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न्याय के पहियों में घर्षण: 38 साल पुराने वसीयत विवाद का निपटारा करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने जताई निराशा, जारी किए प्रशासन पत्र
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में 38 साल पुराने वसीयत विवाद का निपटारा करते हुए टिप्पणी की कि यह मामला न्याय के पहियों में उस घर्षण का उदाहरण है, जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने यशपाल जैन बनाम सुशीला देवी और अन्य मामले में चेतावनी दी थी।जस्टिस पुरुशैन्द्र कुमार कौरव ने कहा कि इस विवाद का फैसला करने में 38 साल लंबा समय लगा। इस बीच अधिकांश मूल पक्षकारों की मृत्यु हो गई और अनगिनत वकीलों को बदला गया।जज ने टिप्पणी की,"न्याय वितरण प्रणाली बार, पीठ और पक्षकारों के बीच आपसी विश्वास पर कार्य करती है। प्रत्येक...
सामान्य श्रेणी के यात्रियों को प्रीमियम श्रेणी में यात्रा करने वालों के समान सुरक्षा मानकों का अधिकार: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने रेलवे से कहा
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने इस बात पर ज़ोर दिया कि प्रत्येक यात्री, चाहे वह किसी भी श्रेणी में यात्रा कर रहा हो, रेल प्रशासन से सुरक्षा, देखभाल और सतर्कता के समान मानकों का हकदार है।जस्टिस हिमांशु जोशी की पीठ ने एक यात्री के भीड़भाड़ वाली ट्रेन से गिरने के कारण अपने दोनों पैर गंवाने के बाद सुरक्षित यात्रा की स्थिति सुनिश्चित करने में विफल रहने के लिए रेलवे को उत्तरदायी ठहराया।पीठ ने कहा,"यह न्यायालय यह टिप्पणी करने के लिए बाध्य है कि रेल प्रशासन को सामान्य श्रेणी में यात्रा करने वाले यात्रियों के...
जाली डिग्री सर्टिफिकेट के आधार पर नियुक्ति पाना अक्षम्य: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब किसी अभ्यर्थी की नियुक्ति जाली शैक्षिक प्रमाण पत्र के आधार पर होती है तो यह कृत्य "अक्षम्य" है और केवल इसलिए बर्खास्तगी को अमान्य नहीं माना जाएगा, क्योंकि पूरी विभागीय जांच नहीं की गई।जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की खंडपीठ ने दिल्ली पुलिस कांस्टेबल की बर्खास्तगी को बहाल करते हुए कहा कि जब जालसाजी के मूल आरोप का खंडन नहीं किया जाता है तो औपचारिक जांच का अभाव बर्खास्तगी आदेश को अमान्य नहीं करता।कोर्ट ने कहा,"यह भी स्वीकार किया जाता है कि...
सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी का घर अवैध रूप से गिराने का आरोप लगाने वाली याचिका पर मध्य प्रदेश के अधिकारियों से जवाब मांगा
सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के अधिकारियों से उस याचिका पर जवाब मांगा, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन करते हुए याचिकाकर्ता के घर को कथित रूप से अवैध रूप से गिराने के लिए अवमानना कार्यवाही की मांग की गई।सीहोर जिले के निवासी इमरोज़ खान नामक याचिकाकर्ता ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा अवमानना कार्यवाही शुरू करने से इनकार करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। याचिकाकर्ता के अनुसार, उनके खिलाफ गैरकानूनी धर्म परिवर्तन का आरोप लगाकर झूठा मामला दर्ज करने के बाद उनका घर गिरा...
1996 गाज़ियाबाद बस धमाका: पुलिस के बयान मान्य नहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपी को 'भारी मन से' बरी किया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 1996 के मोदीनगर–गाज़ियाबाद बस बम धमाका मामले में दोषी ठहराए गए मोहम्मद इलियास को बरी कर दिया है। 51 पन्नों के विस्तृत फैसले में अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में पूरी तरह विफल रहा और पुलिस द्वारा रिकॉर्ड किया गया इलियास का कथित इक़बाल-ए-जुर्म भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 25 के चलते कानूनी रूप से स्वीकार नहीं किया जा सकता।जस्टिस सिद्धार्थ और जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्रा की खंडपीठ ने कहा कि पुलिस के समक्ष दिया गया कथित बयान एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा टेप पर...
