ताज़ा खबरे
BJP/RSS कार्यकर्ताओं की कथित हत्या के मामले में 14 माकपा कार्यकर्ताओं बरी
थालास्सेरी (कन्नूर ज़िला) के एडिशनल सेशन जज ने बुधवार (8 अक्टूबर) को 2010 के न्यू माहे दोहरे हत्याकांड मामले में सभी चौदह आरोपियों को बरी कर दिया, जो माकपा कार्यकर्ता थे। उन पर दो BJP/RSS कार्यकर्ताओं, विजित और सिनोज की हत्या का आरोप था।उन पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 143 [गैरकानूनी जमावड़े के लिए दंड], 147 [दंगा करने के लिए दंड], 148 [घातक हथियार से लैस होकर दंगा करना], 341 [गलत तरीके से रोकने के लिए दंड], 435 [आग या विस्फोटक पदार्थ से नुकसान पहुंचाना], 120बी [आपराधिक षड्यंत्र का दंड],...
दिल्ली बार चुनावों के साथ-साथ मतदान, EVM का उपयोग, कार्यकाल में वृद्धि: SCBA के चुनाव सुधारों पर सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सुझाव
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) में चुनाव सुधारों से संबंधित मामले में SCBA ने हाल ही में सुझाव प्रस्तुत किए कि इसके चुनाव दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन और जिला बार एसोसिएशनों के साथ-साथ कराए जाने चाहिए।SCBA ने यह भी सिफारिश की कि कार्यकारी समिति का कार्यकाल 1 वर्ष से बढ़ाकर 2 वर्ष किया जाना चाहिए। इसने चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम उपस्थिति की आवश्यकता का भी सुझाव दिया।SCBA द्वारा की गई सिफारिशों में निम्नलिखित शामिल है:- SCBA की 25 वर्ष की सदस्यता वाले सभी वकीलों को मतदान...
Bhima Koregaon Case: सुप्रीम कोर्ट ने महेश राउत की अंतरिम ज़मानत 26 नवंबर तक बढ़ाई
सुप्रीम कोर्ट ने भीमा कोरेगांव-एल्गार परिषद मामले के आरोपी महेश सीताराम राउत की अंतरिम ज़मानत 26 नवंबर तक बढ़ाई। उन्हें कथित माओवादी संबंधों के आरोप में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (UAPA) के तहत गिरफ्तार किया गया।राउत को 16 सितंबर को जस्टिस एम.एम. सुंदरेश और जस्टिस सतीश कुमार शर्मा की खंडपीठ ने मेडिकल आधार पर छह सप्ताह की अवधि के लिए ज़मानत दी। इसी खंडपीठ ने गुरुवार को उनकी अंतरिम मेडिकल ज़मानत बढ़ा दी। जून 2018 में गिरफ्तारी के बाद से राउत हिरासत में हैं।इससे पहले, सीनियर...
S.138 NI Act | ट्रस्ट को आरोपी बनाए बिना ट्रस्टी के खिलाफ चेक अनादर की शिकायत सुनवाई योग्य: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (9 अक्टूबर) को कहा कि ट्रस्ट की ओर से चेक पर हस्ताक्षर करने वाले ट्रस्टी के खिलाफ चेक अनादर की शिकायत ट्रस्ट को आरोपी बनाए बिना सुनवाई योग्य होगी। कोर्ट ने तर्क दिया कि चूंकि ट्रस्ट कोई न्यायिक व्यक्ति नहीं है। न तो मुकदमा करता है और न ही उस पर मुकदमा चलाया जाता है, इसलिए ट्रस्ट के दिन-प्रतिदिन के कार्यों के लिए जिम्मेदार ट्रस्टी, विशेष रूप से चेक पर हस्ताक्षर करने वाले ट्रस्टी, उत्तरदायी होंगे।अदालत ने कहा,"जब चेक के कथित अनादर के कारण वाद का कारण उत्पन्न होता है। NI...
Bihar SIR | ECI को बताना होगा कि फाइनल वोटर लिस्ट से कितने विदेशियों के नाम हटाए: योगेंद्र यादव ने सुप्रीम कोर्ट में कहा
बिहार की मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर सुनवाई के दौरान, एक्टिविस्ट योगेंद्र यादव ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि वह भारत के चुनाव आयोग (ECI) को यह बताने का निर्देश दे कि इस प्रक्रिया के बाद कितने लोग विदेशी पाए गए।उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयोग को उन लोगों की संख्या का खुलासा करने का निर्देश देकर "राष्ट्र की महान सेवा" करेगा, जिनके नाम इस आधार पर हटाए गए हैं कि वे नागरिक नहीं हैं।बता दें, जून में SIR कराने के निर्णय की घोषणा करते हुए ECI ने मतदाता सूची में...
