हाईकोर्ट
'दुनियादारी' ट्रेडमार्क विवाद | दिल्ली हाईकोर्ट ने ज़ी को अपने न्यूज़ शो के लोगो पर पुनर्विचार करने को कहा; इंडिया टुडे ग्रुप ने कहा, 'बातचीत के लिए तैयार'
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को इंडिया टुडे समूह के उस मुकदमे की सुनवाई की, जिसमें आरोप लगाया गया था कि ज़ी मीडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने अपने समाचार कार्यक्रम 'दुनियादारी' [गुरुमुखी लिपि में ('ਦੁਨੀਆਂਦਾਰੀ') के लिए एक ट्रेडमार्क अपनाया है, जो समूह के डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म 'द लल्लनटॉप' पर एक शो के लिए इस्तेमाल किए गए पंजीकृत ट्रेडमार्क से भ्रामक रूप से मिलता-जुलता है। लगभग एक घंटे तक दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद, जस्टिस तेजस करिया ने ज़ी मीडिया को अपना जवाब दाखिल करने का समय दिया और मौखिक टिप्पणी में...
वाणिज्यिक न्यायालय अधिनियम की धारा 12ए के तहत वादियों द्वारा 'तत्काल अंतरिम राहत' शब्द का प्रयोग करने की अदालत को जांच करनी चाहिए: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने माना कि वाणिज्यिक न्यायालय अधिनियम 2015 की धारा 12ए के तहत "तत्काल अंतरिम राहत की परिकल्पना" शब्द, यद्यपि क़ानून के तहत परिभाषित नहीं है, अनिवार्य मध्यस्थता को दरकिनार करते हुए वाणिज्यिक मुकदमों की गहन जांच की मांग करता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस प्रावधान के तहत छूट का लाभ बेईमान वादियों द्वारा दुरुपयोग न किया जाए। संदर्भ के लिए, धारा 12ए वाणिज्यिक वाद शुरू होने से पहले मध्यस्थता को अनिवार्य बनाती है।इसकी उप-धारा (1) उन मुकदमों में एक अपवाद प्रदान करती है जहां...
HP हाईकोर्ट ने 500 करोड़ रुपये के क्रिप्टो धोखाधड़ी के आरोपी को जमानत देने से इनकार किया
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने 500 करोड़ रुपये के क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी मामले में शामिल अभियुक्तों को ज़मानत देने से इनकार कर दिया है। न्यायालय ने कहा है कि इतने बड़े पैमाने के आर्थिक अपराध, जिनमें गहरी साज़िश हो और जिनसे भारी जनहानि हो, उन्हें गंभीरता से लिया जाना चाहिए और केवल लंबी हिरासत या मुकदमे में देरी ज़मानत के लिए पर्याप्त आधार नहीं है। ज़मानत याचिका खारिज करते हुए, जस्टिस सुशील कुकरेजा ने टिप्पणी की कि "आर्थिक अपराधों को गंभीर अपराध माना जाता है क्योंकि ये देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित...
सत्र न्यायालय अग्रिम जमानत मांगने वाले अभियुक्तों को S.41A CrPC/S.35 BNSS के तहत राहत के लिए पुलिस के पास जाने से नहीं रोक सकता: पटना हाईकोर्ट
पटना हाईकोर्ट ने कहा कि सत्र न्यायालय अग्रिम ज़मानत चाहने वाले अभियुक्तों को S.41A CrPC/S.35 BNSS के तहत राहत के लिए पुलिस के पास जाने के लिए नहीं कह सकते। ऐसा करते हुए न्यायालय ने इस बात पर ज़ोर दिया कि सक्षम न्यायालय अपने दरवाज़े बंद नहीं कर सकते और याचिकाकर्ताओं को उनकी स्वतंत्रता की रक्षा के लिए अन्य मंचों पर जाने के लिए नहीं कह सकते।CrPC की धारा 41ए पुलिस अधिकारी के समक्ष उपस्थिति की सूचना से संबंधित है। इसमें कहा गया है कि पुलिस अधिकारी उन सभी मामलों में, जहां किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी...
2020 दिल्ली दंगे: IB कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या मामले में ताहिर हुसैन की ज़मानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार (13 अगस्त) को 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के दौरान इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या के मामले में आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन की नियमित ज़मानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद ज़मानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया।हुसैन ने पिछले साल दिसंबर में भी इसी तरह की ज़मानत याचिका दायर की थी। बाद में हुए घटनाक्रम के बाद निचली अदालत का रुख करने की छूट के साथ इसे फरवरी में...
