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Arbitration | आर्बिट्रेटर अपॉइंट करने के ऑर्डर के खिलाफ कोई रिव्यू या अपील नहीं हो सकती: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आर्बिट्रेटर के अपॉइंटमेंट के ऑर्डर के खिलाफ रिव्यू या अपील की इजाज़त नहीं है।कोर्ट ने कहा,“एक बार आर्बिट्रेटर अपॉइंट हो जाने के बाद आर्बिट्रेशन प्रोसेस बिना किसी रुकावट के आगे बढ़ना चाहिए। धारा 11 के तहत किसी ऑर्डर के खिलाफ रिव्यू या अपील का कोई कानूनी प्रोविज़न नहीं है, जो एक सोची-समझी कानूनी पसंद को दिखाता है।”कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के उस ऑर्डर को रद्द करते हुए कहा, जिसमें रिव्यू पिटीशन को मंज़ूरी दी गई और आर्बिट्रेटर के पहले के अपॉइंटमेंट को वापस ले लिया गया था, जबकि...
दिल्ली हाईकोर्ट ने MEA को दुबई में विदेशी नागरिक द्वारा कथित तौर पर बंदी बनाई गई महिला की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश दिया
दिल्ली हाईकोर्ट ने विदेश मंत्रालय (MEA) और दुबई में भारत के कॉन्सुलेट जनरल को निर्देश दिया कि वह दुबई में एक विदेशी नागरिक द्वारा कथित तौर पर बंदी बनाई गई और शारीरिक शोषण की गई 25 साल की भारतीय महिला की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तुरंत कदम उठाएं।जस्टिस सचिन दत्ता ने MEA और दुबई में भारत के कॉन्सुलेट जनरल को महिला की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने और आरोपों को वेरिफाई करने के लिए तुरंत कदम उठाने का निर्देश दिया।कोर्ट महिला के पिता वी. थिरुनावुक्कारासु की दायर याचिका पर विचार कर रहा था, जिसमें...
SFIO जांच PMLA कार्रवाई पर रोक नहीं लगाती: हाईकोर्ट ने ₹6000 करोड़ के फॉरेक्स स्कैम में ED की प्रोविजनल अटैचमेंट को सही ठहराया
दिल्ली हाईकोर्ट ने साफ किया कि किसी कंपनी के मामलों में सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस की जांच, प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत पैरेलल कार्रवाई पर रोक नहीं लगाती है।इस तरह जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की डिवीजन बेंच ने कुछ आरोपियों की उस अर्जी को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने कंपनीज एक्ट, 2013 की धारा 447 के तहत उनकी (शेल) कंपनियों में SFIO की जांच के पेंडिंग रहने के दौरान उनकी चल और अचल प्रॉपर्टी की प्रोविजनल अटैचमेंट को चुनौती दी थी।जजों ने कहा,“याचिकाकर्ता की...
'व्यक्तिगत पसंद का सम्मान किया जाना चाहिए': छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने नाबालिग रेप सर्वाइवर को 21 हफ़्ते की प्रेग्नेंसी खत्म करने की इजाज़त दी
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने नाबालिग रेप और सेक्सुअल असॉल्ट सर्वाइवर को अपनी 21 हफ़्ते की प्रेग्नेंसी खत्म करने की इजाज़त दी। साथ ही दोहराया कि ऐसा न करने देना उसके शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के अधिकार का उल्लंघन होगा, उसके मानसिक ट्रॉमा को बढ़ाएगा और उसकी शारीरिक, साइकोलॉजिकल और मेंटल हेल्थ पर बहुत बुरा असर डालेगा।सुचिता श्रीवास्तव और अन्य बनाम चंडीगढ़ एडमिनिस्ट्रेशन (2009) में सुप्रीम कोर्ट की बात का ज़िक्र करते हुए जहां कोर्ट ने “बेस्ट इंटरेस्ट” थ्योरी लागू की थी, जिसके तहत कोर्ट को यह पता लगाना...
