ओवरहेड तारों को भूमिगत केबल से बदलने के दौरान वैध बिजली कनेक्शन अनिश्चित काल के लिए बाधित नहीं किया जा सकता: इलाहाबाद हाईकोर्ट
Shahadat
4 Jun 2024 6:41 AM GMT
![ओवरहेड तारों को भूमिगत केबल से बदलने के दौरान वैध बिजली कनेक्शन अनिश्चित काल के लिए बाधित नहीं किया जा सकता: इलाहाबाद हाईकोर्ट ओवरहेड तारों को भूमिगत केबल से बदलने के दौरान वैध बिजली कनेक्शन अनिश्चित काल के लिए बाधित नहीं किया जा सकता: इलाहाबाद हाईकोर्ट](https://hindi.livelaw.in/h-upload/2024/05/13/750x450_539585-750x450447539-prayagraj-allahabad-high-court-1.jpg)
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि ओवरहेड तारों को भूमिगत केबल से बदलने के कारण वैध बिजली कनेक्शन अनिश्चित काल के लिए बाधित नहीं किया जा सकता।
मुरादाबाद में स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत सड़कों को चौड़ा करते समय प्रतिवादी अधिकारियों ने कई ओवरहेड तारों को हटा दिया था, जिससे याचिकाकर्ताओं की दुकानों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। इसके अलावा, स्टेशन रोड पर स्थित इमारत का हिस्सा, जहां दुकानें स्थित थीं, उसको अधिकारियों द्वारा ध्वस्त कर दिया गया और मलबा छोड़ दिया गया।
याचिकाकर्ताओं ने अपनी बिजली आपूर्ति बहाल करने की मांग करते हुए अपने रिट अधिकार क्षेत्र में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। प्रतिवादियों ने दलील दी कि याचिकाकर्ताओं और उनके मकान मालिकों द्वारा दायर मुकदमों में निषेधाज्ञा के कारण अधिकारियों द्वारा भूमिगत केबल बिछाने का काम पूरा नहीं किया जा सका।
याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि निषेधाज्ञा इमारत के उस हिस्से को ध्वस्त करने से संबंधित थी, जो बिजली आपूर्ति बहाल करने से अलग है।
बिजली विभाग के वकील ने कहा कि चूंकि नगर निगम मलबा नहीं हटा रहा है, इसलिए बिजली आपूर्ति बहाल नहीं की जा सकती। कहा गया कि जैसे ही नगर निगम मलबा हटाएगा, बिजली आपूर्ति बहाल कर दी जाएगी।
जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता और न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र की खंडपीठ ने कहा,
"इस निर्विवाद तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि याचिकाकर्ताओं के पास वैध बिजली कनेक्शन था और बिजली आपूर्ति को काटने का एकमात्र कारण यह है कि ओवरहेड तारों को भूमिगत केबलों से बदला जाना है, हमारा मत है कि उक्त आधार अनिश्चित काल के लिए वैध बहाना नहीं हो सकता। नगर निगम और बिजली विभाग का कानूनी दायित्व है कि वे मिलकर काम करें और मलबा हटाकर वैध उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति बहाल करें।"
तदनुसार, न्यायालय ने नगर निगम और बिजली विभाग को आपस में समन्वय स्थापित कर याचिकाकर्ताओं का बिजली कनेक्शन 48 घंटे के भीतर बहाल करने का निर्देश दिया। न्यायालय ने निर्देश दिया कि यदि कनेक्शन बहाल नहीं होता है तो प्रतिवादियों को कारण बताना होगा कि लंबे समय तक वैध बिजली आपूर्ति बाधित करने के लिए उन पर हर्जाना क्यों न लगाया जाए।
केस टाइटल: शेखर कपूर और 10 अन्य बनाम यूपी राज्य और 3 अन्य [रिट- सी नंबर- 11053/2024]