चाकू अपने आकार के बावजूद एक 'घातक हथियार', S.397 IPC के तहत अपराध दर्ज करने के लिए उसकी बरामदगी ज़रूरी नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि किसी व्यक्ति को चोट पहुंचाने की धमकी देने के लिए इस्तेमाल किए गए चाकू का आकार या प्रकार, भारतीय दंड संहिता की धारा 397 के तहत अपराध के लिए अप्रासंगिक है। इस प्रावधान में कहा गया है कि यदि डकैती या लूटपाट करते समय अपराधी किसी घातक हथियार का इस्तेमाल करता है, या किसी व्यक्ति को गंभीर चोट पहुंचाता है, या किसी व्यक्ति की मृत्यु या गंभीर चोट पहुँचाने का प्रयास करता है, तो ऐसे अपराधी को कम से कम सात वर्ष की कैद की सज़ा दी जाएगी।इस प्रकार, इस धारा के तहत अपराधी को...
कुछ TRP के लिए बर्बाद हो रही ज़िंदगियां: कर्नाटक हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी, माफ़ी पर केस ख़त्म करने का संकेत
कर्नाटक हाईकोर्ट ने बुधवार को मीडिया को जिम्मेदारी से रिपोर्टिंग करने की नसीहत देते हुए कहा कि कुछ TRP रेटिंग्स के लिए कई बार लोगों की ज़िंदगियां बर्बाद कर दी जाती हैं।जस्टिस एम.आई. अरुण ने मौखिक टिप्पणी में कहा,“देखिए प्रेस, आप लोग जिम्मेदार हैं। आप जनमत बनाते हैं। आप राष्ट्र निर्माण कर सकते हैं। आपको अपनी ताकत का अंदाज़ा होना चाहिए। कुछ TRP रेटिंग के लिए हम देखते हैं कि कई बार किसी व्यक्ति की ज़िंदगी तबाह हो जाती है। आप यह रिपोर्ट कर सकते हैं कि किसी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है लेकिन आप इसे...
विकृत धमकी भरे संदेश भेजने वाले पर जमानती धाराएं लगना दुर्भाग्यपूर्ण: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने जताई चिंता, अग्रिम जमानत मंजूर
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक महिला को धमकी भरे संदेश भेजने के आरोपी व्यक्ति को अग्रिम ज़मानत देते हुए उस विधायी ढांचे पर चिंता व्यक्त की जो 'सोशल मीडिया पर ऐसे विकृत या विकृत संदेश' भेजने को ज़मानती प्रकृति के अपराधों की श्रेणी में रखता है।जस्टिस सुबोध अभियांकर की पीठ ने कहा,"यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर ऐसे विकृत या विकृत संदेश भेजकर पीड़िता को धमकाया है। उस पर अभी भी ज़मानती प्रकृति के अपराधों के तहत आरोप लगाए जा रहे हैं, क्योंकि विधानमंडल ने ऐसे अवज्ञाकारी अपराधियों को...
OYO ने लेंसकार्ट के खिलाफ को-वर्किंग स्पेस लीज़ विवाद में मध्यस्थता के फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी
OYO ने दिल्ली हाईकोर्ट में धारा 34 के तहत एक याचिका दायर की, जिसमें OYO और लेंसकार्ट (OYO होटल्स एंड होम्स प्राइवेट लिमिटेड बनाम लेंसकार्ट सॉल्यूशंस) के बीच COVID-19 महामारी के दौरान को-वर्किंग स्पेस लीज़ की समाप्ति से संबंधित विवाद में पारित मध्यस्थता फैसले के कुछ अंशों को चुनौती दी गई।मध्यस्थता कार्यवाही में OYO आंशिक रूप से सफल रहा और उसने लीज़ समझौते के तहत लॉक-इन अवधि के लिए मुआवज़े, ब्याज के फैसले और स्टाम्प शुल्क के मुद्दे से संबंधित टिप्पणियों से संबंधित मध्यस्थ न्यायाधिकरण का फैसला रद्द...
दिल्ली हाईकोर्ट के जजों ने 'भूल जाने के अधिकार' का समर्थन किया, लेकिन इसके क्रियान्वयन में खामियों को उजागर किया
दिल्ली हाईकोर्ट के तीन जजों - जस्टिस मिनी पुष्करणा, जस्टिस अनीश दयाल और जस्टिस तेजस करिया ने मंगलवार को डिजिटल युग में भूल जाने के अधिकार ( Right to be Forgotten) के महत्व पर बात की और इस बात पर ज़ोर दिया कि यह अधिकार महत्वपूर्ण तो है, लेकिन हर मामले का निर्णय केस-टू-केस और उसके तथ्यों के आधार पर किया जाना चाहिए। न्यायाधीश "मंगलवार समूह" द्वारा आयोजित 50वीं कानूनी चर्चा में बोल रहे थे, जिसका विषय था "डिजिटल युग में भूल जाने का अधिकार: निजता, जनहित और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में संतुलन।"...