दिल्ली के स्मॉग का हवाला देते हुए जस्टिस भूइयां ने चेताया: बाद में दी जाने वाली पर्यावरण मंजूरी स्वीकार नहीं, कोर्ट पीछे नहीं हट सकती
पर्यावरण नियमों में ढील का विरोध: जस्टिस भूइयाँ ने वैनाशक्ति फैसले की समीक्षा पर कड़ा असहमति मत जतायासुप्रीम कोर्ट के जस्टिस उज्जल भूइयाँ ने वैनाशक्ति फैसले की समीक्षा के खिलाफ कड़े शब्दों में असहमति जताते हुए कहा कि दिल्ली का खतरनाक स्मॉग याद दिलाता है कि पर्यावरण कानूनों को कमजोर नहीं किया जा सकता। उनका मत था कि पर्यावरण मंजूरी (EC) हमेशा पहले लेनी चाहिए, और बाद में दी गई मंजूरी (post-facto EC) पूरी तरह अवैध है। बहुमत ने कुछ स्थितियों में बाद में मंजूरी की अनुमति देने का रास्ता खोला है, लेकिन...
दिव्यांग कर्मचारियों का PCA भत्ता बंद: सुप्रीम कोर्ट ने AIIMS दिव्यांग फेडरेशन की याचिका पर जारी किया नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में AIIMS दिव्यांग फेडरेशन द्वारा दायर अनुच्छेद 32 की याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। यह याचिका उन दिव्यांग कर्मचारियों के मुद्दे को उठाती है जो देशभर के केंद्रीय सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य संस्थानों में कार्यरत हैं और जिनका पेशेंट केयर अलाउंस (PCA) बंद कर दिया गया है।याचिका में बताया गया है कि यह भत्ता स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की 7 मई और 21 अप्रैल 2023 की अधिसूचनाओं के आधार पर विभिन्न अस्पतालों द्वारा बंद कर दिया गया है। याचिकाकर्ताओं का कहना...
गलत ट्रेन में चढ़ने को आधार बनाकर मुआवजा से इनकार नहीं कर सकता रेलवे: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय में मृतक युवक के माता-पिता को 8 लाख रुपये का मुआवजा, 9% ब्याज सहित, देने का आदेश दिया है। युवक की मौत उस समय हुई थी जब वह गलती से गलत ट्रेन में चढ़ गया था और रेलवे ने इस आधार पर मुआवजा देने से इनकार कर दिया था।रेलवे ने अपने बचाव में दावा किया था कि मृतक के पास सतना से मैहर तक का वैध टिकट था, लेकिन वह गलती से ऐसी ट्रेन में चढ़ गया जो मैहर स्टेशन पर नहीं रुकती थी। रेलवे के अनुसार, जब मृतक को अपनी गलती का एहसास हुआ तो उसने चलती ट्रेन से उतरने की...
पति की तलाक याचिका का बदला लेने के लिए अलग होने के 20 महीने बाद दर्ज की गई FIR: हाईकोर्ट ने पत्नी की क्रूरता की FIR खारिज की
राजस्थान हाईकोर्ट ने पति के खिलाफ दर्ज की गई धारा 498ए की क्रूरता FIR को रद्द करते हुए कहा है कि यह मामला स्पष्ट रूप से प्रतिशोध (retaliation) के तौर पर दायर किया गया था। अदालत ने पाया कि पत्नी ने पति से अलग रहने के लगभग 20 महीने बाद यह FIR दर्ज कराई, और वह भी तब जब पति ने तलाक की कार्यवाही शुरू की। इस तरह की देरी और परिस्थितियाँ यह दर्शाती हैं कि मामला केवल बदला लेने के लिए दर्ज किया गया था।जस्टिस आनंद शर्मा की बेंच ने अपने फैसले में यह भी रेखांकित किया कि पत्नी ने तलाक याचिका का विरोध करते हुए...
पासओवर/स्थगन को वकील का अधिकार न समझें, यह सिर्फ अदालत की शिष्टाचार-भर सुविधा: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि अदालत द्वारा वकीलों को दिया जाने वाला पासओवर (pass over) या स्थगन (adjournment) किसी भी स्थिति में उनका अधिकार नहीं है, बल्कि यह केवल अदालत की ओर से दी गई एक शिष्टाचार-आधारित सुविधा है।जस्टिस गिरिश काथपालिया ने यह टिप्पणी उस समय की जब अदालत 2006 से लंबित एक सिविल मुकदमे में बचाव पक्ष के गवाह की जिरह करने का अधिकार बंद किए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिकाकर्ता की ओर से यह दावा किया गया कि ट्रायल कोर्ट ने उचित अवसर नहीं दिया और 1...