उमर खालिद का दावा, पुलिस ने उन्हें ही चुना, दिल्ली दंगों के मामले में 'बड़ी भूमिका' वाले अन्य लोगों को आरोपी नहीं बनाया
JNU के पूर्व स्टूडेंट उमर खालिद ने गुरुवार को दिल्ली कोर्ट में आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस ने "चुन-चुनकर" कार्रवाई की और 2020 के दिल्ली दंगों की बड़ी साजिश के मामले में सिर्फ़ उन्हें ही आरोपी बनाया, जबकि कई अन्य लोगों को छोड़ दिया, जिनमें से कुछ को आरोपपत्र में "बड़ी भूमिका" के लिए ज़िम्मेदार ठहराया गया।सीनियर एडवोकेट त्रिदीप पैस ने खालिद की ओर से कड़कड़डूमा कोर्ट के एडिशनल सेशन जज समीर बाजपेयी के समक्ष यह दलील दी और खालिद के ख़िलाफ़ आरोप तय करने का विरोध किया।यह मामला दिल्ली पुलिस के विशेष...
घरेलू हिंसा अधिनियम (DV Act) की धारा 18 के प्रावधान
इस एक्ट की धारा 18 मजिस्ट्रेट को संरक्षण आदेश पारित करने की शक्ति देती है। संरक्षण आदेश में घरेलू हिंसा के किसी कार्य को करना, या उसकी सहायता या दुष्प्रेरण करना, व्यथित व्यक्ति के नियोजन के स्थान में या यदि व्यथित व्यक्ति बालक है, तो उसके विद्यालय में या किसी अन्य स्थान में जहाँ व्यथित व्यक्ति बार-बार आता जाता है, प्रवेश करना, व्यथित व्यक्ति से सम्पर्क करने का प्रयत्न करना, चाहे वह किसी रूप में हो, किन्हीं आस्तियों का अन्य संक्रामण करना, उन बैंक लाकरों का बैंक खातों का प्रचालन कराना, जिनका दोनों...
दिल्ली हाईकोर्ट ने शादी के 40 दिन में पति की आत्महत्या के बाद दर्ज दहेज उत्पीड़न की FIR रद्द की
दिल्ली हाईकोर्ट ने दहेज उत्पीड़न और क्रूरता से संबंधित एफआईआर को रद्द कर दिया, जो एक महिला ने अपने ससुराल वालों के खिलाफ दर्ज कराई थी, उसके पति की शादी के केवल 40 दिन बाद आत्महत्या होने के बाद।जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने कहा कि यह मामले में आरोप अस्पष्ट थे और शक्ति के दुरुपयोग का मामला था, इसलिए आपराधिक कार्रवाई को जारी रखना न्याय के हित में नहीं होगा। सास, ससुर और जेठानी ने 2016 में दर्ज की गई FIR के तहत धारा 498A, 406 और 34 के आरोपों की चार्जशीट रद्द करने के लिए याचिका दायर की थी। जोड़े ने...
घरेलू हिंसा अधिनियम (DV Act) में किसी भी महिला को घर में रहने का अधिकार
इस एक्ट की धारा 17 एक महिला को साझी गृहस्थी में रहने का अधिकार देती है, जिसके अनुसार- साझी गृहस्थी में निवास करने का अधिकार (1) तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि में अन्तर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, घरेलू नातेदारी में प्रत्येक महिला को साझी गृहस्थी में निवास करने का अधिकार होगा चाहे वह उसमें कोई अधिकार, हक या फायदाप्रद हित रखती हो या नहीं।(2) विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसरण में के सिवाय, कोई व्यथित व्यक्ति, प्रत्यर्थी द्वारा किसी साझी गृहस्थी या उसके किसी भाग से बेदखल या अपवर्जित नहीं...
दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला: अचानक हुई ज़ब्ती का वीडियोग्राफ़ी न होना NDPS मामले में बरामदगी को अमान्य नहीं करता
दिल्ली हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि किसी आरोपी से कथित मादक पदार्थ की अचानक हुई बरामदगी की वीडियोग्राफी करने या सीसीटीवी फुटेज पेश करने में विफलता मात्र से ज़ब्ती की कार्यवाही अमान्य नहीं हो जाती है।जस्टिस रविंदर डुडेजा की पीठ ने कहा कि यद्यपि स्वापक औषधि और मनःप्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985 (NDPS Act) में ज़ब्ती की वीडियोग्राफी अनिवार्य नहीं है लेकिन भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 (BNSS) की धारा 105 अब तलाशी और ज़ब्ती को ऑडियो-वीडियो इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से रिकॉर्ड करना अनिवार्य बनाती...