कथित जबरन वसूली मामले में तिहाड़ जेल के 9 अधिकारी निलंबित: दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट को सूचित किया
दिल्ली सरकार ने बुधवार (13 अगस्त) को हाईकोर्ट को सूचित किया कि उसने तिहाड़ जेल के नौ अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू कर दी। इन अधिकारियों पर जेल के अंदर जबरन वसूली का रैकेट चलाने का आरोप है जिसमें उसके अधिकारी और कैदी शामिल हैं।सोमवार को हाईकोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को FIR दर्ज करने का निर्देश दिया था।दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वकील ने चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ को बुधवार को सूचित किया कि नौ अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक...
CrPC की धारा 102 | क्या सिर्फ़ पुलिस के पत्र पर बैंक खाते ज़ब्त किए जा सकते हैं? राजस्थान हाईकोर्ट ने बार के सदस्यों से सुझाव मांगे
राजस्थान हाईकोर्ट ने सामान्य नोटिस जारी कर बार के सभी सदस्यों को इस मुद्दे पर विचार करने के लिए आमंत्रित किया, क्या सिर्फ़ पुलिस (जांच एजेंसी) से प्राप्त पत्र के आधार पर CrPC की धारा 102, के तहत निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बिना खाताधारक का बैंक अकाउंट ज़ब्त किया जा सकता है?जस्टिस अनूप कुमार ढांड की पीठ ऐसे व्यक्ति द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसका बैंक अकाउंट बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने पुलिस से प्राप्त एक पत्र के आधार पर कथित तौर पर CrPC की धारा 102 के तहत निर्धारित किसी भी प्रक्रिया...
1984 सिख विरोधी दंगे: दिल्ली हाईकोर्ट ने तीन सिख पुरुषों की हत्या के मुकदमे में खामियां बताईं, केस रिकॉर्ड दोबारा तैयार करने के निर्देश
दिल्ली हाईकोर्ट ने 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद Delhi-NCR में तीन सिख पुरुषों की हत्या के मामलों की जांच और सुनवाई में गंभीर खामियां पाई।जस्टिस सुब्रमणियम प्रसाद और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ ने कहा,“रिकॉर्ड से प्रथमदृष्टया यह स्पष्ट है कि न केवल जांच लापरवाही से की गई, बल्कि ट्रायल के दौरान भी एडिशनल सेशन जजों ने महत्वपूर्ण गवाहों, खासकर प्रत्यक्षदर्शियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए लगभग कोई कदम नहीं उठाए।"तीनों सत्र मामले सेशंस केस 31/86, 32/86 और...
चुनाव आयोग: विश्वसनीयता का सवाल
हर पांच साल में, भारत संवैधानिक लोकतंत्र में सबसे महत्वाकांक्षी कार्य का अभ्यास करता है: मतों की गिनती करके सत्ता का हस्तांतरण। इस कार्य का पर्यवेक्षण करने वाली संस्था, भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई), केवल तिथियां निर्धारित करने और चुनाव चिह्न छापने तक सीमित नहीं है। अनुच्छेद 324 के तहत, यह एक सार्वजनिक विश्वास रखता है: यह सुनिश्चित करने के लिए कि चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष हों और निष्पक्ष दिखें। कानून आयोग को शक्ति प्रदान करता है; वैधता उसे शक्ति प्रदान करती है।उस वैधता में स्पष्ट रूप से कमी आई है।...
सीरियल पसंद नहीं तो मत देखो: बॉम्बे हाईकोर्ट की टिप्पणी
बॉम्बे हाईकोर्ट ने ज़ी टीवी के नए धारावाहिक "तुम से तुम तक" पर दर्ज FIR रद्द करने की याचिका पर सुनवाई करते हुए शिकायतकर्ता की नीयत और पहचान को लेकर कड़ी टिप्पणियां कीं। यह धारावाहिक 46 वर्षीय पुरुष और 19 वर्षीय लड़की की प्रेम कहानी पर आधारित है।जस्टिस रविंद्र घुगे और जस्टिस गौतम अंकड़ की खंडपीठ ने शिकायतकर्ता सुनील शर्मा से पूछा,“सीरियल में क्या आपत्तिजनक है? अगर आपकी सोच के अनुसार देखें तो हमें टीवी ही बंद करना पड़ेगा अगर 46 साल का अभिनेता 19 साल की लड़की से प्यार करता है तो इससे भावनाएं कैसे...
