणा मेडिकल कमीशन और अन्य राज्यों द्वारा जारी नोटिस...
डॉ. बीआर अंबेडकर की प्रतिमा तोड़ने के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई? मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य से पूछा कि फरवरी में राज्य के सिवनी जिले में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा तोड़ने वाले "असामाजिक तत्वों" के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई।चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने कहा,"नोटिस जारी किया गया। मिस्टर अभिजीत अवस्थी, डिप्टी एडवोकेट जनरल प्रतिवादी/राज्य की ओर से नोटिस स्वीकार करते हैं और यह निर्देश लेने के लिए समय मांगते हैं कि 10 फरवरी, 2025 की रात को डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा तोड़ने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की...
2018 के आश्वासन के बावजूद राज्य में 31 जिला उपभोक्ता आयोगों में अध्यक्ष पद खाली: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में जनहित याचिका
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई, जो राज्य में जिला उपभोक्ता आयोगों में अध्यक्ष पदों के लंबे समय से खाली पड़े होने को लेकर है।यह याचिका एक पत्र के आधार पर दाखिल की गई, जो डॉ. पी. जी. नजपांडे, अध्यक्ष नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शन मंच द्वारा मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को संबोधित किया गया।चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा,“याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने वकालतनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा> उसके बाद वे इस याचिका में उठाए गए...
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने जांच में हेराफेरी करने के आरोप में बलात्कार के आरोपी हेड कांस्टेबल का तत्काल तबादला करने का निर्देश दिया
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य के पुलिस महानिदेशक (Director General) को जांच में हेराफेरी करने के प्रयास में बलात्कार के आरोपी हेड कांस्टेबल का तत्काल तबादला करने का निर्देश दिया।न्यायालय ने बलात्कार की FIR रद्द करने की कांस्टेबल की याचिका खारिज करते हुए पुलिस अधिकारियों को कांस्टेबल को हिरासत में लेने की छूट भी दी। इसके अलावा न्यायालय ने कहा कि जिला मजिस्ट्रेट के दबाव में ही FIR दर्ज की गई।न्यायालय ने कहा कि पुलिस को FIR दर्ज करने में देरी का कारण "पुलिस द्वारा असहयोग" बताना चाहिए था। हालांकि,...
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अनाथ बच्चों को सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण देने की मांग वाली जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अनाथ बच्चों के कल्याण और उत्थान के लिए उचित नीति बनाने की मांग वाली जनहित याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया, जिसमें सरकारी, गैर-सरकारी सेवा और शैक्षणिक संस्थानों में अनाथ स्टूडेंट्स के लिए आरक्षण शामिल है।चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ दिशा एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जो रजिस्टर्ड सोसायटी है, जिसका उद्देश्य देश में रहने वाले अनाथ बच्चों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करना है।याचिका में कहा गया कि...
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने विचाराधीन कैदियों, दोषियों को जमानत आवेदन, अपील और संशोधन दाखिल करने में दी जाने वाली कानूनी सहायता पर रिपोर्ट मांगी
हत्या के एक दोषी की सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रीवा से जवाब मांगा कि दोषी को तत्काल कानूनी सहायता क्यों नहीं प्रदान की गई। बता दें कि उक्त दोषी ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ अपील दाखिल करने में 850 दिनों की देरी के लिए माफी मांगी थी।ऐसा करते हुए न्यायालय ने पाया कि यह "राज्य में कानूनी सहायता के कामकाज का प्रतिबिंब" है और आगे राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को राज्य में जेलों के अधीक्षकों से विचाराधीन कैदियों/दोषियों को प्रदान की जाने वाली कानूनी सहायता के...