कर्नाटक हाईकोर्ट ने प्रज्वल रेवन्ना की बलात्कार सजा के खिलाफ अपील पर नोटिस जारी किया
कर्नाटक हाईकोर्ट ने गुरुवार को जनता दल (सेक्यूलर) नेता और पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना द्वारा दायर अपील पर राज्य को नोटिस जारी किया। प्रज्वल रेवन्ना ने हासन जिले के होलनारसिपुरा ग्रामीण थाना में उनके खिलाफ दर्ज पहली बलात्कार मामले में उन्हें सुनाई गई दंडनीय सजाओं और उम्रकैद की सजा को चुनौती दी है।जस्टिस के. एस. मुदगल और वेंकटेश नाइक टी की डिवीजन बेंच ने प्रज्वल के वकील को विस्तृत संक्षिप्त विवरण दाखिल करने का निर्देश दिया। अदालत ने राज्य के वकील से यह भी पूछा कि क्या अपील पर बहस करने के लिए विशेष...
दिल्ली हाईकोर्ट ने 22 साल बाद वकील के ख़िलाफ़ आपराधिक कार्यवाही रद्द की: रिहायशी बेसमेंट में ऑफ़िस चलाने का था मामला
दिल्ली हाईकोर्ट ने 22 साल लंबी कानूनी लड़ाई का अंत करते हुए एक वकील के ख़िलाफ़ शुरू की गई आपराधिक शिकायत और उसके बाद की सभी कार्यवाही को रद्द कर दिया। यह मामला वकील पर एक रिहायशी इमारत के बेसमेंट से अपना पेशेवर ऑफ़िस चलाने के आरोप से संबंधित था।जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने अपने फैसले में मास्टर डेवलपमेंट प्लान 2001 (MDP 2001) के खंड 10 का हवाला दिया, जो कुछ शर्तों के साथ रिहायशी परिसर के गैर-रिहायशी उपयोग की अनुमति देता है।इस प्लान के तहत कोई भी निवासी अपनी पेशेवर दक्षता के आधार पर सेवाएँ...
दिल्ली हाईकोर्ट ने EVM के बजाय बैलट पेपर से चुनाव कराने की माँग वाली पुनर्विचार याचिका खारिज की
दिल्ली हाईकोर्ट ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVMs) के इस्तेमाल को खत्म करने और बैलट पेपर के माध्यम से आम चुनाव कराने की मांग वाली पुनर्विचार याचिका खारिज की।चीफ जस्टिस डी. के. उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने उपेंद्र नाथ दलाई द्वारा व्यक्तिगत रूप से दायर की गई इस पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया।कोर्ट ने भोजनावकाश से पहले की कार्यवाही में याचिकाकर्ता उपेंद्र नाथ दलाई से पुनर्विचार याचिका दायर करने पर सवाल किया और कहा कि वह न्यायिक समय बर्बाद कर रहे हैं।खंडपीठ ने तब सीनियर...
Biahr SIR: सुप्रीम कोर्ट ने वोटर लिस्ट से बहिष्कार के खिलाफ अपील के लिए मुफ्त कानूनी सहायता देने का निर्देश दिया
बिहार SIR मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (9 अक्टूबर) को एक अंतरिम आदेश दिया ताकि अंतिम मतदाता सूची से बाहर किए गए लोगों को उनकी बहिष्कार के खिलाफ अपील दायर करने के लिए मुफ्त कानूनी सहायता उपलब्ध कराई जा सके।जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमल्या बगची की बेंच ने बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण से अनुरोध किया कि वे जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों को आवश्यक निर्देश जारी करें ताकि बाहर किए गए व्यक्तियों की अपील दायर करने में पैरालीगल वॉलंटियर्स और मुफ्त कानूनी सहायता देने वाले वकील उपलब्ध हो सकें। ...
दिल्ली हाईकोर्ट का निर्देश: अखिल भारतीय जनसंघ को बिहार चुनाव के लिए तुरंत कॉमन सिंबल आवंटित करे ECI
दिल्ली हाईकोर्ट ने अखिल भारतीय जनसंघ (ABJS) को बड़ी राहत देते हुए भारत निर्वाचन आयोग (ECI) को आगामी बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कॉमन चुनाव चिह्न तुरंत आवंटित करने का निर्देश दिया।जस्टिस मिनी पुष्करणा की खंडपीठ ने ABJS की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।न्यायालय ने कहा कि पार्टी को चुनाव प्रतीक (आरक्षण और आवंटन) आदेश की ज़रूरतों के अनुसार ECI को आवश्यक आवेदन जमा करना होगा।कोर्ट ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया कि आवेदन जमा होने के बाद ECI को तत्काल साझा चिह्न आवंटित करना चाहिए ताकि...