पुलिस 'ड्रेड स्कॉट' केस के दिनों से अभी ज़्यादा आगे नहीं आई: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महिला का 'कब्ज़ा' लेने की आलोचना की
पुलिस की मनमानी की कड़ी आलोचना करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में उत्तर प्रदेश पुलिस अधिकारियों को महिला की हिरासत को 'कब्ज़ा' में लेने के तौर पर रिकॉर्ड करने के लिए कड़ी फटकार लगाई ताकि हाईकोर्ट के आदेश को नज़रअंदाज़ किया जा सके।कोर्ट ने इस बात पर कड़ी आपत्ति जताई कि यूपी पुलिस ने एक महिला से जुड़ा फर्द या पज़ेशन का मेमो तैयार किया, जिसमें दावा किया गया कि उसे 'कब्ज़ा' में लिया जा रहा था ताकि यह दिखाया जा सके कि उसे 'अरेस्ट' नहीं किया जा रहा है।एक कड़े आदेश में जस्टिस जेजे मुनीर और जस्टिस...
जाट समुदाय में पंचायती तलाक का महिला का दावा खारिज, हाईकोर्ट ने कहा- रिवाज को सख्ती से साबित करना होगा
दिल्ली हाईकोर्ट ने यह साफ कर दिया कि हिंदू मैरिज एक्ट 1955 की धारा 29 रिवाजी तलाक को मान्यता देता है, लेकिन ऐसे रिवाज के प्रचलन को साबित करने का बोझ बहुत ज़्यादा है।जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की डिवीजन बेंच ने कहा,“अगर रिवाजी तलाक सही तरीके से साबित हो जाए तो HMA के नियम से बच जाता है। हालांकि, रिवाज को साबित करने के लिए पार्टियों को ठोस सबूत पेश करने की ज़रूरत होती है। कुछ गवाहों से पूछताछ करके शादी खत्म करने के रिवाज को साबित करना काफी नहीं है। पक्षकारों से यह उम्मीद...
ट्रिब्यूनल के पास किए गए ऑर्डर ऑप्शनल नहीं: राजस्थान हाईकोर्ट ने इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल के ऑर्डर की 'बेवजह अनदेखी' के लिए राज्य की खिंचाई की
राजस्थान हाईकोर्ट ने 2019 में पास किए गए इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल के फिर से बहाल करने के ऑर्डर का पालन न करने के लिए राज्य की कड़ी आलोचना की। साथ ही कहा कि यह नाकामी, साथ ही राज्य की देर से, नामुमकिन और कानूनी तौर पर गलत दलील देने की कोशिश, "कानून के शासन की बेवजह अनदेखी" दिखाती है।जस्टिस फरजंद अली की बेंच ने कहा कि ट्रिब्यूनल का स्ट्रक्चर सिर्फ एडमिनिस्ट्रेटिव नहीं बल्कि क्वासी-ज्यूडिशियल होता है। उससे आने वाले ऑर्डर असल में ज्यूडिशियल होते हैं, जिनमें अधिकार वाली क्षमता होती है। ऐसे ऑर्डर को...
बहू को मंदिर जाने से मना करना क्रूरता नहीं: गुजरात हाईकोर्ट ने 498A IPC, दहेज हत्या मामले में ससुराल वालों को बरी करने का फैसला बरकरार रखा
दहेज हत्या और क्रूरता के मामले में ससुराल वालों को बरी करने का फैसला बरकरार रखते हुए गुजरात हाईकोर्ट ने कहा कि बहू को उसके ससुराल वालों के साथ मंदिर जाने की इजाज़त न देना IPC की धारा 498A के तहत जुर्म नहीं माना जाएगा और न ही यह धारा (b) के तहत प्रॉपर्टी के लिए परेशान करने जैसा होगा।इस मामले में बहू ने अपने ससुराल वालों के साथ जाने की ज़िद की थी। हालांकि, उसे मना कर दिया गया, जिसके बाद उसने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली।बता दें, धारा 498A (क्रूरता) के एक्सप्लेनेशन (a) में कहा गया,"इस धारा के मकसद...