विशेष प्राधिकरण के बिना वकील द्वारा दायर पंचायत चुनाव याचिका अमान्य मानी जाएगी: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अपील पर सुनवाई करते हुए कहा कि राज्य पंचायत (चुनाव याचिका भ्रष्ट आचरण एवं सदस्यता के लिए अयोग्यता) नियमों के तहत यदि कोई वकील बिना विशेष प्राधिकरण के चुनाव याचिका प्रस्तुत करता है तो वह वैध प्रतिनिधित्व नहीं माना जाएगा।जस्टिस विजय कुमार शुक्ला और जस्टिस प्रणय वर्मा की खंडपीठ ने कहा,"नियम 3 के उपनियम (1) की भाषा स्पष्ट है कि चुनाव याचिका उस व्यक्ति द्वारा या उस व्यक्ति द्वारा लिखित रूप से अधिकृत व्यक्ति द्वारा कार्यालय समय में संबंधित अधिकारी को प्रस्तुत की जानी चाहिए।...
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने फैसला लिखे बिना आरोपियों को बरी करने के लिए सिविल जज की बर्खास्तगी को बरकरार रखा
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने आपराधिक मुकदमों में आरोपियों को बिना फैसला लिखे बरी करने पर एक सिविल जज की बर्खास्तगी को बरकरार रखा है। न्यायालय ने कहा कि आरोप 'गंभीर कदाचार' के हैं और इन्हें माफ नहीं किया जा सकता है।चीफ़ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने कहा, "जब हम रिकॉर्ड को देखते हैं, तो यह पाया जाता है कि याचिकाकर्ता के खिलाफ सभी पांच आरोप साबित हुए थे। आरोप गंभीर कदाचार के हैं कि उन्होंने निर्णय लिखे बिना आपराधिक परीक्षणों में अभियुक्तों को बरी कर दिया, जो स्पष्ट रूप से गंभीर...
'यह सुनिश्चित करता है कि मेधावी छात्रों को प्रवेश मिले': MP हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री की लोक कल्याण शिक्षा प्रोत्साहन योजना की वैधता बरकरार रखी
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री जनकल्याण शिक्षा प्रोत्साहन योजना की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा है, जो मध्य प्रदेश के निवासी मेधावी छात्रों को मध्य प्रदेश के सरकारी या निजी संस्थानों में प्रवेश लेने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। टीएमए पाई फाउंडेशन बनाम कर्नाटक राज्य (2002) में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा, “उपर्युक्त दृष्टिकोण से जांच करने पर यह निष्कर्ष निकलता है कि इन योजनाओं के दोहरे...
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने धारदार हथियारों के निर्माण और बिक्री के लिए लाइसेंस प्रक्रिया की मांग करने वाली याचिका खारिज की
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर पीठ ने धारदार हथियारों के निर्माण और बिक्री के लिए लाइसेंस प्रक्रिया तैयार करने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग वाली याचिका खारिज की।न्यायालय ने कहा कि धारदार हथियारों के निर्माण के लिए नीति बनाने के लिए सरकार को बाध्य करने के लिए न्यायालय का उपयोग नहीं किया जा सकता, जिसका उपयोग केवल बेईमान व्यक्ति ही कर सकते हैं।जस्टिस सुबोध अभ्यंकर ने कहा,"उचित विचार करने पर यह न्यायालय यह समझने में पूरी तरह असमर्थ है कि याचिकाकर्ता धारदार हथियारों के निर्माण और बिक्री...
EVM से छेड़छाड़ का आरोप लगाने वाली Congress नेता की याचिका खारिज
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कांग्रेस (Congress) नेता प्रकाश मंगीलाल शर्मा द्वारा भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता एवं भोपाल दक्षिण-पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से विधायक भगवंदास साहबनानी के चुनाव को चुनौती देते हुए दायर की गई याचिका खारिज की। याचिका में EVM (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) से छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया था।जस्टिस विशाल धागत ने अपने आदेश में कहा,“चुनावी याचिका जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951' की धारा 81 के तहत धारा 100(1) और 101 में दिए गए आधारों पर ही दाखिल की जा सकती है। धारा 83 के तहत भ्रष्ट आचरण...
MP हाईकोर्ट ने डेटा चोरी और वित्तीय घोटालों को रोकने के लिए लॉन्च से पहले मोबाइल ऐप की जांच करने की जनहित याचिका पर केंद्र, Google और अन्य को नोटिस जारी किया
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लॉन्च होने से पहले मोबाइल ऐप की जांच करने के लिए एक नियामक एजेंसी स्थापित करने के निर्देश देने के लिए एक जनहित याचिका पर केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और प्रौद्योगिकी दिग्गजों-गूगल इंडिया, एप्पल इंडिया, माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन इंडिया, श्याओमी टेक्नोलॉजी इंडिया से जवाब मांगा है। चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने 23 अप्रैल के अपने आदेश में कहा, "नोटिस जारी किया गया। श्री ईशान सोनी प्रतिवादी संख्या 1...