CJI बी.आर. गवई ने जूता फेंकने की घटना पर कहा, “हमारे लिए यह एक भूला हुआ अध्याय”
चीफ़ जस्टिस बी.आर. गवई ने बुधवार को उस घटना पर बात की, जब इस सप्ताह की शुरुआत में एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट में उनके ऊपर जूता फेंकने की कोशिश की। CJI ने इसे “भुला हुआ अध्याय” बताया।CJI ने कहा, “हम दोनों को सोमवार की घटना देखकर बहुत आश्चर्य हुआ… हमारे लिए यह अब एक भुला हुआ अध्याय है।” साथ ही सीनियर एडवोकेट गोपाल संकरनारायणन ने दशक पहले हुई एक ऐसी ही घटना को याद किया। उन्होंने कहा कि 10 साल पहले पड़ोसी कोर्ट में भी कुछ ऐसा हुआ था और वहां के जजों ने अवमानना (Contempt) की प्रक्रिया को अलग तरीके से...
बॉम्बे हाईकोर्ट का फैसला: गाली-गलौज ही IPC की धारा 294 के तहत अपराध नहीं
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में स्पष्ट किया कि केवल अपमानजनक, अश्लील या मानहानिकारक भाषा का उपयोग करना भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 294 के तहत अपराध नहीं है, जब तक कि वह कार्य अश्लील न हो और किसी सार्वजनिक स्थान पर या उसके पास किसी अन्य व्यक्ति को झुंझलाहट न पहुंचाए।जस्टिस एम. एम. नेरलिकर ने दोहराया कि अपराध साबित करने के लिए झुंझलाहट और अश्लीलता दोनों ही अनिवार्य तत्व हैं। इन्हें साक्ष्य के माध्यम से विशेष रूप से स्थापित किया जाना चाहिए।याचिकाकर्ता पर सरकारी कॉलेज के प्रिंसिपल के...
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का पर्यावरण-हितैषी निर्देश: याचिका बहाली के लिए 25 पौधे लगाओ
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने फैक्ट्री मालिक को उसकी याचिका (writ petition) बहाल करने के लिए एक अनूठी शर्त रखी है। न्यायालय ने फैक्ट्री के प्रोप्राइटर को आदेश दिया कि वह अपने परिसर में 25 देशी पौधे/पेड़ लगाए और इसका प्रमाण प्रस्तुत करे।बता दें, यह याचिका पहले एक अनिवार्य आदेश का पालन न करने यानी याचिका में मौजूद खामियों को दूर न करने के कारण खारिज कर दी गई थी।जस्टिस विवेक रूसिया और जस्टिस बिनोद कुमार द्विवेदी की खंडपीठ ने पाया कि याचिकाकर्ता को पर्याप्त समय दिया गया लेकिन वह खामियों को सुधारने में...
जिला जजों की सीधी भर्ती में केवल वकीलों का विशेष कोटा नहीं हो सकता: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने आज यह फैसला दिया कि जिला न्यायाधीशों के पदों पर सीधी भर्ती के लिए निर्धारित 25% कोटा केवल वकीलों (बार के उम्मीदवारों) के लिए आरक्षित नहीं है।चीफ़ जस्टिस बी.आर. गवई, जस्टिस एम.एम. सुंदरेश, जस्टिस अरविंद कुमार, जस्टिस एस.सी. शर्मा और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की खंडपीठ ने कहा — “हम प्रतिवादियों की इस दलील से सहमत नहीं हैं कि 25% सीधी भर्ती का कोटा केवल प्रैक्टिस करने वाले अधिवक्ताओं के लिए आरक्षित है। यदि इस तर्क को स्वीकार किया जाए तो यह सात वर्ष की प्रैक्टिस वाले...
सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ पंजीकरण की समयसीमा बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया
लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को चुनौती देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक स्पष्टीकरण याचिका दायर की है। ओवैसी ने सरकारी पोर्टल पर वक्फ की पंजीकरण प्रक्रिया के लिए समय सीमा बढ़ाने की मांग की है।यह मामला चीफ़ जस्टिस बी.आर. गवई, जस्टिस उज्जल भुइयां और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की खंडपीठ के समक्ष एडवोकेट निज़ाम पशा ने उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “कानून में छह महीने का समय दिया गया था, जिसमें से पाँच महीने निर्णय आने में बीत गए, अब केवल एक महीना बचा है।” स्थिति की...




