मुस्लिम महिला तलाक एक्ट के तहत फाइल किए गए आवेदन पर 3 साल का लिमिटेशन पीरियड लागू होगा: केरल हाईकोर्ट
केरल हाईकोर्ट ने फिर से स्पष्ट किया कि लिमिटेशन एक्ट, 1963 का आर्टिकल 137, मुस्लिम महिला (तलाक पर अधिकारों का संरक्षण) एक्ट, 1986 की धारा 3 के तहत फाइल किए गए आवेदन पर लागू होता है।डॉ. जस्टिस ए के जयशंकरन नांबियार और जस्टिस जोबिन सेबेस्टियन की डिवीजन बेंच ने यह ऑर्डर एक इंट्रा-कोर्ट रेफरेंस में दिया, जो तब शुरू हुआ जब एक सिंगल जज ने हसैनर बनाम रजिया (1993 (2) KLT 805) में पहले के उदाहरण के सही होने पर सवाल उठाया, जिसमें कहा गया कि 1986 एक्ट की धारा 3 के तहत फेयर और रीजनेबल प्रोविजन और मेंटेनेंस...
राजस्थान हाईकोर्ट ने 18 महीने से जेल में बंद बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ ट्रायल में देरी की आलोचना की, जमानत देने से मना किया
विदेशी नागरिकों को आर्टिकल 21 के तहत मिले फंडामेंटल राइट्स के विस्तार पर ज़ोर देते हुए राजस्थान हाई कोर्ट ने 1.5 साल से ज़्यादा समय से जेल में बंद दो बांग्लादेशी नागरिकों से जुड़े मामले में चार्ज फ्रेम न करने और ट्रायल शुरू न करने के लिए ट्रायल कोर्ट की आलोचना की।ऐसा करते हुए कोर्ट ने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत में ट्रायल का सामना कर रहे विदेशी नागरिक भी भारत के संविधान के आर्टिकल 21 के तहत जीवन और सम्मान के अधिकार के हकदार हैं। याचिकाकर्ता विदेशी नागरिक हैं और बांग्लादेश के रहने वाले हैं।...
दिल्ली हाईकोर्ट ने जज को 'कानूनी समझ की कमी' का हवाला देते हुए शादी के कानूनों की ट्रेनिंग लेने का निर्देश दिया
दिल्ली हाईकोर्ट ने एक फैमिली कोर्ट के जज को शादी के कानूनों में “सही और पूरी रिफ्रेशर ट्रेनिंग प्रोग्राम” करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने तलाक के मामलों को देखते हुए कानून के गंभीर गलत इस्तेमाल का हवाला दिया।जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की एक डिवीजन बेंच ने कहा कि जज ने कई मामलों में बार-बार साफ कानूनी आदेशों को नजरअंदाज किया।कोर्ट ने निर्देश दिया कि जज को आगे शादी के किसी भी मामले में फैसला सुनाने से पहले दिल्ली ज्यूडिशियल एकेडमी के तहत ट्रेनिंग लेनी होगी।बेंच एक पति की...
राजस्थान हाईकोर्ट ने मजिस्ट्रेटों के सतही संज्ञान आदेशों पर नाराज़गी जताई, चीफ जस्टिस के हस्तक्षेप की मांग
राजस्थान हाईकोर्ट ने हाल ही में कई मामलों में मजिस्ट्रेटों द्वारा “बहुत ही सामान्य और सतही तरीके से, बिना न्यायिक मस्तिष्क का प्रयोग किए” पारित किए जा रहे संज्ञान आदेशों पर गंभीर आपत्ति जताई है। कोर्ट ने पाया कि कई बार मजिस्ट्रेट न तो रिकॉर्ड को ठीक से पढ़ते हैं और न ही यह सुनिश्चित करते हैं कि आरोपियों के खिलाफ कोई prima facie मामला मौजूद है।इस स्थिति को देखते हुए, हाईकोर्ट ने मामले को प्रशासनिक पक्ष पर चीफ जस्टिस के समक्ष भेजने का निर्देश दिया है, ताकि सभी न्यायिक अधिकारियों को ईमेल के माध्यम...