हाईकोर्ट ने हत्या के मामले में साक्ष्य दबाने के लिए भोपाल के DIG पर 5 लाख का जुर्माना लगाया, ट्रायल कोर्ट के दृष्टिकोण की आलोचना की
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर पीठ ने भोपाल के वर्तमान उप महानिरीक्षक को दतिया जिले में पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात रहते हुए हत्या के मामले में जानबूझकर साक्ष्य दबाने के लिए 5 लाख रुपये का जुर्माना भरने का निर्देश दिया।ऐसा करते हुए न्यायालय ने पुलिस महानिदेशक को अधिकारी के खिलाफ विभागीय जांच शुरू करने का भी निर्देश दिया।जस्टिस गुरपाल सिंह अहलूवालिया की एकल पीठ ने कहा,“यह वास्तव में चौंकाने वाली स्थिति है, जहां पुलिस ने उनसे अपेक्षित न्यूनतम स्तर के कर्तव्यों का पालन नहीं किया।”न्यायालय हत्या...
'पहले आओ पहले पाओ' नीति स्वाभाविक रूप से दोषपूर्ण है, सार्वजनिक रोजगार के मामलों में इसका सहारा नहीं लिया जा सकता: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर पीठ ने दोहराया कि पहले आओ पहले पाओ की नीति 'स्वाभाविक रूप से दोषपूर्ण' है और राज्य को सार्वजनिक रोजगार के मामलों में इसे लागू नहीं करना चाहिए। न्यायालय ने जल शक्ति मंत्रालय और जल संसाधन विभाग को भविष्य में उक्त नीति का सहारा न लेने का निर्देश दिया।जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की एकल पीठ ने कहा, “…प्रतिवादियों द्वारा पहले आओ पहले पाओ के सिद्धांत पर अपनाई गई नीति स्वाभाविक रूप से त्रुटिपूर्ण थी, और यह सिद्धांत किसी भी सार्वजनिक रोजगार के मामले में भी लागू होगा और हालांकि, इस...
हाईकोर्ट ने जमानत पर बाहर आकर बार-बार मादक पदार्थ की तस्करी करने के आरोपी को 6 महीने हिरासत में रखने का आदेश बरकरार रखा
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 21 वर्षीय एक युवक को छह महीने तक हिरासत में रखने के आदेश को बरकरार रखा है। वह कथित तौर पर जमानत पर रिहा होने के बाद भी मादक पदार्थों की लगातार अवैध तस्करी में शामिल था। न्यायालय ने कहा कि यह आदेश वांछनीय है और समाज के हित में है।जस्टिस विवेक रूसिया और जस्टिस गजेंद्र सिंह की खंडपीठ ने कहा,“याचिकाकर्ता, जिसकी आयु लगभग 21 वर्ष है, NDPS Act के प्रावधानों के तहत तीन मामलों और मध्य प्रदेश आबकारी अधिनियम के तहत एक मामले में शामिल पाया गया है। जमानत पर रिहा होने के बाद, वह लगातार...
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने विधानसभा की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग की मांग करने वाली याचिका पर राज्य को नोटिस जारी किया
मध्य प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू करने के निर्देश देने की मांग करने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर पीठ ने राज्य को नोटिस जारी किया और चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा।जस्टिस विवेक रूसिया और जस्टिस गजेंद्र सिंह की खंडपीठ ने कहा,"7 कार्य दिवसों के भीतर पीएफ के भुगतान पर प्रतिवादियों को नोटिस जारी करें। नोटिस 4 सप्ताह के भीतर वापस किया जाना चाहिए।"राज्य के शासन में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए प्रतिवादियों/राज्य को मध्य प्रदेश विधानसभा की...