निजी समझौते से मकान-मालिक अपने कानूनी अधिकार नहीं छोड़ सकता: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने साफ कहा है कि दिल्ली रेंट कंट्रोल एक्ट, 1958 के तहत मकान-मालिक को मिले अधिकार किसी भी निजी समझौते या कॉन्ट्रैक्ट से खत्म नहीं किए जा सकते।जस्टिस अनुप जयराम भांभानी ने कहा कि अगर कोई कॉन्ट्रैक्ट किसी व्यक्ति को कानून में दिए गए अधिकारों या उपायों का इस्तेमाल करने से रोकता है, तो वह कॉन्ट्रैक्ट कानून के हिसाब से बिल्कुल अवैध है।किरायेदारों का दावा क्या था? किरायेदारों ने कहा कि मकान-मालिक के पूर्वजों ने पहले ही एक समझौता कर दिया था, जिसमें उन्होंने DRC Act के तहत अपने अधिकार...
दिल्ली दंगों की जांच पर हाईकोर्ट ने पुलिस से रिपोर्ट तलब की, 21 नवम्बर को होगी अगली सुनवाई
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को वर्ष 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों से जुड़ी FIR की जांच की वर्तमान स्थिति बताने के लिए दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया। जस्टिस विवेक चौधरी और जस्टिस मनोज जैन की खंडपीठ ने दंगों की स्वतंत्र जांच और राजनेताओं पर घृणास्पद भाषण के आरोपों में FIR दर्ज करने संबंधी अनेक याचिकाओं को 21 नवम्बर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।इन याचिकाओं में से एक जमीयत उलेमा-ए-हिंद द्वारा दायर की गई, जिसमें निवेदन किया गया कि सभी मामलों की जांच स्वतंत्र विशेष जांच दल द्वारा की जाए, जिसकी...
BREAKING| सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न राज्य बार काउंसिल चुनावों के लिए संशोधित कार्यक्रम निर्धारित किया, निगरानी के लिए समितियां गठित कीं
सुप्रीम कोर्ट ने 16 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में राज्य बार काउंसिल के चुनाव कराने की समय-सारिणी में संशोधन किया और आदेश दिया कि ये चुनाव 31 जनवरी, 2026 से 30 अप्रैल, 2026 के बीच पांच चरणों में कराए जाएं।चुनावों को सुगम बनाने के लिए कोर्ट ने क्षेत्रीय स्तर पर उच्चाधिकार प्राप्त चुनाव निगरानी समितियों (HPEMC) के साथ-साथ उच्चाधिकार प्राप्त पर्यवेक्षी समिति (जिसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व जज करेंगे) का गठन किया। समितियों के सदस्यों को कोर्ट द्वारा अपलोड किए गए अपने आदेश में सूचित...
आरोपित के निष्पक्ष मुक़दमे के अधिकार को पुलिस की निजता पर प्राथमिकता: राजस्थान हाईकोर्ट ने अधिकारी के मोबाइल लोकेशन रिकॉर्ड सुरक्षित रखने का आदेश दिया
राजस्थान हाईकोर्ट ने मादक पदार्थ नियंत्रण कानून के एक मामले में आरोपी द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों को देखते हुए महत्वपूर्ण आदेश पारित किया। आरोपी का कहना था कि जिस पुलिस अधिकारी ने उसके ख़िलाफ़ बरामदगी दिखाई वह घटना से पहले ही स्थल पर मौजूद था और उसी ने उसके पास से बरामद दिखाए गए पदार्थ को वहां रखा। इसी पृष्ठभूमि में न्यायालय ने उक्त अधिकारी के मोबाइल टावर लोकेशन का रिकॉर्ड सुरक्षित रखने का निर्देश दिया।जस्टिस अनुप कुमार ढांड ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा कि यद्यपि इस प्रकार का निर्देश पुलिस...
'अपनी मशीनरी का इस्तेमाल राजनीतिक लड़ाई के लिए क्यों?': झारखंड विधानसभा नियुक्तियों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने CBI से पूछा
सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड विधानसभा में नियुक्तियों की जांच के मुद्दे पर सुनवाई करते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से सवाल किया कि उसका इस्तेमाल राजनीतिक लड़ाई लड़ने के लिए क्यों किया जा रहा है।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की खंडपीठ झारखंड विधानसभा द्वारा झारखंड हाईकोर्ट के सितंबर 2024 के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें झारखंड राज्य विधानसभा में नियुक्तियों और पदोन्नतियों में कथित अनियमितताओं की CBI जांच का निर्देश दिया गया। नवंबर,...
अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप से जुड़े बैंक घोटाले की स्वतंत्र जांच पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने देश के कथित सबसे बड़े बैंक घोटालों में से एक की जांच को लेकर दायर जनहित याचिका पर केंद्र सरकार, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय, अनिल धीरूभाई अंबानी समूह और अनिल अंबानी को नोटिस जारी किया। यह याचिका पूर्व केंद्रीय सचिव ई.ए.एस. शर्मा द्वारा दाखिल की गई थी।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बी आर गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की खंडपीठ ने संक्षिप्त सुनवाई के बाद नोटिस जारी किया। याचिकाकर्ता का आरोप है कि रिलायंस संचार तथा समूह की अन्य कंपनियों में लंबे समय तक भारी धन...
बच्चे की कस्टडी तय करते समय माता-पिता के अप्रमाणित अनैतिक कृत्य प्रासंगिक नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि बच्चों की कस्टडी के मामलों में निर्णय एक माता-पिता द्वारा दूसरे पर "नैतिक आचरण के अप्रमाणित आरोप" के आधार पर नहीं हो सकता।जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ ने कहा कि कस्टडी विवादों में नाबालिग बच्चे का कल्याण माता-पिता के कानूनी अधिकारों से ऊपर, नियंत्रित और सर्वोपरि सुनवाई योग्य होता है।कोर्ट ने कहा,"हालांकि माता-पिता की वित्तीय स्थिरता या संपन्नता एक प्रासंगिक कारक हो सकती है, लेकिन यह अकेले भावनात्मक सुरक्षा, अपनेपन की भावना और...
फिर तो हमें रूमाल के इस्तेमाल पर भी नज़र रखनी चाहिए: सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों के बैंड के पर्यावरण-अनुकूल निपटान की याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को देश भर की सभी अदालतों में इस्तेमाल हो चुके वकीलों के बैंड के संग्रह, पृथक्करण, निपटान और पुनर्चक्रण के लिए एक समान और पर्यावरण-अनुकूल प्रणाली की मांग वाली याचिका पर विचार करने से इनकार किया।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता की बात सुनी, जो व्यक्तिगत रूप से पेश हुईं और खुद को एक वकील की पत्नी बताया। उन्होंने दलील दी कि दिवाली की छुट्टियों के दौरान उन्हें कई फेंके हुए वकीलों के बैंड मिले, जिनके बारे में उनका दावा था...
दिल्ली जिला कोर्ट को मिली बम से उड़ाने की धमकी, बढ़ाई गई सुरक्षा
मंगलवार को बम की धमकी मिलने के बाद आज (मंगलवार) दिल्ली की जिला अदालतों में सुरक्षा बढ़ा दी गई।संबंधित अदालतें साकेत, द्वारका, पटियाला हाउस और रोहिणी हैं।बम की आशंका के तुरंत बाद अदालत की इमारतों को खाली करा दिया गया और परिसर की सुरक्षा जांच की गई।बम की आशंका के चलते अदालती कार्यवाही रोक दी गई। हालांकि, सुरक्षा जांच पूरी होने के बाद दोपहर के भोजन के बाद फिर से शुरू हो सकती है।बम की धमकी के बारे में अधिक जानकारी की प्रतीक्षा है।सितंबर में दिल्ली हाईकोर्ट को भी बम की धमकी वाला ईमेल मिला था, जिसके...
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट: बिना किसी आपराधिक इरादे के जोर से खींचने पर महिलाओं का सिर ढकने वाला कपड़ा गिरना 'शरम-भंग' नहीं
जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में स्पष्ट किया कि किसी महिला का सिर ढकने वाला कपड़ा (हिजाब/दुपट्टा/ओढ़नी) महज़ जोर लगने के कारण गिर जाना तब तक 'शरम-भंग' (Section 354 IPC) के अपराध की श्रेणी में नहीं आता, जब तक आरोपी का स्पष्ट इरादा महिला की मर्यादा भंग करने का न हो। अदालत ने कहा कि महिला के साथ किसी भी प्रकार का बल प्रयोग या हमला तभी दंडनीय है, जब उसके पीछे महिला की गरिमा को ठेस पहुँचाने का उद्देश्य या ऐसी संभावना का ज्ञान मौजूद हो।जस्टिस संजय धर एक याचिका पर सुनवाई कर...




