आंतरिक सर्कुलर का हवाला देकर बैंक FDR पर तय ब्याज दर बाद में नहीं घटा सकते: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि कोई भी बैंक, फिक्स्ड डिपॉज़िट रसीद (FDR) जारी होने के बाद उसके ब्याज दर को एकतरफा तरीके से कम नहीं कर सकता। जस्टिस अजीत कुमार और जस्टिस स्वरूपमा चतुर्वेदी की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि जिस दर पर एफडीआर जारी की जाती है, वह बैंक और निवेशक के बीच एक बंधनकारी अनुबंध होता है। बैंक किसी आंतरिक सर्कुलर या स्टाफ बेनिफिट से जुड़ी गाइडलाइन का हवाला देकर निवेशक को नुकसान पहुंचाने वाले तरीके से ब्याज दर में बाद में बदलाव नहीं कर सकता।कोर्ट ने कहा, "अनुबंध के क्षेत्र में...
गुजरात हाईकोर्ट ने कई संस्थानों को झूठे बम धमकी ईमेल भेजने की आरोपी महिला को जमानत दी
गुजरात हाईकोर्ट ने एक महिला को कई संगठनों को झूठे बम धमकी वाले ईमेल भेजने के आरोप में दायर मामले में जमानत दे दी। कोर्ट ने यह नोट किया कि पहली नज़र में वह मानसिक रूप से परेशान दिखाई देती है। अदालत ने उसे ₹10,000 के निजी मुचलके और समान राशि के एक जमानतदार के साथ जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया, साथ ही कुछ शर्तें भी लगाई। जस्टिस निखिल एस. करियल ने आदेश में कहा कि आरोप है कि महिला ने विभिन्न संगठनों को गुमनाम ईमेल भेजकर उनमें बम होने की झूठी सूचना दी, जिससे पुलिस तंत्र और संगठनों को अनावश्यक...
वीज़ा फर्जीवाड़ा केस: भारत-चीन तनाव और प्रत्यर्पण संधि न होने के चलते इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चीनी नागरिक की जमानत खारिज की
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक चीनी नागरिक श्युए फ़ेई उर्फ़ कोई की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि आरोपी को रिहा करना भारत-चीन संबंधों और देश की आर्थिक सुरक्षा को देखते हुए “गंभीर जोखिम” होगा। आरोपी वीज़ा फर्जीवाड़ा, फर्जी दस्तावेज़ बनाने, अवैध निवास और आर्थिक अपराधों में शामिल होने के आरोपों का सामना कर रहा है।जस्टिस अरुण कुमार सिंह देशवाल की खंडपीठ ने कहा कि अदालत सबूत अधिनियम की धारा 57(11) के तहत भारत और चीन के शत्रुतापूर्ण संबंधों को अनदेखा नहीं कर सकती। अदालत ने यह भी रेखांकित किया...
AMRUT 2.0 परियोजना को मिली हाईकोर्ट से राहत, अधूरी AMRUT 1.0 के आधार पर नई योजना रोकने से इनकार
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने शुक्रवार को AMRUT 2.0 परियोजना को मंजूरी देने के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि AMRUT 1.0 का पूरी तरह लागू न होना या सरकारी खर्च बढ़ने की आशंका, शहर की बढ़ती जरूरतों को देखते हुए नई पेयजल योजना शुरू करने से नहीं रोक सकती।चीफ़ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सर्राफ की खंडपीठ ने स्पष्ट कहा कि— “पहली योजना के अधूरे रहने का मतलब यह नहीं कि राज्य सरकार और नगर निगम भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए बेहतर योजना न बना सकें।” याचिकाकर्ता ने...
सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप : सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र
सुप्रीम कोर्ट में पिछले सप्ताह (24 नवंबर, 2025 से 28 नवंबर, 2025 तक) तक क्या कुछ हुआ, जानने के लिए देखते हैं सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप। पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र।क्या स्पेशल एजुकेटर्स को TET की ज़रूरत है? सुप्रीम कोर्ट ने NCTE से क्लैरिटी मांगी, बिना TET के नए स्पेशल टीचर्स के अपॉइंटमेंट पर रोक लगाई सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) से पूछा कि स्पेशल एजुकेटर्स के तौर पर अपॉइंटमेंट चाहने वाले कैंडिडेट्स के लिए टीचर एलिजिबिलिटी...
हाईकोर्ट वीकली राउंड अप : पिछले सप्ताह के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र
देश के विभिन्न हाईकोर्ट में पिछले सप्ताह (24 नवंबर, 2025 से 28 नवंबर, 2025) तक क्या कुछ हुआ, जानने के लिए देखते हैं हाईकोर्ट वीकली राउंड अप। पिछले सप्ताह हाईकोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र।बिना ड्राइविंग लाइसेंस वाहन चलाने से दुर्घटना में मृत व्यक्ति पर सह-लापरवाही का दोष नहीं लगाया जा सकता: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्टहिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसले में स्पष्ट किया कि दुर्घटना के समय मृत व्यक्ति के पास ड्राइविंग लाइसेंस न होना उसे सह-लापरवाही का दोषी नहीं बनाता। अदालत ने कहा कि...
अपने रिटायरमेंट से पहले चीफ जस्टिस बीआर गवई ने हाईकोर्ट से की थी जाति-आधारित, कॉलोनियल जॉब टाइटल में बदलाव करने की अपील
ऑफिस छोड़ने से पहले पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई ने सभी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को लिखा था कि वे हाल ही में जारी रिपोर्ट “इंडियन ज्यूडिशियरी में एडमिनिस्ट्रेटिव नामकरण में सुधार: सर्विस नियमों में गरिमा और बराबरी लाना” पर तुरंत ध्यान दें, जिसे सेंटर फॉर रिसर्च एंड प्लानिंग (CRP), सुप्रीम कोर्ट ने तैयार किया।अपनी बातचीत में चीफ जस्टिस ने इस बात पर ज़ोर दिया कि ज्यूडिशियरी में कई सर्विस नियमों में जाति-आधारित, कॉलोनियल और ऊंच-नीच वाले टाइटल का इस्तेमाल जारी है, जो संविधान के मूल्यों...
BREAKING| ओरल मेंशनिंग की ज़रूरत नहीं, अर्जेंट मामले 2 दिन में ऑटोमैटिकली लिस्ट हो जाएंगे: सीजेआई सूर्यकांत सुप्रीम कोर्ट में सुधार लाए
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) सूर्यकांत बनने के कुछ दिनों बाद सुप्रीम कोर्ट ने बड़े बदलाव किए, जिसमें 1 दिसंबर, 2025 से मामलों की ओरल मेंशनिंग, अर्जेंट लिस्टिंग और एडजॉर्जन के सिस्टम को रीस्ट्रक्चर किया गया। इन बदलावों का मकसद फाइलिंग को आसान बनाना, बेंच के सामने गैर-ज़रूरी मेंशनिंग को कम करना और पर्सनल लिबर्टी और अर्जेंट अंतरिम राहत से जुड़े मामलों की तेज़ी से लिस्टिंग पक्का करना है। इस बारे में चार सर्कुलर जारी किए गए।लिस्टिंग और मेंशनिंग पर सर्कुलर में बताया गया कि लिटिगेंट को मामलों की...



