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने आदेश न मानने पर जांच अधिकारी पर 10,000 जुर्माना लगाया, वेतन से वसूली के निर्देश
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने जांच अधिकारी (IO) पर 10,000 का जुर्माना लगाया, क्योंकि उन्होंने अदालत के इस निर्देश का पालन नहीं किया कि वह केस डायरी के साथ स्वयं उपस्थित हों।मामला एक सुरक्षा याचिका से संबंधित है, जिसमें याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारियों ने उनके खाते से 6.4 लाख से अधिक राशि निकाल ली और साइबर क्राइम मामले में बिना उचित प्रक्रिया अपनाए, उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पिछली सुनवाई में अदालत ने केस के जांच अधिकारी को तलब किया था।जस्टिस सुमीत गोयल ने नोट किया कि राज्य के वकील की...
केरल की जिला न्यायपालिका में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उत्तरदायी एकीकरण: एक नीति विश्लेषण
कृत्रिम बुद्धिमत्ता आज हर क्षेत्र का हिस्सा बन गई है और इसमें न्यायपालिका भी शामिल है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि विकसित होती तकनीक निष्पक्षता, निजता और जनविश्वास से समझौता न करे, केरल हाईकोर्ट ने इस संबंध में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसने "जिला न्यायपालिका में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) उपकरणों के उपयोग संबंधी नीति" शीर्षक से एक नीति प्रस्तुत की है। यह पहली बार है जब किसी भारतीय न्यायालय ने न्यायिक प्रणाली में कृत्रिम बुद्धिमत्ता और जनरेटिव एआई (जेनएआई) के उपयोग को स्पष्ट रूप से परिभाषित...
GST पोर्टल चेक न करने पर सुनवाई मिस करने वाले व्यापारी पर दिल्ली हाईकोर्ट ने ₹50,000 का जुर्माना लगाया
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में एक व्यापारी के खिलाफ उठाई गई जीएसटी मांग में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया, जो व्यक्तिगत सुनवाई के लिए उपस्थित होने या यहां तक कि जवाब दाखिल करने में विफल रहा।जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह और जस्टिस रेणु भटनागर की खंडपीठ ने कहा कि हालांकि व्यापारी ने यह दलील देने की मांग की कि जवाब दाखिल नहीं किया जा सका क्योंकि वह जीएसटी पोर्टल पर अक्सर नहीं आते हैं। "यह जीएसटी विभाग की प्रथा का विषय है कि व्यक्तिगत सुनवाई के लिए नोटिस और दाखिल किए जाने वाले उत्तरों के लिए नोटिस सभी...
सिर्फ आधार, पैन और वोटर आईडी होना भारतीय नागरिकता का सबूत नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में कथित बांग्लादेशी नागरिक को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि केवल आधार कार्ड, पैन कार्ड या मतदाता पहचान पत्र जैसे दस्तावेज होने से कोई व्यक्ति भारत का नागरिक नहीं हो जाता है और संबंधित व्यक्ति को इन दस्तावेजों के सत्यापन को रिकॉर्ड में रखना होगा।एक एकल कोर्ट ने याचिकाकर्ता को जमानत देने से इनकार कर दिया, जिसे पिछले साल ठाणे पुलिस ने इस आधार पर बुक किया था कि वह एक बांग्लादेशी नागरिक है और उसने भारतीय अधिकारियों को गुमराह किया और आधार कार्ड, पैन...
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पूर्व अकाली दल सदस्य रणजीत सिंह गिल की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार किया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने शिरोमणि अकाली दल के पूर्व सदस्य रंजीत सिंह गिल की गिरफ्तारी पर रोक की अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया है।यह आरोप लगाया गया था कि गिल को पंजाब सतर्कता ब्यूरो द्वारा दुर्भावनापूर्ण रूप से निशाना बनाया गया है, पूरी तरह से उनकी राजनीतिक संबद्धता के कारण, 01 अगस्त को भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के तुरंत बाद। उन्होंने दलील दी कि सतर्कता ब्यूरो आप से प्रभावित है और उनकी संपत्तियों पर कई छापे मारे गए और किसी प्राथमिकी में नाम लिए बिना मनमाने तरीके से उन्हें समन...




















